Wednesday, March 16, 2011

इस होली पर क्यों न साथियो,आओ रंग गुलाल लगा लें ? -सतीश सक्सेना

इस उत्सव में ,रंगों में डूब कर, वसंत का स्वागत करते हैं हम लोग ! पूरा परिवार ही रंगों में सराबोर होकर कुछ समय के लिए जैसे मस्ती में डूब जाता है  ! इस ख़ूबसूरत मौसम में  लगभग हर इंसान की,गैरों से भी गले मिलने की इच्छा पैदा हो जाती है ! एक बार अपने अन्दर झांक कर देखने से ,एक आवाज आती है ...


अपने घर में ही आँखों पर 
कैसी पट्टी , बाँध रखी है  ! 
इन  लोगों ने जाने कब से ,
मन में रंजिश पाल रखी है !
इस होली पर क्यों न सुलगते,
दिल के ये अंगार बुझा दें !
मुट्ठी भर कुछ रंग,फागुन में, अपने घर में भी, बिखरा दें 

मानव जीवन पाकर कैसे , 
बुद्धि गयी है,बिलकुल मारी ! 
खनक चूड़ियों की सुनते ही 
शंख ध्वनि से, लगन हटायी !
अपनों की वाणी सुनने की,
क्यों न आज से चाह जगा लें !
इस होली पर माँ पापा की ,चरण धूल को शीश लगा लें !

बरसों मन में गुस्सा बोई
ईर्ष्या  ने ,फैलाये  बाजू ,
रोते  गाते,हम लोगों ने 
घर बबूल के वृक्ष उगाये 
इस होली पर क्यों न साथियों,
आओ रंग गुलाल लगा लें ?
भूलें उन कडवी बातों को, आओ  अब  घर द्वार सजा लें !!

कितना दर्द दिया अपनों को 
जिनसे हमने चलना सीखा  !
कितनी चोट लगाई उनको 
जिनसे हमने,हँसना सीखा  !
स्नेहिल आँखों  के  आंसू , 
कभी नहीं जग को दिख पायें !
इस होली पर,घर में आकर,कुछ गुलाब के फूल चढ़ा लें !

जब से घर से दूर  गए हो ,
ढोल नगाड़े , बेसुर लगते !
बिन प्यारों के,मीठी गुझिया,
उड़ते रंग, सब फीके लगते !
मुट्ठी भर गुलाल फागुन में, 
फीके चेहरों को महका  दें !
सबके संग ठहाका लेकर,अपने घर को स्वर्ग  बना लें !

114 comments:

  1. इस होली पर नशा छोड़ कर, गुरु चरणों में शीश झुकालें !
    प्यार और मस्ती में डूबें , आओ अहंकार जला दें ! म्बहुत सुन्दर सन्देश दिया है होली पर। आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें।

    ReplyDelete
  2. इस होली पर रंग विरंगे , आओ वन्दनवार लगा लें !

    वाह ...बहुत ही सुन्‍दर भावमय करते शब्‍द ...शुभकामनाएं ।।

    ReplyDelete
  3. वाह, आपकी आखरी पंक्तियाँ "प्यार और मस्ती में डूबें , आओ अहंकार जला दें " सही मायनों में होली का सार लिये हुए है!

    होली की हार्दिक शुभ-कामनायें!

    ReplyDelete
  4. होली के शुभ अवसर पर आपकी ये प्रेरक कविता अच्छी लगी,
    सार्थक संदेश देती हुई कविता के लिए एवं होली की शुभकामनाये

    ReplyDelete
  5. आदरणीय सतीश सक्सेना जी
    नमस्कार !
    सुन्दर सन्देश दिया है होली पर।
    ..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती

    ReplyDelete
  6. कई दिनों व्यस्त होने के कारण  ब्लॉग पर नहीं आ सका
    बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..
    होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं.

    ReplyDelete
  7. इस होली पर....
    सतीश जी आपकी रचना के कुछ अंश का पालन भी यदि इंसान कर ले तो साल भर के उसके ऐसे कामों जिससे किसी न किसी का दिल दुखा है की पुनरावृत्ति नहीं होगी।
    अच्‍छी भावनाएं।
    आपको और आपके परिवार को होली की शुभकामनाएं।

    ReplyDelete
  8. कविता पर मुग्ध हूँ।
    आपका पैगाम दूर दूर तक फैले, ऐसी शुभकामनाएँ।
    हैप्पी होली!!

    ReplyDelete
  9. भूले भटके उन अपनोंके,
    कैसे दरवाजे, खुलवाये ?
    बस थोडेसे प्यारसे
    थोड़ी मनुहारसे !
    बहुत सुंदर लगी रचना !

    ReplyDelete
  10. इस होली पर क्यों न साथियो,
    आओ रंग गुलाल लगा लें ?
    भूलें उन कडवी बातों को,
    हंसकर अब घर -बार सजा लें !!.....

    सुन्दर संकल्प....ऐसा ही हो...
    होली की हार्दिक शुभ-कामनायें!

    ReplyDelete
  11. एक एक शब्‍द को करीने से सजाया है,प्रेम और मानवता का संदेश देती रचना। नशा छूट जाए तो फिर बात ही क्‍या?

    ReplyDelete
  12. बहुत सुंदर लगी रचना
    होली की हार्दिक शुभ-कामनायें!

    ReplyDelete
  13. सोमठाकुर जी के मुख से कभी एक गीत सुना था-

    तू भी चुप है
    मैं भी चुप हूँ.
    खोले कौन किवारे मन के ?

    ....... कुछ वैसे ही भाव आपके इस गीत में भी झाँक रहे हैं.
    लगता है ठाकुर जी से होली खेलकर आये हैं.

    ठाकुर जी को 'सोम' पान बेहद पसंद है.
    आपकी काव्य पंक्ति "इस होली पर नशा छोड़ कर, गुरु चरणों में शीश झुकालें !" ... को सुनकर कहीं बुरा न मान जाएँ !
    _________
    बुरा न मानो होली है!!

    ReplyDelete
  14. पूरे फ्रांटल इम्ब्रैस का फोटो भी लगा रखा है आदमकद -बस आन मिलो सजनी का सिग्नल देते हुए!
    अब तो जरुर सब तमस कलुष धुल जायेगें ...:)
    होली है!

    ReplyDelete
  15. इस होली पर क्यों न साथियो,आओ रंग गुलाल लगा लें ?
    भूलें उन कडवी बातों को, हंसकर अब घर -बार सजा लें !!
    सार्थक संदेश देती हुई कविता अच्छी लगी,
    ( P.S.Bhakuni )

    ReplyDelete
  16. आपके अह्वानों को संस्तुति के स्वर मिलें।

    ReplyDelete
  17. होली पर भी दुआ तो देनी नहीं ...???
    अभी से धुंआ उठता नज़र आ रहा है, यारों के दिल से :-))

    ReplyDelete
  18. yeh.....aa gaye hum holiyana mood me
    bhaiya ke saath.........

    bura na mano holi hai....

    rainbow...

    ReplyDelete
  19. माहौल होलीमय हो रहा है धीरे-धीरे.... आनंद आ रहा है... :)

    ReplyDelete
  20. वाह... कविता के रुप में होली के विशेष अवसर पर सार्थक सन्देश । कामना है इसका न सिर्फ अधिकतम प्रसार हो बल्कि बहुजन समुदाय इसे ह्रदयंगम करता चले ।
    होली की अग्रिम शुभकामनाओं सहित...

    टिप्पणीपुराण और विवाह व्यवहार में- भाव, अभाव व प्रभाव की समानता.

    ReplyDelete
  21. बरसों बीते , तांडव करते ,
    कितनी रात ,जागते काटी
    भूल गए, साँसे गिनती की ?
    दुनिया भर को सबक सिखाते
    क्यों न नयी आशाएं लेकर,फिर से घर को स्वर्ग बना लें !
    इस होली पर रंग विरंगे , आओ वन्दनवार लगा लें !

    बहुत सुन्दर बात ...असली त्योहार तो ऐसा ही होना चाहिए ... होली की शुभकामनायें

    ReplyDelete
  22. आओ अहंकार जला दें !

    जिस दिन ये हो गया उस दिन सारी समस्याएँ ख़ुद ब ख़ुद हल हो जाएँगी
    सुन्दर भावों को व्यक्त करती हुई सुन्दर कविता
    आप को और आप के परिवार को होली बहुत बहुत बधाई

    ReplyDelete
  23. वैरी ब्यूटिफ़ुल कविता सतीश सर। होली की शुभकामनायें आपको।

    ReplyDelete
  24. क्यों न नयी आशाएं लेकर,फिर से घर को स्वर्ग बना लें !
    इस होली पर रंग विरंगे , आओ वन्दनवार लगा लें !
    ,

    बहुत खूब

    ReplyDelete
  25. आदरणीय सतीश सक्सेना जी नमस्कार!
    वाह .क्या संदेश दिया है आपने!
    इस होली पर नशा छोड़,गुरु चरणों में शीश झुकालें !
    प्यार और मस्ती में डूबें,आओ अहंकार जला दें!
    बहुत अच्छा सन्देश.

    सारे मन भेद भुला के,एक मन हो जाएँ!
    कबूल करें होली की अग्रिम शुभकामनाएं!!

    ReplyDelete
  26. इस होली पर नशा छोड़ कर, गुरु चरणों में शीश झुकालें !
    प्यार और मस्ती में डूबें , आओ अहंकार जला दें !

    sir ham jaiso ke liye aap hi guru ho..:)
    happy holi!

    ReplyDelete
  27. "बरसों बीते तांडव करते
    कितनी रात, जागते काटी
    भूल गए, साँसें गिनती की ?
    दुनिया भर को सबक सिखाते
    **************************
    इस होली पर रंग बिरंगे , आओ बंदनवार लगा लें "

    सार्थक और कल्याणकारी भावों से सजे सुन्दर गीत के लिए बधाई सतीश जी |

    ReplyDelete
  28. होली पर सार्थक गीत !
    समाज को आज ऐसे ही रंगों की आवश्यकता है !
    आभार, असली रंग चुनने के लिए !

    ReplyDelete
  29. इतने शुभ्र / धवल विचार रखियेगा तो रंग लगाने में झिझकेंगे लोग :)

    ReplyDelete
  30. हा हा हा ! सतीश जी , होली में रंग और भंग दोनों होते हैं ।
    दोनों का मज़ा लीजिये ।

    हम भी कोशिश में हैं कि इस होली पर अहंकार को न पनपने दें ।
    सुन्दर सार्थक भाव लिए रचना के लिए साधुवाद ।

    ReplyDelete
  31. साफ और सफ़ेद धवल चीजों पे ही रंग अधिक जमते हैं भाई . कुछ तो समझा कीजिये !!

    ReplyDelete
  32. अच्छा फागुन गीत लिखा है आपने ..बहुत बधाई।
    इसे सुधार लें...
    हंसकर चारो और बाँट दें !

    ReplyDelete
  33. @ देवेन्द्र पाण्डेय,
    शुक्रिया आपका ...ठीक कर दिया है ! शुभकामनायें .....

    ReplyDelete
  34. क्यों न नयी आशाएं लेकर,फिर से घर को स्वर्ग बना लें !
    इस होली पर रंग विरंगे , आओ वन्दनवार लगा लें !

    होली पर बहुत प्रेरक सन्देश..बहुत सुन्दर...होली की अग्रिम शुभकामनायें!

    ReplyDelete
  35. इस होली, आपकी हर बात मानी जाएगी...
    अब तो यही होगा...

    ReplyDelete
  36. बढिया है।

    शुभकामनाएं होली की।

    ReplyDelete
  37. बरसों मन में गुस्सा बोई
    ईर्ष्या ने ,फैलाये बाजू ,
    रोते गाते , हम दोनों ने
    घर बबूल के वृक्ष उगाये
    इस होली पर क्यों न साथियो,आओ रंग गुलाल लगा लें ?
    भूलें उन कडवी बातों को, हंसकर अब घर -बार सजा लें !!


    बेमिसाल .... निशब्द करने वाली पंक्तियाँ.....

    ReplyDelete
  38. .
    .
    .
    सुन्दर रचना, सुन्दर संदेश...
    आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें।



    ...

    ReplyDelete
  39. सतीश जी बहुत प्यारा संदेश है। होली पर ही नहीं यह भाईचारा सदैव ऐसा ही बना रहे तो समाज की अन्य समस्याओं के हल का मार्ग आसान हो जाए।

    ReplyDelete
  40. ‘इस होली पर नशा छोड़ कर, गुरु चरणों में शीश झुकालें !’

    पहले अहम की होलिका को तो जला लें :)

    ReplyDelete
  41. @@भूले -भटके उन अपनों के ,
    कैसे दरवाजे , खुलवाएं ?
    जिन लोगों ने जाने कब से ,
    मन में रंजिश पाल रखी है
    इस होली पर क्यों न सुलगते, दिल के ये अंगार बुझा दें
    मुट्ठी भर मस्ती ,फागुन में , हंसकर चारो ओर बाँट दें !
    बेहतरीन भावाभिव्यक्ति,आभार.
    होली की हार्दिक शुभ-कामनायें!

    ReplyDelete
  42. इस होली पर रंग विरंगे , आओ वन्दनवार लगा लें
    बहुत ही सुन्‍दर ,शुभकामनाएं !

    ReplyDelete
  43. इस होली पर नशा छोड़ कर, गुरु चरणों में शीश झुकालें !
    प्यार और मस्ती में डूबें , आओ अहंकार जला दें !


    बिल्कुल सार्थक और बेहतरीन संदेश....

    ReplyDelete
  44. बहुत अच्छी ओर सुन्दर प्रस्तुति!

    ReplyDelete
  45. अबीर गुलाल तक ठीक है, ये बुझने बुझाने वाली नहीं मानेंगे। दिल के अंगार बुझा दिये तो अगली होली पर क्या करेंगे? :))

    ReplyDelete
  46. बिल्कुल सार्थक और बेहतरीन प्रस्तुती|धन्यवाद|

    ReplyDelete
  47. नशा तो खैर मैंने कभी आज तक किया ही नहीं है....ये ज़िन्दगी का नशा ही ऐसा है कि और किसी नशे की जरूरत ही नहीं पड़ी....
    कुछ दोस्त ऐसे हैं जिनसे कई दिनों से बात नहीं की हालाँकि गलती उन्हीं की है...
    लेकिन सब कुछ भूलकर इस होली पर उन्हें ज़रूर याद करूंगा....
    आपका बहुत बहुत शुक्रिया....
    होली की शुभकामनाएं....

    ReplyDelete
  48. @ शेखर सुमन,
    यहाँ शब्द नशा , आम नशा के लिए प्रयुक्त नहीं किया गया है ! आप इसे गर्व का नशा मान सकते हैं ...

    ReplyDelete
  49. सुन्दर शब्द चयन और अच्छी रचना |होली के अवसर पर हार्दिक चुभ कामनाएं |

    आशा

    ReplyDelete
  50. sb se phle kotish:hardik holi kee shubhkamnayen
    aap ka sundr skaraatmk srokaron pr likha geet pdhne ka saubhagy prapt huaa bahut 2 bdhai
    aap ka sneh mujhe lgatar mil rha hai
    hardik aabhar vykt kr rha hnoo
    yh sneh bnaye rhen
    pun:shubhkaamnayen

    ReplyDelete
  51. सुन्दर कविता. सतीश जी, आपको और आपके परिवार को होली बहुत बहुत मुबारक हो.

    ReplyDelete
  52. होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!!

    ReplyDelete
  53. अहंकार जलाने वाला जज्बा अनुकरणीय है।

    आभार!!

    निरामिष: शाकाहार : दयालु मानसिकता प्रेरक

    ReplyDelete
  54. आदरणीय सतीश सक्सेना जी
    नमस्कार

    अच्छे भाव अच्छी रचना

    बहुत सुंदर लिखा आपने.....

    ReplyDelete
  55. रंग के त्यौहार में
    सभी रंगों की हो भरमार
    ढेर सारी खुशियों से भरा हो आपका संसार
    यही दुआ है हमारी भगवान से हर बार।

    !!होली की हार्दिक शुभकामनायें!!

    ReplyDelete
  56. जिन लोगों ने जाने कब से ,
    मन में रंजिश पाल रखी है
    इस होली पर क्यों न सुलगते, दिल के ये अंगार बुझा दें
    मुट्ठी भर अबीर ,फागुन में , हंसकर चारो ओर बाँट दें !
    होली पर सुंदर रचना .
    बधाई एवं होली की शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  57. जिन लोगों ने जाने कब से ,
    मन में रंजिश पाल रखी है
    इस होली पर क्यों न सुलगते, दिल के ये अंगार बुझा दें
    मुट्ठी भर अबीर ,फागुन में , हंसकर चारो ओर बाँट दें !
    होली पर सुंदर रचना .
    बधाई एवं होली की शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  58. जिन लोगों ने जाने कब से ,
    मन में रंजिश पाल रखी है
    इस होली पर क्यों न सुलगते, दिल के ये अंगार बुझा दें
    मुट्ठी भर अबीर ,फागुन में , हंसकर चारो ओर बाँट दें !
    होली पर सुंदर रचना .
    बधाई एवं होली की शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  59. जिन लोगों ने जाने कब से ,
    मन में रंजिश पाल रखी है
    इस होली पर क्यों न सुलगते, दिल के ये अंगार बुझा दें
    मुट्ठी भर अबीर ,फागुन में , हंसकर चारो ओर बाँट दें !
    होली पर सुंदर रचना .
    बधाई एवं होली की शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  60. आदरणीय सतीश जी ,
    प्रेरक संकल्प ....
    सुगठित शब्द सौष्ठव ....
    होली का मूल मन्त्र समय रहते याद दिलाने के लिये आभार ...

    ReplyDelete
  61. क्यों न नयी आशाएं लेकर,फिर से घर को स्वर्ग बना लें
    इस होली पर रंग विरंगे , आओ वन्दनवार लगा लें

    होली के सुमधुर त्यौहार
    और इसकी पावनता का
    बहुत पाकीज़ा अलफ़ाज़ में इज़हार किया आपने
    एक एक बंद में
    मानवता का जज़्बा महसूस हो रहा है
    ढेरों बधाई के साथ
    ढेरों धन्यवाद स्वीकारें .

    ReplyDelete
  62. बरसों मन में गुस्सा बोई
    ईर्ष्या ने ,फैलाये बाजू ,
    रोते गाते , हम दोनों ने
    घर बबूल के वृक्ष उगाये
    इस होली पर क्यों न साथियो,आओ रंग गुलाल लगा लें ?
    भूलें उन कडवी बातों को, हंसकर अब घर -बार सजा लें !!

    होली पर सामयिक और सुन्दर गीत की बधाई.

    ReplyDelete
  63. होली तो त्यौहार ही गिले शिकवे भूल कर दुश्मन को भी दोस्त बनाने का है .
    सही सन्देश देती सुन्दर कविता.

    ReplyDelete
  64. इस होली पर नशा छोड़ कर, गुरु चरणों में शीश झुकालें !
    प्यार और मस्ती में डूबें , आओ अहंकार जला दें !

    संदेशपरक रचना.
    होली की शुभकामनाये .

    ReplyDelete
  65. इस होली पर क्यों न साथियो,आओ रंग गुलाल लगा लें ?
    भूलें उन कडवी बातों को, हंसकर अब घर -बार सजा लें !!
    ठीक कहा दुनिया भी अपना घर है -इसे भी तो सजाना चाहते हैं आप ,
    काश ऐसा सब सोचें !

    ReplyDelete
  66. होली की गुलाल कुछ इस तरह उड़े कि टूटे हुए सब तार फिर से जुड़ें। यही कामना है। शुभकामना है। मनवा है कि बहुत घना है।

    ReplyDelete
  67. प्रियवर सतीश जी
    होली का रंगारंग अभिवादन !

    कितने वर्षों से , शीशे के ,
    सम्मुख आकर मुग्ध हुए हैं !
    कितनी बार मस्त होकर के
    अपनी पीठ ,थपथपाई है !
    इस होली पर नशा छोड़ कर, गुरु चरणों में शीश झुकालें !
    प्यार और मस्ती में डूबें , आओ अहंकार जला दें !


    भलों भलों को उच्छृंखलता की ओर बहा ले जाने वाले होली के पर्व पर
    ऐसी शिष्ट शालीन संस्कारित भावनाओं से ओत-प्रोत पंक्तियां !!

    बड़े भैया ! प्रणाम स्वीकारें …

    आपकी लेखनी सचमुच अद्भुत है !
    आप पहले की भांति कहेंगे एक गीतकार - शायर को दूसरे के गीत ग़ज़ल की इतनी ता'रीफ़ नहीं करनी चाहिए …

    लेकिन …
    झूठ हमसे कहा न जाएगा … :)


    हार्दिक बधाई !

    ♥होली की शुभकामनाएं ! मंगलकामनाएं !♥

    होली ऐसी खेलिए , प्रेम का हो विस्तार !
    मरुथल मन में बह उठे शीतल जल की धार !!


    - राजेन्द्र स्वर्णकार

    ReplyDelete

  68. पता नहीं क्यों आज किसी भी एग्रीगेटर पर मेरी आज की पोस्ट नहीं है ?

    होली पर साज़िश !!!

    ReplyDelete
  69. आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!

    ReplyDelete
  70. Behtareen rachana!
    Holee kee hardik shubhkamnayen!

    ReplyDelete
  71. बरसों मन में गुस्सा बोई
    ईर्ष्या ने ,फैलाये बाजू ,
    रोते गाते , हम दोनों ने
    घर बबूल के वृक्ष उगाये
    इस होली पर क्यों न साथियो,आओ रंग गुलाल लगा लें ?
    भूलें उन कडवी बातों को, हंसकर अब घर -बार सजा लें !bahut badhiya ,kash aesa ho jaaye ,holi ki badhai .

    ReplyDelete
  72. होली का खूबसूरत पारम्परिक चित्रण. ङोली की शुभकामनाएं.

    ReplyDelete
  73. प्रशंसनीय.........लेखन के लिए बधाई।
    ===================
    "हर तरफ फागुनी कलेवर हैं।
    फूल धरती के नए जेवर हैं॥
    कोई कहता है, बाबा बाबा हैं-
    कोई कहता है बाबा देवर है॥"
    ====================
    क्या फागुन की फगुनाई है।
    डाली - डाली बौराई है॥
    हर ओर सृष्टि मादकता की-
    कर रही मुफ़्त सप्लाई है॥
    =============================
    होली के अवसर पर हार्दिक मंगलकामनाएं।
    सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी

    ReplyDelete
  74. तन रंग लो जी आज मन रंग लो,
    तन रंग लो,
    खेलो,खेलो उमंग भरे रंग,
    प्यार के ले लो...

    खुशियों के रंगों से आपकी होली सराबोर रहे...

    जय हिंद...

    ReplyDelete
  75. आप को होली की हार्दिक शुभकामनाएं । ठाकुरजी श्रीराधामुकुंदबिहारी आप के जीवन में अपनी कृपा का रंग हमेशा बरसाते रहें।

    ReplyDelete
  76. भजन करो भोजन करो गाओ ताल तरंग।
    मन मेरो लागे रहे सब ब्लोगर के संग॥


    होलिका (अपने अंतर के कलुष) के दहन और वसन्तोसव पर्व की शुभकामनाएँ!

    ReplyDelete
  77. वाह गुरु,होली पर ही तमचिया रहे हो !
    उम्मीद करता हूँ कि भूले-भटके लोग आपकी सलाह मानेंगे और फिर होली-भर के लिए नहीं सदा-सर्वदा के लिए अपनी खटास भुला देंगे !

    बेहतरीन होलिया-प्रयास !

    ReplyDelete
  78. आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें।

    ReplyDelete
  79. होली के पर्व की अशेष मंगल कामनाएं। ईश्वर से यही कामना है कि यह पर्व आपके मन के अवगुणों को जला कर भस्म कर जाए और आपके जीवन में खुशियों के रंग बिखराए।
    आइए इस शुभ अवसर पर वृक्षों को असामयिक मौत से बचाएं तथा अनजाने में होने वाले पाप से लोगों को अवगत कराएं।

    ReplyDelete
  80. होली के पर्व की अशेष मंगल कामनाएं। ईश्वर से यही कामना है कि यह पर्व आपके मन के अवगुणों को जला कर भस्म कर जाए और आपके जीवन में खुशियों के रंग बिखराए।
    आइए इस शुभ अवसर पर वृक्षों को असामयिक मौत से बचाएं तथा अनजाने में होने वाले पाप से लोगों को अवगत कराएं।

    ReplyDelete
  81. आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें|

    ReplyDelete
  82. बहुत सुन्दर कविता ! उम्दा प्रस्तुती! ! बधाई!
    आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!

    ReplyDelete
  83. होली की हार्दिक शुभ-कामनायें!

    ReplyDelete
  84. क्या बात है! क्या खूब लिखा है
    'इस होली पर नशा छोड़ कर, गुरु चरणों में शीश झुकालें !
    प्यार और मस्ती में डूबें , आओ अहंकार जला दें !
    होली पर आपको और सभी ब्लोगर जन को हार्दिक शुभ कामनाएँ.

    ReplyDelete
  85. बहुत सुन्दर ...होली की हार्दिक शुभकामनायें।

    http://rimjhim2010.blogspot.com/2011/03/blog-post_19.html

    ReplyDelete
  86. बहुत ही अच्छे सन्देश के साथ सुंदर प्रस्तुति ..होली की हार्दिक शुभकामनायें

    ReplyDelete
  87. भूल जा झूठी दुनियादारी के रंग....
    होली की रंगीन मस्ती, दारू, भंग के संग...
    ऐसी बरसे की वो 'बाबा' भी रह जाए दंग..

    होली की शुभकामनाएं.

    ReplyDelete
  88. रंगों के पावन पर्व होली के शुभ अवसर पर आपको और आपके परिवारजनों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई ...

    ReplyDelete
  89. होली के शुभ अवसर पर आपकी ये प्रेरक कविता अच्छी लगी,
    सार्थक संदेश देती हुई कविता के लिए एवं होली की शुभकामनाये.

    jai baba banaras..................

    ReplyDelete
  90. आदरणीय सतीश जी ,
    रंगों-उमंगों के पर्व होली की हार्दिक मंगलकामनायें...

    ReplyDelete
  91. आपको होली की शुभकामनाएँ
    प्रहलाद की भावना अपनाएँ
    एक मालिक के गुण गाएँ
    उसी को अपना शीश नवाएँ

    मौसम बदलने पर होली की ख़शियों की मुबारकबाद
    सभी को .

    ReplyDelete
  92. इस होली पर क्यों न सुलगते, दिल के ये अंगार बुझा दें
    मुट्ठी भर अबीर ,फागुन में , हंसकर चारो ओर बाँट दें !
    happy holi dost

    ReplyDelete
  93. bahut sunder sandesh samete hai ye geet.......kash sabhee anukaran karle ye dharatee swarg ho jae .

    swasthy me sudhar hai
    aaj hee ek lambe arse ke baad laptop touch kiya hai
    blogjagat se tatsthta jo majbooree thee akharee.

    ReplyDelete
  94. आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें।

    ReplyDelete
  95. बहुत सुन्दर चिंतनशील प्रस्तुति
    आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  96. होली का त्यौहार आपके सुखद जीवन और सुखी परिवार में और भी रंग विरंगी खुशयां बिखेरे यही कामना

    ReplyDelete
  97. आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  98. प्यार और मस्ती में डूबें , आओ अहंकार जला दें !
    आमीन ।

    ReplyDelete
  99. सब पाठकों को होली की बहुत बहुत शुभकामना....

    ReplyDelete
  100. उत्‍सव, उल्‍लास, उमंग की उत्‍साही भावना
    हो रंगों का हुड़दंग शुभ,यह फागुनी कामना।

    ReplyDelete
  101. वाह ... क्या बात है सतीश जी ...
    आपको और समस्त परिवार को होली की हार्दिक बधाई और मंगल कामनाएँ ....

    ReplyDelete
  102. आप को सपरिवार होली की हार्दिक शुभ कामनाएं.

    ReplyDelete
  103. आप को सपरिवार होली की हार्दिक शुभ कामनाएं.

    ReplyDelete
  104. होली की हार्दिक शुभ-कामनायें!

    ReplyDelete
  105. क्या बात है ... बेहतरीन कविता ... होली की शुभकामनायें कबूल फरमाए !

    ReplyDelete
  106. प्रेरणादायक शब्दों से सजी सुंदर कविता ! होली मुबारक ! मन में श्रद्धा जगे तो शब्द स्वयं रस्ता दिखाते हैं!

    ReplyDelete
  107. नेह और अपनेपन के
    इंद्रधनुषी रंगों से सजी होली
    उमंग और उल्लास का गुलाल
    हमारे जीवनों मे उंडेल दे.

    आप को सपरिवार होली की ढेरों शुभकामनाएं.
    सादर
    डोरोथी.

    ReplyDelete
  108. होली कि बधाई. आर्रे संजय भास्कर क्या भंग चढ़ा ली? सतीश जी चुनरी उतरी या उतारी गयी? भाई होली के दिन कि मेरी टिप्पणी को गिना ना जाए.
    .
    bura na mano holi hai..kavita ki taref pehle ker chuka hoon....

    ReplyDelete
  109. रंग-पर्व पर हार्दिक शुभकामनायें

    ReplyDelete
  110. कितने वर्षों से, शीशे के
    सम्मुख आकर मुग्ध हुए हैं
    कितनी बार मस्त होकर के
    अपनी पीठ थपथपाई है
    इस होली पर नशा छोड़ कर, गुरु चरणों में शीश झुकालें
    प्यार और मस्ती में डूबें, आओ अहंकार जला दें।

    गीत में व्यक्त प्रेरक आवाहन मुग्ध कर गया।
    यह आवाहन फलीभूत हो।

    होली की हार्दिक शुभकामनाएं।

    ReplyDelete
  111. Sundar sandesh v uchit aahvahan.... masti bhi...bahut badhiya...badhai

    ReplyDelete
  112. सार्थक आह्वान है आपकी--कामना भी सुखद है।

    ReplyDelete

एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

Related Posts Plugin for Blogger,