Wednesday, October 9, 2013

दुरवाणी ही याद रहेगी यूँ आखिर -सतीश सक्सेना

"Excuse me aunty . . ." 
झूठ मूठ नाम रख लिया वाणी , दुर्वाणी हुई जा रही हो "  
यह शब्द हैं वाणी जी की लड़कियों श्रेया और श्रुति के और बोले हैं अपनी माँ से. . . .  

मैंने आज इस नोक झोंक का काफी देर आनंद लिया , और कुछ पंक्तियाँ लिख गयीं माँ और बेटियों पर , वे वाकई खुश किस्मत हैं कि उन्हें दो दो पुत्रियाँ मिलीं और वह भी लड़ाका :)
माँ बेटियों में यह स्नेहिल नोक झोंक चलती रहे , मंगलकामनाएं इस प्यारे परिवार को !

इक दिन ये घर को छोड़ जायेगी ही आखिर !

कितने दिन अम्मा पास रखेगी , यूँ अाखिर !

ये बच्चों सी , शैतानी भी,  खो जायेगी ! 
ये रूठी रूठी कब तक रहेंगी, यूँ आखिर !

इकदिन जब,इसकी डोली, इसको ढूँढेगी
ये लाड़ली अपनी कहाँ रुकेगी, यूँ आखिर !

ये आँखें, इनको यहाँ वहां, जब ढूँढेंगीं !
फिर केवल हिचकी याद करेगी यूँ आखिर !

ये प्यार बेटियों का, किसका हो पाया है , 
ये एक जगह फिर,कहाँ मिलेंगीं यूँ आखिर !

माँ की वाणी, तब याद बहुत ही आयेगी !
तब दुर्वाणी भी भली लगेगी यूँ आखिर !

हर बेटी को बस विदा एक दिन होना है,
ये सारा जीवन मस्त जियेगी यूँ आखिर ! 

38 comments:

  1. बहुत संदर ! सतीश जी . माँ ,बेटियों में तो प्यार भरी नोंक -झोंक होती ही रहती है. मेरी छोटी बहन की दो जुड़वां बेटियों का नाम भी श्रुति और श्रेया है ,जो 9 साल की हैं और पटना में रहती हैं .

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  2. सुन्दर प्रस्तुति है आदरणीय-
    शुभकामनायें-

    लगे लड़ाका लड़कियां, निश्चय होवे भोर |
    सुनता सुरवाणी सरस, हरस रहा मन मोर |

    हरस रहा मन मोर, बात दिल की कह देती |
    मैया दिखे प्रसन्न, बलैयाँ सौ सौ लेती |

    कह रविकर आशीष, मिले नित दुर्गे माँ का |
    पाती वे अधिकार, आज जो लगे लड़ाका ||

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    1. १९-२० को दिल्ली में हूँ -सादर

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    2. स्वागत है आपका रविकर जी . .
      आपके यह आशीर्वाद अवश्य फलीभूत होंगे !

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    3. आपसे मिलना चाहूँगा , आकर फ़ोन कर दीजियेगा !

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    4. jee aadarniy-
      santosh ji ke yahan rukunga-

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  3. बढ़िया पंक्तियाँ ...सुबह सुबह फेसबुक पर वाणी जी का स्टेट्स पढ़कर हमें भी मुस्कुराने का मौका मिला :)

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  4. सुन्दर प्रस्तुति है आदरणीय,आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल गुरुवार (10-10-2013) को "ब्लॉग प्रसारण : अंक 142"शक्ति हो तुम
    पर लिंक की गयी है,कृपया पधारे.वहाँ आपका स्वागत है.

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  5. बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति...!सतीश जी...बधाई

    RECENT POST : अपनी राम कहानी में.

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  6. Brautifil lines with great emotions and feelings

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  7. Brautifil lines with great emotions and feelings

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  8. वाकई खुश किस्मत माँ हैं वाणी जी उन्हें दो- दो प्यारी बेटियां मिलीं…लाजवाब रचना के लिए आभार आपका ...

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  9. वाकई वाणी जी की बेटियाँ श्रेया और श्रुति की बाते सुनकर मुझे भी हंसी आ गई !
    आज कल न बेटियों का लड़ाकू होना जरुरी ही नहीं समय की मांग भी है :) !
    सुन्दर रचना है !

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  10. मेरी बेटियां यूँ तो मुझसे थोड़ी कम लड़ाका है. गुस्से में नहीं , बल्कि मेरे गुस्से को कम करने लिए कहती है , कि आप जब- जब गुस्सा करोगे , मैं आपको आंटी बुलाऊंगी/या दुर्वाणी कहूँगी :) :)
    शुक्रिया !

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    Replies
    1. लड़ाका शब्द का उपयोग स्नेही मन से किया गया है, यह मैं अपने नोट में स्पष्ट कर चूका हूँ ! बच्चों का यही अंदाज़ तो जीवन भर याद रहेगा !!

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  11. ये आँखें, इनको यहाँ वहां, जब ढूँढेंगीं !
    फिर हिचकी ही, तो याद करेगी यूँ, आखिर ...
    बेटियां हमेशा खुशियां बिखेरती हैं चुलबुली रहती हैं ... ओर जाने के बाद ऐसे ही याद आती हैं .... भावपूर्ण अभिव्यक्ति ...

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  12. भावपूर्ण प्रस्तुति

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  13. :-)
    बढ़िया प्रस्तुति.......
    सादर
    अनु

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  14. so sweet :) . अब वाणी का स्टेटस पढने जा रहे हैं .

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  15. शानदार व उत्कृष्ट प्रस्तुती

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  16. वाणीं को उनकी बच्चियों ने दुर्वाणी कहा -हा हा हा! इस मनोरंजक वाकये को आपने सेंटी कर दिया

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  17. बहुत ही सुन्दर भावपूर्ण रचना !
    लेटेस्ट पोस्ट नव दुर्गा
    नई पोस्ट साधू या शैतान

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  18. बढ़िया रचना |

    मेरी नई रचना :- मेरी चाहत

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  19. सुन्दर रचना, प्रेम का यही क्रम बना रहे।

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  20. मनभावन सोच है .सतीश भैया .....
    वैसे क्या इतेफाक है ...मैं भी इसी सोच पर आज लेख लिखने बैठी थी

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  21. माँ-बाप और बच्चों के रिश्ते अब मित्रवत हो गए हैं जिन्हें आपने बडे सुंदर ढंग से शब्दों में पिरो दिया है.

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  22. दिल से निकली है यह कविता

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    1. स्वागत है आपका भाई जी . .

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  23. बहुत सुन्दर कविता...

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  24. सुन्दर रचना

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  25. भावपूर्ण रचना .......

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  26. माँ बेटियों में यह स्नेहिल नोक झोंक चलती रहे ..बहुत सुन्दर..

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  27. आपके गीत ह्रदय से निकलते हैं

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  28. सटीक भावाभिव्यक्ति

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  29. बेटियों के दिये ऐसे उपनाम भी मन को आनंदित करते हैं .....वैसे भी आज कल के बच्चे बहुत हाजिर जवाब होते हैं .... वाणी जी की बेटियों को शुभकामनायें और माँ के कटु वचन में भी मिठास होती है ।

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  30. लड़के से भी बड़ा लड़ाका :-)

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  31. ये हुई ना बात.

    रामराम.

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  32. रोते-रोते हँसना सीखो....हँसते-हँसते रोना

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- सतीश सक्सेना

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