Monday, December 9, 2013

घर को दीमक मुक्त कराने आये हैं झाड़ू वाले !!

काश देश के नौजवान , गीत में वर्णित झाडूवाले नौजवान बन जाएँ और देश को स्वच्छ बनाएँ ! यह एक कविता नहीं स्वप्न है जो एक दिन साकार होगा , यह रचना मेरे बेटे के अनुरोध पर लिखी गयी है !!

कूड़ा साफ़ करें बरसों का,नौजवान झाड़ू वाले !
घर को दीमक मुक्त कराने आये हैं झाड़ू वाले !

जलते घर में ठंडक लाने,जल लाये,झाड़ू वाले !
देशवासियों,बाहर आयें ,द्वार खड़े झाड़ू वाले !

हर बस्ती, निगरानी  करने, जायेंगे झाड़ू वाले !

महिलाओं को रखें सुरक्षित,ठान रहे झाड़ू वाले !    

मंदिर मस्जिद,चर्च बुहारेंगे आकर झाड़ू वाले !

राम,अली,ईसा मसीह को,आदर दें,झाड़ू वाले ! 

सारे धर्मों का सुख लेंगे, एक साथ, झाड़ू वाले !

आम आदमी साथ जियेंगे साथ मरें झाड़ू वाले !

शातिर चोर उचक्कों से, लड़ने आये झाड़ू वाले 
मत घबराओ टूटी कुटिया , छाएंगे  झाडू वाले !

17 comments:

  1. परिवर्तन की अलख जगाते गीत
    सुप्रभात संग प्रणाम

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  2. सुन्दर कविता, स्पष्ट बदलाव का संकेत, भारतीय राजनीति के लिये।

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  3. सुन्दर सामयिक रचना
    बेटे ने लिखी है तो शाबाश
    नीचे कचरा साफ़ करे और ऊपर का जाला
    झाड़ू वाला आया देखो लगता है मतवाला

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  4. आमीन...भारतीय राजनीति के दिन फिरने ही वाले हैं..बधाई आपको और नन्हे कवि को भी

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  5. bahut khubsurat......kash dimak mukt ho jaaye puraa desh par sambhav hain nahi yah

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  6. आज हर मनुष्य परिवर्तन चाहता है,काश ऐसा ही हो ,
    झाड़ू की महिमा हर मनुष्य स्वीकार कर ले तो
    निश्चित ही देश में हम सुशासन की उम्मीद कर सकते है

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  7. उम्मीदों का दामन पकड़े ताक रहे सब इनकी ओर
    झाड़ू की हर सींक कलम बना नई इबारत लिखते लोग। ।

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  8. बहुत सुन्दर ! परिवर्तन का संकेत.
    नई पोस्ट : कोरे ख़त आते रहे

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  9. काश के झाड़ू वाले कुछ सफाई कर ही दें सच कहा आपने ये एक स्वप्न है |

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  10. बहुत सुन्दर...आशा बनी रहे...

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  11. आज के नौजवान को झाड़ू से परहेज़ नही तो गंदगी की खैर नही ......
    बधाई और शुभकामनायें!

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  12. उम्मीद पर दुनिया कायम है इन्हें भी परखें .....बहुत बढ़िया लिखा है बधाई आपको

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  13. pita ke gun bete me bhi aaye hain bahut sunder likha hai beta bahut bahut badhai sada khush raho
    sneh
    Rachana

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  14. सन्नाट!!


    झाडू वाले इस समय लुभान उड़ा रहे हैं...कि न तुमको खड़ा होने देंगे न खुद खड़ा होंगे...खूब छींको

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  15. सफ़ाई तो झाडू से ही संभव है.

    रामराम.

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  16. आदर्श पेश करती रचना स्वप्न साकार हो सके--बेहतरीन

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- सतीश सक्सेना

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