Wednesday, June 11, 2014

अगर याद ईश्वर की आये, माँ के पैर दबाना सीख ! - सतीश सक्सेना

ज्ञान सदा सम्मानित होगा खूब पुस्तकें पढ़ना सीख !
पुस्तक पढ़ने से पहले ही,बच्चे ध्यान लगाना सीख !

कड़ी धूप में, बहे पसीना, हार न माने, जीना सीख !
प्रतिद्वंदी फुर्तीला होगा , लेकिन पाँव बढ़ाना सीख !

हंसकर करें हमेशा स्वागत, मित्रों का अपने दरवाजे 
सारे धर्मों का,आदर कर,साथ बैठ कर,खाना सीख !

जब भी जीना लगे असंभव,ढृढ़ निश्चय ले आंसू पोंछ
बिना रुके,मंजिल पाओगे,कछुवे जैसा चलना सीख !

दुःख में कभी नहीं घबराना,अपने हाथ नहीं फैलाना
अगर याद ईश्वर की आये , माँ के पैर दबाना सीख !


19 comments:

  1. बुरे समय में बिन घबराये,हँसते हँसते जीना सीख !
    अगर याद ईश्वर की आये, माँ के पैर दबाना सीख ! bahut sunder

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  2. वाह !

    वैसे समय गला दबाना सीख का भी चल रहा है ओने कोने :P

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  3. बहुत सुन्दर, सुन्दर सीख देती हुई शानदार रचना. बधाई आपको|

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  4. प्रेरक रचना है - बच्चों के लिए शिक्षाप्रद .

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  5. प्रेरणा दायक गीत .. अति सुन्दर !

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  6. bachhe-bade sab ke liye sarthak rachna....

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  7. दुनिया में सम्मान मिलेगा,खूब किताबें पढ़ना सीख !
    पुस्तक पढ़ने से पहले ही,भैया ध्यान लगाना सीख !
    bilkul sahi bat kahi hai aapne .ye dhyan hi to bhatakta rahta hai .

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  8. उम्दा प्रस्तुति...

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  9. मिल जाएगी मञ्जिल अपनी पावन - मन से चलना सीख
    घर - घर में अपनी आत्मा है इसी - भाव से बढना सीख ॥

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  10. कितनी भली सी सीख..आभार !

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  11. बुरे समय में बिन घबराये,हँसते हँसते जीना सीख !

    Prerak Rachana ... abhaar

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  12. प्रेरणा दायक गीत ..

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  13. जिन मातपिता की सेवा की ,उन धरती पर ही स्वर्ग पाय लियो
    यह कहावत अनुचित नहीं

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  14. आपकी इस प्रस्तुति को आज कि बुलेटिन ब्लॉग बुलेटिन - थोड़ी हँसी, थोड़ी गुदगुदी में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

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  15. सुंदर भावपूर्ण रचना गीत व लेखन , सतीश भाई धन्यवाद !
    I.A.S.I.H - ब्लॉग ( हिंदी में प्रकार की जानकारियाँ )

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  16. बुरे समय में बिन घबराये,हँसते हँसते जीना सीख !
    अगर याद ईश्वर की आये, माँ के पैर दबाना सीख !

    सुंदर सीख।

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  17. कड़ी धूप में, बहे पसीना, हार न माने, जीना सीख !
    प्रतिद्वंदी फुर्तीला होगा,लेकिन पाँव बढ़ाना सीख !

    बुरे समय में बिन घबराये,हँसते हँसते जीना सीख !
    अगर याद ईश्वर की आये, माँ के पैर दबाना सीख !
    अनुपम भाव सन्योजन .....
    आभार

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  18. वाह, बहुत सुंदर

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  19. सीख देती सुन्दर रचना.

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एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

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