Saturday, June 6, 2015

चापलूसों को भी कुछ सम्मान मिलना चाहिए ! - सतीश सक्सेना

चापलूसों को भी कुछ सम्मान मिलना चाहिए ,
इनकी मेहनत को,वतन से मान मिलना चाहिए !

काम टेढ़ा कम नहीं पर जब भी नेताजी दिखें 
शक्ल कुत्ते सी लगे और पूंछ हिलना चाहिए !

दांत तीखे हों,नज़र दुश्मन पे, मौक़ा ताड़ कर
मालिकों के दुश्मनों पर, वार करना चाहिए !

मालिकों की शान में जितने कसीदे हों, पढ़ें 
धूर्त को योगी , विरागी ही बताना चाहिए !

पार्टियों में सूट हो पर , जाहिलों के बीच में
राष्ट्रभक्तों को धवल खद्दर, पहनना चाहिए !

14 comments:

  1. वाह क्या बात है ।
    कह नहीं रहे हैं पर हमको भी ऐसा करने का बहुत मन होता है पर हो नहीं पाता है ):

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  2. आपकी इस पोस्ट को शनिवार, ०६ जून, २०१५ की बुलेटिन - "आतंक, आतंकी और ८४ का दर्द" में स्थान दिया गया है। कृपया बुलेटिन पर पधार कर अपनी टिप्पणी प्रदान करें। सादर....आभार और धन्यवाद। जय हो - मंगलमय हो - हर हर महादेव।

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  3. दुम हिलाने का हुनर,आसान कुछ होता नहीं
    गालियां दुत्कार खाकर, मुस्कराना चाहिए --वाह क्या बात ,दुम हिलाना सच आसान नहीं---पुरुस्कार के अधिकारी तो ये हैं ही --हर पंक्तियाँ आपकी मज़ेदार।

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  4. सटीक व्यंग्य

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  5. बहुत ही तीखा लेकिन सटीक व्यंग्य ..

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  6. बहुत खूब।

    यहाँ यहाँ भी पधारें
    http://chlachitra.blogspot.com
    http://cricketluverr.blogspot.com

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  7. जबरदस्त तंज़ कसती बेहद खूबसूरत रचना, बधाई

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  8. Mazaa aa gaya...teekha vyanga :)

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  9. दुम हिलाने का हुनर,आसान कुछ होता नहीं
    गालियां दुत्कार खाकर, मुस्कराना चाहिए !
    करार व्यंग ... तेज़ धार .. बहुत ही मजेदार ... हर शेर चाबुक की तरह ...

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  10. कटु पर सत्य !

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  11. बहुत खूब sir
    शानदार

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  12. क्या गजब का लिखते हैं आप ..... वाह
    पढ़कर आनंद आ जाता है

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एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

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