Monday, February 8, 2016

नुक्कड़ भी अचानक से ही अनाथ हो गया - सतीश सक्सेना

अविनाश वाचस्पति ब्लॉगिंग सभा संचालित करते हुए 
नुक्कड़ भी अचानक से , ही अनाथ हो गया ! 
ऐसा भी क्या हुआ, ये चमन ख़ाक हो गया !

अविनाश के जाते ही,कुछ सुनसान सा लगे 
ब्लॉगिंग में मुन्नाभाई भी, इतिहास हो गया !

कितने दिनों से लड़ रहा था, मौत से इकला
जीवन में जी लिए हैं, ये  अहसास हो गया !

दर्दों में भी हँसता रहा, अविनाश अंत तक 
आखिर ये ज़ज़्बा मस्त भी खलास हो गया !

इक दिन तो मुन्ना भाई,वहां हम भी आएंगे,
अखबार में छपेगा  कि , अवसान हो गया !

13 comments:

  1. आपने ब्लॉगिंग की तरफ से सच्ची श्रद्धांजलि दी।मुझसे उनकी बड़ी आत्मीयता थी।अलविदा जिद्दी दोस्त।

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  2. विनम्र श्रद्धांजलि.
    हिंदी सोशल मीडिया के कुछ सर्वाधिक सक्रिय हस्तियों में से एक थे मुन्ना भाई. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें.

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  3. सतीश जी यह कब हुआ। बहुत दुखी हूँ कि उन्‍हें आखिरी बार भी मिल नहीं पाया।

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  4. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 09 फरवरी 2016 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

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  5. अविनाश जी , हिंदी ब्लॉगिंग के स्तम्भ थे। बीमारी से बहुत लड़े लेकिन जीत नहीं पाये। लेकिन अंत तक झूझते रहे। नमन ।

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  6. अविनाश कभी मरते नहीं। वे रहेंगी हिंदी ब्लॉगिंग के जरिये।

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  7. अविनाश जी के व्यंग्य यहाँ हमारे मिलाप में भी छपते थे ! उनकी बीमारी के बारे में यहीं ब्लॉग जगत में पढ़ा दुःख हुआ उनके दुखद निधन पर, नियति के सामने किसका बस है उनकी आत्मा को शांति मिले, भावभरी श्रद्धांजलि !

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  8. अविनाश जी को विनम्र श्रद्धांजली।

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  9. विनम्र श्रधान्जली.....

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  10. अविनाश जी को विनम्र श्रद्धांजली ...

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  11. सच्ची श्रद्धांजलि। नमन।

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  12. विनम्र श्रद्धांजली।

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  13. विनम्र श्रद्धांजली।

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एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

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