Monday, August 7, 2017

एक मित्र को दी गयी सलाह - सतीश सक्सेना


अगर परिवार में कुछ समय से बिना कारण एक घातक लड़ाई का वातावरण तैयार हो चुका हो तो आपस में न लड़कर शांत मन से तलाश करें कि घर में कोई भेड़िया तो नहीं आ गया जिसे आपने कुत्ता समझकर घर की चौकीदारी ही सौंप दी हो !


अगर हम तुम्हें , बिन मुखौटे के पाते ! 
असल देखकर बस दहल ही तो जाते !

6 comments:

  1. वाह! बहुत सुन्दर आभार ''एकलव्य"

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  2. हाँ , सही है समस्याओं पर खीज कर उद्वेलित होने से अच्छा है ठंडे दिमाग से समीक्षा करना।
    बहुत अच्छी सलाह सर आपकी।

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  3. सही बात है....

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  4. सी बी आई है सर फिकर नॉट :P

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एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

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