Tuesday, May 22, 2018

भगवा लिवास को कभी लुच्चा नहीं कहते -सतीश सक्सेना

हम मुफ्त में सूरज को भी अच्छा नहीं कहते !
इस देश में अच्छे को ही,अच्छा नहीं कहते !

बच्चों को भूल पर तो माफ़ कर ही दें ,मगर 
कम उम्र,नर पिशाच को ,बच्चा नहीं कहते !

आधार हिल रहा यहाँ  , बचपन से ,नशे में !
इस पाशविक प्रवृत्ति को,कच्चा नहीं कहते !

उस रात एक स्वप्न का , दम घोट चुका है ,
बच्चा है ये शैतान का , टुच्चा नहीं कहते !

बस्ती में जाहिलों की,चोर डाकुओं को भी 
भगवा लिवास में, कभी लुच्चा नहीं कहते ! 

सारे डकैत  मिल के , चोर चोर  कह रहे !
अरविन्द को इस देश में सच्चा नहीं कहते !




1 comment:

  1. क्या धारदार काटे हैं बहुत खूब।

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एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

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