Tuesday, June 26, 2018

सावधान -सतीश सक्सेना

सावधान -सतीश सक्सेना
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कुछ वर्ष पहले के बेहद खूबसूरत चेहरे , चंद वर्षों में ही , बेडौल और भद्दे दिखने लगते हैं , बुरा हो उनके खैरख्वाहों की बजती तालियों और तोंद से नीचे बंधी बेल्ट का, जो उन्हें अहसास ही नहीं होने देतीं कि वे कितना कुछ खो चुके हैं !
और बुरा हो उन बहानों का जो बढ़ते वजन का कारण हैं , कोई बेचारा समय, कम होने के कारण मोटा है तो कोई दवाओं के कारण तो कोई घुटने के दर्द के कारण वाक् नहीं कर पाते तो दौड़ना कैसे सीखें ?
कुछ लोग खुद को तसल्ली दे लेते हैं कि वे रोज दोस्तों के साथ पार्क में टहलते हैं और कुछ तो जिम भी जाते हैं !
इन्हें नहीं मालुम कि बढ़ते फैट के कारण शरीर का हर अंग बीमार हो रहा है अगर वे दो मंजिल सीढियाँ या 100 मीटर दौड़ने में हांफ रहे हैं तो समझिये, ह्रदय घात कभी भी होगा और पछताने का मौक़ा नहीं देगा !
To avoid danger of Obesity, Diabetes and Heart attack, Learn Running ....

5 comments:

  1. सच बहाने बहुत है हमारे पास, लेकिन आखिर में पछताने के सिवाय बचता ही नहीं कुछ
    प्रेरक प्रस्तुति

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (27-06-2018) को "मन को करो विरक्त" ( चर्चा अंक 3014) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    राधा तिवारी

    ReplyDelete
  3. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (27-06-2018) को "मन को करो विरक्त" ( चर्चा अंक 3014) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    राधा तिवारी

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  4. सच कहा है नियमित स्वस्थ का ध्यान रखना निरंतर अपना मेडिकल परिक्षण करवाना और नियमित व्यायाम बहुत जरूरी है .....

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एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

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