tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post1076502917056264523..comments2024-03-27T14:44:27.129+05:30Comments on मेरे गीत !: शब्द चित्रकार राकेश खंडेलवाल -सतीश सक्सेनाSatish Saxena http://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-22157797849186312972008-10-12T08:31:00.000+05:302008-10-12T08:31:00.000+05:30कोई भी सशक्त लेखनी, पाठकों के प्रोत्साहन के बिना ब...कोई भी सशक्त लेखनी, पाठकों के प्रोत्साहन के बिना बेकार है ! आप लोगों ने आकर यहाँ कमेंट्स दिए, मैं आप लोगों का आभारी हूँ !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-29181880279045099422008-10-09T13:14:00.000+05:302008-10-09T13:14:00.000+05:30सतीश जी, बहुत ही अच्छा लिखा है आपने। राकेश खंडेलव...सतीश जी, बहुत ही अच्छा लिखा है आपने। राकेश खंडेलवाल जी को उनके गीत संग्रह के लिए बधाई और पंकज सुबीर जी व आपको धन्यवाद। जब ब्लागर साथी लेखन की नई बुलंदियां हासिल करते हैं तो बहुत अच्छा लगता है। साथियों द्वारा उत्साहवर्धन किया जाना देखकर और भी अच्छा लगता है। आप सभी को दशहरा के पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं।Ashok Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/14682867703262882429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-24212743515097156922008-10-09T12:54:00.000+05:302008-10-09T12:54:00.000+05:30सतीशजी आपने जो भी लिखा , बड़ा जानकारी पूर्ण लिखा !...सतीशजी आपने जो भी लिखा , बड़ा जानकारी पूर्ण लिखा ! माननीय राकेश जी के बारे में मुझे समीरजी से ही मालुम पडा की वो उनके गुरु हैं ! और समीर जी मेरे गुरु हैं तो आदरणीय राकेश जी तो मेरे दादागुरु हुए ! प्रणाम उनको ! और आज के समीर जी की ब्लॉग पोस्ट से मालुम पडा की वो इस रचना के विमोचन समारोह में अमेरिका जा रहे हैं ! आदरणीय राकेशजी और पंकज जी को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं ! पंकज जी से भी अभी तक कोई संवाद स्थापित नही हो पाया ! और यो भी कविता और काव्य से पाला नही पड़े तब तक उनका नशा नही आता ! आपसे आज दोनों ही गुणीजनों का परिचय मिला ! पंकज जी से तो भोपाल जाते समय ही रास्ते में मुलाक़ात कर ने का शौभाग्य शायद मिल ही जायेगा ! और इस काव्य संग्रह की किताब भी जारी होते ही खरीद लेंगे ! शायद इस बहाने काव्य से हमारा भी कुछ वास्ता पड़ सकेगा ! <BR/><BR/>इस जानकारी के लिए धन्यवाद ! और दशहरे की आपको शुभकामनाएं !ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-14863522067589314252008-10-08T10:11:00.000+05:302008-10-08T10:11:00.000+05:30सतीष जी आपने राकेश जी पर जो कुछ भी लिखा है वो राके...सतीष जी आपने राकेश जी पर जो कुछ भी लिखा है वो राकेश जी के व्यक्तित्व को पूर्णत: रेखांकित करता है । आपको इस हेतु शिवना प्रकाशन की ओर से धन्यवादपंकज सुबीरhttps://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-61321952921842009622008-10-08T09:33:00.000+05:302008-10-08T09:33:00.000+05:30शब्दों के जादूगर राकेश जी शब्दों को कठपुतलियों की ...शब्दों के जादूगर राकेश जी शब्दों को कठपुतलियों की तरह नचा कर जहां एक ओर दैनिक जीवन की विसँगतियों का चित्रण करते हैं वहीं दूसरी ओर जीवन की गहरी दार्शनिक व्याख्या भी करते हैं। सतीश जी आपने वह सब कह दिया जो मैं अनुभव तो करता था पर जिसे अभिव्यक्त नहीं कर पाता था।<BR/>राकेश जी को हार्दिक बधाई व सतीश जी को साधुवाद ।Dr. Amar Jyotihttps://www.blogger.com/profile/08059014257594544439noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-57467827707416244722008-10-08T00:42:00.000+05:302008-10-08T00:42:00.000+05:30सतीश जी आप की लेखनी सच मे कमाल की है,धन्यवादसतीश जी आप की लेखनी सच मे कमाल की है,धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-13111760532446684622008-10-07T22:26:00.000+05:302008-10-07T22:26:00.000+05:30सरीशजी-- आपने मुझे कुछ ज्यादा ही ऊँचा बिठा दिया है...सरीशजी-- आपने मुझे कुछ ज्यादा ही ऊँचा बिठा दिया है. मैं इस योग्य नहीं हूँ.. मैं तो केवल लेखनी की इस बात का उत्तर देने का प्रयत्नशील हूँ<BR/><BR/>विद्यापति, जायसी की<BR/>कलमों के ओ उत्तराधिकारी<BR/>सूरा मीरा के अनुयायी<BR/>सहज काव्य के कुशल चितेरे<BR/>तुम अभिव्यक्ति लिये दिनकर सी<BR/>औ' प्रवाह तुलसी-मानस सा<BR/>तुम साकेत सजा अधरों पर<BR/>चित्रित करते साँझ सवेरे<BR/>जिसने सहज प्रेरणा बन कर अनगिन महाकाव्य रच डाले<BR/>ढूँढ रहा द्वारे चौबारे, एक वही मैं भाव नया साराकेश खंडेलवालhttps://www.blogger.com/profile/08112419047015083219noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-73859529810008208392008-10-07T21:28:00.000+05:302008-10-07T21:28:00.000+05:30"जीवन के हर समीकरण का कोई सूत्र अधूरा निकला इसीलिए..."जीवन के हर समीकरण का कोई सूत्र अधूरा निकला <BR/>इसीलिए तो कभी किसी से सामंजस्य नहीं हो पाया"<BR/><BR/>yah ved vakya he jivan ka<BR/>regards<BR/>bahut sunder line sir<BR/>regardsmakrandhttps://www.blogger.com/profile/14750141193155613957noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-64858673240793101192008-10-07T21:16:00.000+05:302008-10-07T21:16:00.000+05:30शुक्रिया ज्ञानदत्त भाई !अक्सर आपके ब्लाग पर जाकर स...शुक्रिया ज्ञानदत्त भाई !<BR/>अक्सर आपके ब्लाग पर जाकर सीखने का प्रयत्न करता हूँ ! साभारSatish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-43985702398818118322008-10-07T21:10:00.000+05:302008-10-07T21:10:00.000+05:30आपका लेखन तो विविधता युक्त है। कविता और गद्य पर सम...आपका लेखन तो विविधता युक्त है। कविता और गद्य पर समान अधिकार से लिखते हैं। बधाई।<BR/>मैं तो अपने को अशक्त पाता हूं काव्य के क्षेत्र में।:(Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.com