tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post1197708945958092788..comments2024-03-17T09:16:47.742+05:30Comments on मेरे गीत !: हिजड़ों के इस देश में प्यारे ... -सतीश सक्सेना Satish Saxena http://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comBlogger37125tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-2792720492399037022014-07-28T10:56:09.400+05:302014-07-28T10:56:09.400+05:30इस रचना में भी सुधार कर दिया है , आभार आपका !
http...इस रचना में भी सुधार कर दिया है , आभार आपका !<br />http://satish-saxena.blogspot.in/2013/05/blog-post_29.htmlSatish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-29014596112422829562014-07-28T10:45:15.836+05:302014-07-28T10:45:15.836+05:30ओह !!
आभार आपका , महेंद्र करमा जी के बारे में अखबा...ओह !!<br />आभार आपका , महेंद्र करमा जी के बारे में अखबारों में ही पढ़ा और जाना हो सकता है वहीँ से यह अचेतन में रहा होगा ! मैं इस भूल को सुधार रहा हूँ Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-83883652883800673422014-07-28T08:50:15.150+05:302014-07-28T08:50:15.150+05:30बंधु, कई बार कोई नाम एक बार चलन में आ जाये तो दूसर...बंधु, कई बार कोई नाम एक बार चलन में आ जाये तो दूसरे लोग भी उसका अनुसरण करने लग जाते हैं. बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा के नाम में आपने 'सिंह' शब्द कहां से जोड़ दिया है, यह समझ में नहीं आ रहा. महेंद्र कर्मा बस्तर के आदिवासी नेता थे और सिंह लिखने से ऐसा लग रहा है कि वे या तो भूमिहार-राजपूत थे या चेरो राजा. बस्तर में कोई भी आदिवासी अपने नाम में कभी सिंह नहीं लगाता.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-32376873797821156732013-06-10T07:48:50.118+05:302013-06-10T07:48:50.118+05:30
मगर यह लेख किसी वी .आई .पी के लिए नहीं है ,...<br /> मगर यह लेख किसी वी .आई .पी के लिए नहीं है , और न मैंने कभी वी आई पी के लिए नहीं है ! <br /> मैं मानता हूँ कि नित्य होती, सामान्य हिंसक वारदातें, ध्यान आकर्षित करने में अक्सर फेल रहती है, मगर यह व्यक्ति , एक हिंसक विचार धारा के खिलाफ था ! <br /> पूरे छत्तीस गढ़ में एक ही शेर था, जिसे यह पता था कि वह सशस्त्र नक्सल वाद से, उनके गढ़ में, अकेला बिना किसी सहारे के, लड़ रहा है और देर सवेर इस कमज़ोर, अशिक्षित, नासमझों के देश में उसका मारा जाना तय है ! <br /><br />मगर मैं तुम्हारे उपरोक्त कमेन्ट से असहमत नहीं हूँ ..<br /><br />अपनेपन और स्नेह के लिए आभारी हूँ संजय !<br />शुभकामनायें !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-16900170159775010092013-06-09T23:45:37.896+05:302013-06-09T23:45:37.896+05:30सतीश जी, मेरे कमेंट को खुद पर व्यक्तिगत बिल्कुल न ...सतीश जी, मेरे कमेंट को खुद पर व्यक्तिगत बिल्कुल न लें। मैं अकेले आपके किसी पार्टी के पक्ष में होने न होने की नहीं बल्कि हम सबकी सामूहिक बात कर रहा हूँ। किसी पार्टी या विचारधारा के प्रति साफ़्ट कार्नर रखने को भी नितांत स्वाभाविक मानता हूँ। आपको शायद ध्यान नहीं कि रामलीला मैदान में बाबा रामदेव वाले कांड के बाद कैसे लोगों ने चटखारे लेकर पोस्ट्स और कमेंट्स लिखे थे, हमारे आपके जैसे तब भी चुप थे क्योंकि कुछ कहने पर दक्षिणपंथी समझे जाते। म्यांमार के डिस्टोर्टेड वीडियोज़ को गुवाहाटी कांड की तस्वीरें बताकर हमारी मुंबई के आजाद मैदान में शहीद स्मारक को तोड़ा फ़ोड़ा गया लेकिन हम तब भी चुप रहे क्योंकि कुछ कहते तो सांप्रदायिक कहलाते। उससे पहले दंतेवाड़ा में छिहत्तर सैनिकों को नक्सली हमले में मारा गया, हम तब भी इतना उद्वेलित नहीं हुये क्योंकि वे सब आम परिवारों से थे और चूँकि वेतनभोगी थे तो हम ये मानते हैं कि इन्हें पैसे ही मरने के मिलते हैं। हम जागते तभी हैं जब किसी वी.आई.पी. के साथ कुछ हो जाता है। जबकि एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक आम नागरिक के साथ पहली अनहोनी होते ही जनता और प्रशासन को चेत जाना चाहिये। <br />आपके लेख से संतुष्ट हूँ और पहले भी कई बार कह चुका हूँ कि वाकई आप बहुत भावुक इंसान हैं। अभी भी मैं खुद यही रहा हूँ कि गलत काम की निंदा बिना राजनीति में पड़े ही होनी चाहिये। फ़र्क ये है कि आप सलीके से कह लेते हैं, मैं थोड़ा अनघड़ तरीके से कह पाता हूँ। <br />आपका अनुज!संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-7455275854868763422013-06-09T20:20:29.077+05:302013-06-09T20:20:29.077+05:30यकीन करें संजय , मैं किसी पार्टी के पक्ष में कभी न...यकीन करें संजय , मैं किसी पार्टी के पक्ष में कभी नहीं रहा और न यह लेख ...<br />यहाँ मैं महेंन्द्र सिंह कर्मा की हिम्मत को, किसी पार्टी से जोड़ने की सोंचना भी, सिर्फ संकीर्ण मनोदशा ही इंगित करेगा !<br />आप मेरे नज़रिए से एक बार इस लेख को ध्यान से पढ़े शायद आप संतुष्ट हो जायेंगे, माओ वादियों के कृत्य की निंदा बेहद आवश्यक है , बिना इसकी परवाह करे कि उसमें राजनीति क्या कहती है !<br />आभार भाई ! Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-54914690383009108292013-06-09T19:34:45.999+05:302013-06-09T19:34:45.999+05:30आपकी पोस्ट पर कह पाये या नहीं कह पाये वो अलग विषय ...आपकी पोस्ट पर कह पाये या नहीं कह पाये वो अलग विषय है लेकिन जो हुआ दुखद हुआ। अच्छा हुआ कि आपने अपना आक्रोश प्रकट कर दिया लेकिन एक सवाल तो मेरे मन में भी आ रहा है - क्या वाकई सिर्फ़ एक नेता की ही नृशंस हत्या पर उद्वेलित होना चाहिये, किसी आम आदमी या वेतनभोगी सैनिक की शहादत को गंभीरता से न लेना स्वाभाविक है? यह पहली नक्सली घटना नहीं थी, मेरी समझ में ऐसी हर घटना निंदा की पात्र है चाहे उसमें हताहत होने वाला किसी पार्टी विशेष या पद विशेष वाला न हो। आशा है जिज्ञासा को अन्यथा नहीं ही लेंगे।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-39614884944377586032013-06-06T22:28:35.497+05:302013-06-06T22:28:35.497+05:30 अभी परसों उनके बेटे का इंटरव्यू टीवी पर देखा, वो ... अभी परसों उनके बेटे का इंटरव्यू टीवी पर देखा, वो कह रहे थे ये लड़ाई जारी रहेगी, मेरे पिता ने इसके लिए खून बहाया है और मेरे लिए यह बहुत गौरव की बात होगी कि मैं भी अपनी जान देकर अपने पिता की गौरव परंपरा को बढ़ा सकूँ।sourabh sharmahttps://www.blogger.com/profile/11437187263808603551noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-49192507932533722612013-06-06T10:30:49.095+05:302013-06-06T10:30:49.095+05:30आभार आपके आने पर ब्लॉग योद्धा ...
साथ ही इस शेर को...आभार आपके आने पर ब्लॉग योद्धा ...<br />साथ ही इस शेर को श्रद्धांजलि देने के लिए आभार आपका !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-11541892824570371642013-06-06T08:16:57.148+05:302013-06-06T08:16:57.148+05:30आपका दर्द समझ आता है। आज अगर हम लोग मेरा-तेरा के च...आपका दर्द समझ आता है। आज अगर हम लोग मेरा-तेरा के चक्कर मे इतनी गहराई से फंसे न होते तो आज जैसी हालत कैसे होती? कभी तो समाज-हित और राष्ट्र-हित को अपने से ऊपर रखना सीखना पड़ेगा। Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-67455710227013586152013-06-06T08:09:38.507+05:302013-06-06T08:09:38.507+05:30.
.
.
महेन्द्र कर्मा जी ने नक्सली-माओवादी हिंसा का....<br />.<br />.<br />महेन्द्र कर्मा जी ने नक्सली-माओवादी हिंसा का जवाब उसी शैली में देने के लिये सलवा जुडुम खड़ा किया... एक तरह से वे एक लड़ाई में एक पक्ष के सेनापति थे... और लड़ाईयों में रक्तपात होता ही है, जानें जातीं हैं, उनकी भी जान गयी... परन्तु सामने आसन्न मृत्यु को देख भी जिस निर्भयता व साहस से उन्होंने अपने हत्यारों को खुद को सौंपा व अपने साथ के बाकी लोगों को नुकसान न पहुंचाने की बात की वह उनको एक शानदार और सचमुच का शेरदिल व वीर इंसान साबित करता है... और ऐसे वीर को ७० से ज्यादा घाव दे तड़पा कर मारने वाले चाहे कितना ही अपने को गरीब-मजलूम के लिये लड़ने वाला योद्धा कहें, युद्ध में अपने इस तरह के व्यवहार से उन्होंने स्वयं को कुत्तों और गीदड़ों का समूह ही साबित किया है, भले ही अब वे कोई भी सफाई दे रहे हों...<br /><br />उस वीर को नमन !<br /><br /><br />...प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-36934800889614164902013-06-05T21:44:13.237+05:302013-06-05T21:44:13.237+05:30और जिस निर्भयता से मृत्यु को वरण किया उन्होंने, वह...और जिस निर्भयता से मृत्यु को वरण किया उन्होंने, वह सिंह सिद्ध हुआ। नमन। प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-22310300877936214432013-06-05T20:24:20.497+05:302013-06-05T20:24:20.497+05:30सच्चे सेश भक्त महेंद्र कर्मा जी को नमन...सच्चे सेश भक्त महेंद्र कर्मा जी को नमन...Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-70648244340773696492013-06-05T18:03:19.128+05:302013-06-05T18:03:19.128+05:30यह आक्रोश जायज़ है। यहाँ देशभक्तों की नहीं चमचों क...यह आक्रोश जायज़ है। यहाँ देशभक्तों की नहीं चमचों की चलती है। जिस खेत को बाड़ ही खा जाये उसका तो भगवान् ही रखवाला है। डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-2636900735127951692013-06-05T17:21:17.612+05:302013-06-05T17:21:17.612+05:30यहाँ की सरकार भी कहती है कि नक्सलियों को रोक दिया ...यहाँ की सरकार भी कहती है कि नक्सलियों को रोक दिया गया है पर यहाँ के गाँवों में जाकर पता चलता है कि लोग कैसे उनसे अपनी जान की भीख मांग कर जी रहे हैं .पर यहाँ कोई शेर नहीं है .Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-64554587557393967382013-06-05T17:16:57.454+05:302013-06-05T17:16:57.454+05:30इनके बारे में विस्तार से जानकारी दीजिए नहीं तो आज...इनके बारे में विस्तार से जानकारी दीजिए नहीं तो आज यही वातावरण बना है कि सारे ही नेता चोर हैं। इसी सोच के कारण ऐसी घटनाओं पर देश में प्रतिक्रिया नहीं होती है।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-15657417890360640282013-06-05T15:53:01.461+05:302013-06-05T15:53:01.461+05:30aise bahadur ko sadar na
manaise bahadur ko sadar na<br />manAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/07735003695961784166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-43595344129857400682013-06-05T15:51:19.866+05:302013-06-05T15:51:19.866+05:30sadar namansadar namanAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/07735003695961784166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-10515724583800397152013-06-05T13:22:36.939+05:302013-06-05T13:22:36.939+05:30sir ji bahaduri ke samman me likhe aapke sabdon me...sir ji bahaduri ke samman me likhe aapke sabdon me vakei prabhav hai <br />veeron ka samman aur saurya ko sweekar karna chahiye aur karna hi hoga ....deshbhakti bhartiya khoon me ghuli huyi hai ..... par mujhe deshbhagato se dar nahi lagta!!!!ASHOK BIRLAhttps://www.blogger.com/profile/01944953865988099586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-10437155394789630522013-06-05T12:18:24.877+05:302013-06-05T12:18:24.877+05:30गजब प्रस्तुति-
सादर नमन इस वीर सपूत को -गजब प्रस्तुति-<br />सादर नमन इस वीर सपूत को -रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-79582067664800120472013-06-05T12:09:06.407+05:302013-06-05T12:09:06.407+05:30उफ़ संवेदनहीनता और स्वार्थपरकता की पराकाष्ठा ही र...उफ़ संवेदनहीनता और स्वार्थपरकता की पराकाष्ठा ही राजनीति का दूसरा नाम लगता है अब तो।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-25385731983887347242013-06-05T10:04:58.669+05:302013-06-05T10:04:58.669+05:30हिजड़ों के इस देश में स्वार्थ की आबादी है
सब लगे...हिजड़ों के इस देश में स्वार्थ की आबादी है<br />सब लगे स्व सुख में बस देश की बर्बादी है <br /><br />शुक्रिया अपने आक्रोश को निर्भीकता से व्यक्त करने के लिए Neeraj Neerhttps://www.blogger.com/profile/00038388358370500681noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-70710563254601429192013-06-05T09:45:20.810+05:302013-06-05T09:45:20.810+05:30इनके शौर्य को नमन. वाकई दुखद है जिस तरह सदा के वास...इनके शौर्य को नमन. वाकई दुखद है जिस तरह सदा के वास्ते खामोश कर दिया गया.ओंकारनाथ मिश्र https://www.blogger.com/profile/11671991647226475135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-76366535660933654032013-06-05T09:43:19.970+05:302013-06-05T09:43:19.970+05:30हमारा जीवन आज कुछ इस प्रकार का हो गया है कि लोग कि...हमारा जीवन आज कुछ इस प्रकार का हो गया है कि लोग किसी की म्रत्यु पे या तो घडियाली आंसू बहा के लोगों की नज़रों में ऊंचा उठाना चाहते हैं या फिर मरने वाले को ही नसीहत दे डालते हैं | आज के इंसान का एहसास मरता जा रहा है |<br />एस एम् मासूमhttps://www.blogger.com/profile/02575970491265356952noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-7813406851968211582013-06-05T09:00:28.415+05:302013-06-05T09:00:28.415+05:30सम्वेदनाओँ का संरक्षण रखते हुए सद्भावों, सद्वाणी औ...सम्वेदनाओँ का संरक्षण रखते हुए सद्भावों, सद्वाणी और सदाचरण पर अटल रहें हम!! निश्चित ही एक दिन आक्रोश,आवेश,आतंक और हिंसा मुँह छुपाएगी!!सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.com