tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post2301110263227519028..comments2024-03-27T14:44:27.129+05:30Comments on मेरे गीत !: मंदिर के द्वारे बचपन से , हम गुस्सा होकर बैठे हैं ! -सतीश सक्सेनाSatish Saxena http://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comBlogger51125tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-60401931592790352312016-01-12T19:31:38.086+05:302016-01-12T19:31:38.086+05:30एक दिन ईश्वर से छुट्टी ले
कुछ साथ बिताने आ जाओ
एक ...एक दिन ईश्वर से छुट्टी ले<br />कुछ साथ बिताने आ जाओ<br />एक दिन बेटे की चोटों को<br />खुद अपने आप देख जाओ--ओह! काश ऐसा हो पाता। दिल की गहराइयों से लिखी रचना जो दिल छू गई। Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/08486476255134733859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-87002553381570552472012-04-21T19:36:33.600+05:302012-04-21T19:36:33.600+05:30Jai Mata Di...
bhavotprerak.....
sadhuwaad bhai ...Jai Mata Di...<br /><br />bhavotprerak.....<br /><br />sadhuwaad bhai ji......योगेन्द्र मौदगिलhttps://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-47490858323635068682012-04-16T02:54:57.710+05:302012-04-16T02:54:57.710+05:30:'(..............
no words....
so touchy.....:'(..............<br /><br />no words.... <br /><br />so touchy.... tears not getting stopped.... <br />people are lucky who got their parents love...Meenakshi Mishra Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/03793674228491687368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-9548598675716827402012-04-15T22:35:29.948+05:302012-04-15T22:35:29.948+05:30कृपया इसका अवलोकन करें vijay9: आधे अधूरे सच के साथ...कृपया इसका अवलोकन करें vijay9: आधे अधूरे सच के साथ .....vijayhttps://www.blogger.com/profile/10647762802597983884noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-10756885167398067852012-04-15T19:59:07.056+05:302012-04-15T19:59:07.056+05:30भावुक कर देने वाली रचना ।
बेहतरीन ।भावुक कर देने वाली रचना ।<br />बेहतरीन ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-7426827445006604792012-04-15T18:21:24.007+05:302012-04-15T18:21:24.007+05:30बहुत सुंदर । आपकी इस कविता से मराठी कवि यशवंत जी क...बहुत सुंदर । आपकी इस कविता से मराठी कवि यशवंत जी की 'प्रेमस्वरूप आई' कविता याद आ गई ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-78010650857089050212012-04-15T17:38:04.061+05:302012-04-15T17:38:04.061+05:30मार्मिक....मार्मिक....प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-11917337235504148092012-04-15T17:05:39.422+05:302012-04-15T17:05:39.422+05:30कितने अभागे हैं वो जो मां के जीते-जी उसकी कदर नहीं...कितने अभागे हैं वो जो मां के जीते-जी उसकी कदर नहीं करते और मंदिरों की चौखट पर जाकर पाप धोने के लिए भगवान ढूंढते हैं...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-50105976529203166382012-04-15T15:59:11.907+05:302012-04-15T15:59:11.907+05:30एक दिन सपने में तुम जैसी,
कुछ देर बैठकर चली गयी ,
...एक दिन सपने में तुम जैसी,<br />कुछ देर बैठकर चली गयी ,<br />हम पूरी रात जाग कर माँ ,<br />बस तुझे याद कर रोये थे !<br />इस दुनिया से लड़ते लड़ते , तेरा बेटा थक कर चूर हुआ !<br />तेरी गोद में सर रख सो जाएँ, इस चाह को लेकर बैठे हैं !<br /><br />मां की ममता को स्मरण करती मर्मस्पर्शी रचना।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-54377775125847232062012-04-15T13:50:49.857+05:302012-04-15T13:50:49.857+05:30जबसे तेरा आँचल छूटा, हम हँसना अम्मा भूल गए,
भाव...जबसे तेरा आँचल छूटा, हम हँसना अम्मा भूल गए, <br /><br />भावुक करती सुंदर रचना... <br />सादरS.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-35793946260739235072012-04-15T12:55:56.963+05:302012-04-15T12:55:56.963+05:30माँ और ममता प्रकृति की सतत प्रक्रिया है. इसकी आस ह...माँ और ममता प्रकृति की सतत प्रक्रिया है. इसकी आस हमेशा बनी रहती है. बहुत सुंदर कविता और भाव.Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-15547338232081667362012-04-15T08:59:27.878+05:302012-04-15T08:59:27.878+05:30दिल से निकला है प्रत्येक शब्द। बधाई।दिल से निकला है प्रत्येक शब्द। बधाई।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-41520217572375617012012-04-15T07:00:50.750+05:302012-04-15T07:00:50.750+05:30एक दिन ईश्वर से छुट्टी ले
कुछ साथ बिताने आ जाओ
एक ...एक दिन ईश्वर से छुट्टी ले<br />कुछ साथ बिताने आ जाओ<br />एक दिन बेटे की चोटों को<br />खुद अपने आप देख जाओ<br />bahut sundar bhavVandana Ramasinghhttps://www.blogger.com/profile/01400483506434772550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-46425236306027246812012-04-14T22:01:49.783+05:302012-04-14T22:01:49.783+05:30दर्द जब हद से गुज़रे तो गीत बनता है, मार्मिक अभिव्...दर्द जब हद से गुज़रे तो गीत बनता है, मार्मिक अभिव्यक्ति!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-79917732310413582402012-04-14T16:40:15.010+05:302012-04-14T16:40:15.010+05:30कहो और किससे कहें, ढहते हृदय का दर्द..कहो और किससे कहें, ढहते हृदय का दर्द..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-84753086853023418642012-04-14T12:33:35.681+05:302012-04-14T12:33:35.681+05:30सतीश जी, नव-प्रवेशी हूं ब्लॉग-जगत में. एक लिंक से ...सतीश जी, नव-प्रवेशी हूं ब्लॉग-जगत में. एक लिंक से होते हुए पता नहीं कहां कहां घूम आई. आपकी रचनाएं पढीं, लगता है जैसे मानवता के जज़्बे को कूट-कूट के भर दिया हो ईश्वर ने आप में.rashmi makhijahttps://www.blogger.com/profile/15512275691615922840noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-89982134596764461742012-04-14T11:41:23.448+05:302012-04-14T11:41:23.448+05:30woh srji bhabuk kar diya....woh srji bhabuk kar diya....Arun sathihttps://www.blogger.com/profile/08551872569072589867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-6998511065266850112012-04-14T11:02:54.762+05:302012-04-14T11:02:54.762+05:30मार्मिक अभिव्यक्ति.......मार्मिक अभिव्यक्ति.......Shalini Khannahttps://www.blogger.com/profile/01506520166478115148noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-22341374992522161692012-04-14T08:27:10.258+05:302012-04-14T08:27:10.258+05:30एक दिन सपने में तुम जैसी,
कुछ देर बैठकर चली गयी ,
...एक दिन सपने में तुम जैसी,<br />कुछ देर बैठकर चली गयी ,<br />हम पूरी रात जाग कर माँ ,<br />बस तुझे याद कर रोये थे !................बहुत सुन्दर भावोक्ति!....आभार!<br />बैशाखी की शुभकामनाएं!पी.एस .भाकुनीhttps://www.blogger.com/profile/10948751292722131939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-74955678929449079872012-04-14T08:08:21.382+05:302012-04-14T08:08:21.382+05:30माँ अगर नहीं भी पास है
उसकी ही ये साँस है,
दूर भले...माँ अगर नहीं भी पास है<br />उसकी ही ये साँस है,<br />दूर भले ही बैठी हो<br />उसको तो एहसास है !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-15029277424922947042012-04-14T06:11:40.446+05:302012-04-14T06:11:40.446+05:30हृदयस्पर्शी , सुंदर भावाभिव्यक्तिहृदयस्पर्शी , सुंदर भावाभिव्यक्ति डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-33460235537098203212012-04-14T01:00:48.990+05:302012-04-14T01:00:48.990+05:30♥
एक दिन सपने में तुम जैसी,
कुछ देर बैठकर चली गय...<b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.com/" rel="nofollow"><br />♥</a></b><br /><br /><b> एक दिन सपने में तुम जैसी,<br />कुछ देर बैठकर चली गयी ,<br />हम पूरी रात जाग कर माँ ,<br />बस तुझे याद कर रोये थे !</b><br />ऐसी ही अनुभूतियां होती हैं …सच !<br /><br />मेरे पूज्य पिताजी का स्वर्गवास हुए 21 वर्ष पूरे हो गए इस 3मार्च को …<br />सपने आते ही रहते हैं उनके… <br />मन एकदम उदास हो जाता है , बच्चों और परिवारजनों से छुप कर कभी फफक भी पड़ता हूं … हमेशा लगता है , कल तो साथ ही थे पिताजी ! 21 साल बाद भी क्यों नहीं भूल पाया ज़रा भी ! <br /><br />सबकी यही कहानी होती है शायद…<b><i> प्रियवर सतीश जी भाईसाहब </i></b> <br />!<br /><br />बहुत अंदर तक भीग रहा हूं आपके गीत में …<br />यहां शिल्प की कलाकारी ढूंढना अर्थ ही नहीं रखता …<b> </b><br /><br />न मां कम होती है न पिता !<br /><b>ये तो सच है कॅ भगवान है <br />है मगर फिर भी अनजान है<br />धरती पर रूप मां-बाप का <br />उस विधाता की पहचान है </b><br />…बस, जाने वाले कभी नहीं आते … जाने वालों की याद आती है … … …<br /><br /><b>♥आपकी पूज्य माताजी की स्मृतियों को नमन !♥<br /><br /> शुभकामनाओं सहित… </b> <br />-राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-21550182925068165632012-04-13T23:15:00.410+05:302012-04-13T23:15:00.410+05:30घुघूती बासूती की कार्यवाही और सलिल जी की भावनाओं स...घुघूती बासूती की कार्यवाही और सलिल जी की भावनाओं से सहमत !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-55370682754125530222012-04-13T23:14:12.517+05:302012-04-13T23:14:12.517+05:30खुश होकर याद करिये.....
वो देख रहीं हैं .............खुश होकर याद करिये.....<br />वो देख रहीं हैं ..............................बच्चों के आँसू माँ नहीं देख सकती...<br /><br />सुंदर रचना.<br /><br />सादर.ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-6914664325507771602012-04-13T23:10:07.661+05:302012-04-13T23:10:07.661+05:30वंदे मातरम !
इस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार ...वंदे मातरम !<br /><br /><a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2012/04/blog-post_13.html" rel="nofollow">इस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - किसी अपने के कंधे से कम नहीं कागज का साथ - ब्लॉग बुलेटिन </a>शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.com