tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post2464351781198427078..comments2024-03-27T14:44:27.129+05:30Comments on मेरे गीत !: भारत माँ के ये मुस्लिम बच्चे - सरवत जमाल !- सतीश सक्सेनाSatish Saxena http://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-16886698778139970032010-03-26T17:22:38.605+05:302010-03-26T17:22:38.605+05:30क्या कहूँ !
जिसने भी कहा ये उसकी नासमझी ही कही जाय...क्या कहूँ !<br />जिसने भी कहा ये उसकी नासमझी ही कही जायेगी .. या हो सकता हो कहीं की चोट कही दिखाई दी <br />सर्वत साहब मुझे आपसे ज्यादा दुःख हुआ ये सब पढ़ कर ... दिल्ली ब्लोगर मीट में आपसे मुलाक़ात हुई थी और हम आपकी सहृदयता से हम वाकिफ हैं हम अपनी तरफ से इसकी माफी मांगते हैं ...बाइबिल में एस वाक्य है "ईश्वर उन्हें माफ करना जिन्हें ये नहीं पता नहीं कि वो क्या कर रहे हैं"ठाकुर पदम सिंहhttp://padmsingh.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-26751275664268028002010-03-08T00:45:35.987+05:302010-03-08T00:45:35.987+05:30ये हो क्या रहा है?
हम सब प्राइमरी स्कूल के बच्चे ह...ये हो क्या रहा है?<br />हम सब प्राइमरी स्कूल के बच्चे हैं क्या?<br />अजीत जी, वंदना जी की बात एकदम सटीक है....<br />सुनते आये थे कि ’गंदगी’ को मिट्टी डालकर ढांप देना चाहिये.<br />ये सब कुछ भी ब्लॉग जगत में चलेगा?शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-23044272070121581152010-03-07T21:56:59.688+05:302010-03-07T21:56:59.688+05:30समाज में एक न्यून संख्या ऐसे लोगों की है जो अपने श...समाज में एक न्यून संख्या ऐसे लोगों की है जो अपने शब्दों से दूसरों को आहत करते हैं. इसके विरुद्ध लिख कर आप ने अच्छा किया. <br /><br />सस्नेह -- शास्त्री<br /><br />हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है<br />http://www.IndianCoins.OrgShastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-20679138637810174012010-03-07T13:29:54.374+05:302010-03-07T13:29:54.374+05:30जमाल साहब बहुत संवेदनशील हैं .... बहुत सी बातों को...जमाल साहब बहुत संवेदनशील हैं .... बहुत सी बातों को इतना ज़्यादा दिल पर नही लेना चाहिए ... निराशा और हाताशा .. दोनो ही अच्छी नही .... वो गीत है ना ...<br />कुछ तो लोग कहेंगे ..<br />लोगों का काम है कहना ... तो काहे को परवा करनी ......दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-17597585617002702382010-03-07T11:56:15.127+05:302010-03-07T11:56:15.127+05:30प्रिय सतीश | कुछ लोग विघ्न संतोषी होते है जब तक वे...प्रिय सतीश | कुछ लोग विघ्न संतोषी होते है जब तक वे विघ्न पैदा न करदें तब तक उन्हें चैन नहीं आता |और मजेदार बात यह कि वे समझते है कि हम बड़े अच्छे काम कर रहे हैं |आपने सही लिखा है कि एक मूर्ख और ह्रदयहीन व्यक्ति के द्वारा जाने अनजाने में कहे गए कडवे बोल किसी संवेदनशील ह्रदय को छलनी कर सकते हैं , और ह्रदयहीन लोगों को इसका अहसास तक नहीं होता "" वाकई यह अफसोस करने की बात है | आदमी संवेदना हीन हो चुका हैBrijmohanShrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-991752600418937942010-03-07T10:05:59.717+05:302010-03-07T10:05:59.717+05:30अजित जी से सहमत।
चंद लोग तो हमेशा ही ऐसे रहेंगे ।
...अजित जी से सहमत।<br />चंद लोग तो हमेशा ही ऐसे रहेंगे ।<br />इन्हें तूल देने की ज़रुरत नहीं ।<br />अभी भी बहुत से अच्छे लोग हैं।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-32265495828898328712010-03-07T08:52:12.429+05:302010-03-07T08:52:12.429+05:30सब कुछ देश की राजनीति से प्रेरित है वरना हम सब एक ...सब कुछ देश की राजनीति से प्रेरित है वरना हम सब एक इंसान है बस...हमें खुद में मानव मूल्य की सार्थकता को समझनी चाहिए और बेकार की बातों से बच कर रहना होगा.....<br /><br />सच में दिल को छू लेने वाली पोस्ट...विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-52475581533315817062010-03-07T07:45:19.805+05:302010-03-07T07:45:19.805+05:30सभी को अपने नेक कार्यों को बिना किसी के कहे की कुछ...सभी को अपने नेक कार्यों को बिना किसी के कहे की कुछ भी परवाह किए और कान न देते हुए जारी रखना चाहिए। वरना जिस प्रकार वे अभी सफल हो रहे हैं उसी प्रकार सदा सफल होते रहेंगे। वे जब जो चाहते हैं कहते हैं करते हैं तो आप क्यों रूकते हैं, आपको भी अपने नेक कार्यों को जारी रखना चाहिए। भले ही वे कुछेक के नजरिये में हितकारी न नजर आते हों। पर उनका नजरिया ही तो सब कुछ नहीं है।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-12326773042578951072010-03-07T01:28:27.887+05:302010-03-07T01:28:27.887+05:30सरवत एम् जमाल और उनकी धर्म पत्नी श्रीमती अलका मिश...सरवत एम् जमाल और उनकी धर्म पत्नी श्रीमती अलका मिश्रा से हर संवेदनशील व्यक्ति को माफ़ी मांगनी चाहिए। आशा है ये हम सब को माफ़ कर देगें।Anita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-25631986509922067122010-03-07T00:16:34.834+05:302010-03-07T00:16:34.834+05:30सतीश जी, आपकी पोस्ट स्वागतयोग्य है, लेकिन मुझे लगत...सतीश जी, आपकी पोस्ट स्वागतयोग्य है, लेकिन मुझे लगता है, कि यदि चन्द लोग इस मसले को इरादतन छेडते हैं तो हम उन पर चर्चा और अफ़सोस ज़ाहिर करके उनके मंसूबों को कामयाब कर देते हैं.वे तो यही चाहते हैं, कि इन मुद्दों पर चर्चा गर्माये, और वे इसमें अपने हाथ सेंक लें. शिकार होते हैं सर्वत साब, आप ,हम या शहरोज़ साहब, जिन के दिलों में जाति-धर्म, अल्पसंख्यक, बहुसंख्यक जैसी बातें ही नहीं हैं. अजित जी की बात से सहमत हूं, हमें ऐसे नासमझ लोगों की बात पर ध्यान ही नहीं देना चाहिये. सामाजिक बहिष्कार ही इनका एकमात्र इलाज है.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-49378425510502641812010-03-06T23:49:08.257+05:302010-03-06T23:49:08.257+05:30Mere khyaal se aise kisi bhi vayakti ko itna haq y...Mere khyaal se aise kisi bhi vayakti ko itna haq yaa mahatav nahi diya jana chhaiye ki wo kisi ke man ki khushi aur shanti ko khatam kar sake<br /><br />in logon ko ignore kar dena hi sahi hai<br /><br />aise log bahutere mil jaayenge jo samvedansheel nahi hote hain<br />bante hai samvedansheel ........<br /><br />aur ye sirf muslim-hindu yaa phir dharm ki baat nahi hai<br />log tarah tarah se dil ko thes pahuchate hain agar sabki baat dil tak gayi to jina mushkil ho jaayega<br /><br />i am sure bahut si mail aayi hogi holi par .......... agar ek koi buri bhi hai to hazaar dusri achchi houngi doston ki shubhkamana liye houngi .........<br /><br />kya ye sahi hai ki hazaron achchi mail ko chor kar ek ke liye dukhi hoya jaaaye ?श्रद्धा जैनhttps://www.blogger.com/profile/08270461634249850554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-18644308525681891072010-03-06T21:48:17.480+05:302010-03-06T21:48:17.480+05:30सतीश जी ,नमस्कार ,आदाब,
ये आप के स्वभाव की विशेषता...सतीश जी ,नमस्कार ,आदाब,<br />ये आप के स्वभाव की विशेषता है कि आप सब के दुख में दुखी हो जाते हैं,<br />ये सच है कि ये बहुत दुख का और शर्म का विषय है <br />लेकिन ये दुख ,ये शर्म किसी एक क़ौम ,किसी एक<br />जाति का नहीं है ,ये दर्द है हर सच्चे भारतीय का, कभी इस का निशाना सर्वत साहब होते हैं तो कल शायद "सतीश सक्सेना" जैसा secular व्यक्ति भी हो सकता है ,<br />जो लोग भी इस तरह की बात करते हैं वो किसी धर्म ,किसी क़ौम के हितैषी नहीं बस saddist प्रवॄत्ति के होते हैं ,इन को ignore कर देना ही मेरे ख़याल में ठीक है .इस्मत ज़ैदीhttps://www.blogger.com/profile/09223313612717175832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-87419088893523108312010-03-06T21:30:22.345+05:302010-03-06T21:30:22.345+05:30शानदार पोस्ट है...शानदार पोस्ट है...डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-18096902867554432272010-03-06T20:25:47.942+05:302010-03-06T20:25:47.942+05:30एक असंवेदनशील नासमझ व्यक्ति की बात को इतना महत्व द...एक असंवेदनशील नासमझ व्यक्ति की बात को इतना महत्व देने की कोई आवशयकता मुझे तो लगती नहीं। एक शेर याद आया:- <br /> वाइज़-ए-तंगनज़र कहता है क़ाफ़िर मुझको<br /> और क़ाफ़िर ये समझता है मुसलमान हूं मैं <br />सरवत जी को कोई ज़रूरत नहीं है ऐसी बकवास पर ध्यान देने की। सतीश सक्सेना और ख़ुशदीप जैसे लोग भी तो इसी समाज में रहते हैं। उनकी बातों का क्या कोई वज़न नहीं है?Dr. Amar Jyotihttps://www.blogger.com/profile/08059014257594544439noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-57616129468672005432010-03-06T20:07:42.928+05:302010-03-06T20:07:42.928+05:30मार्मिक गाथामार्मिक गाथाdr. anwer jamalhttp://www.my.opera.com/sunofislamnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-75127619631371769122010-03-06T19:48:10.771+05:302010-03-06T19:48:10.771+05:30शहरोज़ साहब,
ज्यादातर लोग अच्छे हैं। चंद नासमझ है...शहरोज़ साहब, <br />ज्यादातर लोग अच्छे हैं। चंद नासमझ हैं। <br />अफ़सोस कि आप, सरवत साहब और सतीशजी इनकी बातों को तूल दे रहे हैं। <br />अनदेखी करें और अपने आसपास के <br />खुशगवार तबीयत वाले किरदारों को <br />महसूस करें। हिन्दुस्तान जिनसे आबाद है।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-55806670172866203902010-03-06T19:11:26.273+05:302010-03-06T19:11:26.273+05:30@ शहरोज
यहाँ अल्पसंख्यक या बहुसंख्यक का नहीं वरन द...@ शहरोज<br />यहाँ अल्पसंख्यक या बहुसंख्यक का नहीं वरन दोहरी मानसिकता का है. दिखाने के दाँत और खाने के दाँत ---<br />इंसान, इंसान में फर्क करने वाले को कोई तो लक्ष्य चाहिए. आज सर्वत जी तो कल कोई और --M VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-73952044038872426242010-03-06T19:06:23.397+05:302010-03-06T19:06:23.397+05:30शानदार पोस्ट है...शानदार पोस्ट है...फ़िरदौस ख़ानhttps://www.blogger.com/profile/09716330130297518352noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-83299429284549255902010-03-06T18:04:50.704+05:302010-03-06T18:04:50.704+05:30बहुत ही मुश्किल सवाल है क्योंकि इसी की दम पर गाडी ...बहुत ही मुश्किल सवाल है क्योंकि इसी की दम पर गाडी चल रही है.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-46719116995681880302010-03-06T10:49:45.018+05:302010-03-06T10:49:45.018+05:30@ खुशदीप सहगल
कुछ लोग और समूह ऐसी सोच पर ही जीवित ...@ खुशदीप सहगल<br />कुछ लोग और समूह ऐसी सोच पर ही जीवित हैं। वे कैसे अपने प्राणों का तोता मरने देंगे।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-67556487098333567972010-03-06T10:42:51.449+05:302010-03-06T10:42:51.449+05:30सर्वात जमाल के साथ जैसा हुआ....कोई चकित करने वाली ...सर्वात जमाल के साथ जैसा हुआ....कोई चकित करने वाली बात नहीं है.हम सभ इसके कहीं न कहीं शिकार होते रहते हैं. सवाल करने का मन करता है कि क्या भारतीय होने के लिए होली मनाना ज़रूरी है ....क्या सेकुलर दिखने के लिए दरगाहों पर जाना ..ज़रूरी है...<br /><br />बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक ...इस पीड़ा से मुक्ति कब तक..क्या हमें भी मोक्ष मिलेगा....<br />अल्पसंख्यक कहीं का हो चाहे दिल्ली का या कश्मीर का..दर्द और दुःख सामान ही है..हाँ ज़र्रा बराबर अंतर होता हो..<br /><br />जिस खुले दिल से सतीश साहब ...लोगों को गले लगाते हैं...इसे दुर्लभ न कहा जाए तो क्या कहूँ..कितने लोग हैं.....ऐसे.<br /><br />और हमें इन पर नाज़ है..serwat साहब से यही कहूँगा..खुशदीप हैं हमारे साथ सतीश जी हैं हमारे साथ और भी ढेरों हैं ..<br />दिल प मत ले यार!!!!شہروزhttps://www.blogger.com/profile/02215125834694758270noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-79527459333620376042010-03-06T09:54:50.104+05:302010-03-06T09:54:50.104+05:30सतीश भाई,
आपकी पोस्ट पढ़कर एम एस सथ्यू साहब की फिल...सतीश भाई,<br />आपकी पोस्ट पढ़कर एम एस सथ्यू साहब की फिल्म गर्म हवा का एक दृश्य याद आ गया...पार्टिशन के बाद दिल्ली में एक हवेली में बड़ी बी रह रही होती है कि कोई सरकारी महकमे का कारिंदा बड़ी बी के पास पहुंचता है और कहता है कि ये हवेली कस्टोडियन की देखरेख में रहेगी...इस पर बड़ी बी कहती हैं...मैंने तो सिर्फ दो ही जने थे...ये मुआ तीसरा कस्टोडियन कहां से आ गया...<br /><br />सरवत भाई, शर्मिंदा हैं हम कि आज़ादी के 63 साल बाद भी मुल्क से ऐसी सोच को नहीं मिटाया जा सका...हो सके तो इन्हें माफ़ कर दीजिएगा...<br /> <br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-4110731725027900902010-03-06T09:38:38.991+05:302010-03-06T09:38:38.991+05:30ye kab tak chalega ye bada sawalhai.......ye kab tak chalega ye bada sawalhai.......Apanatvahttps://www.blogger.com/profile/07788229863280826201noreply@blogger.com