tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post299317878584998616..comments2024-03-27T14:44:27.129+05:30Comments on मेरे गीत !: अरुणा शानबाग और हम लोग -सतीश सक्सेनाSatish Saxena http://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comBlogger62125tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-68224305794162445232011-03-16T11:05:02.043+05:302011-03-16T11:05:02.043+05:30सतीश जी आपकी संवेदनाओं के लिए नतमस्तक.सतीश जी आपकी संवेदनाओं के लिए नतमस्तक.संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-89162371821263450992011-03-16T05:36:41.270+05:302011-03-16T05:36:41.270+05:30भाई सतीश जी सादर अभिवादन |होली की सपरिवार रंगबिरंग...भाई सतीश जी सादर अभिवादन |होली की सपरिवार रंगबिरंगी शुभकामनाएं |जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-68448610676807191882011-03-15T17:58:25.333+05:302011-03-15T17:58:25.333+05:30हर ह्रदय वाला व्यक्ति यही चाहेगा | काश हम कुछ कर प...हर ह्रदय वाला व्यक्ति यही चाहेगा | काश हम कुछ कर पाते.....|<br />बात सही है कि मात्र लेख लिखकर हमें अपने कर्तव्यों की इतिश्री नहीं मान लेना चाहिए |सुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-22157527272958981272011-03-15T13:57:59.877+05:302011-03-15T13:57:59.877+05:30सतीश जी अच्छी कोशिश की है आपने ।
हम आप का ब्लाग अध...सतीश जी अच्छी कोशिश की है आपने ।<br />हम आप का ब्लाग अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने की कोशिश करेगें ।<br />शयद यह उस जानकार तक पहुँच जाये जो इनका इलाज अरने में सक्षम हो ।palashhttps://www.blogger.com/profile/09020412180834601052noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-32653072511376958292011-03-15T09:48:46.569+05:302011-03-15T09:48:46.569+05:30सतीश भाई,
वयस्तता के कारण यह पोस्ट पढ़ ही नहीं पा...सतीश भाई,<br /> <br />वयस्तता के कारण यह पोस्ट पढ़ ही नहीं पाया... वाकई, एकदम सही लिखा है आपने... इस ओर कोशिश की जानी चाहिए...Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-3446122477859663662011-03-14T13:22:48.333+05:302011-03-14T13:22:48.333+05:30काश कोई संजीवनी बूटी ऐसी भी हो जिसे सूंघते ही अरुण...काश कोई संजीवनी बूटी ऐसी भी हो जिसे सूंघते ही अरुणा जी होश में आ जाएँ !Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-2752489441212558712011-03-14T08:53:24.715+05:302011-03-14T08:53:24.715+05:30उत्तम विचार बहुत ही सार्थक चिंतन.........बहुत सही ...उत्तम विचार बहुत ही सार्थक चिंतन.........बहुत सही कहा आप ने हमारी शुभकामनाये आपके साथ है,RAJIV MAHESHWARIhttps://www.blogger.com/profile/14655178760836239744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-86817768732795593642011-03-13T22:44:12.804+05:302011-03-13T22:44:12.804+05:30मुझे ऐसी किसी चमत्कार के बारे में जानकारी नही है प...मुझे ऐसी किसी चमत्कार के बारे में जानकारी नही है पर उम्मीद है...अगर ऐसा कुछ भी संभव है तो निश्चित रूप से एक सार्थक पहल की जानी चाहिए ताकि किसी को फिर से जीने की राह दिखे...बहुत बढ़िया विचार रखी आपने...प्रणामविनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-53281741381405447362011-03-13T20:29:10.120+05:302011-03-13T20:29:10.120+05:30ये हादसा कितना पुराना है ? अगर कोर्ट की तारीख ना ...ये हादसा कितना पुराना है ? अगर कोर्ट की तारीख ना होती तो क्या हमें अरुणा ख्याल आता ?उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-40106923953242752952011-03-13T16:59:03.270+05:302011-03-13T16:59:03.270+05:30धन्य हैं केईएम अस्पताल के डॉक्टर और नर्स...
उनका ...<b>धन्य हैं केईएम अस्पताल के डॉक्टर और नर्स...<br /><br />उनका कहना है कि जब उन्हें अरुणा की देखभाल करने में कोई दिक्कत नहीं तो वो फिर क्यों उसके लिए इच्छामृत्यु की मांग की गई...<br /><br />सतीश जी ने प्रभावशाली बात कही है जिसे अरुणा के करीबियों तक पहुंचाया जाना चाहिए...<br /><br />लेकिन यहां समाज का एक कड़वा सच ये भी है कि हवस की आग में अंधा होकर कोई दरिंदा अरुणा को इस हाल में पहुंचा देता है...कुत्ते को बांधने वाली ज़ज़ीर से वो मानसिक आघात पहुंचाता है कि 38 साल बाद भी अरुणा सदमे से उभर नहीं पाती...सवाल ये भी है कि युग कोई भी हो, अरुणाओं को ऐसी स्थिति का शिकार क्यों बनना पड़ता है...<br /><br />जय हिंद...</b>Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-58982854825341103532011-03-13T16:56:30.070+05:302011-03-13T16:56:30.070+05:30सही कह रहे है सतीशजी ...जब इतनी सारी इलाज पध्धति ...सही कह रहे है सतीशजी ...जब इतनी सारी इलाज पध्धति उपलब्ध है तो फिर सिर्फ elopathy पर ही क्यों निर्भर रहा जाये ?? जरूरत है अन्य पद्धति के जानकारों को आगे आने की.kavita vermahttps://www.blogger.com/profile/18281947916771992527noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-10471462360637896022011-03-13T11:47:40.525+05:302011-03-13T11:47:40.525+05:30अरुण शानबाग के लिए आपकी पीड़ा मन को द्रवित कर गई।
...अरुण शानबाग के लिए आपकी पीड़ा मन को द्रवित कर गई।<br />आपकी सदाशयता फलीभूत हो, यही मेरी कामना है।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-17975606421593596372011-03-13T10:47:55.694+05:302011-03-13T10:47:55.694+05:30आदरणीय सतीश जी ,
आपने बिलकुल सच लिखा है । अरुणा का...आदरणीय सतीश जी ,<br />आपने बिलकुल सच लिखा है । अरुणा का बच पाना तो शायद मुश्किल हो ,परन्तु दूसरी अरुणा को बचा पाने में हम सफ़ल हो पायेंगे ,ऐसी उम्मीद तो जागती ही है ।निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-10395528677417270902011-03-13T10:07:50.755+05:302011-03-13T10:07:50.755+05:30अरुणा के लिए पूरी हमदर्दी बरतते हुए सोचते हैं कि ...अरुणा के लिए पूरी हमदर्दी बरतते हुए सोचते हैं कि ऐसी दशा में क्या अरुणा का नया चोला धारण करने का समय नहीं आ गया ?हालाँकि यह फैसला करने वाले हम नहीं हैं पर शायद अरुणा भी यही चाह रही होंगी (अपने अवचेतन मन में).संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-90021894269883804282011-03-13T08:22:20.721+05:302011-03-13T08:22:20.721+05:30बहुत सुन्दर बात कही आपने. होम्योपैथी एक बार ट्राई ...बहुत सुन्दर बात कही आपने. होम्योपैथी एक बार ट्राई की जानी चाहिए.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-29027267170417579902011-03-13T04:15:59.767+05:302011-03-13T04:15:59.767+05:30सर्वे भवन्तु सुखिनः। सर्वे सन्तु निरामयाः।सर्वे भवन्तु सुखिनः। सर्वे सन्तु निरामयाः।Amit Sharmahttps://www.blogger.com/profile/15265175549736056144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-22578644852090031802011-03-13T00:49:35.179+05:302011-03-13T00:49:35.179+05:30मानव चाहे तो क्या नहीं कर सकता ...
और अगर न भी कर ...<b>मानव चाहे तो क्या नहीं कर सकता ...</b><br />और अगर न भी कर सके तो उसका खामियाज़ा अरुणा शानबाग क्यों भुगते? इच्छा मृत्यु के नाम पर कोई हृदयहीन उसकी हत्या की बात कैसे कर सकता है?Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-76711765287106492262011-03-12T22:16:50.189+05:302011-03-12T22:16:50.189+05:30उत्तम विचार....उत्तम विचार....Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/07499570337873604719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-15746196563352134122011-03-12T20:09:14.500+05:302011-03-12T20:09:14.500+05:30जिजीविषा बनी रहे, राह तो निकल ही आयेगी।जिजीविषा बनी रहे, राह तो निकल ही आयेगी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-28757480683042156032011-03-12T18:52:32.263+05:302011-03-12T18:52:32.263+05:30सतीश जी , आपके खयालात बहुत अच्छे हैं ।
लेकिन डॉक्...सतीश जी , आपके खयालात बहुत अच्छे हैं ।<br /><br />लेकिन डॉक्टरों को प्राथमिकता के बारे में भी सोचना पड़ता है ।<br />इमरजेंसी में इसे ट्राईएज कहते हैं ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-91611928185422665202011-03-12T18:44:19.710+05:302011-03-12T18:44:19.710+05:30आपका सुझाव अच्छा है मगर हो सकता है वैकल्पिक तरीके ...आपका सुझाव अच्छा है मगर हो सकता है वैकल्पिक तरीके भी आजमाये जा चुके हों अब तक्……………इतने बडे समय अन्तराल मे इंसान सभी तरीके आजमाने की कोशिश तो जरूर करता है ………………और अगर ऐसा नही हुआ है तो जरूर आजमाये जाने चाहिये मगर एक प्रश्न है …………अब वो ज़िन्दा रहकर करेगी क्या? क्या उस पीडा से मुक्त हो सकेगी? क्या एक बार फिर उस पीडा के दंश से नही जूझेगी? आज हम सभी यही सोच रहे है कि या तो उसे मौत मिल जाये या वो ठीक हो जाये मगर सोचने वाली बात ये है कि जिसमे उसका कोई कसूर नही वो सज़ा उसने बिस्तर पर लेटे लेटे भोगीहै मगर जिसने ये कुकर्म किया वो सिर्फ़ थोडी सी सज़ा पाकर आज भी आज़ाद घूम रहा है …………क्या ये जानकर वो दोबारा कोमा मे नही चली जायेगी या फिर जो उसकी आत्मा पर दाग लगा है उससे उबर पायेगी…………क्या उसके वापस होश मे आने से इस समस्या का हल मिल जायेगा? ऐसे ना जाने कितने प्रश्न है सतीश जी जो हमारे मनो को हिलाते हैं और जिनके जवाब हमारे पास नही हैं क्योंकि हम कुछ नही कर सकते सिवाय दुखी होने के…………कुछ गलत कह दिया हो तो क्षमाप्रार्थी हूँ …………दिल बहुत दुखी है आजकल के हालात से इसलिये जो दिल मे आया लिख दिया।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-34555346294376184692011-03-12T17:52:30.350+05:302011-03-12T17:52:30.350+05:30आपके जज्बे को सलाम, शुभकामनाएं.
रामराम.आपके जज्बे को सलाम, शुभकामनाएं.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-86512068492021607862011-03-12T15:37:58.714+05:302011-03-12T15:37:58.714+05:30मानव की आशावादिता ही उसका सबसे बड़ा संबल है -आशा ब...मानव की आशावादिता ही उसका सबसे बड़ा संबल है -आशा बनाए रखें !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-21472733673313313362011-03-12T15:35:46.339+05:302011-03-12T15:35:46.339+05:30असली मुद्दा जब तक खत्म न हो, तब तक क्या ऐसे व्यक्त...असली मुद्दा जब तक खत्म न हो, तब तक क्या ऐसे व्यक्तिगत मामलों पर ध्यान भी न दिया जाये? <br /><br />इस विषय पर आपकी भावना के साथ हमारा भीए जुड़ाव महसूस कीजियेगा।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-5363651884868574812011-03-12T14:20:23.091+05:302011-03-12T14:20:23.091+05:30आज लोग कहते हैं
बेचारी लड़की के लिये कुछ करो
भूल जा...आज लोग कहते हैं<br />बेचारी लड़की के लिये कुछ करो<br />भूल जाते हैं वो कि<br />लड़की से वृद्धा का सफ़र<br />तुमने अपने बिस्तर के साथ<br />तय कर लिया हैं<br />काट लिया कहना कुछ ज्यादा बेहतर होताअरुणा का बिस्तर सोच रहा हैंhttp://indianwomanhasarrived2.blogspot.com/2011/03/blog-post_12.htmlnoreply@blogger.com