tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post4493863639283066931..comments2024-03-27T14:44:27.129+05:30Comments on मेरे गीत !: प्रणय निवेदन -II - सतीश सक्सेनाSatish Saxena http://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comBlogger61125tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-13519826674724395522014-11-18T12:18:07.966+05:302014-11-18T12:18:07.966+05:30श्रृंगार रस के इतने दिललुभावने गीत--बधाई श्रृंगार रस के इतने दिललुभावने गीत--बधाई Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/08486476255134733859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-12007586259914655392014-02-14T11:02:03.805+05:302014-02-14T11:02:03.805+05:30बहुत सुंदर ...बहुत सुंदर ...संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-50883293714475964202013-12-23T21:39:42.531+05:302013-12-23T21:39:42.531+05:30bahut sundar git ....bahut sundar git ....Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-82802991905456389522011-01-14T13:20:26.576+05:302011-01-14T13:20:26.576+05:30बढ़िया प्रस्तुति.मकर संक्रांति पर्व पर हार्दिक शुभ...बढ़िया प्रस्तुति.मकर संक्रांति पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई ....समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-7384076469632012312011-01-13T11:51:17.820+05:302011-01-13T11:51:17.820+05:30प्रेमी मन का इतना सहज चित्रण - आपकी कलम को नमन - ब...प्रेमी मन का इतना सहज चित्रण - आपकी कलम को नमन - बहुत सुंदर प्रणय गीत - बधाई तथा पढवाने के लिए आभारAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-51364375592209052562011-01-12T14:28:47.113+05:302011-01-12T14:28:47.113+05:30लोग पूंछते तरह तरह के
प्रश्न, लिए शंका मन में ,...लोग पूंछते तरह तरह के<br />प्रश्न, लिए शंका मन में ,<br />किसको क्या बतलाऊं कैसा <br />रंग चढ़ा ?व्याकुल मन में ,<br />गली गली में चर्चा चलती, सजनी अपने प्यार की !<br />लिख लिख बारम्बार फाड़ता , पाती अपने प्यार की !<br />PYAR KIYA TO DARNA KIYA--------Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/07499570337873604719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-19240903924379412612011-01-12T13:10:17.333+05:302011-01-12T13:10:17.333+05:30आज स्वप्न में देख तुम्हें
झंकार उठे वीणा के स्वर ...आज स्वप्न में देख तुम्हें <br />झंकार उठे वीणा के स्वर <br />शायद जैसे तुमने मुझको <br />याद किया अन्तरमन से!<br />apka pranya nivedan bar-bar padhane ka dil karta hai. lagta hai jaise mere hi man ki vyatha ho.vermahttp://verma.ashok.verma76@gmail.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-59601370409939146572011-01-12T08:25:45.166+05:302011-01-12T08:25:45.166+05:30बहुत खूब! दुआ है कि आपके सारे प्रणय निवेदन मंजूर क...बहुत खूब! दुआ है कि आपके सारे प्रणय निवेदन मंजूर कर लिये जायें!अनूप शुक्लhttp://hindini.com/fursatiyanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-59771401978376038942011-01-11T21:55:20.504+05:302011-01-11T21:55:20.504+05:30आज स्वप्न में देख तुम्हें
झंकार उठे वीणा के स्वर ...आज स्वप्न में देख तुम्हें <br />झंकार उठे वीणा के स्वर <br />शायद जैसे तुमने मुझको <br />याद किया अन्तरमन से <br />क्या बात है भाई... बहुत सुन्दर गीत. अपके गीत पढ के लगता है कि आप मूलत: गीतकार ही हैं. बहुत सधे हुए और सुन्दर गीतों की रचना की है आपने.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-23335638048612128002011-01-11T21:49:59.884+05:302011-01-11T21:49:59.884+05:30उम्र बाँध नही सकती प्रीत की सीमा रेखा को
प्रति पल...उम्र बाँध नही सकती प्रीत की सीमा रेखा को <br />प्रति पल बढती जाती है , फिर रोके भी क्यो इस मन को <br /><br />बहुत सुंदर गीत लिखे आपनेpalashhttps://www.blogger.com/profile/09020412180834601052noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-54695480671513737852011-01-11T21:47:35.441+05:302011-01-11T21:47:35.441+05:30गीत सुन्दर है, बहुत सुन्दर है.गीत सुन्दर है, बहुत सुन्दर है.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-39640661856847263402011-01-11T20:35:21.372+05:302011-01-11T20:35:21.372+05:30सतीश भाई ,
श्री एम वर्मा साहब ने उम्र के हस्तक्षेप...सतीश भाई ,<br />श्री एम वर्मा साहब ने उम्र के हस्तक्षेप के दायरे से सिर्फ प्रेम गीत 'लेखन' को ही बाहर किया है और उनके इस सिद्धांत से मैं भी सैद्धांतिक रूप से सहमत हूं :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-77522983312008815892011-01-11T20:04:08.370+05:302011-01-11T20:04:08.370+05:30http://kriwija.blogspot.com/2011/01/blog-post.html...http://kriwija.blogspot.com/2011/01/blog-post.html<br />अम्मा चली गयी<br />बहन रेखा जी की माता जी का देहांत हो गया है .<br />इस दुःख भरी घड़ी में आप भी चलें और अपने साथियों को भी सुचना दे दें .<br />धन्यवादDR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-53433795507356330772011-01-11T19:52:54.194+05:302011-01-11T19:52:54.194+05:30बहुत सुन्दर रचना
प्रेम गीत लेखन में उम्र का हस्तक...बहुत सुन्दर रचना <br />प्रेम गीत लेखन में उम्र का हस्तक्षेप तो नहीं है.M VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-49458732287876245672011-01-11T18:58:28.465+05:302011-01-11T18:58:28.465+05:30अभिव्यक्ति का उम्र से कोई रिश्ता नहीं होना चा...अभिव्यक्ति का उम्र से कोई रिश्ता नहीं होना चाहिए. मन तो बड़ा नहीं होता हमारी सोच बदल जाती है लेकिन मन तो उसके अनुरुप ही जीने दिया जाय तो अच्छा है. कोई क्या कहेगा? फिर क्या जीना छोड़ दिया जाय? सब के साथ अपने मन के अनुसार जीने से ही परम सुख मिलता है.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-71032204673775625042011-01-11T18:34:43.274+05:302011-01-11T18:34:43.274+05:30दोनों निवेदनों में भावों की आधारभूमि पर शब्द खूब न...दोनों निवेदनों में भावों की आधारभूमि पर शब्द खूब नाचे हैं ! अच्छे गीत लगे ! लय काबिले-तारीफ़ है !Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-67944156638889637732011-01-11T18:12:57.123+05:302011-01-11T18:12:57.123+05:30bahut hi sach baat likhi hain aapne apni kavita ki...bahut hi sach baat likhi hain aapne apni kavita ki shuruwati panktiyon me,<br />mujhe bahut bahut achhi lagi aapki bahtreen soch aur badhiprastuti ke liye hardik naman.<br /> poonamपूनम श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09864127183201263925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-72801683620455606312011-01-11T17:36:35.600+05:302011-01-11T17:36:35.600+05:30आज स्वप्न में देख तुम्हें
झंकार उठे वीणा के स्वर ...आज स्वप्न में देख तुम्हें <br />झंकार उठे वीणा के स्वर <br />शायद जैसे तुमने मुझको <br />याद किया अन्तरमन से !<br />बहुत सुंदर रचना...बधाई ...स्वातिhttps://www.blogger.com/profile/06459978590118769827noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-6767330455770171102011-01-11T15:49:47.702+05:302011-01-11T15:49:47.702+05:30प्रणय निवेदन प्रथम और द्वितीय एक साथ पढ़ा.
कविता म...प्रणय निवेदन प्रथम और द्वितीय एक साथ पढ़ा.<br />कविता में इस्तेमाल करने के लिए आपके पास <br />शब्दों का भण्डार है. आप शब्दों के संयोजन भी <br />अद्भुत तरीके से करते हैं.<br /><br />दोनों निवेदन बहुत सुन्दर लिखा है आपने.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-50826083672139386872011-01-11T12:29:47.656+05:302011-01-11T12:29:47.656+05:30बहुत ही सुन्दर भावमय करते शब्द ।बहुत ही सुन्दर भावमय करते शब्द ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-24863403739665089542011-01-11T12:02:28.024+05:302011-01-11T12:02:28.024+05:30kuch to log kahenge...logon ka kam hai kehna.....:...kuch to log kahenge...logon ka kam hai kehna.....:)zamane ki yahi reet hai satish ji..na jane kab badlegi...<br />poonamपूनम श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09864127183201263925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-75794703821476460972011-01-11T08:57:14.770+05:302011-01-11T08:57:14.770+05:30सर जी तुस्सी ग्रेट हो...
सर जी तुस्सी ग्रेट हो...
...सर जी तुस्सी ग्रेट हो...<br />सर जी तुस्सी ग्रेट हो...<br />सर जी तुस्सी ग्रेट हो...<br />सर जी तुस्सी ग्रेट हो...संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-9551606042993384332011-01-11T08:56:43.256+05:302011-01-11T08:56:43.256+05:30सुन्दर कविता कही आपने, पहले पहले प्यार के जैसी
......सुन्दर कविता कही आपने, पहले पहले प्यार के जैसी<br />...........बेहद खूबसूरत.संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-21531586242302567102011-01-11T01:09:49.957+05:302011-01-11T01:09:49.957+05:30द्विधा रहित हो कर वही करें जो आपको ठीक लगे .
किसी ...द्विधा रहित हो कर वही करें जो आपको ठीक लगे .<br />किसी के कहने की चिन्ता छोड़िये !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-32314180795318581122011-01-10T23:04:57.395+05:302011-01-10T23:04:57.395+05:30सकारात्मक जीवन जीने की दिशा में आपके विचार जितने उ...सकारात्मक जीवन जीने की दिशा में आपके विचार जितने उपयोगी और स्पष्ट हैं आपकी कविताएँ अन्दर के उतने ही बालपन का सजीव चित्रण भी कर रही लगती हैं ।Sushil Bakliwalhttps://www.blogger.com/profile/08655314038738415438noreply@blogger.com