tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post4589932732937615332..comments2024-03-27T14:44:27.129+05:30Comments on मेरे गीत !: हिंदी ब्लोगिंग में स्नेह और प्यार -सतीश सक्सेनाSatish Saxena http://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comBlogger100125tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-77645614143936126422011-08-13T20:37:52.773+05:302011-08-13T20:37:52.773+05:30बहुत अच्छा विचारोत्तेजक लेख । बधाई स्वीकारें । सका...बहुत अच्छा विचारोत्तेजक लेख । बधाई स्वीकारें । सकारात्मक सोच की आवश्यकता जीवन के हर पहलू में है इसलिए ब्लागिंग में भी । ब्लोगिंग का प्लेटफॉर्म अभिव्यक्ति,विचारों के आदान-प्रदान तथा जान-पहचान का अच्छा अवसर प्रदान करता है । मीडिया कम्यूनिकेशन और परस्पर संवाद के अन्य साधनों में जितना नियंत्रण या सेंसर है बस उतना ही संभव है यहाँ भी उससे अधिक हो नहीं पाएगा। जरूरत है स्वविवेक की । मेरा मानना है टिकता वही है जो सच है या अच्छा है । सच देर सबेर उजागर हो ही जाता है । नकारात्मक सोच को बढ़ावा तभी मिलता है जब हम उसे सही सोच में बदलने की कोशिश करते हैं , उसे छोड़ देने या नकार देने से वो स्वत: लुप्त होने लगती है । ये कुछ अंधेरे से लड़ने के लिए दिया जलाने जैसा है । समय के साथ सब कुछ बदलता है ऐसे ही ब्लोगिंग का स्वरूप भी बदलता रहेगा, लोग बदलेंगे , कारवां चलता रहेगा । हाँ, हर ब्लॉगर कि ये ज़िम्मेदारी अवश्य बनती है कि ब्लॉगिंग को एक स्वस्थ , सुंदर और कामयाब मंच बनाए रखने के लिए सतत प्रयासरत रहें , दुरुपयोग को प्रोत्साहित ना करें । परस्पर सौहार्द्र का वातावरण बना रहे, लोग आपस में मिलें , ब्लॉगर मीट होती रहें , विचारों का स्वस्थ आदान-प्रदान चलता रहे मेरी भी यही कामना है। धन्यवाद एवं शुभकामनाएं ।रजनीश तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/10545458923376138675noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-23378907227329417772011-08-09T20:06:59.742+05:302011-08-09T20:06:59.742+05:30चलिए इस बहाने एक शतक पूरा हुआ .
मुबारक हो .चलिए इस बहाने एक शतक पूरा हुआ . <br />मुबारक हो .DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-52810900675937909742011-08-09T17:25:59.726+05:302011-08-09T17:25:59.726+05:30डॉ अनवर जमाल
यह हमारे किसी ब्लोगर ने मेरे ही किसी...डॉ अनवर जमाल <br />यह हमारे किसी ब्लोगर ने मेरे ही किसी पुराने सन्दर्भ को लेकर गलती से मेरे ही यहाँ दिया है जिसको भूल वश देना, मेल द्वारा, स्वीकार भी किया है ! बहरहाल इसे मैं डिलीट कर रहा हूँ !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-65425373902279460642011-08-09T17:21:21.479+05:302011-08-09T17:21:21.479+05:30आदरणीय सतीश जी, आपके कहने पर हमने बेनामी का आप्शन ...आदरणीय सतीश जी, आपके कहने पर हमने बेनामी का आप्शन बंद कर दिया अपने कई दर्जन ब्लॉग से लेकिन ख़ुद आपने खोल लिया , ऐसी क्या मजबूरी आ पड़ी ?<br />आपने बेनामी का आप्शन खोलने वालों की नीयत पर हमेशा शक किया है।<br />क्या अब आपके विचार बदल गए हैं ?<br />आपके ब्लॉग पर बेनामी टिप्पणी को पब्लिश होते देखकर मैं यही सोच रहा हूं।DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-68518777405058056382011-08-09T14:37:12.289+05:302011-08-09T14:37:12.289+05:30This comment has been removed by a blog administrator.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-21808571094932513722011-08-07T23:15:29.299+05:302011-08-07T23:15:29.299+05:30Wish you a very happy friendship day Sir ji .........Wish you a very happy friendship day Sir ji .........palashhttps://www.blogger.com/profile/09020412180834601052noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-87195086663926298492011-08-07T19:28:01.479+05:302011-08-07T19:28:01.479+05:30मैं तो इतना ही कहूँगी की ये बात कुछ हजम नहीं हुई.....मैं तो इतना ही कहूँगी की ये बात कुछ हजम नहीं हुई.......दावत खाए कोई और हम खाली तस्वीरें देख कर मुह में पानी भर कर ही रह जाएँ....हा हा हा अच्छा लगा तस्वीरों के जरिये सब कुछ जानना बहुत अपना पण और स्नेह से भरी पोस्ट. शुभ कामनाएंरचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-8334594597679237172011-08-06T09:35:43.093+05:302011-08-06T09:35:43.093+05:30@ आवश्यकता है केवल एक सकारात्मक सोंच और उत्साह की ...@ आवश्यकता है केवल एक सकारात्मक सोंच और उत्साह की जिसके प्रभाव से नकारात्मक शक्तियों का ह्रास हो और बेहतर लोग समाज और देश के शुभ निर्माण में लगें !<br /><br />*** आपसे सहमत ... और ऊपर कही गई सारी बातों से सहमत। <br />*** दो साल ब्लॉगजगत में होने को आए। अब तक अपनी राह आप बनाकर चलता चल वाली स्थिति है .. आगे भी रहेगी। इसमें टिप्पणियों से प्रोत्साहन तो रहा है, मोह नहीं।<br />** जब तक कोई पोस्ट भड़काऊ, जाति-धर्म विद्वेश फैलाने वाली या व्यक्तिविशेष को केन्द्रीत कर आक्रोश और उन्माद से न लिखा गया हो मैं उसे अच्छा ही मानता हूं और सब पर जाकर टिप्पणी देना पसंद करता हूं।<br /><br />*** अब तक किसी ब्लॉगर मीट में नहीं गया। कम से कम अफ़सोस नहीं है। हां, जहां तक मिलने मिलाने की बात होती है जहां दिल मिलते हैं, समय और सुअवसर हाथ लगता है मिल ही लेते हैं।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-45687275868373235532011-08-06T08:36:47.505+05:302011-08-06T08:36:47.505+05:30पता नहीं किसने रचना नाम रख दिया, रचनात्मकता तो जरा...पता नहीं किसने रचना नाम रख दिया, रचनात्मकता तो जरा सी भी नहीं है। हमेशा दूसरों के ब्लॉग खंगालती रहती है और फिर अपनी ‘दुकान’ चलाती है। दुकान ही नहीं, बल्कि हमेशा जहर उगलती है। हमेशा दूसरों से असहमत। जरूर कभी ना कभी कुछ ना कुछ हादसा हुआ होगा, तभी तो खासकर पुरुषों से नहीं बनती। <br />रचना, यह ब्लॉग है। पहले ब्लॉग का मतलब समझो, फिर बात बनाना। हिन्दी में इसका मतलब है कि ऑनलाइन डायरी। जिसकी यह डायरी है, वो कुछ भी लिखे, तुम्हे क्यों खुजली होती है? पहली बात तो तुम्हे किसी की डायरी पढने का अधिकार ही नहीं है, फिर बन्दे ने अगर सभी को अपनी डायरी पढने की सुविधा दे रखी है, तो हमेशा उसपर तंज कसने की जरुरत नहीं है। यहां आकर तुम्हारा हाजमा खराब होता है, यहां लिखी बातें तुम्हें पचती नहीं हैं तो यहां आती ही क्यों हो?<br />और तुम्हें तो यहां आना ही पडेगा। क्योंकि तुम्हें भी तो अपनी दुकान चलानी है, कुछ मौलिक तो तुम्हारे पास है नहीं। मैं तुमसे भले ही उम्र में छोटा हूं, इसलिये मेरी मां बनने की कोशिश मत करना। जब भी मैं तुमसे असहमत होता हूं और कुछ कह देता हूं तो हमेशा कहती हो कि तुम मेरी मां की उम्र की हो। मैं ऐसी भावनाओं में बहने वाला नहीं हूं। बिना लाग लपेट के कुछ कहने का अधिकार केवल तुम्हे ही नहीं है।नीरज मुसाफ़िरhttps://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-66470379190545966052011-08-05T20:45:04.773+05:302011-08-05T20:45:04.773+05:30ओह यहां तो सही में मधुमेह का स्तर बढा हुआ है हूजूर...ओह यहां तो सही में मधुमेह का स्तर बढा हुआ है हूजूर. बढाते रहिये.:)झंडू बामhttps://www.blogger.com/profile/08491048051769196514noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-83723575256638457352011-08-05T20:43:54.641+05:302011-08-05T20:43:54.641+05:30ओहओहझंडू बामhttps://www.blogger.com/profile/08491048051769196514noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-56282431072163323572011-08-05T16:52:57.406+05:302011-08-05T16:52:57.406+05:30सतीश जी आज आपकी इस पोस्ट ने बहुत सारा अपनत्व जगा द...सतीश जी आज आपकी इस पोस्ट ने बहुत सारा अपनत्व जगा दिया है अपने सारे ब्लॉगर दोस्तों के लिये .. मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि हम सभी इसी तरह प्रेम और मित्रता के एक सूत्र में बंध कर रहे हमेशा ... .. <br /><br />आभार<br /><br />विजय<br /><br />कृपया मेरी नयी कविता " फूल, चाय और बारिश " को पढकर अपनी बहुमूल्य राय दिजियेंगा . लिंक है : http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/07/blog-post_22.htmlvijay kumar sappattihttps://www.blogger.com/profile/06924893340980797554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-10717211539072693602011-08-05T14:22:18.230+05:302011-08-05T14:22:18.230+05:30ब्लॉग परिवार का ढोंग करने से क्या हासिल होता हैं
क...ब्लॉग परिवार का ढोंग करने से क्या हासिल होता हैं<br />क्या आप के साथ कभी नहीं हुआ की इस परिवार के पीछे आप ने सच को नकार दिया वहाँ कमेन्ट नहीं दिया जहां आप के मित्र ब्लोग्गर गलत लिखते हैं क्या कभी आप की आत्मा ने आप को कचोटा हैं की हाँ मैने गलत किया इस मुद्दे पर अपने ख्याल ना देकर क्युकी ये मेरे दोस्त का ब्लॉग था और मेरे कमेन्ट करने से वो नाराज हो जाएगा<br />परिवार तो बच जाता हैं सतीश जी पर समाज रीढ़ विहीन हो जाता हैं जब हम मुद्दों से बचते हैं और स्नेह और समझदारी की बात करते हैं केवल इस लिये की टिप्पणी की संख्या में कमीरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-65048627774767954502011-08-04T16:28:09.691+05:302011-08-04T16:28:09.691+05:30अपने समाज के बारे में और मेल-मिलाप की कोशिशों के ब...अपने समाज के बारे में और मेल-मिलाप की कोशिशों के बारे में पढ़कर ख़ुशी हुई.मैं अभी जल्दी सक्रिय हुआ हूँ,पिछले चार महीनों में अजय झा,अमरेन्द्र नाथ त्रिपाठी,अनूप शुक्ल,निशांत मिश्र,अविनाश वाचस्पति से मिल चुका हूँ.प्रवीण त्रिवेदी से जब-तब मुलाकात होती रहती है.बड़ा अच्छा लगता है.<br />अरविन्द मिश्र जी के आने की खबर पिछले दिनों मिली थी,पर भेंट नहीं हो सकी.उनकी पोस्ट में ज़रूर आपसे मुलाकात का ब्यौरा पढ़ा था. ऐसी मेल-मुलाकातें चलती रहनी चाहिए !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-40343402974926170262011-08-03T13:34:50.768+05:302011-08-03T13:34:50.768+05:30सतीश जी
सुंदर आलेख पढ़कर बहुत ही अच्छा लगा.....शु...सतीश जी <br />सुंदर आलेख पढ़कर बहुत ही अच्छा लगा.....शुभकामनाएँसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-81812490942517626632011-08-03T13:33:33.964+05:302011-08-03T13:33:33.964+05:30सतीश जी
नमस्कार !
हिंदी ब्लॉगिंग पूरे समाज में स्न...सतीश जी<br />नमस्कार !<br />हिंदी ब्लॉगिंग पूरे समाज में स्नेह और प्यार के लिए इसी सकारात्मक सोच की बहुत ज़रूरत है....!संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-61224062476762941782011-08-03T13:02:55.446+05:302011-08-03T13:02:55.446+05:30:):):):):):)वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-59850254057529772122011-08-03T09:34:48.900+05:302011-08-03T09:34:48.900+05:30आप के ब्लॉग पर आने से मधुमेह हो जाने का खतरा बढ़ जा...आप के ब्लॉग पर आने से मधुमेह हो जाने का खतरा बढ़ जाता हैं .रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-56119691880540292562011-08-03T00:54:38.683+05:302011-08-03T00:54:38.683+05:30इस ब्लोगर्स मीट का विवरण बहुत ही अच्छा किया हैइस ब्लोगर्स मीट का विवरण बहुत ही अच्छा किया हैsmhttp://realityviews.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-76196026263678298122011-08-02T21:53:42.353+05:302011-08-02T21:53:42.353+05:30@ सर्वत भाई ,
स्वागत है आपका ...
भुला दीजिये उस घट...@ सर्वत भाई ,<br />स्वागत है आपका ...<br />भुला दीजिये उस घटना को, संवेदनशीलता का गैरों से क्या मतलब ....संवेदनशील की कद्र कितने लोग कर पाते हैं ? आप समझदार हैं और अनुभवी भी , आशा है उसे भूल, ब्लॉग पर नियमित होंगे ! आपकी प्यारी लेखनी की हमें और आपके चाहने वालों को बहुत जरूरत है ! <br />आशा है अपना और हमारा ध्यान रखेंगे !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-37691860802367397662011-08-02T20:52:24.636+05:302011-08-02T20:52:24.636+05:30मेल से मिली रेखा श्रीवास्तव की टिप्पणी .....
बहुत...<b>मेल से मिली रेखा श्रीवास्तव की टिप्पणी .....</b><br /><br />बहुत अर्थपूर्ण पोस्ट है आपकी , सभी ब्लोग्गेर्स का आपस में मिलना एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. हम समझ पाते हैं एक दूसरे को. मैंने दिल्ली में 30 अप्रैल वाली मीट में शिरकत की थी .<br />व्यक्तिगत रूप से जिनसे मिल पायी बहुत अच्छा लगा .<br /> टिप्पणी उत्साह बढाती हैं लेकिन कभी कभी लगता है कि टिप्पणियां सिर्फ और सिर्फ औपचरिकता मात्र बन जाती हैं क्योंकि हम आपको नियमित टिप्पणी देते हैं इसलिए आप को देना ही है .<br />उस पोस्ट की गुणवत्ता और स्तर को देखें तो मेरी दृष्टि से उतनी अच्छी नहीं होती जितनी कि उसकी प्रसंशा में कहे गए शब्द बोलते हैं . हमारे ब्लॉगर भाई बहन इसको अन्यथा न लें .<br /> ब्लॉगिंग में आरोप -प्रत्यारोपों की राजनीति भी इसको दूषित करने लगती है . ये एक स्वस्थ चिंतन और लेखन है . कितना कुछ दे जाता है हमको , हम किसी की पीड़ा को और किसी के गम को बाँट नहीं सकते लेकिन उस लिखने वाले को महसूस कर सकते हैं . उसमें भागीदार हो सकते हैं . एक मानवता का पथ सिखा रहे हैं हमारे <br />ब्लॉग . इसमें मीलों और कोसों की दूरी मायने नहीं रखती है बल्कि हम सबको अपने बहुत करीब पाते हैं . जिसमें देश की <br />सीमायें भी कोई बंधन नहीं बन पाती हैं .<br /> ये एक परिवार है और हमें आपस में मिलते रहना चाहिए .जहाँ भी मौका मिले . किसी बड़े ताम झाम की जरूरत नहीं है .वैसे तो मिलाने को तो एक शहर में मिलकर भी नहीं मिल पाते हैं .<br />हमारा ब्लॉगर परिवार सदा एक रहे और अच्छा लिखे और अपनी सोच और लेखनी को सार्थक बनता रहे .यही मेरी कामना है .<br /> वैसे आपके इस लेख के साथ बता दूं कि मैं अब बहुत नियमित नहीं रह पाती हूं क्योंकि मेरी बहुत सी मजबूरियां बन गयीं हैं फिर भी जब भी मौका मिलता है मैं आ जाती हूं.Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-89082421332778643032011-08-02T20:28:43.361+05:302011-08-02T20:28:43.361+05:30हम भी आप जैसे बढ़िया इंसान के लिए खुशदीप भाई के पी...हम भी आप जैसे बढ़िया इंसान के लिए खुशदीप भाई के पीछे खड़े हैं ...ऐसे क्यों मायूस नज़र आते हैं ??<br />.<br />इंसान तो बस इंसान हुआ करता है मैं भी कोशिश करता हूं एक इंसान बनने की. अच्छा या बुरा तो दुनिया बनाया करती है.<br />सतीश भाई मायूसी मुझे कभी नहीं होती क्यों कि हाथ कि पांचो उँगलियाँ बराबर कभी नहीं हुआ करती तो सभी से एक जैसी आशा कैसे कि जा सकती है?<br />भाई पीछे कब तक खड़े रहेंगे खुशदीप भाई कि तरह सामने आयें. :)एस एम् मासूमhttps://www.blogger.com/profile/02575970491265356952noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-17962267327006800742011-08-02T19:42:26.558+05:302011-08-02T19:42:26.558+05:30बहुत प्यार, बहुत शोहरत दी ब्लॉग ने. बहुत से लोग अप...बहुत प्यार, बहुत शोहरत दी ब्लॉग ने. बहुत से लोग अपने हुए लेकिन घटना ने सारा कुछ तोड़ दिया. सतीश जी, आप को भी वो घटना याद है. बस, तभी से ब्लॉग छूट गया. ६-७ माह बाद फेसबुक पर आया और वहां भी काफ़ी लोग मिले. सब ठीक लगता है लेकिन ब्लॉग पर वापसी के बारे में सोचते ही फिर वही भूत खड़ा हो जाता है...क्या करूं?सर्वत एम०https://www.blogger.com/profile/15168187397740783566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-72954015126619291572011-08-02T16:32:19.696+05:302011-08-02T16:32:19.696+05:30सार्थक मुद्दों को उठाती सह्रदय पोस्ट .शुक्रिया सती...सार्थक मुद्दों को उठाती सह्रदय पोस्ट .शुक्रिया सतीश भाई .कृपया यहाँ भी http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/पधारें -<br />http://sb.samwaad.com/virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-60039838810175764772011-08-02T13:46:47.783+05:302011-08-02T13:46:47.783+05:30सच कहा आपने, एक सकारात्मक सोच ही हिंदी ब्लोगिंग को...सच कहा आपने, एक सकारात्मक सोच ही हिंदी ब्लोगिंग को समृद्ध कर सकती है ! और यह हम सभी ब्लागर्स का कर्तव्य बन जाता है कि हम अपनी लेखनी द्वारा ऐसे ही सकारात्मक उर्जा का सृजन कर उसे लोगों तक पहुंचाएं !<br />आभार !ज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.com