tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post6699225078274795374..comments2024-03-27T14:44:27.129+05:30Comments on मेरे गीत !: एक ब्लागर की समझ -सतीश सक्सेनाSatish Saxena http://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comBlogger75125tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-30284667532333477602010-12-14T11:36:45.739+05:302010-12-14T11:36:45.739+05:30यही है आदमी की असली पहचान। शुभकामनायें।यही है आदमी की असली पहचान। शुभकामनायें।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-33501764448578528762010-12-12T15:13:42.703+05:302010-12-12T15:13:42.703+05:30यकीनन पहले पहल आपसे कुछ ज्यादा ही उम्मीदें बांध के...यकीनन पहले पहल आपसे कुछ ज्यादा ही उम्मीदें बांध के दोस्ती कर डाली होगी उन्होंने ! वैसे तो आप वही हैं पर ख्याल उन्होंने बदले ! दिमाग उनका , सोच उनकी ! उन्हें अख्तियार है बदलते रहने का ! आप बस आप बने रहिये ! <br /><br />एक सवाल मेरे मन में भी है आपसे इस कदर उम्मीदें उन्होंने बांधी क्यों ? :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-77994438255299770132010-12-12T14:52:07.288+05:302010-12-12T14:52:07.288+05:30:-) :) :-) :):-) :) :-) :)DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-39338398275865471272010-12-12T10:24:15.692+05:302010-12-12T10:24:15.692+05:30ool jalool bate aur aapkee itnee tavajju paagayee....ool jalool bate aur aapkee itnee tavajju paagayee........<br />kuch jyada nahee ho gaya.......<br /><br /><br />shavdo ke peeche kiskee kya maansikta chipee hai pahchan pana itna aasan bhee nahee jaisa ki zahir hota hai.....par anubhav bhapna to sikha hee dete hai..Apanatvahttps://www.blogger.com/profile/07788229863280826201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-5557092639944534572010-12-12T08:48:36.531+05:302010-12-12T08:48:36.531+05:30अजीत गुप्ता जी से सहमतअजीत गुप्ता जी से सहमतराजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-57617996141324806562010-12-12T08:08:25.810+05:302010-12-12T08:08:25.810+05:30@ डॉ अनवर जमाल,
लम्बे और खूबसूरत कमेन्ट के लिए शु...@ डॉ अनवर जमाल, <br />लम्बे और खूबसूरत कमेन्ट के लिए शुक्रिया !<br />चौधरी बात तो तू सही कहे है मगर परनाला फिर भी यहीं गिरेगा ...( मेरी तरफ से )<br />:-)<br />@ शिवम् मिश्रा,<br />आपका प्यार कुछ अधिक शुरू से ही मिलता रहा है कई बार मैं अपने कपडे देखने लगता हूँ , इतना साफ़ तो नहीं रहता ! :-)<br />आभार <br />@ बवाल,<br />अरे वाह कविवर , बड़े दिन बहार आई ! धन्यवादSatish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-8037156185060220882010-12-12T07:41:44.433+05:302010-12-12T07:41:44.433+05:30Gurudev,,,,,
saara tajurba aaj hi thok diya....
ja...Gurudev,,,,,<br />saara tajurba aaj hi thok diya....<br />jai ho........योगेन्द्र मौदगिलhttps://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-8311906406750033352010-12-12T07:29:39.111+05:302010-12-12T07:29:39.111+05:30@ क्रियेटिव मंच ,
अनूप भाई की कृपा कम होती हैं, नख...<b><br />@ क्रियेटिव मंच ,<br />अनूप भाई की कृपा कम होती हैं, नखरों से आते जाते हैं मगर जब आ जाते हैं तब मौज साथ लाते हैं ! आप शौक से इस शेर का उपयोग कर सकते हैं ! <br />आपका कार्य हिंदी ब्लॉगजगत के लिए अच्छा है ...ऐसे कार्य के लिए शुभकामनायें !<br /><br />@ प. डी के शर्मा वत्स ,<br />शुक्रिया पंडित जी, दिल्ली ब्लोगर मीट और बाद में ज्योतिष के लेखों से मैं रूचि न होने का दोषी था, और आपको नहीं पहचान सका मगर जब ध्यान से आपको पढने लगा तब महसूस किया कि आप क्या हैं ! ब्लॉग जगत में ध्यान से न पढने की आदत सिर्फ एक बेवकूफी ही तो है जिसमें अक्सर हम सही की गलत और गलत को सही समझते हैं ! <br />:-) </b>Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-44559590858336249242010-12-12T06:18:52.463+05:302010-12-12T06:18:52.463+05:30सतीश जी कमाल है, इसे आप ब्लॉगर (दोस्त) कहते हैं। अ...सतीश जी कमाल है, इसे आप ब्लॉगर (दोस्त) कहते हैं। अक्सर सामने वाले को पहचानने के बाद दोस्ती हवा हो जाती है और जलन वहाँ अपना मजमा जमा लेती है। खू़ब कहा आपने।बवालhttps://www.blogger.com/profile/11131413539138594941noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-60172148047100657742010-12-12T05:04:35.158+05:302010-12-12T05:04:35.158+05:30................दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-5717767282735058042010-12-12T03:05:46.152+05:302010-12-12T03:05:46.152+05:30आदरणीय भाई साहब ! कमेंट पब्लिश किया तो हर बार Erro...आदरणीय भाई साहब ! कमेंट पब्लिश किया तो हर बार Error दिखाई ।<br />मैं भी लगा ही रहा ।<br />30 बार try करके पेज रिफ़्रेश किया तो 3 कमेंट नज़र आए ।<br />2 को आप बख़ुशी मिटा सकते हैं ।<br />Good night .DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-33035883618659568642010-12-12T02:47:27.416+05:302010-12-12T02:47:27.416+05:30... लेकिन तरीक़ा हमारा ही चलेगा, चाहें हमारी भाभी ह...<b>... लेकिन तरीक़ा हमारा ही चलेगा, चाहें हमारी भाभी हुज़ूर से फ़ैसला करा लीजिए </b> <br />@ गिरामी क़द्र जनाब सतीश साहब !<br />आपने पोस्ट को मजाक़िया और मुझे गंभीर बता दिया :) :) <br />नीतिज्ञ और राजनीतिज्ञ की दो हैसियतें भी आपने मेरे लिए तसलीम तो कीं लेकिन यह शुब्हा भी ज़ाहिर किया कि राजनीतिज्ञ तो शायद वह बात न माने जो कि आप कह रहे हैं ।<br /><br />अब जबकि बक़ौल आपके पोस्ट मज़ाक़िया है तो लीजिए संभालिए मज़ाक़िया कमेंट :-)<br /><br />Question : अगर नीति जानने वाला कोई गंभीर राजनेता किसी मजाक़िया पोस्ट पर ज़्यादा प्यार करने वाले की नसीहत भरी बड़ी टिप्पणी को एक वाक्य में कहना चाहे तो वह वाक्य क्या होगा ?<br /><br />Answer: 'जल में रहकर मगर से बैर नहीं किया जाता'<br />:) :) <br /><br />2- आप जो कहेंगे उससे तो राजनीतिज्ञ पहले सहमत होगा , नीतिज्ञ बाद में ।<br /><br />3- मैं जिससे प्यार करता हूं उसमें कोई कमी रह जाए , यह मैं गवारा नहीं करता । मैं बता देता हूं । हां , बताने की तर्ज़ में मेरी तरफ़ से ज़्यादती मुमकिन है ।<br /><br />4- मैं नाराज़ होते हुए भी अपनी प्यारी पर्सनैलिटी से प्यार जता सकता हूं , उसे मैं उस (जायज़) चीज़ का तोहफ़ा दे सकता हूं जो कि उसे पसंद हो ।<br /><br /><b>Flash back (12 पहले का सीन है )</b><br />शादी के शुरूआती महीनों में जब हम दोनों मियां बीवी आपस में लड़ा करते थे तो मैं अपनी ख़ानम के लिए काले रसगुल्ले लाया करता था जो कि उन्हें पसंद हैं और हंसते-बतियाते उन्हें अपने हाथ से खिलाया करता था । <br /><br />वह हैरत से पूछती थीं कि यह क्या तरीक़ा है नाराज़गी ज़ाहिर करने का ?<br /><br />मैं कहता था कि 'घिसे-पिटे तरीक़े से क्या लड़ना ?<br />ऐसे तरीक़े से लड़ना चाहिए कि जिस तरीक़े से दुनिया में कोई न लड़ा हो ।'<br /> खा पीकर फिर मैं 'गाने' का रियाज़ भी कर लेता था ।<br /> <br />वह पूछती थीं कि आपकी नाराज़गी तो कहीं से दिखी नहीं ?<br /><br />मैं कहता था - 'आपसे नाराज़गी मेरे दिल में है । आपको मैंने इन्फ़ॉर्म कर दिया है । बस इतना काफ़ी है । मैं आप पर रौब ग़ालिब करने के चक्कर में ख़ामख़्वाह अपना मुंह फुलाकर उसका थोबड़ा क्यों बनाऊं ?'<br /><br />वह पूछती थीं कि फिर आपकी नाराज़गी दूर होने का कैसे पता चलेगा ?<br /><br />मेरा जवाब देता था कि मैं आपको ख़ुद इन्फ़ॉर्म कर दूंगा बस या आप पूछ लेना ।<br />तो हुज़ूर आपकी शिकायतें दुरूस्त , आप दुरूस्त और हम ग़लत , मानते हैं लेकिन भाई हमसे नाराज़ ज़रा नए अंदाज़ में तो होओ ।<br /><br />शिकायतें और नाराज़गी <br />हुक्म और हुकूमत <br />सब आपकी चलेगी <br />लेकिन तरीका आपका नहीं चलेगा , तरीक़ा हमारा चलेगा ।<br />अच्छा भाभी हुजूर से पूछ लीजिएगा । अगर वे मेरे इज़्हारे नाराज़गी के तरीक़े को ग़लत बता दें तो फिर तरीक़ा भी आपका ही चलेगा ।DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-41450926973671929322010-12-12T02:46:55.054+05:302010-12-12T02:46:55.054+05:30This comment has been removed by a blog administrator.DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-75912691896802624312010-12-12T02:45:40.126+05:302010-12-12T02:45:40.126+05:30This comment has been removed by a blog administrator.DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-6932456325476036862010-12-12T02:44:42.777+05:302010-12-12T02:44:42.777+05:30पल-पल बदलते इस संसार में किसी व्यक्ति के जिस स्वरू...पल-पल बदलते इस संसार में किसी व्यक्ति के जिस स्वरूप का ज्ञान हमें इस समय हो रहा है, वह सही है,जो पहले था वो गलत है, यह कहने का दुस्साहस करना ही अपने आप में निरी अबौद्धिकता का द्योतक है.<br />वैसे दूसरी तरफ यह बात भी विचारने की है, कि यहाँ जो कहा जाता है वो सच होता है या फिर लोगों को निरा सच ही दिखता है, इसलिए झट से सच कह डालते है :)Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-8097559270737706602010-12-12T02:25:38.908+05:302010-12-12T02:25:38.908+05:30ऐसा तभी होता है जब हम लेख की जगह लेखक पर प्रतिक्रि...ऐसा तभी होता है जब हम लेख की जगह लेखक पर प्रतिक्रिया दे .<br />अब जब शुरुआत ही नासमझी से हो तो अंत तो ऐसा ही होगा न ,ABHISHEK MISHRAhttps://www.blogger.com/profile/08988588441157737049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-71698521937931403672010-12-12T02:12:44.901+05:302010-12-12T02:12:44.901+05:30सबसे पहले शुक्रिया कि आप हमारे मंच पर आये.
आप के ल...सबसे पहले शुक्रिया कि आप हमारे मंच पर आये.<br />आप के लिखने का अंदाज़ बहुत ही निराला है अपने ही बारे में कोई ऐसे लिखता है भला??:)<br />..यह शेर बहुत बढ़िया लगा ..साथ लिये जा रहे हैं -<br />तकल्लुफ़ से, तसन्नों से, अदाकारी से मिलते हैं,<br />हम अपने आप से भी बड़ी तैयारी से मिलते हैं।<br /><br />वाह! अनूप जी का भी जवाब नहीं!शेर का वज़न इस मौके पर चार गुना बढ़ गया.Creative Manchhttps://www.blogger.com/profile/06744589000725201971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-49814626972901283572010-12-12T01:56:50.590+05:302010-12-12T01:56:50.590+05:30फोटो के साथ मस्त बातें। सच में, पल-पल में बदल जाते...फोटो के साथ मस्त बातें। सच में, पल-पल में बदल जाते हैं नजरिए।रवि धवनhttps://www.blogger.com/profile/04969011339464008866noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-14044506146283043672010-12-12T00:38:33.709+05:302010-12-12T00:38:33.709+05:30मैंने तो पोस्ट के निचले सिरे से ऊपर की ओर गया!
(आग...मैंने तो पोस्ट के निचले सिरे से ऊपर की ओर गया!<br />(आगे कुछ कहने की ज़रूरत ही नहीं)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-27190113334679017002010-12-11T23:59:05.172+05:302010-12-11T23:59:05.172+05:30इधर हालिया २४-३६ घंटे का तो कोई सवालिया अनुभव नही...इधर हालिया २४-३६ घंटे का तो कोई सवालिया अनुभव नहीं हुआ :) , नहीं तो जो अंधे शुद्धतावादी ( जिनकी अंतिम खोल मजहबी होती है ) हैं वे खामखा का राग-अलाप जारी हो :) ! बहरहाल ... इसी से जुड़ी बात है , जो आपके पोस्ट से भी जुड़ती है , और वह है की कौन क्या कहता है यह कभी प्राथमिक न ही हो , क्योंकि सबके निष्कर्ष आग्रहों-दुराग्रहों के अपने कयास भर होते हैं . इसलिए अपने विवेक के उजाले में स्वयं को देखा जाय यही उत्तम है . 'अप्पो द्वीपो भव' ! आभार !Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-48972252804862128782010-12-11T23:41:23.162+05:302010-12-11T23:41:23.162+05:30बड़े महान लोग हैं। नौ दिन में भी सतीश सक्सेना की अस...बड़े महान लोग हैं। नौ दिन में भी सतीश सक्सेना की असलियत न पहचान पाये। सब इधर-उधर की बातें करते रहे। :)<br /><br />वैसे यह शेर पढ़ा जाये स्व.वली असी जी का:<br /><br /><b>तकल्लुफ़ से, तसन्नों से, अदाकारी से मिलते हैं,<br />हम अपने आप से भी बड़ी तैयारी से मिलते हैं।</b>अनूप शुक्लhttp://hindini.com/fursatiyanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-36422443198561097322010-12-11T23:33:01.299+05:302010-12-11T23:33:01.299+05:30सुशील भाई !
अब इतना बेकार आदमी भी नहीं हूँ मैं :-)...सुशील भाई !<br />अब इतना बेकार आदमी भी नहीं हूँ मैं :-)Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-14817276164595171482010-12-11T23:28:50.099+05:302010-12-11T23:28:50.099+05:30सतीषभाई,
ईमानदार सच तो ये है कि आपके लेख पर टिप्पण...सतीषभाई,<br />ईमानदार सच तो ये है कि आपके लेख पर टिप्पणी करने में भी मुझे डर लगने लगा है कि क्या पता कब मेरी कौनसी बेलाग बात आपको बुरी लग जावे ? आखिर हरफनमौला ही तो हूँ । फिर भी मजाक की बात को मजाक में ही स्वीकारने के लिये आपको धन्यवाद.Sushil Bakliwalhttps://www.blogger.com/profile/08655314038738415438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-33157137098314732502010-12-11T23:21:51.831+05:302010-12-11T23:21:51.831+05:30थैले पर हमारे नजरें टिकाईं आपने
और उसको बचाने के ल...थैले पर हमारे नजरें टिकाईं आपने<br />और उसको बचाने के लिए थैलियां<br />कई गवानी पड़ीं<br /><br />हम तो जांच नहीं बिठायेंगे<br />कोई पहचाने, मत पहचाने<br />माने या न माने<br />हम तो अपने साथ<br />सतीश भाई को ही बैठायेंगे<br />बैठाने से पहले<br />गले उनके पड़ जायेंगे।<br />क्योंकि<br /><a href="javascript:void(0);" rel="nofollow">अविनाश मूर्ख है</a>अविनाशhttps://www.blogger.com/profile/12528740302165333781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-57662982166123241512010-12-11T22:08:24.480+05:302010-12-11T22:08:24.480+05:30एक अर्ज मेरी भी...
चाय का कप और दारु की बोतल दोनों...एक अर्ज मेरी भी...<br />चाय का कप और दारु की बोतल दोनों एक साथ-<br />उसमें भी चाय के साथ झूम रहे हैं और बाटल के साथ पूरी गम्भीरता दिखा रहे हैं आप ?<br />तो गलतफहमियां तो स्वाभाविक तौर पर हो ही सकती है.Sushil Bakliwalhttps://www.blogger.com/profile/08655314038738415438noreply@blogger.com