tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post6884021428679707688..comments2024-03-27T14:44:27.129+05:30Comments on मेरे गीत !: ब्लोगवाणी संचालकों को एक पत्र , एक अनुरोध के साथ - सतीश सक्सेनाSatish Saxena http://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comBlogger103125tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-81055306270410510752010-12-22T10:58:31.787+05:302010-12-22T10:58:31.787+05:30मेरा पूरा समर्थन है.मेरा पूरा समर्थन है.muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-37166750388100198212010-12-22T08:17:36.171+05:302010-12-22T08:17:36.171+05:30सतीश जी, ब्लॉगवाणी से हमने पहले भी अपील की थी। मेल...सतीश जी, ब्लॉगवाणी से हमने पहले भी अपील की थी। मेल भी भेजा था और ब्लॉग पर भी। उन्होने कोई ध्यान नहीं दिया।<br /><br />हम आपके साथ हैं।ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-81088676416448202212010-12-21T15:14:39.345+05:302010-12-21T15:14:39.345+05:30सतीश जी,
ब्लोगवाणी से इतने सा...सतीश जी,<br /> ब्लोगवाणी से इतने सारे लोग आपके साथ आग्रह कर रहे हैं और उनके व्यक्तिगत कारण क्या हैं ये किसी को नहीं मालूम. विवाद तो उसके समय में बहुत उठा था. आरंभ हो जाये तो बहुत ही अच्छा है अन्यथा विकल्प भी सोचा जा सकता है. वैसे हम आपसे सहमत हैं.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-13077580127258913012010-12-21T13:49:28.129+05:302010-12-21T13:49:28.129+05:30सिरिल जी आपके जवाब से बहुत निराशा हुयी है। लेकिन ए...सिरिल जी आपके जवाब से बहुत निराशा हुयी है। लेकिन एक बार तो सोच कर देखें कि कितने शुभचिन्तक आपके साथ हैं किसी के किये की सजा आप हम जैसे लोगों को क्यों दे रहे हैं। प्लीज़ बेटा जी एक बार पुन: विचार करें। शायद सुहृदयता दिखाने के अवसर बार बार नही आते। अपनी वही निस्वार्थ सेवा की भावना को फिर से निस्वार्थ भाव से हिन्दी और ब्लागजगत के भले के लिये दोबारा जगायें। क्या आप सुन रहे हैं हमारी आवाज़? मैथिली जी सुइरिल अपनी जगह सही हैं लेकिन हर बात का कोई न कोई हल तो होता है। कृप्या आप सिरिल को मनायें। धन्यवाद। सतीश जी धन्यवाद आपना प्रयास तब तक चालू रखें जब तक सिरिल जी और मैथिली जी मान नही जाते। मेरी आशायें अभी तक भी बनी हुयी हैं। शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-12424252968929281172010-12-20T12:56:19.866+05:302010-12-20T12:56:19.866+05:30आदरणीय सतीशजी
सिरिल साहब के इं...आदरणीय सतीशजी<br /> सिरिल साहब के इंकार के बाद जो सुझाव पाबला साहब ने दिया है, वह निश्चय ही अमल करने योग्य है. कोई भी एग्रीगेटर<br /> जन्म के साथ ही विश्वसनीयता लेकर नहीं आता , उसे काम के द्वारा पैदा करना होता है. आप आत्मविश्वास जगाएं . आप एक ईमानदार और समर्पित व्यक्ति हैं. आपके कर्म से विश्वसनीयता पैदा नहीं होगी तो कहाँ से होगी ?matukjulihttps://www.blogger.com/profile/08188417915951811081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-71973252065117453612010-12-20T10:39:33.300+05:302010-12-20T10:39:33.300+05:30यही दर्द संभवतः सबका ही है। आहत होकर भी ऊर्जान्वित...यही दर्द संभवतः सबका ही है। आहत होकर भी ऊर्जान्वित कार्य करना बहुत कठिन है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-60585342295242582262010-12-20T08:16:25.868+05:302010-12-20T08:16:25.868+05:30@ विष्णु बैरागी,
भाई जी हो सके तो आप अपने प्रभाव क...@ विष्णु बैरागी,<br />भाई जी हो सके तो आप अपने प्रभाव का उपयोग कर ब्लोगवाणी को मनाने का प्रयत्न करें, मेरी तरफ से जो सहयोग आप कहेंगे आपको मिलेगा ! <br />सादर <br /><br /><b>@ डॉ अमर कुमार ,<br />आपके स्वास्थय के लिए चिंतित हूँ ...हमें आपके स्नेह की जरूरत है !<br />शुभकामनाओं सहित <br />सादर</b><br /><br />@ अजय कुमार झा ,<br />कृपया आप अपने प्रभाव का उपयोग करें इससे नए ब्लागर को बहुत फायदा होगा !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-14951957917828351742010-12-19T20:54:16.105+05:302010-12-19T20:54:16.105+05:30हम भी इस अपील में आपके साथ हैंहम भी इस अपील में आपके साथ हैंसुरेश शर्मा . कार्टूनिस्टhttps://www.blogger.com/profile/01408227845041416401noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-71376955605813348222010-12-19T19:34:34.824+05:302010-12-19T19:34:34.824+05:30ब्लॉगवाणी को वापस लाना किसी पंगेबाज ब्लॉगर से ही स...ब्लॉगवाणी को वापस लाना किसी पंगेबाज ब्लॉगर से ही संभव है ...कमाल है कि कोई उन्हें क्यों नहीं कह रहा है ?? नाम छुपा है जान लें ...वैसे मैं भी ब्लॉगवाणी के नाम एक प्रेम पत्र लिखने ही वाला हूं ..आखिर जब लैला ही रुठ बैठी हो तो ..मजनूं की मजनुयई का क्या फ़ायदा महाराजअजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-23261241957786708072010-12-19T16:59:32.671+05:302010-12-19T16:59:32.671+05:30Wow Satish Bhaiya,
I read your mail today only, a...<i><br />Wow Satish Bhaiya, <br />I read your mail today only, after recovering a lot from a crisis.<br />I was the first man to offer my proposal in the likewise manner to The Gupt Duo, I could understand their grief of parting with their dream project.<br />I took interest and suggested some modifications in Blogprahari,he kindly honored them too... but He was taken for ride, rather lured for a ride by few stalwarts and he Gone Gudum, the fellow kanishk Kashyap !<br /><br />I own my personal website AMARHINDI and some technical resources too, So I planned an agregater in detail with Kush... BUT THE IRONY OF THE SCENARIO IS A BITTER TRUTH that we need a segregator not an agregater... <br />who can categorically sort out the region, topic, and GUTwise ;)Posts.<br /><br />Sorry for such an inexpressive english.. but chalega, I am already being moderated in this Cancer Ward !<br /></i>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-3093779855105293832010-12-19T15:07:00.409+05:302010-12-19T15:07:00.409+05:30ब्लाग जगत की कथाओं, अन्तर्कथाअें की कोई जानकारी ...ब्लाग जगत की कथाओं, अन्तर्कथाअें की कोई जानकारी मुझे नहीं है। मैं तो ब्लॉग के बारे में भी कुछ नहीं जानता।<br /><br />ब्लॉग मुझे खुद को व्यक्त करने की अकल्पनीय सुविधा उपलब्ध करा रहा है। यह मुझे नई पहचान और नए सम्पर्क दे रहा है। मेरी दुनिया दिन प्रति दिन बडी होती जा रही है ब्लॉग के कारण।<br /><br />इस सबमें ब्लॉगवाणी मेरे लिए बहुत बडा कृपापूर्ण माध्यम रही है। मैथिलजी तो व्यक्तिगत रूप से मेरी चिन्ता करते रहे हैं।<br /><br />मैं ब्लॉगवाणाी को फिर से, पहले से अधिक सशक्त स्वरूप में देखना चाहूँगा और इस अभ्यिान का असंदिग्ध, सुस्पष्ट समर्थन करता हूँ।<br /><br />मुझे नहीं पता कि मैं कितना उपयोगी और सहायक हो सकता हूँ। किन्तु अपनी क्षमता और हैसियत से अधिक योगदान करने में मुझे आत्म सन्तोष और आत्मीय प्रसन्न्ता होगी।<br /><br />मेरे योग्य काम काज बताइए। मैं हाजिर हूँ। बिना शर्त। बिना किसी किन्तु-परन्तु के।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-89559488934006640842010-12-19T13:02:08.950+05:302010-12-19T13:02:08.950+05:30सतीश जी,
आपका सार्थक प्रयास वन्दनीय है ! मैं इसके...सतीश जी,<br />आपका सार्थक प्रयास वन्दनीय है ! मैं इसके समर्थन के साथ साथ आपको हर प्रकार के सहयोग का आश्वासन भी देता हूँ !<br />-ज्ञानचंद मर्मज्ञज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-65312773902314848352010-12-19T12:37:36.589+05:302010-12-19T12:37:36.589+05:30सतीश जी,
आपका सार्थक प्रयास वन्दनीय है ! मैं इसके...सतीश जी,<br />आपका सार्थक प्रयास वन्दनीय है ! मैं इसके समर्थन के साथ साथ आपको हर प्रकार के सहयोग का आश्वासन भी देता हूँ !<br />-ज्ञानचंद मर्मज्ञज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-69732206173989859882010-12-19T12:26:47.593+05:302010-12-19T12:26:47.593+05:30सिरिल जी
असहमत हूं
जिसमें हिम्मत हो वो आगे आये को...सिरिल जी<br />असहमत हूं <br />जिसमें हिम्मत हो वो आगे आये कोई रोक कहां रहा है आप वापस चालू कीजिये सशुल्क हम लोग तैयार हैं हिन्दी की का भला हो. <br />आप उनको क्यों देख रहे हैं जो आपको कुछ कह रहे है नकारात्मक रूप से उससे ज़्यादा तो सकारात्मक लोग हैं आपके साथबाल भवन जबलपुर https://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-22747852072616410022010-12-19T12:09:02.421+05:302010-12-19T12:09:02.421+05:30क्या ब्लोगिंग हमेशा रहेगी ?
गूगल की जमीं पर हैं...क्या ब्लोगिंग हमेशा रहेगी ?<br />गूगल की जमीं पर हैं फ्री मे सब ब्लॉग कुछ को छोड़ कर जिनके अपने डोमेन हैं .<br />क्या कोई ये भरोसा दिला सकता हैं कि गूगल कभी फेल नहीं होगा यानि ब्लॉग को अमरत्व प्राप्त है ??<br />अगर कल ऐसा हुआ तो इस पैसा का क्या ?? ये तो नष्ट हुआ समझिये<br />किसी जगह छात्रवृति देने के काम मे डाल दीजिये , देश को २ सशक्त हाथ और एक दिमाग मिल जायेगा<br /><br />ब्लॉग से कमायी होगी प्रवीण कि टीप कहती हैं , तो अगर मुझ वो कमाई नहीं चाहिये तो फिर मुझ पैसा नहीं देना होगा ??<br /><br />संचालक तभी कारगर होगा जब किसी मे पेशन होगा सबके लिखे को आगे बढाने का और लिखने वालो के अनुसार सुविधा देने का .<br /><br /> संचालक के बिना भी नारी ब्लॉग पर पिछले माह ६००० से ऊपर पाठक आये हैं . हम तो इतने से ही खुश हैं !!! पैसा कमाने के लिये तो पढ़ा लिखा हैं और उस पढने लिखने से जीविका के लिये पैसा मिल ही रहा हैं .<br /><br />संचालक से पढ़ने कि सुविधा के अलावा कोई ख़ास लाभ नहीं लगा था और अभी भी नहीं लगता .<br /><br /> सिरिल ने अपना पक्ष रख दिया .<br />मुन्ना भाई स्टाइल गाँधी गिरी करिये एक दिन सब ब्लॉग पर केवल और केवल एक ही पोस्ट हो<br /><br />ब्लोगवाणी वापस आओ<br />वापस तुमको आना होगा<br /><br />एक जुटता का प्रमाण तो दीजिये फिर आगे कि सोचियेरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-27887042994978867622010-12-19T12:04:42.887+05:302010-12-19T12:04:42.887+05:30@पाबला जी ,
गुस्सा तो आपको भी कम नहीं आता ...
मेरा...<b>@पाबला जी ,<br />गुस्सा तो आपको भी कम नहीं आता ...<br />मेरा विचार है कि सेवादारो को गुस्से का कोई अधिकार नहीं सरदार और गुस्से के साथ काम करने वाला कैसा सेवादार ?? आशा है ध्यान देने कि कृपा करोगे यहाँ अच्छे दिल वालों कि बहुत जरूरत है !! </b>Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-18689105968510281062010-12-19T11:50:48.601+05:302010-12-19T11:50:48.601+05:30@ वंदना जी ,
आभारी हूँ , देर से आयीं मगर सबसे अधिक...@ वंदना जी ,<br />आभारी हूँ , देर से आयीं मगर सबसे अधिक भेंट आप ही लायीं हो ....अल्पना मैम से डांट खा चूका हूँ ! २७ वां और ३५ वां कमेन्ट देखिये ...Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-21478259705636641362010-12-19T11:46:43.665+05:302010-12-19T11:46:43.665+05:30@ अविनाश वाचस्पति ,
आपके प्यार से प्रभावित हूँ यार...@ अविनाश वाचस्पति ,<br />आपके प्यार से प्रभावित हूँ यार मगर नाम भी उसका जो नाम और काम दोनों से निरर्थक है ! नाम ही रखना है तो इस बार अविनाशी रखो यार ! <br />सस्नेहSatish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-61315574279313863992010-12-19T10:47:56.427+05:302010-12-19T10:47:56.427+05:30अरे वाह !
मन प्रसन्न हुआ
इतनी सारी टिप्पणियां
और...अरे वाह !<br />मन प्रसन्न हुआ<br />इतनी सारी टिप्पणियां<br />और सब की सब सकारात्मक<br /><br />पाबला जी सही कह रहे हैं<br />एक नया एग्रीगेटर आरंभ किया जाये<br />नाम मैं बतला देता हूं<br />जिसमें ईश का वास है<br />सत जिसके साथ है<br />सतीशवाणी<br />आपको यह नाम अच्छा लगता है<br />मुझे तो बहुत फबता है<br /><br />सच्चाई और ईश<br />वैसे हमारीवाणी भी सतीशवाणी ही है<br />खुशदीप जी बतला रहे हैं<br />मैंने भी अब अनुभव से पाया है<br />अच्छा कार्य कर रही है<br />और जो सुधार यहां सुझाए गए हैं<br />वे सब वहां पर पहले से ही सुधरे पाए गए हैं<br /><br />अब इतनी वकालत कर रहा हूं<br />हमारीवाणी की तो<br />मेरी मत समझ लेना<br />हम सबकी है<br />हम सबकी रहेगी<br />चलो उनके मालिक को ढूंढ़ते हैं<br /><br />पर जरूरत क्या है<br />अगर वे सही काम कर रहे हैं<br />तो परदे के पीछे से ही करते रहें<br />आप पोस्टें लगाते रहें<br />और टिप्पणियां पाते रहें<br /><br />आओ सतीशवाणी बनायें<br />हिन्दी ब्लॉग जगत को<br />सत और ईश की आवाज का <br />मधुर स्नेह संबल बनायें<br /><br /><a href="javascript:void(0);" rel="nofollow">हिन्दी ब्लॉगिंग में टेढ़ापन नहीं है : सीधे सीधे कह रहे हैं पाबला जी </a>अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-20761118815930528072010-12-19T10:42:22.028+05:302010-12-19T10:42:22.028+05:30मुफ्त में काम करने के बावजूद जली कटी कोई भी सुनना ...<i>मुफ्त में काम करने के बावजूद जली कटी कोई भी सुनना नहीं चाहता! यही ब्लॉग जगत की त्रासदी है!</i><br /><br />सतीश जी!!<b>???</b>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-68933601974827753142010-12-19T09:10:22.494+05:302010-12-19T09:10:22.494+05:30सतीश जी आपका प्रयास सराहनीय है । और नये एग्रीगेटर ...सतीश जी आपका प्रयास सराहनीय है । और नये एग्रीगेटर का विचार भी अच्छा है । वैसे आप सभी दिग्गजों के आगे तो हम बह्त छोए ही है , मगर यदि आपके प्रयासो को आगे बढाने मे किसी भी तरह सहयोग के योग्य हमे समझे तो जरूर बताइयेगा । मुझे बहुत प्रसन्नता होगी ।<br /><br />सागर बूँद बूँद से ही बनता है <br />चिंगारी ही शोला बनती है <br />मजबूत इरादे और नेक जज्बों को <br />खुदा की दुआये खुद ही मिलती हैpalashhttps://www.blogger.com/profile/09020412180834601052noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-43807781815517649852010-12-19T08:17:48.648+05:302010-12-19T08:17:48.648+05:30सतीश जी...
आपके जज्बे को सलामसतीश जी...<br />आपके जज्बे को सलामराजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-53852270675318875572010-12-19T06:35:29.933+05:302010-12-19T06:35:29.933+05:30ब्लॉगवाणी संचालकों की व्यथा उचित ही है... लेकिन अभ...ब्लॉगवाणी संचालकों की व्यथा उचित ही है... लेकिन अभी तक ब्लॉगवाणी पूर्णतः समाप्त नहीं हुई है इस लिए संभावनाएँ समाप्त नहीं हुई हैं... अब सिरिल जी को चाहिए कि जो हुआ सो हुआ ... आवश्यक सुधारों के साथ ब्लॉगवाणी को चालू करें ... नहीं ही करने का फैसला कर लिया है तो वो उनका व्यक्तिगत मामला हो सकता है... ऐसे में मै पाबला जी से पूर्णतः सहमत हूँ. अगर दो व्यक्ति इतना बड़ा एग्रीगेटर खड़ा कर सकते हैं तो कई लोग एक साथ मिल कर इससे बेहतर विकल्प की तलाश कर सकते हैं ऐसा विश्वास है...<br />श्रेयस्कर यही है कि ब्लॉगवाणी दुबारा चालू होपद्म सिंहhttp://padmsingh.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-44917603768754630212010-12-19T06:05:42.744+05:302010-12-19T06:05:42.744+05:30सतीश जी, सर्वप्रथम प्रणाम स्वीकार करें. आपके इस सद...सतीश जी, सर्वप्रथम प्रणाम स्वीकार करें. आपके इस सद्प्रयास में सहयोगी बन सकूं तो मुझे प्रसन्नता होगी. मेरे योग्य कोई सेवा हो तो आदेश देने में संकोच न करें. ब्लॉगवाणी को पुर्जीवित करने की बात है, यहां किसी भी प्रकार के सुझाव या शिकायतों के लिये कोई स्थान नहीं होना चाहिये. टिप्पणीकार यह समझ लें तो अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी के लिये अच्छा रहेगा.<br />धन्यवाद सहित.<br />डा.सन्तोष गौड़ राष्ट्रप्रेमीडा.संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमीhttps://www.blogger.com/profile/01543979454501911329noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-37337302025045940172010-12-19T00:08:24.711+05:302010-12-19T00:08:24.711+05:30इन्डली, ब्लॉग प्रहरी, हमारीवाणी भी अपना काम अच्छे ...इन्डली, ब्लॉग प्रहरी, हमारीवाणी भी अपना काम अच्छे से कर रहे हैं..<br /><br />क्या यह सही है? अगर हाँ तो नए पे पैसे क्यों बर्बाद किये जाएं?एस एम् मासूमhttps://www.blogger.com/profile/02575970491265356952noreply@blogger.com