tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post7934091392541927350..comments2024-03-27T14:44:27.129+05:30Comments on मेरे गीत !: प्रेम अभिव्यक्ति कराता कौन ? -सतीश सक्सेनाSatish Saxena http://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comBlogger59125tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-46136694640920288402012-08-28T08:46:02.877+05:302012-08-28T08:46:02.877+05:30बहुत सुंदर रचना है
प्रश्न के उत्तर चाह रहे हैं
ऊप...बहुत सुंदर रचना है <br />प्रश्न के उत्तर चाह रहे हैं<br />ऊपर भी वही तो <br />चल रहा है जिस तरह<br />नीचे मनमोहन मौन क्यों हैं <br />नहीं बता रहे हैं !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-32725923341115108242012-05-02T15:16:11.650+05:302012-05-02T15:16:11.650+05:30dhanyavad sir jidhanyavad sir jiअनुराग चन्देरीhttps://www.blogger.com/profile/09900394605712071180noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-25874856748436713932012-04-16T02:46:54.563+05:302012-04-16T02:46:54.563+05:30देख कर उगता पूरा चाँद , कल्पना शक्ति बढाता कौन ?
च...देख कर उगता पूरा चाँद , कल्पना शक्ति बढाता कौन ?<br />चाँद को देख ह्रदय में कवि के,मीठे भाव जगाता कौन ?<br /><br /><br />बहुत सुन्दर रचना... शुभकामनायें <br /><br />:)Meenakshi Mishra Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/03793674228491687368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-20319084906611315322012-04-13T08:42:18.609+05:302012-04-13T08:42:18.609+05:30देख कर उगता पूरा चाँद , कल्पना शक्ति बढाता कौन ?
च...देख कर उगता पूरा चाँद , कल्पना शक्ति बढाता कौन ?<br />चाँद को देख ह्रदय में कवि के,मीठे भाव जगाता कौन ?<br />खुबसूरत शब्दों से सुसज्जित आपके गीत ....और यह सश्यश्यामला वसुंधरा, <br />सच ! कितनी खुबसूरत है यह दुनियां......और कितनी सुंदर है उपरोक्त अभिव्यक्ति.............?आभार ........पी.एस .भाकुनीhttps://www.blogger.com/profile/10948751292722131939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-77659288893350825572012-04-13T08:13:03.477+05:302012-04-13T08:13:03.477+05:30प्यारा है ये प्रेम गीत.प्यारा है ये प्रेम गीत.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-50410826028044644602012-04-13T05:55:48.374+05:302012-04-13T05:55:48.374+05:30सुंदर सुंदर मनभावन पंक्तियाँ आपसे लिखवाता है कौन?सुंदर सुंदर मनभावन पंक्तियाँ आपसे लिखवाता है कौन?सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-90047454250488422722012-04-12T18:40:03.611+05:302012-04-12T18:40:03.611+05:30प्यारा गीत है। समय का अभाव है वरना अंतिम बंद पढ़कर...प्यारा गीत है। समय का अभाव है वरना अंतिम बंद पढ़कर तो ताल से ताल मिलाना चाहिए था। आनंद आ गया।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-52523966219345513772012-04-12T15:25:00.053+05:302012-04-12T15:25:00.053+05:30सतीश भाई ,
आपके कहे अनुसार आनंद लेते हुए लिख रहा थ...सतीश भाई ,<br />आपके कहे अनुसार आनंद लेते हुए लिख रहा था पर समय इजाजत नहीं दे रहा इसलिए फिलहाल इतना ही ... आगे वैसे भी चिड़ियों / कवि / चांद / अमावस जैसे हालात के पार लगते ही नाजुक कटि प्रदेश और उसके निकट फिसलन भरी वादियां हैं :)<br /><br />बाहर जो शीतल पवन बहे <br />बादल चहुँ ओर उमड़ते हों <br />हर सू देखूं हरियाली तो <br />तब कुदरत से कह बैठूं मैं <br />मेरे अंदर कब आओगी ?<br /><br />छलछल कर जो जलधार बहे <br />ऊंचे हिम गिरी की छाती से <br />फल लदे वृक्ष की टहनी जब <br />धरती चूमें , जमकर झूमे <br />कुछ पुष्प धरा पर बिखरे हों <br />तब कुदरत से कह बैठूं मैं <br />मेरे अंदर कब आओगी ?उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-84011869926216043862012-04-12T10:42:27.431+05:302012-04-12T10:42:27.431+05:30अमावस की काली रातें ,
ह्रदय में भय उपजाती क्यों ?
...अमावस की काली रातें ,<br />ह्रदय में भय उपजाती क्यों ?<br />चाँदनी की शीतल रातें<br />प्रेमियों को भाती हैं क्योंwaah .......bahut badhiya ...<br /><br />Read more: http://satish-saxena.blogspot.com/#ixzz1rnf47opSDr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-26814451179506672642012-04-11T20:26:18.508+05:302012-04-11T20:26:18.508+05:30अब समझ में आया कि कल से घटाओं ने आपकी छत के ऊपर क्...अब समझ में आया कि कल से घटाओं ने आपकी छत के ऊपर क्यों डेरा जमाया हुआ है!! भीग गए हम तो आपके गीत की फुहार में!! आनंद!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-2555460710153409062012-04-11T20:24:28.588+05:302012-04-11T20:24:28.588+05:30ये सब खुराफात तो कामदेव ही कर सकते हैं -और कौन करे...ये सब खुराफात तो कामदेव ही कर सकते हैं -और कौन करेगा ?<br />रोमांटिक कविता, लालित्य भरी ,श्रृंगार परिपूरितArvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-77903969587402089442012-04-11T19:03:33.309+05:302012-04-11T19:03:33.309+05:30ले लिया आनंद! शुभकामनायें!ले लिया आनंद! शुभकामनायें!अनूप शुक्लhttp://hindini.com/fursatiyanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-17207572659572597742012-04-11T16:09:33.485+05:302012-04-11T16:09:33.485+05:30आपके शब्द प्रोत्साहन हैं मदन भाई ...आपके शब्द प्रोत्साहन हैं मदन भाई ...Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-57957700330008006412012-04-11T16:06:13.332+05:302012-04-11T16:06:13.332+05:30आपके शब्द प्रोत्साहन हैं मेरे लिए ....आपके शब्द प्रोत्साहन हैं मेरे लिए ....Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-6959763824759317842012-04-11T16:05:32.248+05:302012-04-11T16:05:32.248+05:30आभार आपका ....आभार आपका ....Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-24444616710683492592012-04-11T16:05:02.088+05:302012-04-11T16:05:02.088+05:30आभार आपका ....आभार आपका ....Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-60954223731543116202012-04-11T16:03:29.414+05:302012-04-11T16:03:29.414+05:30शुक्रिया अजीत जी ....
शुभकामनायें आपको !शुक्रिया अजीत जी ....<br />शुभकामनायें आपको !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-24941097012772533002012-04-11T16:00:58.350+05:302012-04-11T16:00:58.350+05:30वाह ...बहुत ही बढिया।वाह ...बहुत ही बढिया।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-35668790446472927282012-04-11T15:59:14.579+05:302012-04-11T15:59:14.579+05:30शुक्रिया रविकर भाई ...
आपके कमेन्ट लाजवाब हैं , इस...शुक्रिया रविकर भाई ...<br />आपके कमेन्ट लाजवाब हैं , इससे रचना की सुन्दरता में चार चन लगते हैं !<br />शुभकामनायें !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-69305991653068697092012-04-11T15:56:06.908+05:302012-04-11T15:56:06.908+05:30आपका स्वागत है सुज्ञ जी....आपका स्वागत है सुज्ञ जी....Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-38091625933264321632012-04-11T15:50:59.582+05:302012-04-11T15:50:59.582+05:30यह समस्या भी खूब याद दिलाई.... :-)
शुभकामनायें वीर...यह समस्या भी खूब याद दिलाई.... :-)<br />शुभकामनायें वीरू भाईSatish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-54558841742319801612012-04-11T15:49:15.999+05:302012-04-11T15:49:15.999+05:30यह गीत और यह आवाज अमर रहेगी ...यह गीत और यह आवाज अमर रहेगी ...Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-25779499363322965222012-04-11T15:46:05.520+05:302012-04-11T15:46:05.520+05:30मेरे गीत पर आपका स्वागत है अनुराग भाई !
शुभकामनाय...मेरे गीत पर आपका स्वागत है अनुराग भाई ! <br />शुभकामनायें !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-69338188113569055912012-04-11T15:29:33.937+05:302012-04-11T15:29:33.937+05:30भाई सतीश जी नमस्ते ! जी हां यही सब तो है जिससे हमे...भाई सतीश जी नमस्ते ! जी हां यही सब तो है जिससे हमें हर पल अहसास होता है की इश्वर है... <br />आज इस सेकुलर वाद के युग में बहुत सही सोच को गंभीरता पूर्वक प्रदर्शित किया है आपने ...<br />आपकी इस रचना को पढ़ कर मुकेश जी द्वारा गया गीत याद आ गया .....हरी भरी वसुंधरा नीला नीला ये गगन .......ये किसने फुल बिखेर के किया श्रृंगार है ....वो कौन चित्रकार है वो कौन चित्रकार ......आभार आपकामदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-18602874294478094722012-04-11T14:48:04.167+05:302012-04-11T14:48:04.167+05:30कौन???...सदियों से उठने वाले इस प्रश्न का उत्तर प्...कौन???...सदियों से उठने वाले इस प्रश्न का उत्तर प्रकृति है, ईश्वर है, अनुभूति है या फिर से वही प्रश्न..आखिर कौन???.ऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.com