tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post8744819685485709802..comments2024-03-27T14:44:27.129+05:30Comments on मेरे गीत !: पापा के कन्धों पर चढ़कर, हमने रावण गिरते देखा - सतीश सक्सेना Satish Saxena http://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-27387530667928720432015-02-12T11:22:47.615+05:302015-02-12T11:22:47.615+05:30शुक्रिया विवेक , आभारी हूँ इतने अच्छे कमेंट के लिए...शुक्रिया विवेक , आभारी हूँ इतने अच्छे कमेंट के लिए !<br />सच यही है कि पिता के लिए हिंदी ने बहुत काम अनुराग दिखाया है , यह मुझे बहुत खटकती थी ! स्वप्न गीत पर सबसे पहले उन्हें याद किया था <br />मैंने … <br />अक्सर पेन पेन्सिल लेकर<br />माँ कैसी थी ?चित्र बनाते,<br />पापा इतना याद न आते<br />पर जब आते, खूब रुलाते !<br />उनके गले में, बाहें डाले , खूब झूलते , मेरे गीत !<br />पिता की उंगली पकडे पकडे,चलाना सीखे मेरे गीत !<br /><br />पिता में बेटा शक्ति ढूंढता <br />उनके जैसा कोई न देखा !<br />भय के अंधकार के आगे <br />उसने उनको लड़ते देखा ! <br />वह स्वरुप,वह शक्ति देखकर,बचपन से ही था निर्भीक !<br />शक्ति पुरुष थे , पिता हमेशा, उन्हें समर्पित मेरे गीत !<br /><br />रामरूप कुछ विद्रोही थे , <br />चाहे कुछ हो,सर न झुकाएं<br />कुछ ऐसा कर पायें जिससे<br />घर में उत्सव रोज मनाएं !<br />सदा उद्यमी, जीवन उनका,रूचि रहस्यमय,निर्जन गीत !<br />कभी कभी मेरे जीवन में,वे खुद ही,लिख जाते गीत !<br /><br />शक्ति पिता से पायी मैंने,<br />करुणा , आई माता से !<br />कोई कष्ट न पाए मुझसे ,<br />यह वर मिला विधाता से !<br />खाली हाथों आया था मैं , भर के गगरी , छोड़े गीत !<br />प्यासे पक्षी,बया,चिरैयाँ,सबकी प्यास बुझायें गीत !<br />http://satishsaxena.blogspot.in/search?updated-max=2013-02-09T20:05:00%2B05:30<br /><br />एक गीत और है शायद आप पसंद करोगे <br />http://satish-saxena.blogspot.in/2014/02/blog-post_16.htmlSatish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-65602882475950935492015-02-12T10:59:31.490+05:302015-02-12T10:59:31.490+05:30साहित्य उपेक्षित पिता के लिए ऐसी आदरांजलि के लिए म...साहित्य उपेक्षित पिता के लिए ऐसी आदरांजलि के लिए मन व्याकुल था आपकी प्रतिभा ने उसे तृप्त किया।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/00793579729103136199noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-67051428329489466722015-02-01T23:29:46.092+05:302015-02-01T23:29:46.092+05:30लाजवाब। ये अभिव्यक्ति आपके ही बस की बात है। लाजवाब। ये अभिव्यक्ति आपके ही बस की बात है। Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-72774238892487941382015-02-01T22:24:22.799+05:302015-02-01T22:24:22.799+05:30सच कहा है पिता शक्तिपुरुष ही है अपने बिटिया के व्य...सच कहा है पिता शक्तिपुरुष ही है अपने बिटिया के व्यक्तित्व विकास में बहुत बड़ा सहयोग उनका ही होता है बचपन से लेकर बड़े होने तक ! उनके छत्रछाया में महफूज होने का अहसास होता है ! हमारे गांव में तब शिक्षा की कोई सुविधा नहीं थी फिर भी मेरे पिता जी ने दूसरे शहर में रखकर हम बहनों को पढ़ाया लिखाया मुझे गर्व है अपने पिता पर क्योंकि लड़कियों को तब दूसरे शहर रखकर padhana यह बहुत बड़ी बात थी ! अनायास अंतिम पंक्तिया पढ़कर मन भर आया जाने वाले वापिस तो नहीं लौटते लेकिन उनकी ऊर्जा को हमेशा मेरे आस पास महसूस करती हूँ ! बहुत प्यारी लगी रचना और दोनों तस्वीरें भी !Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-59157832252345362152015-02-01T16:26:33.371+05:302015-02-01T16:26:33.371+05:30पिता पुत्री का सम्बन्ध बस वो दोनों ही समझ सकते हैं...पिता पुत्री का सम्बन्ध बस वो दोनों ही समझ सकते हैं ... दोनों को एक दूजे पे गर्व होता रहता है ... <br />बहुरत ही प्यारी रचना ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-48781365898510379392015-02-01T14:12:48.130+05:302015-02-01T14:12:48.130+05:30this is called Father Power...this is called Father Power...Vaanbhatthttps://www.blogger.com/profile/12696036905764868427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-38919345675002905372015-02-01T02:01:23.173+05:302015-02-01T02:01:23.173+05:30bahut hi sundarbahut hi sundarpalashhttps://www.blogger.com/profile/09020412180834601052noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-29923513465789183612015-01-31T23:54:16.694+05:302015-01-31T23:54:16.694+05:30Waah Satish Sir..Waaah! Kamal!Waah Satish Sir..Waaah! Kamal!Rahul Paliwalhttps://www.blogger.com/profile/10172932105201007746noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-29484812501446563972015-01-31T22:39:13.968+05:302015-01-31T22:39:13.968+05:30एक बेटी के लिये उसके पापा प्यार का पर्याय,गर्व होत...एक बेटी के लिये उसके पापा प्यार का पर्याय,गर्व होते हैं। उनसे जुदा होना जिंदगी से शायद बिछड़ना होता है ---बेहद खूबसूरत रचना,आँखे भिंगो गई ---बधाई Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/08486476255134733859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-66611618451499934152015-01-31T20:35:13.391+05:302015-01-31T20:35:13.391+05:30बहुत ही प्यारी कविता। बाप बेटी के रिश्ते की सवें...बहुत ही प्यारी कविता। बाप बेटी के रिश्ते की सवेंदनाएं उभारने के लिए आभार।<br />http://natkhatkahani.blogspot.comकहकशां खानhttp://natkhatkahani.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-33405623710650043562015-01-31T11:22:18.437+05:302015-01-31T11:22:18.437+05:30इस कविता के माध्यम से कितने संदेश एक साथ प्रेषित ह...इस कविता के माध्यम से कितने संदेश एक साथ प्रेषित होते हैं, उन अजन्मा शिशु कन्याओं की रूहें जैसे अपने दिल का दर्द बाँट रही है और वे भाग्यशालिनी बेटियां जिन्हें पिता की गोद नसीब हुई अपना सुख...दिल को छूती हुई पंक्तियाँ... Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-3003988725147222862015-01-31T09:11:06.537+05:302015-01-31T09:11:06.537+05:30भावभरी अभिव्यक्ति भावभरी अभिव्यक्ति डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-84934068591747551202015-01-30T22:15:39.908+05:302015-01-30T22:15:39.908+05:30वाह बहुत सुंदर ।वाह बहुत सुंदर ।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.com