tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post8853638958647931888..comments2024-03-27T14:44:27.129+05:30Comments on मेरे गीत !: यह स्थल निस्संदेह देव रहित हैं -सतीश सक्सेनाSatish Saxena http://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comBlogger34125tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-81225198889211539122010-12-08T23:46:23.897+05:302010-12-08T23:46:23.897+05:30बिना निवेश भारी रिर्टन देने वाला धंधा
अनेक शहरो...बिना निवेश भारी रिर्टन देने वाला धंधा<br /> <br />अनेक शहरों में मंदिर के नाम पर जमीन पर कब्जा करना भू माफियाओं का धंधा बन गया है। इसके लिए उन्होंने बड़े-बड़े गिरोह बना रखे हैं। अपनी योजना को मूर्तरूप देने के लिए वे पहले शहर के बाहर अविकसित इलाके में नदी-नाले के किनारे, चौराहों के पास, पीपल, बरगद आदि छायादार वृक्षों के निकट की जमीन को बिना उसका मूल्य चुकाए कब्ज़िया लेते हैं। और प्रतीक रूप मे मंदिर बना देते हैं। सरकारी अमला सब कुछ जानते हुए आँखे बंद किए रहता है। अविकसित क्षेत्र जब विकसित हो जाता है तो उस जमीन को व्यावसायिक उपयोग करने वालों को सौंप कर गिरोह का यह दस्ता नई भूमि की टोह में आगे बढ़ जाता हैं। धर्म की आड़ में जमीन हथियाना बिना निवेश भारी रिर्टन देने वाला धंधा है।डॉ० डंडा लखनवीhttps://www.blogger.com/profile/14536866583084833513noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-87256354850100529232010-12-06T19:16:58.375+05:302010-12-06T19:16:58.375+05:30बहुत सही कहा आपने. और ऐसी जगहों पर बहुत ही सावधानी...बहुत सही कहा आपने. और ऐसी जगहों पर बहुत ही सावधानी बरतनी चाहिए<br />बहुत दिनों बाद आपके ब्लॉग पार आना हुआसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-84954049060498240782010-12-06T11:07:20.785+05:302010-12-06T11:07:20.785+05:30एक ओंकार सतनाम !एक ओंकार सतनाम !सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-60145952825306319902010-12-06T08:19:33.003+05:302010-12-06T08:19:33.003+05:30हमारे तीर्थ स्थल धीरे धीरे सिर्फ पर्यटनस्थल बनते ...हमारे तीर्थ स्थल धीरे धीरे सिर्फ पर्यटनस्थल बनते जा रहे हैं ...<br />पंडों की छीना झपटी श्रद्धा पर प्रश्नचिन्ह लगाती ही है !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/10839893825216031973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-61343148113617766252010-12-05T23:00:05.553+05:302010-12-05T23:00:05.553+05:30सच ही कहा है सतीश जी ज्यादा तर जगहों पर यही हाल है...सच ही कहा है सतीश जी ज्यादा तर जगहों पर यही हाल हैरचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-80571894280332081252010-12-05T22:49:08.010+05:302010-12-05T22:49:08.010+05:30आप क्यों ताऊओं की दुकानदारी चौपट करने पर तुले हैं?...आप क्यों ताऊओं की दुकानदारी चौपट करने पर तुले हैं?:)<br /><br />रामरामताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-6421106467452753792010-12-05T22:45:59.767+05:302010-12-05T22:45:59.767+05:30लगता है विवश होकर, आराध्य देव अपना मंदिर, इन्हें स...लगता है विवश होकर, आराध्य देव अपना मंदिर, इन्हें सौंप खुद कही और चले गए.....<br />सच कहा आपने।रवि धवनhttps://www.blogger.com/profile/04969011339464008866noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-49661514105308980312010-12-05T22:13:23.764+05:302010-12-05T22:13:23.764+05:30.
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आपकी वेदना जायज है।
....<br />.<br />.<br />आपकी वेदना जायज है।<br /><br /><br />...प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-3707964986007999822010-12-05T20:31:19.620+05:302010-12-05T20:31:19.620+05:30कलयुग जब समूचे जग को अपने पाश में जकडे ले रहा है त...कलयुग जब समूचे जग को अपने पाश में जकडे ले रहा है तो भला ये पंडे,पुरोहित उससे कैसे बच सकते थे....आखिर ये भी तो इसी दुनिया के जीव हैं.Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-87391306172326974852010-12-05T20:02:52.423+05:302010-12-05T20:02:52.423+05:30@ सोमेश सक्सेना,
संकलन में रखने लायक शेर दिया है आ...@ सोमेश सक्सेना,<br />संकलन में रखने लायक शेर दिया है आपने ...धन्यवाद !!<br />@ डी के शर्मा वत्स,<br />आपके कारण इनका उद्धार भी हो जाएगा प्रभो ! :-)<br />.@ ललित शर्मा,<br />पहचान नहीं हो पाती अछे और नकली कि ...समस्या यही है ललित भाई !<br />@ अभिषेक,<br />बिलकुल नहीं ..यह तात्पर्य बिलकुल नहीं है यहाँ एक से एक भले लोग मौजूद हैं उनके बारे में ऐसा सोचना भी अपराध है !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-71332193623340582922010-12-05T19:07:23.326+05:302010-12-05T19:07:23.326+05:30मुझे तो आजतक समझ ही नहीं आया कि इस तरह की जगह पर क...मुझे तो आजतक समझ ही नहीं आया कि इस तरह की जगह पर किसी को मानसिक शांति कैसे मिल सकती हैKajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-31768533889006439682010-12-05T18:40:28.090+05:302010-12-05T18:40:28.090+05:30बहुत सही कह रहे हैं आप .... विचारणीय है ... हर जगह...बहुत सही कह रहे हैं आप .... विचारणीय है ... हर जगह यही आलम हैं ...समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-47116651137621560962010-12-05T18:34:25.322+05:302010-12-05T18:34:25.322+05:30बात आपकी बिलकुल सही है ,पंडाइज्म ने हिन्दू धर्म को...बात आपकी बिलकुल सही है ,पंडाइज्म ने हिन्दू धर्म को धकिया के रख दिया है !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-15557232875518858492010-12-05T17:06:40.081+05:302010-12-05T17:06:40.081+05:30जगमगाते मस्जिद -ओ- मंदिर क्या रोशन करें
चलिए गफलत ...जगमगाते मस्जिद -ओ- मंदिर क्या रोशन करें<br />चलिए गफलत के मारे किसी घर में उजाला करेंAmit Sharmahttps://www.blogger.com/profile/15265175549736056144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-45651633816164468152010-12-05T15:56:58.201+05:302010-12-05T15:56:58.201+05:30दुखद परन्तु सत्य
पर क्या सारे पुजारियों को दोष दे...दुखद परन्तु सत्य <br />पर क्या सारे पुजारियों को दोष देना उचित है ???????????<br />क्या सारे पुजारी शराब और अफीम खाते है ???????????<br />कुछ के लिए सब को दोष कहा का न्याय है .<br />मैं ऐसे कई पुजारियों को जानता हू जो आचरण और ज्ञान में श्रेष्ठ है और जब कभी ईश्वर की कृपा से उन से मिलना होता है तो कुछ मिल ही जाता है <br />जो हमारे लिए ही भगवान के चरणों में है क्या उस को दान देना हमारा कर्त्तव्य नही हैABHISHEK MISHRAhttps://www.blogger.com/profile/08988588441157737049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-88208739589317366272010-12-05T15:30:17.055+05:302010-12-05T15:30:17.055+05:30sach kaha aapne.sach kaha aapne.दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-82339723273055869662010-12-05T15:19:46.615+05:302010-12-05T15:19:46.615+05:30भगवान कब मंदिरों में रहा है ...इंसान की आस्था है ज...भगवान कब मंदिरों में रहा है ...इंसान की आस्था है जो किसी भी मंदिर को महत्त्वपूर्ण बनाती है ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-86739865011704993582010-12-05T13:10:47.870+05:302010-12-05T13:10:47.870+05:30बहुत सही कहा आपने. और ऐसी जगहों पर बहुत ही सावधानी...बहुत सही कहा आपने. और ऐसी जगहों पर बहुत ही सावधानी बरतनी चाहिए और वही पैसे किसी गरीब को दे दिया जाय तो शायद भगवान ज्यादा खुश होंगेंउपेन्द्र नाथhttps://www.blogger.com/profile/07603216151835286501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-31054945264468641632010-12-05T12:58:49.200+05:302010-12-05T12:58:49.200+05:30क्या करे भगवान भी कब तक इनके हाथों की कठपुतली बने ...क्या करे भगवान भी कब तक इनके हाथों की कठपुतली बने ……………वैसे उसके लिये तो मन का दर्पण ही सबसे सुन्दर घर है……………आपने बात तो जायज उठाई है सब कमाई के धंधे रह गये हैं …………ये तो हम लोगो की श्रद्धा होती है तो जाते हैं वरना भगवान तो हर जगह मौजूद है।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-43391711781325030082010-12-05T12:46:52.432+05:302010-12-05T12:46:52.432+05:30सतीशजी, इन शक्तिस्थल में सर झुकाने से पूर्व दिमाग ...सतीशजी, इन शक्तिस्थल में सर झुकाने से पूर्व दिमाग के बटन बंद करने पड़ते है..... तभी ह्रदय में भवनायं जागृत होती है..... पांडे और महंत जो मर्ज़ी करें ... दिमाग कि बत्ती बंद तो कुछ नहीं दीखता मात्र श्रधा के अलावा...... अवल तो जाता नहीं पर मैं जब भी मंदिर जाता हूँ तो जो थोडा बहुत दिमाग है उसे घर रख कर जाता हूं.दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-61268584793797330962010-12-05T12:46:14.867+05:302010-12-05T12:46:14.867+05:30आपने पितरों से प्रतिबद्ध होकर गया और काशी जैसे स्थ...आपने पितरों से प्रतिबद्ध होकर गया और काशी जैसे स्थानों पर जाने की बात कही। इस तरह के सभी तीर्थों में लूट खसोट तो है ये तो तय है।<br /><br />हमारी पौराणिक व्यवस्था में मनुष्य के जन्म और मृत्यु का हिसाब रखने की परम्परा है। घर में जन्म लिए बच्चे का हिसाब राव-भाट रखते हैं जिन्हे कुछ इलाके में जागा जी कहते हैं और मृत्यु का हिसाब अस्थिविसर्जन के समय खानदानी पंडे रखते हैं। इनकी बही में लिखा हुआ पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे के समय अदालत में भी मान्य होता है। जब पीढी पीढी ये हिसाब रखते हैं तो इनको कुछ पारिश्रमिक देने का हक हमारा भी बनता है। जिससे इनका गुजर बसर हो सके।<br />असली पंडे आपसे ठगी नहीं करते। जो नकली है वे ठगने की अव्वल कोशिश करते हैं। इनकी पहचान कर इनसे बचना चाहिए।ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-35648787964691481462010-12-05T11:39:53.495+05:302010-12-05T11:39:53.495+05:30सड़क के बीचों बीच मंदिर और दरगाह देखकर क्या कहें , ...सड़क के बीचों बीच मंदिर और दरगाह देखकर क्या कहें , यहाँ कौन रहता है ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-27003420120544537602010-12-05T11:01:18.312+05:302010-12-05T11:01:18.312+05:30भगवान भी कभी मंदिरों में रहता है क्या ? वो तो कण क...भगवान भी कभी मंदिरों में रहता है क्या ? वो तो कण कण में विधमान है |लेकिन ये दिल है की मानता ही नहीं है |naresh singhhttps://www.blogger.com/profile/16460492291809743569noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-29874407048837054762010-12-05T10:51:46.893+05:302010-12-05T10:51:46.893+05:30ईश्वर को पाने के लिए किसी स्थल का मुंहताज नहीं ह...ईश्वर को पाने के लिए किसी स्थल का मुंहताज नहीं होना पडता .. बस श्रद्धा चाहिए होती है !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-74041862899004875302010-12-05T10:37:17.125+05:302010-12-05T10:37:17.125+05:30कडवा सचकडवा सचDeepak Sainihttps://www.blogger.com/profile/04297742055557765083noreply@blogger.com