tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post3254179611092074148..comments2024-03-27T14:44:27.129+05:30Comments on मेरे गीत !: कोई माँ न झरे ऐसे जैसे,आंसू से भरी बदली जैसी !-सतीश सक्सेना Satish Saxena http://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comBlogger35125tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-81511077320788519032015-06-11T11:59:06.123+05:302015-06-11T11:59:06.123+05:30कल रात हवा की ठंडक में,कांपती रहीं वे आवाजें !
कोई...कल रात हवा की ठंडक में,कांपती रहीं वे आवाजें !<br />कोई माँ न झरे ऐसे जैसे,आंसू से भरी बदली जैसी --कितना मार्मिक ,दिल के करुण भाव को शब्द दे दिये हैं। Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/08486476255134733859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-78816910118683315152015-05-13T17:27:12.546+05:302015-05-13T17:27:12.546+05:30बहुत मार्मिक ... हर शेर दिल को कचोटता है ...बहुत मार्मिक ... हर शेर दिल को कचोटता है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-43661983417378673822015-05-11T06:54:43.842+05:302015-05-11T06:54:43.842+05:30बरगद के नीचे ठंडक में कुछ दिन से थी बीमार बड़ी !
धी...बरगद के नीचे ठंडक में कुछ दिन से थी बीमार बड़ी !<br />धीमे धीमे बड़बड़ करते,भूखी प्यासी कुम्हलायी सी ! <br /><br />कुछ बातें करती रहती थी, सिन्दूर,महावर, बिंदी से <br />इक टूटा सा विश्वास लिए,रहती कुछ दर्द भरी जैसी !<br /><br />भूखी पूरे दिन रहकर भी, वह हाथ नहीं फैलाती थी,<br />आँखों में पानी भरे हुए,दिखती थी अभिमानी जैसी ! <br />बेहतरीन रचना...दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-3508366142304452622015-05-10T20:34:57.163+05:302015-05-10T20:34:57.163+05:30बेहद भावपूर्ण और हृदयस्पर्शी बेहद भावपूर्ण और हृदयस्पर्शी Himkar Shyamhttps://www.blogger.com/profile/18243305513572430435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-63286429802009657852015-05-10T11:17:18.745+05:302015-05-10T11:17:18.745+05:30मार्मिक चित्रण। मार्मिक चित्रण। देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-37314220121061772142014-02-08T15:49:46.598+05:302014-02-08T15:49:46.598+05:30बहुत सुंदर .... मेरी कविता समय की भी उम्र होती है ...बहुत सुंदर .... मेरी कविता समय की भी उम्र होती है पर आपका स्वागत है।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-4379931682030854742014-02-08T15:49:11.942+05:302014-02-08T15:49:11.942+05:30लगता था रूखे हाथों में,कभी कंगन चूड़ी होती थीं !
व...लगता था रूखे हाथों में,कभी कंगन चूड़ी होती थीं !<br />विश्वास नहीं होता, लेकिन बातें करती नानी जैसी !<br /> <br />बहुत सुंदर .... मेरी कविता समय की भी उम्र होती है पर आपका स्वागत है।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-11098153559396512982014-02-07T15:56:19.472+05:302014-02-07T15:56:19.472+05:30samaj ki vasvikta ko darshati hui rachna ,ek karun...samaj ki vasvikta ko darshati hui rachna ,ek karun gatha ज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-26356965915354559132014-02-06T10:04:43.226+05:302014-02-06T10:04:43.226+05:30शुक्रिया सलिल भाई ,
बिना पढ़े कमेन्ट देने वाले, ब्ल...शुक्रिया सलिल भाई ,<br />बिना पढ़े कमेन्ट देने वाले, ब्लोगरों की इस भीड़ में सलिल जैसे विद्वान् भी मुझे पढ़ते हैं मेरे लिए यह कम गौरवशाली नहीं, आपके शब्द मुझे याद हैं और वे यकीनन प्रेरणा दायक हैं ! <br />आभार भाई !!Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-12999770563351585692014-02-06T09:25:17.325+05:302014-02-06T09:25:17.325+05:30ह्रदय स्पर्शी सृजन !!!
अपनी किस्मत को कोस रहीं,अम...ह्रदय स्पर्शी सृजन !!!<br /><br />अपनी किस्मत को कोस रहीं,अम्मा रोई सन्नाटे में <br />कुछ प्रश्न अधूरे से छोड़े ,बहती ही रही पानी जैसी !<br /><br />कल रात हवा की ठंडक में,कांपती रहीं वे आवाजें !<br />कोई माँ न झरे ऐसे जैसे,आंसू से भरी बदली जैसी !Dr. Vandana Singhhttps://www.blogger.com/profile/07078139062218055417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-19943697289591618282014-02-06T09:17:40.462+05:302014-02-06T09:17:40.462+05:30मर्मस्पर्शी मर्मस्पर्शी डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-60268737797189349822014-02-05T21:46:10.790+05:302014-02-05T21:46:10.790+05:30कहा था न मैंने एक बार कि आपकी दूसरी इनिंग ज़बर्दस्...कहा था न मैंने एक बार कि आपकी दूसरी इनिंग ज़बर्दस्त रही है। और आज अअपके इस गीत ने कहाँ छुआ है बता नहीं सकता।प्रणाम आपको।चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-80197283231387709982014-02-05T13:44:54.445+05:302014-02-05T13:44:54.445+05:30वृद्धाओं के प्रति माँ जैसे सम्मान सा व्यवहार रहे स...वृद्धाओं के प्रति माँ जैसे सम्मान सा व्यवहार रहे सबका।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-82740774748355849332014-02-05T10:28:21.048+05:302014-02-05T10:28:21.048+05:30(:(:(:
pranam.(:(:(:<br /><br /><br />pranam.सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-61214952960884953302014-02-05T10:25:34.844+05:302014-02-05T10:25:34.844+05:30यही उद्देश्य था इसका पूजा कि लोग इस कष्ट को महसूस ...यही उद्देश्य था इसका पूजा कि लोग इस कष्ट को महसूस करें ! Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-38243971017518581382014-02-05T10:24:14.074+05:302014-02-05T10:24:14.074+05:30आभार गुरु देव ,
आपकी इस टिप्पणी से मैं अपने आपको स...आभार गुरु देव ,<br />आपकी इस टिप्पणी से मैं अपने आपको सफल हुआ मानता हूँ , यही सोंचा था कि मेरे द्वारा जो भी लिखा जाए उसका उद्देश्य यश प्राप्ति न होकर अगर लोगों के दिल को स्पर्श कर जाये तो शायद वे इसे याद रखें और समाज की विषमताओं को कम करने में कुछ योगदान कर सकूं !<br />मुझे पता है कि ब्लॉग जगत में लिखते हुए मुझे बहुत कम पाठक मिलेंगे मगर यह लेखन मेरे बाद भी मिटेगा नहीं यहीं संतोष रहेगा ! :)Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-73090463158376112382014-02-05T09:45:05.184+05:302014-02-05T09:45:05.184+05:30हम कितना ही इंकार करें , परिवारों में उजड़ते प्रेम ...हम कितना ही इंकार करें , परिवारों में उजड़ते प्रेम की हकीकत है ये !<br />वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-36926538707431244392014-02-05T09:16:39.546+05:302014-02-05T09:16:39.546+05:30सतीश भाई ,
आपकी कवितायेँ शब्दशः चाहे जैसी भी हों !...सतीश भाई ,<br />आपकी कवितायेँ शब्दशः चाहे जैसी भी हों ! काव्य पंडित उनके विन्यास पर जो भी कमेन्ट करें...पर हमें उनमें से एक बेहतर और संवेदनशीन इंसान नमूदार होता दिखाई देता है ! अगर आप सृजन कर्म नही करते तो हम आपश्री के व्यक्तित्व को परखने में भूल भी कर सकते थे ! कवितायें आप लिखते हैं ऐसा लोग सोचते होंगें पर हमारे लिये ये कवितायें आपको लिख लिख जाया करती हैं !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-1396524558359499182014-02-05T07:29:48.700+05:302014-02-05T07:29:48.700+05:30विवश जीवन का ऐसा समापन हृदय दहला देता है !विवश जीवन का ऐसा समापन हृदय दहला देता है !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-64442595365537206922014-02-04T20:12:14.267+05:302014-02-04T20:12:14.267+05:30teary eyes... n so speechless...
sad and bad :(teary eyes... n so speechless...<br />sad and bad :(POOJA...https://www.blogger.com/profile/03449314907714567024noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-87302566898499932972014-02-04T20:11:32.317+05:302014-02-04T20:11:32.317+05:30speechless...
having teary eyes...
sad and bad......speechless...<br />having teary eyes... <br />sad and bad...POOJA...https://www.blogger.com/profile/03449314907714567024noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-90400245245877950272014-02-04T19:58:04.857+05:302014-02-04T19:58:04.857+05:30ओह!ओह!Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-59120207172864222322014-02-04T17:18:59.370+05:302014-02-04T17:18:59.370+05:30सपने थे, अपने थे
विश्वास के रुपहले बादल थे
भरा थ...सपने थे, अपने थे <br />विश्वास के रुपहले बादल थे <br />भरा था स्वाभिमान <br />उम्मीदें थीं बेशुमार <br />कोई आया तो - मौत ही सही !रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-37137365712217836362014-02-04T16:06:06.230+05:302014-02-04T16:06:06.230+05:30जाने क्यों इन सबमें अक्सर अपना भी अक्स नज़र आने लगत...जाने क्यों इन सबमें अक्सर अपना भी अक्स नज़र आने लगता है. जीवन की कहानी ...<br /><br />अपनी किस्मत को कोस रहीं,अम्मा रोई सन्नाटे में <br />कुछ प्रश्न अधूरे से छोड़े ,बहती ही रही पानी जैसी !<br /><br />बेहद मर्मस्पर्शी.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-10358631931180042762014-02-04T15:20:51.458+05:302014-02-04T15:20:51.458+05:30आते जाते ऐसे किरदार दीखते हैं पर हम उनकी ओर ज्यादा...आते जाते ऐसे किरदार दीखते हैं पर हम उनकी ओर ज्यादा ध्यान नहीं देते..कोई अपने आप से बातें करता हुआ फटेहाल वृद्ध कभी कोई पागल सी लगती औरत...कभी वे भी अपनों के साथ रहे होंगे कभी उन्होंने भी सपने देखे होंगे..आपकी कविता ने कई किरदारों को सामने लाकर खड़ा कर दिया Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.com