tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post5791946721424259041..comments2024-03-27T14:44:27.129+05:30Comments on मेरे गीत !: वह शक्ति मुझे दो दयानिधि - सतीश सक्सेनाSatish Saxena http://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comBlogger53125tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-9362823941434606682010-07-10T13:20:40.708+05:302010-07-10T13:20:40.708+05:30@ anonymous,
आप अगर अपने नाम से लिखते तो अच्छा लगत...@ anonymous,<br />आप अगर अपने नाम से लिखते तो अच्छा लगता , तारीफ सुनना मुझे भी अच्छा लगता है , मगर आपने मेरी तारीफ की जगह अतिशयोक्ति उपयोग में लाये हैं , परमपिता के सामने मैं एक ज़र्रा भी नहीं हूँ ! रह गया खून देने का कार्य यह एक अत्यंत सामान्य कार्य है !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-71302974124320186812010-07-10T12:18:46.909+05:302010-07-10T12:18:46.909+05:30आप महान हैं. आप महापुरुष हैं. दुनियाँ में कितने लो...आप महान हैं. आप महापुरुष हैं. दुनियाँ में कितने लोग रक्तदान करते हैं? रक्तदान ही महादान है. जीवनदान है. रक्त देकर ही किसी का जीवन बचाया जा सकता है. आप जीवन बचाते हैं. आप डॉक्टर से कम नहीं हैं. आपने लाखों लोगों को अपना मुरीद बना लिया है. सक्सेना जी रक्तदान करके भगवान के बराबर का काम कर रहे हैं आप. अपना शरीर दान करके आपने मानवता के लिए एक आदर्श स्थापित किया है. दुनियाँ आप के जैसे लोगों से ही चल रही है. आपको प्रणाम.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-12882275630501784962010-06-28T20:49:56.308+05:302010-06-28T20:49:56.308+05:30कहूँगा तो बड़ी बात होगी पर दिल से कहता हूँ आज की द...कहूँगा तो बड़ी बात होगी पर दिल से कहता हूँ आज की दुनिया में ऐसे लोग आदमी नही महापुरुष होते है..भगवान को तो किसी ने देखा नही पर मौत से जूझते लोगों की सहर्ष मदद कर उन्हे जीवन देना कोई छोटी बात भी नही..<br /><br />प्रणाम चाचा जी..आपके व्यक्तित्व पर नतमस्तक हूँ.....विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-52118748305396594962010-06-28T15:46:04.814+05:302010-06-28T15:46:04.814+05:30sir, Some photos of newborn baby four you .
http:/...sir, Some photos of newborn baby four you .<br />http://vedquran.blogspot.com/2010/06/manner.htmlDR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-55752692012022734222010-06-28T01:12:14.985+05:302010-06-28T01:12:14.985+05:30सतीश जी.. आपके जज्बे को सलाम.. आपकी सोच को सलाम.. ...सतीश जी.. आपके जज्बे को सलाम.. आपकी सोच को सलाम.. <br />@डॉ. जमाल साहब हम आपकी बच्ची की बेहतरी के लिए दुआ करते हैं। सब्र से काम लीजिए.. अल्लाह पर भरोसा रखें.. और अच्छे डॉक्टर से सलाह लेते रहें।अबयज़ ख़ानhttps://www.blogger.com/profile/06351699314075950295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-3100325194455277552010-06-27T19:59:17.578+05:302010-06-27T19:59:17.578+05:30शिकायत मुझे उन ब्लॉगर्स से भी है जो ‘प्यार लुटाने ...शिकायत मुझे उन ब्लॉगर्स से भी है जो ‘प्यार लुटाने वाले‘ भाई सतीश सक्सेना जी के ब्लॉग पर अपनी हाज़िरी लगाते रहते हैं। <br /><br />उनकी पोस्ट पर किसी भी समय मर जाने वाली मेरी बेटी का ज़िक्र कई बार आया, सक्सेना जी ने भी उन पर उचित चिंता प्रकट की लेकिन क्या मजाल कि कला, मनोविज्ञान और शिष्टाचार के इन माहिरों में से कोई ज़रा भी विचलित हुआ हो ?<br /><br />तंगदिल-संगदिल तो ये सब हो नहीं सकते तो फिर इन्हें एक मासूम बीमार बच्ची के हक़ में हमदर्दी के दो बोल बोलने से किस चीज़ ने रोका ?<br /><br />जबकि ये जिन सतीश जी का लेख पढ़कर उन्हें ‘अनुकरणीय‘ बता रहे हैं वे मेरी बच्ची के बारे में इतने फ़िक्रमंद हो गये कि बोले कि अगर रात में भी बुलाओगे तो मैं आउंगा। ये उनके अनुकरण में इतना भी करने के लिये तैयार न हुये जितना कि ‘इनसान‘ कहलाने के लिये बुनियादी तौर पर ज़रूरी है ।<br />क्या इन पुरूष बुद्धिजीवियों से मेरी शिकायत वाजिब है या ग़ैर वाजिब है ?DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-83470799271581711462010-06-27T14:46:46.258+05:302010-06-27T14:46:46.258+05:30@हकीम सऊद अनवर खान ,
देववंद आने की इच्छा है , जब क...@हकीम सऊद अनवर खान ,<br />देववंद आने की इच्छा है , जब कभी भी आया तब आपसे संपर्क करूंगा ! आपका शुक्रिया !<br /><br />@अनवर भाई , <br />भरोसा रखें ...सब ठीक हो जायेगा !<br /><br />@सत्य गौतम !<br />दलित साहित्य नहीं पढ़ा , मगर महसूस किया है ! जो कुछ महसूस किया है , उसे अगर आप पढना चाहें तो क्यों लोग मनाते दीवाली ? पढ़ें !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-63790967215890693472010-06-27T09:16:58.832+05:302010-06-27T09:16:58.832+05:30रासलीला मेरी पोस्ट पर देखेंरासलीला मेरी पोस्ट पर देखेंसत्य गौतमhttps://www.blogger.com/profile/11175275197788938243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-56359370834979742412010-06-27T08:32:00.133+05:302010-06-27T08:32:00.133+05:30हद उम्दा पोस्ट.
विषय से हट कर की गयी टिप्पणियों मे...हद उम्दा पोस्ट.<br />विषय से हट कर की गयी टिप्पणियों में उलझ गया...जो भाव पढ़ते ही मन में लिखने के लिए आये थे वे इन टिप्पणियों ने खा लिए. मुझे बुरा लगता है जब कोई विषय से हटकर टिप्पणी करता है..फिर चाहे वो कितना ही बड़ा साहित्यकार क्यों न हो.<br />एक बात आप की पोस्ट पढ़ कर गाँठ बाँध ली कि मुझे भी रक्तदाता बनना है. मेरा ब्लड ग्रुप a+ है. किसी न किसी को तो काम आएगा ही.<br />आपके जज्बे को शत-शत प्रणाम.देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-44889075724109536232010-06-26T18:01:59.208+05:302010-06-26T18:01:59.208+05:30@ जनाब सतीश सक्सेना जी!आपका सजेशन बज़रिये हकीम सऊद...@ जनाब सतीश सक्सेना जी!आपका सजेशन बज़रिये हकीम सऊद साहब मिला और उनके ही मेहरबान बुज़ुर्ग दोस्त जनाब डाक्टर प्रभात अग्रवाल साहब से सलाह भी ली गयी तो उन्होंने ये प्रेस्क्राइब किया . दवा दी जा रही है . <br />Silicea 30 x , Cal. fluor. 12 x ,<br />Myristica sab. 30 <br />मालिक से उसके फ़ज़ल की उम्मीद रखते हैं . आपके समीम ए क़ल्ब से शुक्रगुज़ार हैं .DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-68276922779710407562010-06-26T10:54:09.412+05:302010-06-26T10:54:09.412+05:30अच्छी पोस्टअच्छी पोस्टAyaz ahmadhttps://www.blogger.com/profile/09126296717424072173noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-78008309228239166402010-06-26T10:40:23.593+05:302010-06-26T10:40:23.593+05:30जय भीम क्या आपने दलित साहित्य पढ़ा हैजय भीम क्या आपने दलित साहित्य पढ़ा हैसत्य गौतमhttps://www.blogger.com/profile/11175275197788938243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-91264907651734523872010-06-26T08:10:54.400+05:302010-06-26T08:10:54.400+05:30आपका तजवीज़ करदा नुस्ख़ा मैंने अनवर साहब तक पहुँचा द...आपका तजवीज़ करदा नुस्ख़ा मैंने अनवर साहब तक पहुँचा दिया है इस्तेमाल आज से शुरू कर दिया जाएगा,ऐसा उन्होने कहा है।शुक्रिया जब कभी इधर से गुज़र हो तो देवबंद तशरीफ़ ज़रूर लाए खुशी होगी।HAKEEM SAUD ANWAR KHANhttps://www.blogger.com/profile/08512249720424531395noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-15106678867517969212010-06-25T23:42:09.056+05:302010-06-25T23:42:09.056+05:30सतीश जी कोई इंसान अगर नास्तिक ना हो तो या तो वोह न...सतीश जी कोई इंसान अगर नास्तिक ना हो तो या तो वोह नेक काम स्वर्ग पाने के लिए करता है या दुनिया की वाहवाही के लिए. और अगर समझदार है तो इननियत के नाते करता है. यही जान ना चाहता था, इसमें धर्म कहां से आ गया?S.M.Masoomhttps://www.blogger.com/profile/00229817373609457341noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-89595104086178097562010-06-25T22:28:53.110+05:302010-06-25T22:28:53.110+05:30आप हमारे ब्लॉग पर आये , शुक्रिया ! हमारा तो मन्ना ...आप हमारे ब्लॉग पर आये , शुक्रिया ! हमारा तो मन्ना ये है कि <br /><b>इन्सान को चाहिए कि वह इन्सानियत को जाने पहचाने और माने । इन्सानियत सिखाने के लिए ही अल्लाह पाक ने पाक पैग़म्बर भेजे। उन्होंने लागों की गालियां और पत्थर खाए लेकिन सच का रास्ता उनके सामने अयां करते रहे आखि़कार किसी नबी को लोगों ने क़त्ल कर दिया और बहुतों को झुठला दिया । मानने वाले भी इस दुनिया से चले गए और उन्हें झुठलाने वाले भी। जब हरेक इन्सान को मरना ही है तो दुनिया में दुनिया के लिए झगड़ना क्यों ?</b><br />अनवर साहब के लिए मैंने अपने एक अच्छे homoeopath को बुलाया है .HAKEEM SAUD ANWAR KHANhttps://www.blogger.com/profile/08512249720424531395noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-39687255205890286302010-06-25T21:31:41.409+05:302010-06-25T21:31:41.409+05:30' एक दिन अपोलो हास्पिटल में अपनी मृत्यु के बाद...' एक दिन अपोलो हास्पिटल में अपनी मृत्यु के बाद शरीर के सारे अंग दान करने की इच्छा प्रकट की जिसे हास्पिटल अथोरिटी ने सहर्ष स्वीकार कर लिया , शायद मेरे जीवन के सबसे अच्छे कार्यों में से यह एक है ! '<br /><br />- अनुकरणीय.hem pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08880733877178535586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-6535741471901195872010-06-25T17:48:16.291+05:302010-06-25T17:48:16.291+05:30सतीश जी। "दान" देवत्व का प्रतीक है। यह भ...सतीश जी। "दान" देवत्व का प्रतीक है। यह भाव<br />जिनमें प्रबल रहता है; निराशा उनके निकट नहीं <br />आती है। आपका सदैव मंगल हो। धर्म और जातियाँ<br />पूर्वजों के राजनैतिक संघर्ष की उपज हैं।<br />इस प्रसंग में अपनी काव्य कृति "बड़े वही इंसान"<br />की कुछ पंक्तियाँ निवेदित हैं---<br />---------------------------------------------------------------<br />हम सब एक तरह के पंछी जग करते गुलजार हैं।<br />जाति, धर्म, नफ़रत की बातें, प्रेम नहीं, दीवार हैं॥ <br />--------------------------------------------------------------------<br />बलशाली होने से कोई, बड़ा नहीं बन जाता,<br />धन-दौलत से नहीं बड़प्पन का किंचित भी नाता,<br />बडे़ वही इंसान कि जो करते जग पर उपकार हैं॥<br />हम सब एक तरह के पंछी जग करते गुलजार हैं।<br />-------------------------------- सद्भावी - डॉ० डंडा लखनवीडॉ० डंडा लखनवीhttps://www.blogger.com/profile/14536866583084833513noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-90991048642923374552010-06-25T15:32:39.917+05:302010-06-25T15:32:39.917+05:30आपके प्रयास अनुकरणीय हैं, Its our fortune that sim...आपके प्रयास अनुकरणीय हैं, Its our fortune that simple and loving people like you are with us.<br /><br />Your timely decisions and the posts are so motivating.<br /><br />Regards,ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-59047041588326611692010-06-25T07:34:17.919+05:302010-06-25T07:34:17.919+05:30@ Voice Of The People,
"काम तो हकीकत मैं काबि...@ Voice Of The People,<br />"काम तो हकीकत मैं काबिल इ तारीफ है, लेकिन यह काम आपने स्वर्ग पाने के लिए किया या केवल इंसानियत के नाते किया? यह ध्यान आया तो सोंचा पूछ लें? " <br /><br />आपके प्रश्न ने तो मुझे निरुत्तर कर दिया ! आपका शुक्रिया , आपका प्रश्न स्पष्ट है मगर मंतव्य मुझे नहीं मालुम ! <br /><br />किसी के बारे में जानना हो तो उसके कुछ लेख पढ़ना काफी होता है ! आपका प्रश्न धार्मिक है और मैं अपने ब्लाग पर धर्म की बहस छेड़ना नहीं चाहता हूँ ...यह आप लोगों को मुबारक हो ! आप मेरे बारे में अपने विचार बनाने के लिए स्वतंत्र हैं ! बहुत से साथी यह भी जानते हैं कि ऐसे लेख अपनी तारीफ करने और करवाने के लिए लिखे जाते हैं, उनको भी जवाब देना पड़ेगा ....?? <br />सादरSatish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-53456112320865754042010-06-24T23:43:05.188+05:302010-06-24T23:43:05.188+05:30@ सतीश जी,
मेरे हिसाब से हर वह व्यक्ति जो अपने सा...<i><br /><br />@ सतीश जी, <br />मेरे हिसाब से हर वह व्यक्ति जो अपने सामाजिक उत्तरदायित्व को एक इकाई के रूप में निःस्वार्थ सम्पादित कर रहा है, वह स्वलोभी, आत्मकेन्द्रित व्यक्ति से तुलनात्मक रूप में अग्रज़ ही कहलायेगा ।<br />यह पोस्ट पढ़ने के बाद मुझे अपने में कुछ ख़ामियाँ दिखी, सो इसे स्वीकार करते हुये अपने को अकिंचन मान लेना एक ईमानदार अभिप्राय है, न कि वक्रोक्ति !<br /><br />@ डा. अरविन्द, <br />वैचारिक मतभेद या दृष्टि विभेद अपनी जगह पर, किन्तु मैं आपके लेख विज्ञान-प्रगति में अक्सर पढ़ता रहता हूँ.. और आपके अध्ययन की गहनता जितना भी आँक सका हूँ... उसको नकार देना अन्याय होगा । मै ज्ञानार्जन को जीवन में निष्ठा का प्रतीक मान कर सतत विद्यार्थी बने रहने में विश्वास करता हूँ । इस नाते मैं अपने सम्पर्क में आये हर व्यक्ति से कुछ न कुछ झटक ही लेता हूँ, जबकि उसे इसका भान भी नहीं होता । क्या एकलव्य की परिभाषा इससे इतर कुछ और भी है, तो बतायें ।<br /><br />प्राचीन साहित्य ऎसे दृष्टाँतो से भरा पड़ा है, जहाँ रँक ने राजा का भ्रम तोड़ा है, उनके अभिमान को खँडित किया है.. इस नाते आपका रँक होना एक चिर-नवीन उपलब्धि है !<br /></i>डा० अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09556018337158653778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-91185541805137160792010-06-24T23:22:54.714+05:302010-06-24T23:22:54.714+05:30@ dr anwar jamaal ,
please check this link also.
h...@ dr anwar jamaal ,<br />please check this link also.<br />http://www.marchofdimes.com/pnhec/4439_1224.asp#head4Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-39516378823022751282010-06-24T23:11:31.861+05:302010-06-24T23:11:31.861+05:30होमिओपैथी का मैं भक्त हूँ अनवर भाई ! मुझे बहुत अच्...होमिओपैथी का मैं भक्त हूँ अनवर भाई ! मुझे बहुत अच्छा लगा कि आपको इस पर यकीन है ! मुझे ख़ुशी है कि आपने एक बूँद ब्रायोनिया का चमत्कार खुद देखा है ! जब तक आप इसका एलोपैथिक इलाज़ करवा रहे हैं, तब तक इस बच्ची को तुरंत साइलीशिया, कल्केरिया सल्फ़ तथा कल्केरिया फ्लोर ६ एक्स में पीस कर देना शुरू करें ! और किसी अच्छे होमिओपैथ से सलाह लें ! <br /> मैं आपसे दुबारा कह रहा हूँ कि अगर मेरी किसी भी हाल में जरूरत हो तो भूलियेगा नहीं ! इस तकलीफ में मैं आपके साथ हूँ !<br />आदर सहितSatish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-79368703585387047682010-06-24T22:57:45.523+05:302010-06-24T22:57:45.523+05:30अभी तो फ़िलहाल डा. नरेश सैनी ने ड्रेसिंग कर दी है ल...अभी तो फ़िलहाल डा. नरेश सैनी ने ड्रेसिंग कर दी है लेकिन उसे न्यूरोसर्जन को दिखाना होगा। आप सही कहते हैं , पैदाइशी विकृतियों में एलोपैथी कम कारगर है। पस के लिये तो साइलीशिया वग़ैरह भी तीर बहदफ़ हैं। लेकिन इस समय मैं खुद ही अपने घर, अपने शहर से दूर हूं। अपनी वाइफ़ की छाती की गांठ को मैंने ब्रायोनिया 30 की मात्र दो बूंद की एक खुराक से घुलते हुए, ग़ायब होते हुये देखा है। रात के समय गांठ थी और सुबह के समय गांठ ग़ायब। मज़े की बात यह है कि इस दवा के बारे में मैंने ग़ाज़ियाबाद के रेलवे स्टेशन के बाहर रद्दी पत्रिकाओं में से किसी में बस यूं ही पढ़ लिया था। घर पर आया तो वालिदा साहिबा के बुख़ार की वजह से ब्रायोनिया रखी हुई थी। <br />बहरहाल एक भाई ने कहा भी है कि मालिक ने हरेक बीमारी के लिये दवा बनाई है लेकिन कभी कभी पूंजीपति दवासाज़ों और कमीशनख़ोर डाक्टरों की वजह से वह दवा आदमी की पहुंच से बाहर हो जाती है। इस्लाम यहां न तो सिस्टम में है और न ही अधिसंख्या के जीवन में। परलोक को भूलकर लोग जी रहे हैं और अपनी और दूसरों की समस्याएं बढ़ा रहे हैं।<br />आपका और मेरा ईश्वर एक ही है और धर्म भी। मेरी नज़र में तो दुई है नहीं। इस पर फिर कभी बात करेंगे, इन्शा अल्लाह।<br />आप चाहे बड़े आदमी न हों लेकिन मेरे लिये बड़े ही हैं। मैं आपसे प्यार करता हूं, बहुत प्यार। इतना प्यार कि आपके लिये अपने जज़्बात का इज़्हार करते हुए हमेशा की तरह मेरी आंखों में नमी तैरने लगी है जबकि अपनी बच्ची की बीमारी की ख़बर फ़ोन पर सुनकर भी ऐसा न हुआ था। आपके अच्छे मश्विरों का हमेशा सम्मान करता रहूंगा।<br />आदर सहितDR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-90256001474635837082010-06-24T21:54:06.613+05:302010-06-24T21:54:06.613+05:30डॉ अनवर जमाल !
" हरेक के लिये इज़्ज़तदार तर...डॉ अनवर जमाल ! <br /><br />" हरेक के लिये इज़्ज़तदार तरीके़ से समुचित हल केवल इस्लाम में है। यह कोई दावा नहीं है बल्कि एक हक़ीक़त है। घर में दवा मौजूद हो और लोग मर रहे हों , यह देखकर बेचैन होना तो स्वाभाविक है।"<br /><br />आपके इस जवाब से मैं सहमत नहीं हूँ , इस्लाम को मैं बुरा नहीं मानता मगर अपने धर्म को भी किसी धर्म से कम नहीं समझता ! खैर इस बात का जवाब कम से कम मैं अभी नहीं देना चाहता ! <br />अपने धर्म को दूसरों से अच्छा बताने की कोशिश मैं सिर्फ कमअक्ली अथवा संकीर्णता ही मानता हूँ ! <br /><br />आपकी नवजात मासूम बच्ची की हालत जान मन बहुत ख़राब हो गया ! जन्म विकृतियों का इलाज़ एलोपैथिक में कम ही पाया जाता है, ईश्वर से मेरी हार्दिक प्रार्थना है कि बच्ची को इस मुसीबत से निजात दिलाएं ! जितना आप को मैं आपके लेखों के द्वारा जानता हूँ आप एक नेक इंसान हैं सो परमपिता आपका मददगार होगा ! हाँ एक बात और ...<br /><br />अगर इस भाई के लायक कोई जरूरत पड़े तो रात को भी याद करने से सकुचाना नहीं , मैं अमीर नहीं हूँ मगर इश्वर ने दिल बड़ा दिया है इसका यकीन रखियेगा ! अगर अकेलापन महसूस करें तो मुझे याद अवश्य करियेगा !<br />आदर सहितSatish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-15334969053813337032010-06-24T21:52:47.128+05:302010-06-24T21:52:47.128+05:30काम तो हकीकत मैं काबिल इ तारीफ है, लेकिन यह काम आप...काम तो हकीकत मैं काबिल इ तारीफ है, लेकिन यह काम आपने स्वर्ग पाने के लिए किया या केवल इंसानियत के नाते किया? यह ध्यान आया तो सोंचा पूछ लें?S.M.Masoomhttps://www.blogger.com/profile/00229817373609457341noreply@blogger.com