tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post7205330810033694249..comments2024-03-27T14:44:27.129+05:30Comments on मेरे गीत !: मानवता के लिए प्रकृति की एक महान भेंट होमिओपैथी -सतीश सक्सेनाSatish Saxena http://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comBlogger51125tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-17462639195663325562016-10-04T16:02:53.747+05:302016-10-04T16:02:53.747+05:30आज मैं एक समस्या से ग्रसित हूँ सतीश जी और जानना चा...आज मैं एक समस्या से ग्रसित हूँ सतीश जी और जानना चाहती हूँ यदि उसका होम्यो में इलाज हो तो इस वक्त मैं ऑपरेशन से बच सकूंगी <br /><br />पिछले लगभग १५-२० दिन से AIIMS के चक्कर लगाने पर आज आखिर तारीख मिल गयी ऑपरेशन की लेकिन अभी सर्जरी के लिए ७-८ महीने का वक्त दिया है . पिछले ३ सालों से दर्द बढ़ता जा रहा था . यहाँ तक कि कुछ लोगों को खास तौर से मेरे साहित्यिक मित्रों को ऐसा लगता था मैं सच नहीं कहती लेकिन सच हमेशा सच ही रहता है .नहीं सोचा था ऐसा होगा लेकिन इन्वेस्टीगेशन सब सच कह देती हैं . एल 5 स्पाइन पर tumour निकला है जिस कारण चलना फिरना मुश्किल हो रहा था .<br />एलोपैथी में तो सिर्फ ऑपरेशन ही इलाज है लेकिन क्या कोई और थेरेपी है जिसमे इसका इलाज हो ?<br />यदि कोई जानकार जानता हो तो बताये . मैं ये ऑपरेशन नहीं करवाना चाहती क्योंकि इसमें ऐसा रिस्क है जो और complication पैदा कर सकता है .vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-10625285342473009792016-02-07T20:45:16.466+05:302016-02-07T20:45:16.466+05:30श्रीमान जी मेरा अनुभव भी काफी प्रेरक है मै स्वयं भ...श्रीमान जी मेरा अनुभव भी काफी प्रेरक है मै स्वयं भी हौम्योैपैथी जानता हूँ 2 साल पहले मैने 5-6 हौम्योैपैथी दवाऐं जल्दी-जल्दी ले ली थीं जिनमे से कैंथरिस भी एक थी जिसका दुष्परिणाम यह हुआ कि मुझे पेशाब में खून आने लगा मतलब सिस्टाईटिस नामक बीमारी पैदा हो गई और करीबन 2-3 माह तक रही फिर एक दिन पडोस मे रहने वाले हौम्योपैथी के महान जानकार और गुणी व्यक्ति (भाई साहब) ने वर्तमान मे उपस्थित समसत लक्ष्णो का अवलोकन करके टैरेबिंथाना-30 दवा दी जिसके सेवन करने के 4 घण्टे बाद ही मूत्र का लाल रंग बदलकर हल्का होता हुआ 3 दिन मे दर्द वगैरह सभी लक्ष्ण नष्ट हो चुके थे जबकि अग्रेजी दवा से भी रोग काबू नही आ रहा था nav chetnahttps://www.blogger.com/profile/09841016331564495904noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-24277408666502127302015-01-13T12:41:08.211+05:302015-01-13T12:41:08.211+05:30आप मुझे ९८११०७६४५१ पर फ़ोन कर सकते हैं आप मुझे ९८११०७६४५१ पर फ़ोन कर सकते हैं Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-30044446929838425392015-01-13T00:12:04.956+05:302015-01-13T00:12:04.956+05:30आदरणीय सर
काफी समय पहले मैंने होम्योपैथी के बारे ...आदरणीय सर <br />काफी समय पहले मैंने होम्योपैथी के बारे में पूछा था तो आपने सत्यव्रत जी की किताबें खरीदने की सलाह दी थी.... <br />मैंने चारों किताबें खरीदलीं और काफी कुछ जाना... फिलहाल बीजैन पब्लिशर्स की साइट पर जाकर कुछ और भी किताबें आर्डर की हैं <br />मुझे वाकई यह पैथी बहुत पसंद आ रही है और मेरा स्वयं का इलाज भी एक योग्य चिकित्सक की देखरेख में चल रहा है <br />मैं जानना चाहता हूँ कि क्या भविष्य में मैं अपनी एवं अपने परिवार की चिकित्सा इस पैथी की जानकारी लेकर कर सकता हूँ..... क्योंकि मेरे ही एक एलोपैथी के मित्र ने मुझे चेताया है कि बिना किसी डिग्री या शिक्षा के मुझे इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए <br />आप क्या कहेंगे इस बारे में? <br />मैं एक रिपर्टरी भी खरीदना चाहता हूँ.... केंट की रिपर्टरी हिन्दी में उपलब्ध है.... क्या उसे खरीदना ठीक रहेगा? bhuvnesh sharmahttps://www.blogger.com/profile/01870958874140680020noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-84592294220050554592014-11-23T20:21:17.860+05:302014-11-23T20:21:17.860+05:30कौन सी किताब ??
कौन सी किताब ??<br />Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-42188145166720093592014-11-23T12:23:59.634+05:302014-11-23T12:23:59.634+05:30क्या नाम है सर इस किताब का? और ये कहाँ से उपलब्ध ...क्या नाम है सर इस किताब का? और ये कहाँ से उपलब्ध हो.सकेगी? bhuvnesh sharmahttps://www.blogger.com/profile/01870958874140680020noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-75380568565657605342014-09-20T16:39:29.259+05:302014-09-20T16:39:29.259+05:30itni jankari...mn abhibhut hua,hamre yahan bhi sab...itni jankari...mn abhibhut hua,hamre yahan bhi sabhi khate hain,khud mai kafi kuch janti hun is paithy ke liye....behad sarthak aalekh.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/08486476255134733859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-92159418508522860682014-03-09T23:43:35.017+05:302014-03-09T23:43:35.017+05:30होमियोपैथी ने मेरी जान बचा ली !!
इग्नेसिया 200,काल...होमियोपैथी ने मेरी जान बचा ली !!<br />इग्नेसिया 200,काली फोस्फोरिकम 6x,कल्केरिया फ्लोरिका 6x..ने मुझे आत्महत्या करने से बचाया,<br />मै मासिक रूप से depressed हो गया था,मृत्यु भय,असाध्य रोग का भय,ऐसा लगता था मै मृत्यु की और बढ़ रहा हु,मेरा सरीर गल रहा है,रोना था,गाड़ियों के आवाज़ मेरे दिमाग को चिर रहे थे मानो अभी दिमाग काम करना बंद कर देगा मै गिर जाऊँगा, लेकिन एक बूँद इग्नेसिया 200 ने मुझे ठीक किया ।LyricsMantrahttps://www.blogger.com/profile/11682311393562951800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-67012243872077179522013-01-24T17:01:46.293+05:302013-01-24T17:01:46.293+05:30बाकी लोग माने या न माने लेकिन मै आपने पुरे जीवन मे...बाकी लोग माने या न माने लेकिन मै आपने पुरे जीवन मे होमिओपैथि के उपकार नही भूल सकता. मेरे दोनो पैरो का operation होने वाला था (Bilatteral hip joint avascular necrosis). लेकिन अंत समय मुझे होमिओपैथि के बारे मी पता चला जिससे मै आज चल फिर सकता हु...!!!!Nakulnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-72514659965418472212012-08-25T12:20:49.514+05:302012-08-25T12:20:49.514+05:30बहुत ही उपयोगी जानकारी आपके इस आलेख से मिली है. मे...बहुत ही उपयोगी जानकारी आपके इस आलेख से मिली है. मेरे जीवन का मिशन सा बन गया है कि कोई मरीज़ आए तो उसे होमियोपैथ डॉक्टर के पास ले जाता हूँ. यदि किसी के पास पैसे नहीं हैं और उसकी तकलीफ़ आपात्स्थिति की नहीं है तो उसे मुफ़्त दवा दे देता हूँ. अधिकतर मामलों में इस सिस्टम को बहुत सफलता से कार्य करते देखा है. मेरी बड़ी बहन की बाई पास सर्जरी हुई थी. दो साल बाद भी उनकी छाती में ऑपरेशन के बाद वाला दर्द आता था. स्टैफीसैग्रिया 200 की तीन खुराकों ने उन्हें ठीक किया.<br />Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-78345764546359592562011-05-07T23:45:50.514+05:302011-05-07T23:45:50.514+05:30अब में क्या कहूँ ? अब सबों को जवाब दें की पश्चिम ...अब में क्या कहूँ ? अब सबों को जवाब दें की पश्चिम में भी मान्यता मिल गयी है..कुछ देशों में ..धीरे-धीरे सभी मानेंगे .अब तो यहाँ की सरकार भी इस दिशा में कई कदम उठा रही है.Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-88378444489915390802010-07-21T09:05:45.909+05:302010-07-21T09:05:45.909+05:30क्या कहा जाये … होम्योपैथी के प्रति ऐसे विरोध आज स...क्या कहा जाये … होम्योपैथी के प्रति ऐसे विरोध आज से नही बल्कि <a href="http://drprabhattandon.wordpress.com/2009/04/10/a-tribute-to-dr-samuel-hahnemann/" rel="nofollow">हैनिमैन के समय</a> से ही रहा है लेकिन इसके वावजूद इस पद्दति मे लोगों का विशवास सिर्फ़ आशवसन और भ्रम से नही बल्कि समय –२ पर मिल रहे अनगिनत परिणामों से है । तथ्यों की बात करें तो नैदानिक परीक्षणॊं ( clinical trials ) मे होम्योपैथी की विशव्सीयनता को सिद्ध करना बहुत मुशकिल है क्योंकि यह एक व्यक्तिपरक चिकित्सा पद्दति है ( individualized therapy ) , एक ही समय मे एक ही रोग मे दस विबिन्न रोगियों मे दवायें अलग-२ निकलती हैं , सिर्फ़ एक ही दवा एक रोग मे कारगर नही हो सकतॊ , रोग की उत्पति, उसके कारण , रोगी की मन: स्थिति , रोग किन कारणॊ से बढ रहा है या घट रहा है , दवा के सेलेक्शन मे इन कई बातों का ध्यान रखना बहुत आवशयक है जो नैदानिक परीक्षणॊ मे एक ही दवा को लेकर नही की जा सकती लेकिन इसके बावजूद ऐसे कई परीक्षणॊं मे होम्योपैथी कारगर भी सिद्ध होती रही है देखें अवशय : <br /><br /><a href="http://hpathy.com/homeopathy-scientific-research/" rel="nofollow">http://hpathy.com/homeopathy-scientific-research/</a><br /><br /><a href="http://homeopathyresearches.blogspot.com" rel="nofollow">http://homeopathyresearches.blogspot.com</a><br /><br /><a href="http://drprabhattandon.wordpress.com/2008/08/11/is-homeopathy-trusted-science-or-a-placebo/" rel="nofollow">होम्योपैथी -तथ्य एवं भ्रान्तियाँ " प्रमाणित विज्ञान या केवल मीठी गोलियाँ "( Is Homeopathy a trusted science or a placebo )</a>Dr Prabhat Tandonhttps://www.blogger.com/profile/14781869148419299813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-2009391399492321492010-07-07T13:55:30.537+05:302010-07-07T13:55:30.537+05:30सतीश भाई , अब में क्या कहूँ ?
मेरे लिए तो इतना ही ...सतीश भाई , अब में क्या कहूँ ?<br />मेरे लिए तो इतना ही बहुत है,<br />आप जैसे दो चार मुहब्बत वाले आ जाएँ तो दिल खुश हो जाता है. बस आप अपना प्रेम बनाए रखें रही बात गूगल की ये तो फिर भी मशीन है यहाँ तो अच्छे भले आदमी का भी कभी मूड ख़राब हो जाता है.सहसपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/09067316996435869621noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-32744083569551708932010-07-07T04:58:21.835+05:302010-07-07T04:58:21.835+05:30होमिओ -पैथी का सीधा सा सिद्धांत है "किसी विष ...होमिओ -पैथी का सीधा सा सिद्धांत है "किसी विष (तोक्सिन )की न्यूनतम राशि (मात्रा ,मिनिमम अमाउंट ऑफ़ ए सब्सटेंस )उन लक्षणों को ठीक कर सकती है जो इस तोक्सिन की बड़ी मात्रा (लार्ज अमाऊ -नट्स )से पैदा होजातें हैं । आखिर वैक्सीन भी तो इसी सिध्दांत पर बनाये जाते है । वैकल्पिक चिकित्सा पर आजकल काफी जोर दिया जा रहा है, उस संदर्भ में आपका ये लेख बहुत उपयोगी है ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-47808585839832192772010-07-06T16:54:32.246+05:302010-07-06T16:54:32.246+05:30नहीं सर भारत में क्षेत्र की बात करें तो जिला जालौन...नहीं सर भारत में क्षेत्र की बात करें तो जिला जालौन से ताल्लुक रखता है बंदा... चलिए अंततः माना तो.. :) हम तो कबसे मानते हैं..दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-20313780924122542942010-07-06T16:31:36.241+05:302010-07-06T16:31:36.241+05:30हौम्योपैथी के बारे में बहुत बढ़िया सारगार्वित जानक...हौम्योपैथी के बारे में बहुत बढ़िया सारगार्वित जानकारी देने के लिए आभार . हौम्योपैथी के कोई साइड इफेक्ट भी नहीं हैं ... और विदेशों की तुलना में यहाँ भारत में ये दवाएं सस्ते में उपलब्ध हो जाती हैं ... इन दवाओं के द्वारा असाध्य से असाध्य रोगों का जड़ से निदान किया जा सकता है..समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-30490784396252851392010-07-06T14:49:02.109+05:302010-07-06T14:49:02.109+05:30होम्योपेथी में मेरा विश्वास नही था.कुछ साल पहले मे...होम्योपेथी में मेरा विश्वास नही था.कुछ साल पहले मेरे घुटने का लिगामेंट फट गया.(कारण?? नही बताऊंगी. आप सब हंसेंगे.अपनी ननद की पोती की शादी में चार दिन तक इतना नाची कि... डॉक्टर्स को भी विश्वास नही हुआ.हा हा हा ऐसिच हूँ मैं)<br />हाँ तप,उसके लिए और्थोपेदिक ने कहा कि अहमदाबाद जा के ऑपरेशन करवाना पडेगा घुटने का.पर....आप मेरा नाम मत लेना बस एक बार होम्योपेथिक डॉ से मिल लीजिए.<br />और एक महीने में मेरा पैर एकदम अच्छा हो गया वो भी मात्र पांच-छः सौ की दवा से.<br />और आये दिन हो जाने वाली गुर्दे की पथरी तो मेरी इसी से निकल जाती है.तब से लगने लगा कि कुछ तो दम है इसमें.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-38151203941818492412010-07-06T14:46:46.476+05:302010-07-06T14:46:46.476+05:30लिंक बताने के लिए शुक्रिया अरविन्द भाई !
वीरू भाई ...लिंक बताने के लिए शुक्रिया अरविन्द भाई !<br />वीरू भाई ने डॉ लिउक के कथन को प्रष्ठभूमि में रखते हुए में बेहतरीन विवेचना की है , प्रवीण जी के लिए दे रहा हूँ !<br />अब ज़रा गौर कीजिये -यही तो होमियो -पैथी की आधार -भूमि है ,बुनियाद है ,यहाँ -वाटर केंन रितेंन दी "मेमोरी "ऑफ़ सब्स्तेंसिज़ विद विच ईट हेड बीन इन कोंटेक्ट .इसी याददाश्त का ,एमिसन ज़ारी रहने का ,डॉ. दोहन और शोषण कर सकतें हैं ।<br />होमिओ -पैथी का सीधा सा सिद्धांत है "किसी विष (तोक्सिन )की न्यूनतम राशि (मात्रा ,मिनिमम अमाउंट ऑफ़ ए सब्सटेंस )उन लक्षणों को ठीक कर सकती है जो इस तोक्सिन की बड़ी मात्रा (लार्ज अमाऊ -नट्स )से पैदा होजातें हैं .यानी ज़हर की न्यूनतम राशि ,अधिकतम की काट है .ज़हर ही ज़हर को मारता है .<br /><br />Posted by veerubhai (आभार सहित)Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-41296444248061773152010-07-06T14:44:58.161+05:302010-07-06T14:44:58.161+05:30प्रवीण त्रिवेदी ╬ PRAVEEN TRIVEDI has left a new c...प्रवीण त्रिवेदी ╬ PRAVEEN TRIVEDI has left a new comment on your post <br /><br />"मानवता के लिए प्रकृति की एक महान भेंट होमिओपैथी -...": <br /><br />बेहतरीन जानकारी!Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-83502204450476833172010-07-06T12:48:01.444+05:302010-07-06T12:48:01.444+05:30बेहतरीन जानकारी!बेहतरीन जानकारी!प्रवीण त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/02126789872105792906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-70680099567475571752010-07-06T10:52:12.183+05:302010-07-06T10:52:12.183+05:30सभी तरह की वैकल्पिक चिकित्सा पद्धितियों पर खूब अनु...सभी तरह की वैकल्पिक चिकित्सा पद्धितियों पर खूब अनुसन्धान होने चहिये. मनुष्य की बीमारीयां भी रोज़ रोज़ बड़्ती जो जा रहीं हैं. <br /><br />मस्सों के लिये हौम्योपैथी में राम बाण ईलाज़ मैने अपनी पत्नी पर होते देखा है. उनके हाथ पर एक काफी बड़ा मस्सा हो आया था जो कई बरस रहा और फिर थूजा नाम की दवाई से वो 20 दिन में गायब हो गया. <br /><br />जो काम करें वो दवा. दुआ भी एक दवा ही तो है. Placebo effect भी एक प्रकार का ईलाज़ है. <br />विज्ञान ने क्या अंतिम सत्य घोषित कर दिया है क्या ?सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-5210402053114476082010-07-06T09:44:00.582+05:302010-07-06T09:44:00.582+05:30लिंक बताने के लिए शुक्रिया अरविन्द भाई !
वीरू भाई ...लिंक बताने के लिए शुक्रिया अरविन्द भाई !<br />वीरू भाई ने डॉ लिउक के कथन को प्रष्ठभूमि में रखते हुए में बेहतरीन विवेचना की है , प्रवीण जी के लिए दे रहा हूँ !<br />अब ज़रा गौर कीजिये -यही तो होमियो -पैथी की आधार -भूमि है ,बुनियाद है ,यहाँ -वाटर केंन रितेंन दी "मेमोरी "ऑफ़ सब्स्तेंसिज़ विद विच ईट हेड बीन इन कोंटेक्ट .इसी याददाश्त का ,एमिसन ज़ारी रहने का ,डॉ. दोहन और शोषण कर सकतें हैं ।<br />होमिओ -पैथी का सीधा सा सिद्धांत है "किसी विष (तोक्सिन )की न्यूनतम राशि (मात्रा ,मिनिमम अमाउंट ऑफ़ ए सब्सटेंस )उन लक्षणों को ठीक कर सकती है जो इस तोक्सिन की बड़ी मात्रा (लार्ज अमाऊ -नट्स )से पैदा होजातें हैं .यानी ज़हर की न्यूनतम राशि ,अधिकतम की काट है .ज़हर ही ज़हर को मारता है .<br />Posted by veerubhai (आभार सहित)Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-60288219204632672912010-07-06T08:07:44.468+05:302010-07-06T08:07:44.468+05:30लिंक बताने के लिए शुक्रिया अरविन्द भाई !
वीरू भाई ...लिंक बताने के लिए शुक्रिया अरविन्द भाई !<br />वीरू भाई ने डॉ लिउक के कथन को प्रष्ठभूमि में रखते हुए में बेहतरीन विवेचना की है , प्रवीण जी के लिए दे रहा हूँ !<br /><br />"अब ज़रा गौर कीजिये -यही तो होमियो -पैथी की आधार -भूमि है ,बुनियाद है ,यहाँ -वाटर केंन रितेंन दी "मेमोरी "ऑफ़ सब्स्तेंसिज़ विद विच ईट हेड बीन इन कोंटेक्ट .इसी याददाश्त का ,एमिसन ज़ारी रहने का ,डॉ. दोहन और शोषण कर सकतें हैं ।<br />होमिओ -पैथी का सीधा सा सिद्धांत है "किसी विष (तोक्सिन )की न्यूनतम राशि (मात्रा ,मिनिमम अमाउंट ऑफ़ ए सब्सटेंस )उन लक्षणों को ठीक कर सकती है जो इस तोक्सिन की बड़ी मात्रा (लार्ज अमाऊ -नट्स )से पैदा होजातें हैं .यानी ज़हर की न्यूनतम राशि ,अधिकतम की काट है .ज़हर ही ज़हर को मारता है"<br /><br />Posted by veerubhai (आभार सहित)Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-33568233405214447712010-07-06T07:56:07.645+05:302010-07-06T07:56:07.645+05:30@प्रवीण शाह,
डॉ लिउक मोंतान्येये के विचारों का अच्...@प्रवीण शाह,<br />डॉ लिउक मोंतान्येये के विचारों का अच्छा हिंदी ट्रांसलेशन "राम राम भाई " नामक ब्लाग पर उपलब्ध है, लिंक दे रहा हूँ कृपया अवश्य पढियेगा ! <br />http://veerubhai1947.blogspot.com/2010/07/blog-post_6164.html<br /><br />होमियो -पैथी की बुनियाद है यह तो ...<br /><br />लुक के अनुसार रोग पैदा करने वाले जीवाणु और विषाणु के डी एन ए के विलियन (सोल्युसंस )कम आवृत्ति के रेडियो -तरंगे (विद्युत् -चुम्बकीय विकिरण )निकाल सकतें हैं (निसृत ,उत्सर्जित ,एमिट )कर सकतें हैं .यह तरंगें आस पास के जल को "नेनो -स्ट्रक्चर्स "में समायोजित होने अरेंज होने के लिए प्रेरित कर देतीं हैं .इतना ही नहीं अब यह जलीय -अनु (वाटर मोलिक्युल्स )खुद भी रेडियो तरंगे छोड़ने लगतें हैं .जल का तरंगे छोड़ते रहने का गुण ज़ारी रहता है ,चाहें विलियन को कितना भी तनुकृत ,कम स्ट्रेंग्थ का ,यानी दायाल्युत करते चलो ।फिर -<br />चाहें तनुकृत होते होते ओरिजिनल डी एन ए ही प्रभावी तौर पर ला पता हो जाएँ ।<br />अब ज़रा गौर कीजिये -यही तो होमियो -पैथी की आधार -भूमि है ,बुनियाद है ,यहाँ -वाटर केंन रितेंन दी "मेमोरी "ऑफ़ सब्स्तेंसिज़ विद विच ईट हेड बीन इन कोंटेक्ट .इसी याददाश्त का ,एमिसन ज़ारी रहने का ,डॉ. दोहन और शोषण कर सकतें हैं ।<br />होमिओ -पैथी का सीधा सा सिद्धांत है "किसी विष (तोक्सिन )की न्यूनतम राशि (मात्रा ,मिनिमम अमाउंट ऑफ़ ए सब्सटेंस )उन लक्षणों को ठीक कर सकती है जो इस तोक्सिन की बड़ी मात्रा (लार्ज अमाऊ -नट्स )से पैदा होजातें हैं .यानी ज़हर की न्यूनतम राशि ,अधिकतम की काट है .ज़हर ही ज़हर को मारता है .<br />Posted by veerubhai (आभार सहित)Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-29464588706552121222010-07-06T06:37:58.266+05:302010-07-06T06:37:58.266+05:30हम भी भरोसा करते है इस पैथी पर | और इसे आजमाया भी ...हम भी भरोसा करते है इस पैथी पर | और इसे आजमाया भी है यदि दवा का चुनाव सही हो जाये तो यह सटीक कार्य करती है |<br />मेरे एक मित्र का चरित्र लाइकोपोडियम से हुबहू मिलता था उन्हें जब भी कोई दिक्कत होती मैं लाइकोपोडियम की एक बूंद उनकी जीभ पर डाल देता और उनका रोग ठीक हो जाता |<br />एक मित्र का चहरा २५% मस्सों से भरा भर गया था चेहरे पर मस्सों की एक परत सी बन गई थी कुछ दिन उन्होंने किसी होम्योपेथ से इलाज कराया तो चेहरा एकदम साफ़ हो गया |<br />एक और मित्र भी चेहरे पर मस्सों से दुखी थे उन्हें मैंने कुछ दिन थूजा खिलाई उनके मस्से भी जाते रहे | मेरे खुद के सिर में एक कठोर छोटी सी गाँठ बनी हुई थी उसके लिए मैंने करीब तीन माह तक कल्केरिया फ्लोरिका १२ xका सेवन किया उस कठोर गांठ का पता ही नहीं चला कहाँ गयी |<br />इसलिए मेरे लिए होम्योपेथी पर भरोसा नहीं करने का कोई कारण ही नहीं बचता |Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.com