tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post8266837986915940995..comments2024-03-27T14:44:27.129+05:30Comments on मेरे गीत !: यह हमारे बुज़ुर्ग -सतीश सक्सेनाSatish Saxena http://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-16195086220603014692010-05-10T11:22:18.655+05:302010-05-10T11:22:18.655+05:30..अंडमान में अपने माँ की याद दिला दी..बेहतरीन पोस्.....अंडमान में अपने माँ की याद दिला दी..बेहतरीन पोस्ट ..बधाई. <br />***************<br /><br />'शब्द सृजन की ओर' पर 10 मई 1857 की याद में..आप भी शामिल हों.KK Yadavhttps://www.blogger.com/profile/05702409969031147177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-27225076553251064112010-05-10T11:21:52.410+05:302010-05-10T11:21:52.410+05:30wah.kya baat hai.wah.kya baat hai.mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-91028385753547376662010-05-10T07:53:53.569+05:302010-05-10T07:53:53.569+05:30mujhe bhi rula diya... aankhe nam ho gai... SUNDER...mujhe bhi rula diya... aankhe nam ho gai... SUNDER RACHNAअरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-63969698283729632532010-05-09T22:56:22.922+05:302010-05-09T22:56:22.922+05:30आंखे नम हो आई है,मां तो मेरे पास है,बस बाबूजी की क...आंखे नम हो आई है,मां तो मेरे पास है,बस बाबूजी की कमी खल रही है।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-41062324468204378402010-05-09T22:54:04.112+05:302010-05-09T22:54:04.112+05:30नम हैं आँखे<i><br />नम हैं आँखे <br /></i>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-87828147496964503282010-05-09T22:22:15.753+05:302010-05-09T22:22:15.753+05:30माँ से बढ़ कर कोई नहीं....मातृ दिवस क्या उन्हे याद...माँ से बढ़ कर कोई नहीं....मातृ दिवस क्या उन्हे याद करने के लिए सारी जिंदगी कम है....माँ को सादर नमन...विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-1398732178652998542010-05-09T17:59:36.418+05:302010-05-09T17:59:36.418+05:30हमेशा की तरह आपकी लेखनी से निकली एक और सशक्त रचना...हमेशा की तरह आपकी लेखनी से निकली एक और सशक्त रचना.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-40237483922669357832010-05-09T12:55:21.545+05:302010-05-09T12:55:21.545+05:30apki lekhni ko naman.apki lekhni ko naman.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-48966847424374375542010-05-09T11:54:13.655+05:302010-05-09T11:54:13.655+05:30आप का पोस्ट पढने के बाद मन भर आया... माँ के नहीं ह...आप का पोस्ट पढने के बाद मन भर आया... माँ के नहीं होने का दर्द ओही जान सकता है जिसको माँ नहीं मिली है... बाकी हमरा त इहे मानना है कि जिन्नगी में जिसने आपके ऊपर ममता का छाँव रख दिया ओही माँ है... सायद इसीलिए लोग पत्थर का मूरत को भी माँ मान लेता है.हम त एक्के बात कहेंगे कि<br />जिसको नहीं देखा हमने कभी फिर उसकी ज़रुरत क्या होगी<br />ऐ माँ! तेरी सूरत से अलग, भगवान की सूरत क्या होगी.चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-67479176267014591992010-05-09T10:52:43.080+05:302010-05-09T10:52:43.080+05:30'आज के समय में जब मैं घर के 65-70 वर्षीय……………&...'आज के समय में जब मैं घर के 65-70 वर्षीय……………' प्रेमचन्द की 'बूढ़ी काकी'की याद ताज़ा हो गई।विकास और आधुनिकता के तमाम दावों के बावजूद शायद कुछ भी नहीं बदला है।<br />मार्मिक आलेख।Dr. Amar Jyotihttps://www.blogger.com/profile/08059014257594544439noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-90973876213356506852010-05-09T10:24:14.509+05:302010-05-09T10:24:14.509+05:30भावुक कर गये आपके भाव । माता-पिता, बस माता-पिता है...भावुक कर गये आपके भाव । माता-पिता, बस माता-पिता हैं । उपमायें नहीं समेट सकती उन्हें शब्दों में ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-69220095533597761762010-05-09T08:07:42.255+05:302010-05-09T08:07:42.255+05:30.....काश वे लोग होते और मुझे उनकी सेवा का मौका मिल........काश वे लोग होते और मुझे उनकी सेवा का मौका मिला होता यकीनन वे एक सुखी माता पिता होते ! मगर मुझ अभागे की किस्मत में यह नहीं लिखा था .. ...<br /><br />Kassh !<br /><br />I also miss my mom !ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-83564997948079457352010-05-09T07:52:40.342+05:302010-05-09T07:52:40.342+05:30और जिनको ये नेमत नसीब है ...वे कुछ करते नहीं ...या...और जिनको ये नेमत नसीब है ...वे कुछ करते नहीं ...या कर नहीं पाते ....!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/10839893825216031973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-25158744056767734442010-05-09T07:35:36.120+05:302010-05-09T07:35:36.120+05:30यही तो विडम्बना है , जिनके होते हैं वे उनका महत्त्...यही तो विडम्बना है , जिनके होते हैं वे उनका महत्त्व नहीं समझते । बचपन में बच्चों को मां बाप की और मां बाप को बुढ़ापे में बच्चों की ज़रुरत होती है।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-77150734206470788602010-05-09T07:14:58.917+05:302010-05-09T07:14:58.917+05:30माँ को नमनमाँ को नमनब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-80895692825817907852010-05-09T04:33:35.461+05:302010-05-09T04:33:35.461+05:30सतीश जी
आपकी लेखनी गुस्ताख है
इतनी गहराई में उतार...सतीश जी <br />आपकी लेखनी गुस्ताख है<br />इतनी गहराई में उतार देती है कि बस -- नम हैं आँखे माँ को याद करके जिसे मैनें उनकी झुर्रियों से पहचाना था.M VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-82953334170308844572010-05-09T01:16:59.665+05:302010-05-09T01:16:59.665+05:30मेरी निंदिया है मां, तेरे आंचल में,
तू शीतल छाया ह...मेरी निंदिया है मां, तेरे आंचल में,<br />तू शीतल छाया है, दुख के इस जंगल में...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-2868310287912633282010-05-09T00:18:53.700+05:302010-05-09T00:18:53.700+05:30सतीश जी जिन्होको भगवान ने मां बाप दिये है वो बेवकु...सतीश जी जिन्होको भगवान ने मां बाप दिये है वो बेवकुफ़ उन की कदर नही करते, उन्हे बोझ समझते है, तभी तो यह बुजुर्ग बाजार मै खडे हो कर जल्दी जल्दी खाते है, ओर जिन अभागो के मां बाप नही वो इस प्यार को तरसते है... आज आप ने भावुक कर दिया.<br />धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-17815857047960639032010-05-08T23:48:12.385+05:302010-05-08T23:48:12.385+05:30माँ की याद बहुत आ रही है , आखे नम हो गयी हैं , शाय...माँ की याद बहुत आ रही है , आखे नम हो गयी हैं , शायद इसीलिए बहुत से लोग भगवान को नहीं मानते ।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-61832771643029609432010-05-08T23:45:27.468+05:302010-05-08T23:45:27.468+05:30कहते हैं जब राधा ने बहती हुई मंजूषा में कवच कुंडल ...कहते हैं जब राधा ने बहती हुई मंजूषा में कवच कुंडल सुशोभित शिशु को पाया था तो उस बाँझ स्त्री के स्तनों में भी दूध का संचार होने लगा था... मातृत्व का कोई मोल नहीं... सर! बहुत ही अच्छी पोस्ट!!सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-22248798158928960652010-05-08T23:29:13.088+05:302010-05-08T23:29:13.088+05:30jinse apanapan mile vo hee apane hai ................jinse apanapan mile vo hee apane hai ..............<br /><br />aankhe num ho aaee hai..........<br />bado ka anadar karane walo ko ishvar satbudhee de.....<br />AasheeshApanatvahttps://www.blogger.com/profile/07788229863280826201noreply@blogger.com