tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post8428346714327508214..comments2024-03-27T14:44:27.129+05:30Comments on मेरे गीत !: मैं न पंडित, न राजपूत, न शेख सिर्फ इन्सान हूँ मैं, सहमा हूँ - सतीश सक्सेनाSatish Saxena http://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comBlogger48125tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-13051478505039380582010-10-09T14:24:35.514+05:302010-10-09T14:24:35.514+05:30बड़ी अच्ची गज़ल है।.बड़ी अच्ची गज़ल है।.देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-31795753078897414892010-10-09T14:24:05.072+05:302010-10-09T14:24:05.072+05:30बड़ी अच्ची गज़ल है।.बड़ी अच्ची गज़ल है।.देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-65430233299939187042010-10-04T12:59:22.509+05:302010-10-04T12:59:22.509+05:30सर्वत जी वाकई शानदार गजल कहते हैं। इस गजल में भी क...सर्वत जी वाकई शानदार गजल कहते हैं। इस गजल में भी कम शब्दों मं बडी बात कह दी है उन्होंने। इसे पढवाने के लिए आपका शुक्रिया।<br />................<br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">…ब्लॉग चर्चा में आप सादर आमंत्रित हैं।</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-54711923425339186842010-10-04T11:25:30.937+05:302010-10-04T11:25:30.937+05:30परिदों में फिरकापरस्ती क्यों नहीं होती !
कभी मन्द...परिदों में फिरकापरस्ती क्यों नहीं होती ! <br />कभी मन्दिर पे जा बैठे कभी मस्जिद पे!सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-4091252487697812812010-10-03T18:39:07.607+05:302010-10-03T18:39:07.607+05:30सहमना गलत है ।सहमना गलत है ।विवेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-59894997754100523062010-10-02T22:43:38.477+05:302010-10-02T22:43:38.477+05:30sir,
i found a dictionary :)
"one needs to...sir, <br /><br />i found a dictionary :)<br /><br />"one needs to type every word properly" to get the right answer :)<br /> <br />http://www.hamariweb.com/dictionaries/hindi-urdu-dictionary.aspx?ue=%E0%A4%97%E0%A4%9C%E0%A4%BC%E0%A4%AC<br /><br />please copy and paste the link given and get the meaning of "गज़ब"एक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-76562260438876788512010-10-02T21:39:25.087+05:302010-10-02T21:39:25.087+05:30@आदरणीय सतीश जी
अब क्या बताएं,
लगता है मानव का म...@आदरणीय सतीश जी<br /><br />अब क्या बताएं,<br />लगता है मानव का मूल स्वभाव जीभ की तरह ही होता है जो हमेशा वहीं जाती है जहां दांतों में छोटा सा तिनका फंसा होता है , यही गड़बड़ है मेरे साथ भी :))<br /><br />बस दो शब्दों से अटक रहे थे तिनके की तरह ....अब ज्ञान प्राप्त हो गया, जो शेर दिल को छू गए वो ये हैं<br /><br />जब मैं सहरा था, तब ही बेहतर था <br />आज दरिया हूँ और प्यासा हूँ <br /><br />मैं ने सिर्फ एक सच कहा लेकिन <br />यूं लगा जैसे इक तमाशा हूँ<br /><br />वैसे सारे शेर उम्दा हैं .. आनंद आ गया<br /><br />अर्थ बताने हेतु आपका आभार , कोई डिक्शनरी की व्यवस्था अवश्य करूंगा :)एक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-37092733443943216962010-10-02T21:22:27.709+05:302010-10-02T21:22:27.709+05:30@गौरव अग्रवाल ,
बशर का अर्थ जीव अथवा इंसान तथा सह...@गौरव अग्रवाल ,<br />बशर का अर्थ जीव अथवा इंसान तथा सहरा, मरुस्थल को कहते हैं ! वैसे मैं उर्दू का और ग़ज़ल का जानकार नहीं हूँ और स्पष्टीकरण इसलिए कि गौरव कोई दूसरा प्रश्न न पूँछ लें :-))<br /> <strong>उम्मीद करता हूँ कि इस प्रश्न का जवाब खुद सरवत जमाल साहब देंगे !</strong>Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-58289623940954783912010-10-02T20:44:46.180+05:302010-10-02T20:44:46.180+05:30@ आदरणीय सतीश जी
बशर,सहरा का क्या मतलब होता है@ आदरणीय सतीश जी<br /><br /> बशर,सहरा का क्या मतलब होता हैएक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-24608442902610668812010-10-02T08:55:17.881+05:302010-10-02T08:55:17.881+05:30सर्वत सर जी और उनकी इस सोच को दिल से सलाम ||
मैंने...सर्वत सर जी और उनकी इस सोच को दिल से सलाम ||<br />मैंने कई बार पढ़ा और न जाने,<br />और कितनी बार पढूंगा और सोचूंगा ||<br />कमाल की प्रस्तुति || <br /><br />मेरी हालत भी धान जैसी है <br />पक रहा हूँ, नमी में डूबा हूँ <br /><br />जब मैं सहरा था, तब ही बेहतर था <br />आज दरिया हूँ और प्यासा हूँ <br /><br />वाह !! ..........लाजवाब ||<br />क्या कहूँ मैं, बस निशब्द हो गया हूँ ||Shayar Ashok : Assistant manager (Central Bank)https://www.blogger.com/profile/14269190208303983206noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-2784797687698277212010-10-02T04:16:04.700+05:302010-10-02T04:16:04.700+05:30वाह सतीश जी बहुत बढिया । शायर सरवत जमाल साहब से मि...वाह सतीश जी बहुत बढिया । शायर सरवत जमाल साहब से मिलवाने का आभार ।<br />मैं न पंडित, न राजपूत, न शेख <br />सिर्फ इन्सान हूँ मैं, सहमा हूँAsha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-13646447385528973172010-10-02T02:30:53.689+05:302010-10-02T02:30:53.689+05:30satishji bahut hi achhi gazal padhwai aapne... aab...satishji bahut hi achhi gazal padhwai aapne... aabhar sachmuch apna sa dard laga har pankti me. डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-69639619937468798932010-10-01T23:19:18.463+05:302010-10-01T23:19:18.463+05:30मेरी हालत भी धान जैसी है पक रहा हूँ, नमी में डूबा ...मेरी हालत भी धान जैसी है पक रहा हूँ, नमी में डूबा हूँ <br />जब मैं सहरा था, तब ही बेहतर था आज दरिया हूँ और प्यासा हूँ<br /><br />आदरणीय सर्वत जी की तो मैं हमेशा फैन रही हूँ....<br />इनका हर शे'र गहरा पैठ कर लिखा गया होता है ..यहाँ भी वही देख रही हूँ ....<br />पाक रहा हूँ नमी में डूबा हूँ .....सुभानाल्लाह .....<br /><br />और ये ....<br />जबकि सुकरात भी नहीं हूँ मैं फिर भी हर रोज़ जहर पीता हूँ <br />आप के भक्त हार जाएंगे आप भगवान हैं, मैं पैसा हूँ<br /><br />ओह ....कहाँ से लाते है ऐसी सोच .....<br />सतीश जी शुक्रिया आपका ....<br />सर्वत जी अपना ब्लॉग फिर शुरू करें .....<br />इन्तजार है आपका .....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-47117700471684894102010-10-01T14:53:24.881+05:302010-10-01T14:53:24.881+05:30बढ़िया प्रस्तुति...
अब हिंदी ब्लागजगत भी हैकरों क...बढ़िया प्रस्तुति... <br />अब <a href="http://mahendra-mishra1.blogspot.com/2010/10/blog-post.html#links" rel="nofollow">हिंदी ब्लागजगत भी हैकरों की जद में </a> .... निदान सुझाए.....समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-45660587015620523462010-10-01T12:52:16.294+05:302010-10-01T12:52:16.294+05:30अच्छा लगा पढ़ना.अच्छा लगा पढ़ना.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-39314182521900659772010-10-01T11:55:23.735+05:302010-10-01T11:55:23.735+05:30खुश हूँ की राम का फैसला हो गया , उनको birth ceritf...<a href="http://mypoeticresponse.blogspot.com/2010/09/birth-ceritficate.html" rel="nofollow"> <br /><br />खुश हूँ की राम का फैसला हो गया , उनको birth ceritficate ईशु होगया ।<br /></a>रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-70998047780730939492010-10-01T11:13:21.636+05:302010-10-01T11:13:21.636+05:30.
छोटी-मोटी मुश्किलों से यूँ, परेशान नहीं होते।
ड....<br /><br />छोटी-मोटी मुश्किलों से यूँ, परेशान नहीं होते।<br />डर-डर के जो जिए, वो इंसान नहीं होते। <br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-40579439644536438902010-10-01T09:50:43.624+05:302010-10-01T09:50:43.624+05:30ऊई अल्लाह,
दरवाज़े मॉडरेशन खाँसता ।
टिप्पणी भेजता ...<i><br />ऊई अल्लाह, <br />दरवाज़े मॉडरेशन खाँसता ।<br />टिप्पणी भेजता हूँ, पिछली खिचड़ी से ।<br />ई-मेल से आयी टिप्पणियाँ छपती तो होंगी ?<br /><br />"समझ नहीं आ रहा कि अपने ही घर में क्यों चेतावनी प्रसारित की जा रही है ! बेहद तकलीफदेह है यह महसूस करना कि इसी देश की संतानों को आपस में ही, एक दूसरे से ही खतरा है ! " <br />- इसी पोस्ट से !<br /></i>डा० अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09556018337158653778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-56010904028819801202010-10-01T09:17:48.101+05:302010-10-01T09:17:48.101+05:30@ सरवत जमाल साहब
जो हुक्म हुजूर
हाज़िर हैं और...@ सरवत जमाल साहब <br />जो हुक्म हुजूर <br />हाज़िर हैं और हाज़िर रहेंगे सेवा में :-)Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-13366422806939723992010-10-01T09:12:23.463+05:302010-10-01T09:12:23.463+05:30मैं जान बूझ कर कल, 30 सितम्बर को टिप्पणी देने नहीं...मैं जान बूझ कर कल, 30 सितम्बर को टिप्पणी देने नहीं आया. कल का दिन जितनी शंकाओं-आशंकाओं से भरा हुआ था, उस ने मुझे भी किसी काम का नहीं छोडा था. लेकिन खुशी इस बात की है कि एक बार फिर इंसानियत की जीत हुई. एक बार फिर फिरक़ा परस्ती ने मुंह की खाई. एक बार फिर इस मुल्क के अवाम ने यह साबित किया कि यहां गंगा-जमुनी तह्ज़ीब है और हमेशा रहेगी.यहां फिर्दौस, सतीश, शिवम, सर्वत और अनगिनत इंसान एक साथ थे, है और रहेंगे.<br />सतीश भाई, थोडी मेहनत किया करें और किसी अच्छे शायर का कलाम पोस्ट किया करें.सर्वत एम०https://www.blogger.com/profile/15168187397740783566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-34014655263927120402010-10-01T07:31:41.729+05:302010-10-01T07:31:41.729+05:30इनसान का इनसान से हो भाईचारा,
यही पैगाम हमारा, यही...इनसान का इनसान से हो भाईचारा,<br />यही पैगाम हमारा, यही पैगाम हमारा...<br /><br />जमाल भाई बेमिसाल हैं...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-64089226382308735352010-10-01T05:27:13.560+05:302010-10-01T05:27:13.560+05:30कुछ भी नयी बात नहीं आयी गजल में -सर्वत जमाल से और ...कुछ भी नयी बात नहीं आयी गजल में -सर्वत जमाल से और अच्छे की उम्मीद हैArvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-74508930542087697422010-10-01T00:33:22.245+05:302010-10-01T00:33:22.245+05:30सुंदर प्रस्तुति। आभार!सुंदर प्रस्तुति। आभार!मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-81951714038678448042010-09-30T23:52:43.082+05:302010-09-30T23:52:43.082+05:30सतीश जी
आभार … एक शानदार ग़ज़ल पढ़ने का अवसर...<b><i> सतीश जी </i></b> <br /> आभार … एक शानदार ग़ज़ल पढ़ने का अवसर देने के लिए !<br /> <br /><b>सरवत जमाल साहब</b> को ज़्यादा नहीं पढ़ा , जितना पढ़ा , उनके कलाम को पढ़ने की प्यास बढ़ी ही है ।<br />यहां प्रस्तुत सरवत जी की ग़ज़ल बहुत पसंद आई ।<br /><br /> <b><br />मैं भी इस दौर के बशर सा हूं <br />आंखें होते हुए भी अंधा हूं <br /><br />मैं न पंडित, न राजपूत, न शेख <br />सिर्फ इन्सान हूं मैं, सहमा हूं </b> <br /><br />वाह ! वाह ! वाह !<br /> <br />वाकई … <br />आज के दिन का हौवा ! <br />चेतावनी ! <br />सचमुच बेहद तकलीफ़देह !<br /><br />अपना एक दोहा समर्पित करना चाहूंगा -<br /> <br /> <b>मस्जिद - मंदिर तो हुए , पत्थर से ता'मीर !<br />इंसां का दिल : राम की , अल्लाह् की जागीर !! <br /> </b> <b> </b> <br /><br />- राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-20752756178224976242010-09-30T23:51:23.187+05:302010-09-30T23:51:23.187+05:30सरवत भाई का शेर शेर लाजवाब है...सरवत भाई का शेर शेर लाजवाब है...चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.com