tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post9214264030746633503..comments2024-03-17T09:16:47.742+05:30Comments on मेरे गीत !: इन डगमग चरणों के सम्मुख, विद्रोही नारा लाया हूँ - सतीश सक्सेना Satish Saxena http://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-48157289979143903382017-10-19T22:35:55.139+05:302017-10-19T22:35:55.139+05:30वाह !!!!! आदरणीय सतीश जी नमन करती हूँ आपकी लेखनी क...वाह !!!!! आदरणीय सतीश जी नमन करती हूँ आपकी लेखनी की प्रखरता को !!!!!!!! बहुत ही अनुपम लेखन है आपका | दीपावली की पावन शाम में आपको अनंत शुभकामनायें प्रेषित करती हूँ | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-89966445508759561782017-10-15T09:16:57.116+05:302017-10-15T09:16:57.116+05:30अद्भुत!मेरी शब्द शक्ति से परे! अखंड शुभकामना!!!!अद्भुत!मेरी शब्द शक्ति से परे! अखंड शुभकामना!!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-16731208795388989612016-09-10T10:42:37.949+05:302016-09-10T10:42:37.949+05:30शिक्षक दिवस पर कविता-
कर्ज है उनका हम पर अ...शिक्षक दिवस पर कविता-<br /><br /> कर्ज है उनका हम पर अक्षर अक्षर<br />मार दिया जिसने वो दानव, था कभी जो निरक्षर<br /> बना जिससे, कोई अल्पज्ञ तो कोई सर्वज्ञ<br /> पर छांया में इनकी रहा न कोई अज्ञ॥<br /><br /> अज है जिनका पद, महानता है जिनकी अगम्य<br /> गर है इनका आशीश, होती न कोई मंजिल दुर्गम्य<br />कागज़ पे नहीं उभरेगा, अनिर्वचनीय है इनका स्वभाव<br />अलौकिक कहो या कहो ईश्वर, है इनमें तो हरइक भाव<br /><br />असंख्य शब्द न कर सके वर्णन, ऎसी है अद्भूत इनकी छवि<br />मिलता है जिनसे ज्ञान का प्रकाश, केह दो भले ही उन्हें ज्ञान-रवि<br />कहे कोई शिक्षक या कहे गुरू, किन्तु इनका धर्म एक है<br />सत्-सत् प्रणाम करता हूँ उन्हें, जिनके परिणाम अनेक है॥<br /><br />लेखक: अश्विन गोयलmera kavya safarhttps://www.blogger.com/profile/08320592727090538788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-61978760458838405092016-09-10T10:36:16.602+05:302016-09-10T10:36:16.602+05:30शिक्षक दिवस पर कविता-
कर्ज है उनका हम पर अ...शिक्षक दिवस पर कविता-<br /><br /> कर्ज है उनका हम पर अक्षर अक्षर<br />मार दिया जिसने वो दानव, था कभी जो निरक्षर<br /> बना जिससे, कोई अल्पज्ञ तो कोई सर्वज्ञ<br /> पर छांया में इनकी रहा न कोई अज्ञ॥<br /><br /> अज है जिनका पद, महानता है जिनकी अगम्य<br /> गर है इनका आशीश, होती न कोई मंजिल दुर्गम्य<br />कागज़ पे नहीं उभरेगा, अनिर्वचनीय है इनका स्वभाव<br />अलौकिक कहो या कहो ईश्वर, है इनमें तो हरइक भाव<br /><br />असंख्य शब्द न कर सके वर्णन, ऎसी है अद्भूत इनकी छवि<br />मिलता है जिनसे ज्ञान का प्रकाश, केह दो भले ही उन्हें ज्ञान-रवि<br />कहे कोई शिक्षक या कहे गुरू, किन्तु इनका धर्म एक है<br />सत्-सत् प्रणाम करता हूँ उन्हें, जिनके परिणाम अनेक है॥mera kavya safarhttps://www.blogger.com/profile/08320592727090538788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-4396283086610265312016-08-21T10:18:34.990+05:302016-08-21T10:18:34.990+05:30वाह !वाह !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-11547384724389885222016-08-17T12:52:24.618+05:302016-08-17T12:52:24.618+05:30मन के भाव बाखूबी लिखे हैं आपने ...मन के भाव बाखूबी लिखे हैं आपने ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-76539162596440312012016-08-13T13:03:46.407+05:302016-08-13T13:03:46.407+05:30हिंदी जर्जर भूख प्यास से
प्लास्टिक खाकर भी ज़िंदा ...हिंदी जर्जर भूख प्यास से <br />प्लास्टिक खाकर भी ज़िंदा है <br />कोई नहीं पालता इसको<br />कचरा खा खाकर ज़िंदा है !<br />..................<br />जर्जर हिंदी माँ को भूले !<br />....<br />भूखी प्यासी सिसक रही, निज भाषा <br />का चारा लाया हूँ !<br /><br />दो टूक शब्दों में खरी खरी सुनाने का अंदाज अच्छा लगा , प्रेरक है ,,,, कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-85950393603542926042016-08-12T11:21:04.212+05:302016-08-12T11:21:04.212+05:30बहुत सुन्दर... दिल और दिमाग को झंकृत करते एक एक शब...बहुत सुन्दर... दिल और दिमाग को झंकृत करते एक एक शब्द...... कौशल लालhttps://www.blogger.com/profile/04966246244750355871noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-8147257278421340772016-08-12T10:28:39.933+05:302016-08-12T10:28:39.933+05:30जो सत्य है उसे समय सिद्ध करेगा -किसी के मानने ,न म...जो सत्य है उसे समय सिद्ध करेगा -किसी के मानने ,न मानने से क्या !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-64994684695895544532016-08-12T10:10:55.589+05:302016-08-12T10:10:55.589+05:30बहुत सही . नमन आपके उद्गारों को .बहुत सही . नमन आपके उद्गारों को .गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6340570424549373370.post-64657681002951370042016-08-12T08:37:14.332+05:302016-08-12T08:37:14.332+05:30वाह ! बहुत खूब ! बधाई इस सुंदर रचना के लिए..वाह ! बहुत खूब ! बधाई इस सुंदर रचना के लिए..Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.com