एक साल बाद, ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट देख, मन झूम उठा ! मेरी बेटी का निष्क्रिय थायरोइड ग्लैंड , अब बिलकुल स्वस्थ है ! ....लगभग दो साल पहले , एलोपैथिक दवाएं बंद कर,अपनी बच्ची का इलाज़, खुद करने का निर्णय लिया था और इस जटिल बीमारी और मेरे आत्मविश्वास की जंग में , अंततः होमियोपैथी के साथ साथ मेरे होमिओपैथी अध्ययन की विजय हुई !
रिजल्ट निम्न थे ....
6-1-09 - TSH - 46.96 ( 0.35-5.50 )
23-9-09 TSH - 21.57
13-12-09 -TSH - 7.05
2-2-10 - TSH - 6.29
1-1-11 - TSH - 3.83 ( normal )
शायद यह मेरे पूरे जीवन में, खुद के आत्मविश्वास के साथ ,सबसे बड़ी लड़ाई थी जिसमें मेरे विश्वास की जीत हुई ! और साथ ही होमिओपैथी के प्रति मेरा यह विश्वास और बढ़ा है कि यह मानवता के प्रति वरदान है !
रिजल्ट निम्न थे ....
6-1-09 - TSH - 46.96 ( 0.35-5.50 )
23-9-09 TSH - 21.57
13-12-09 -TSH - 7.05
2-2-10 - TSH - 6.29
1-1-11 - TSH - 3.83 ( normal )
शायद यह मेरे पूरे जीवन में, खुद के आत्मविश्वास के साथ ,सबसे बड़ी लड़ाई थी जिसमें मेरे विश्वास की जीत हुई ! और साथ ही होमिओपैथी के प्रति मेरा यह विश्वास और बढ़ा है कि यह मानवता के प्रति वरदान है !
बधाई आपको।
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाइयाँ ... यह सच में एक बहुत बड़ी जीत है !
ReplyDeleteथायरोइड से मुक्ति........
ReplyDeleteबधाई हो.
kya satish sir! aapne sirf wah wahi lut li....:)
ReplyDeletenuskha bhi to batao......aapke bahu ko bhi thioryd hai,.....lekin ham allopathic ilaj le rahe hain.
सर्वप्रथम तो बिटिया के स्वास्थ्य लाभ के लिये बधाई!!
ReplyDeleteऔर शुभकामनाएं बिटिया अब उस असाध्य समस्या से मुक्त रहे।
इस होमियोपेथी के सटीक परिणाम हम सब के साथ शेयर करने का आभार!!
इस तरह इधर उधर भटकते मायूसों को आसरा मिल सकता है।
बहुत बहुत बधाइयाँ ... यह सच में एक बहुत बड़ी जीत है !
ReplyDeleteबिटिया को थाइराइड से निजात मिलने पर बधाई।
ReplyDeleteकृप्या नुस्खा भी बतायें, इस बीमारी से ग्रसित कई लोग हमारी जानकारी में भी हैं,जो अर्से से एलोपथिक दवाई (एल्ट्रोक्सिन)ले रहें हैं।
होमियोपेथिक उपचार से थायराईड रोग से बिटिया को पूरी तरह से मुक्ति मिल जाना वाकई चमत्कार माना जा सकता है ।
ReplyDeleteमुझे अपनी पत्नि को इस रोग से बचाने के लिये एलोपेथिक उपचार व आपरेशन की शरण में ही जाना पडा था ।
बिटिया के पूर्णतः रोगमुक्त होने पर बधाई...
बधाई
ReplyDeleteबिटिया के स्वास्थ्य लाभ के लिये !!
सतीश भाई,
ReplyDeleteअब तो यह भी सिद्ध होने को है कि होमियोपैथी की दवाएँ किस तरह शरीर को प्रभावित करती हैं और रोगमुक्त करती हैं। इस पर अलग से आलेख लिखूंगा।
@सुशील बाकलीवाल जी,
यह चमत्कार नहीं है। दुनिया में जो चीज हमारी जानकारी में नहीं होती और अपनी विधि से हो जाती है उसे ही हम चमत्कार कहते हैं। होमियोपैथी एक वास्तविक चिकित्सा पद्धति है, जो सस्ती भी है, उपयोगी भी और निरापद भी।
बधाई हो बेटी के स्वास्थ्य लाभ के लिये
ReplyDelete@ मुकेश कुमार सिन्हा ,
ReplyDeleteकृपया पहले इस पोस्ट पर दिए लिंक पढ़ कर होमिओपैथी के बारे में समझ लें ...बिना इसे समझे निदान संभव नहीं है !
@ सुज्ञ ,
आभार आपकी शुभकामनाओं के लिए
@ संवेदना के स्वर (चैतन्य आलोक ),
इसका कोई सार्वभौमिक नुस्खा नहीं होता हर व्यक्तित्व की पहचान के साथ मिलकर दवाएं तलाश करनी पढ़ती हैं ! यह एक बेहद श्रमसाध्य कार्य है जो सामान्यतः डॉ नहीं कर पाते !
इस प्रकार के इलाज़ में, बीमारी का इलाज़ नहीं किया जाता है ...अधिक जानकारी के लिए कृपया दिए लिंक पढ़ें !
आप को बहुत बधाई जी
ReplyDeleteमेरी माँ को १५ साल पहले ये बीमारी हुई थी और वो एक साल एलोपैथिक इलाज के बाद ठीक हो गई उसके बाद उन्हें कोई समस्या नहीं हुई इलाज के बाद कोई भी दवा खाने की जरुरत नहीं पड़ी जबकि अब मैंने सुना है की इस बीमारी में व्यक्ति को जीवन भर दवा खानी पड़ती है | मै नहीं जानती की अब बीमारी और इलाज में क्या फर्क आया है | जहा तक होमिओपैथीकी बात है इसमे काफी धैर्य रखना पड़ता है क्योकि बीमारी को जड़ से हटाने के लिए इलाज लम्बा चलता है |
ReplyDeleteबिटिया के लिए शुभकामनाएं.
ReplyDeleteनिश्चय ही, पद्धति में दोष नहीं बस प्रयोक्ता को ही सही practitioner के पास जाने की आवश्यकता है.
बहुत बधाई आपको .और बिटिया को उज्जवल भविष्य की खूब सारी शुभकामनाये.
ReplyDeleteबहुत बधाई ...!
ReplyDeleteआपको बधाई
ReplyDeleteऔर अच्छा भी लगा
जहां विश्वास होता है जीत वहीं पर होती है
बिटिया (बहन) को शुभकामनायें
प्रणाम
congrats and i hope your daughter lives a beautiful life
ReplyDeleteregds
बधाई ॥ दवाइयों के नाम भी दे देते तो अन्य लोगों को शायद सुविधा हो जाती। वैसे होमियो का एक नियम है- Treat the patient not the disease.
ReplyDeleteबधाई ॥ दवाइयों के नाम भी दे देते तो अन्य लोगों को शायद सुविधा हो जाती। वैसे होमियो का एक नियम है- Treat the patient not the disease.
ReplyDeleteआदरणीय सतीश जी ,
ReplyDeleteसच में मन आनंदित हुआ जानकार
बहुत बहुत बधाई आपको ... बहुत बड़ी जीत है
अब मैं ये सारे लेख, जो आपने दिए हैं ध्यान से पढूंगा और इस पद्दति के बारे में जितनी जानकारी हो सकेगी सब तक पहुँचाउंगा , कोई संशय हुआ तो पूछूंगा भी
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
ReplyDeleteआपको और आपके पूरे परिवार को नववर्ष की ढेर सारी शुभकामनाएँ
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
बड़ी ही प्रसन्नता की बात है, स्वास्थ्य सुदृढ़ रहे। बधाई हो।
ReplyDelete@ अंतर सोहिल ,
ReplyDeleteतुम्हारी प्यार भरी शुभकामनायें अच्छी लगीं... !
@ रचना ,
शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद रचना !
@ गौरव अग्रवाल,
मुझे यह जानकार अच्छा लगा अगर तुम्हारे जैसा विद्वान् होमिओपैथी में रूचि लेगा बहुतों का भला कर पाओगे ! शुभकामनायें
@ सी एम् प्रसाद ,
ReplyDeleteइस केस में मैंने कल्केरिया कार्ब , लायको, थूजा, मेदोरायनम एवं लैकेसिस का उपयोग अधिक किया ....
ध्यान रहे किसी अन्य केस में ऐसे दवाएं नहीं दी जा सकती हर रोगी की दवाएं उसकी प्रकृति के अनुसार ही सेलेक्ट की जायेंगी ! अन्यथा केवल नुकसान ही होगा !
सतीश भाई , बिटिया अब ठीक है , यह जानकर प्रसन्नता हुई ।
ReplyDeleteलेकिन आपने तो हमें असमंजस में डाल दिया ।
थायरायड कोई रोग नहीं है , एक ग्रंथि है (endocrine gland )।
इससे मुक्ति कैसे हो सकती है ।
माफ़ करना यार , डाक्टरी आड़े आ गई ।
Aaaha... that's great... congratulations to you and your daughter too...
ReplyDeleteये जानकारियाँ मैंने नोट कर लीं हैं, क्योंकि मैं कुछ लोगों को जानती हूँ जिन्हें ये प्रोब्लम है...
thank you so much for information too...
एक गुजारिश है, यदि आप वो नुस्खे या इलाज़ भी बता देते तो... वैसे होम्योपैथ तो बता ही दिया suggest करने के लिए...
ReplyDeleteअब होमियोपैथी से हो या किसी भी पैथी से अच्छी न्यूज ये है कि छुटकी चंगी हो गयी... :)
ReplyDeleteआपका विश्वास सफल रहा.. यह सोने पे सुहागा है...
Nice post .
ReplyDeleteथायरायड की अति सक्रियता कम हुयी -होम्योपैथी से ,नोट किया ...बिटिया को शुभाशीष ! अब दिनेश जी का एक्सपर्ट कमेन्ट देखने वहां जाता हूँ !
ReplyDelete@ डॉ दराल,
ReplyDeleteयहाँ प्रयुक्त शब्द का अर्थ " कम सक्रिय थायोरोइड ग्रंथि " मानिए ! :-)) जो अब ठीक हो चुकी है
आशा है संतुष्ट होंगे अब
बिटिया के स्वस्थ होने की बधाई.
ReplyDeleteशुभकामनायें भी
अंकल आपकी बेटी के बारे में जान कर अच्छा लगा..
ReplyDeleteवैसे एक बात शेयर करना चाहूँगा...
मेरे दादा जी होमिओपैथी के डॉक्टर भी थी, और साथ ही साथ पोस्टमास्टर भी..
मेरे बड़े पापा को भी होमिओपैथी के बारे में बड़ा ज्ञान है..गाँव में आसपास के लोग आकार उनसे दवा ले जाया करते थे..
मेरे पापा को भी होमिओपैथी के दवाओं के बारे में अच्छी जानकारी है...मेरे परिवार में सभी लोग होमिओपैथी दवाओं का प्रयोग करते हैं...
मुझे खुद दांत में तकलीफ थी, लगा की पैसे खर्च हो जायेंगे बहुत ठीक कराने में...पापा ने दो दवा बताई थी, उन्हें खा रहा हूँ और पिछले आठ महीने से एकदम ठीक हूँ..... :)
होमिओपैथी से बहुत सी जटिल बिमारी ठीक हो चुकी हैं..
वाह! नये वर्ष में पहली खुशी की खबर।
ReplyDelete..बहुत बधाई।
बिटिया के स्वास्थ्य लाभ के लिये बधाई....
ReplyDeleteबिटिया के रोगमुक्त हो जाने पर बधाई !
ReplyDeleteबधाई हो।
ReplyDeleteमैंने भी सुना था कि उम्र भर ऐलोपैथिक दवा खानी पड़ती है लेकिन धर्मपत्नी को भी थायरायड में होम्योपैथी से आराम आ गया।
बिटिया को हमेशा निरोग रहने की शुभकामनाये।
बिटिया के स्वास्थ्य के लिए बधाई
ReplyDeleteईश्वर में आस्था का प्रतिफ़ल है यह । ईश्वर आपके बेटे को दीर्घायु करें ।
ReplyDelete.
ReplyDelete.
.
आदरणीय सतीश सक्सेना जी,
सर्वप्रथम तो बिटिया के रोगमुक्त होने की बधाई!
आपने यह नहीं बताया कि मात्र TSH ही बढ़ा रहता था, T3 व T4 के लेवल क्या रहते थे ? यदि यह लेवल सामान्य थे तो यह Subclinical Thyroidism था जो कुछ मामलों में स्वयं ठीक हो जाता है।
अंशुमाला जी का कमेंट इस मामले में काबिले गौर है।
मेरी स्वयं की बहन को हाइपोथायराइडिज्म पाँच वर्ष पहले उसकी गर्भावस्था के दौरान डिटेक्ट किया गया... तब से लगातार वह एन्डोक्राइनोलोजिस्ट के इलाज में है... कभी उसे दो गोलियाँ लेनी होती हैं कभी आधी गोली से ही काम चल जाता है और कभी कभी बिना दवा के भी वह ठीक रहती है... कहने का मतलब यह है कि इस बीमारी में सब कुछ संभव है... परंतु हर रोगी को प्रत्येक छह माह में T3, T4 व TSH लेवल की जाँच जरूर कराते रहना चाहिये... आपको भी यही राय दूंगा।
...
सतीष भाई
ReplyDeleteबहुत बधाई
उपयोगी साबित होंगे आप ब्लाग ज़गत के लिये अब और अधिक
bhai satish saxenaji bitiya sahit sampurn parivar ke liye mery aseem shubhkamnayen.thanks with regards
ReplyDeleteहोमियोपेथी से काफी असाध्य बीमारियों का निदान संभव है .... मैं स्वयं होमिओपैथी का फैन हूँ ... आभार
ReplyDelete@ प्रवीण शाह,
ReplyDelete6 -1-09 T4= 4.50 (5.60-13.70)
13-12-09 T4 = 5.09 ( 5.13 - 14.06)
T4 जब बढ़ा पाया गया, उसकी दिनांक के साथ रिपोर्ट दे रहा हूँ !
इस होमियोपेथी के सटीक परिणाम को आपने हम सबके साथ शेयर किया इसके लिए आपका आभार!!
ReplyDeleteएलोपैथिक दवाओं का असर तुरंत भले ही हो लेकिन उनके दीर्घकालीन दुष्परिणाम जब सामने आते हैं तो पीड़ित असहाय सा इधर उधर भटकता फिरता है ... सतीश जी! आपके आत्मविश्वास का ही कमाल है की बिटिया स्वस्थ हुई...
आपको नव वर्ष की सपरिवार शुभकामनाएं ....
BACHIYA KE LIYE PARMESHWAR SE MANGALKAMNAYE......
ReplyDeletePRANAM
सतीश जी ये तो बहुत खुशी की बात है। मुझे भी आयूर्वेद और होमियों पैथी पर बहुत विश्वास है। क्या जन्म से जिस बच्चे मे ये दोश हो वो सही हो सकता है? उस बच्चे को डाऊन सिन्ड्रोम के साथ जन्म से ही थाईराईड है। अगर हो सकता है तो आपको रिपोर्ट भेजूँ? धन्यवाद।
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाइयां .....
ReplyDeleteये सच आपके विश्वास की जीत है ...
बुटिया को अनन्त शुभकामनायें.....
बहुत-बहुत बधाई...वाकई यह एक बड़ी जीत है....मेरी शुभकामनाएं...
ReplyDeleteबिटिया को रोग से मुक्ति मिल गई यह खुशी की बात है। वह स्वस्थ्य रहे यही कामना है।
ReplyDeleteSatish ji send the detail of your daughter prescription. I will post this blog http://sewamandir.blogspot.com/
ReplyDeletethis blog dedicate to homoeopathy.
cpkanojiya@gmail.com
sarv-pratham bete swasthy labh kitatha nav-varshh ki aapkoe pure parivar ko hardik avam duguni shubh kamnaye.
ReplyDeleteaapki rachna ne to man moh liya. bahut hi gahrai se hriday ke bhavo ko aapne shabdo ka rup diya hai.
bhala aisi rachna pdh kar aapki preysi aapse dur kaise rah sakti hain ,vo to ulte panv doudi chali aayengi.
bahut bahut badhai---
poonam
धन्यवाद सतीश भाई। केल्क आयोड और क्रोटोलस भी लाभकारी पाए गए हैं। जैसा कि मैंने कहा है कान्स्टिट्यूशन के हिसाब से -ट्रीट द पेशन्ट.. :)
ReplyDeleteबिटिया और आपको शुभकामनायें !
ReplyDeleteमुझे प्रवीण शाह जी का इंतज़ार था पर इस पोस्ट पर उन्होंने काफी सब्र से काम लिया :)