Saturday, September 1, 2012

भरी जवानी में , ये बातें , किस गुस्ताख ने छेड़ी हैं - सतीश सक्सेना

जब तक यादें जीवित दिल में ,श्र्द्धा और सबूरी की ! 
तब तक दिल में,बसी रहेगी, गंध उसी कस्तूरी  की !

जब तक, मेरे इंतज़ार में , नज़र लगीं, दरवाजे  पर !
तब तक वे,न जाने देंगीं, दिल से धमक जवानी की !

जब तक कोई कान लगाये, आहट सुनता क़दमों की !
तब तक यह मुस्कान रहेगी , कसमें पद्म भवानी की !

भरी जवानी में , ये  बाते, किस गुस्ताख ने छेड़ी हैं !
हाथ मिलाएं, हमसे आकर, हो पहचान गुमानी की !

जब तक ह्रदय मचलता उनके जूड़े ,कंगन,गजरे पर

लाखों जनम निछावर उन पर, है इच्छा कुर्बानी की !

82 comments:

  1. kafi dino baad apke rachana bhav padhe ...bhapoorn abhivyakti ...abhar

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  2. आँखों में अब कल दिखता है।

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  3. भरी जवानी में ये बाते, किस गुस्ताख ने छेड़ी हैं !
    हाथ मिलाएं हमसे आकर,हो पहचान जवानी की !

    कसम ज़वानी की , ये पंक्तियाँ पढ़कर मज़ा अ गया . :)
    बदले मूड में देख कर अच्छा लगा भाई जी .

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    1. जीवन को समझना तो पड़ेगा भाई जी..आभार आपका !

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  4. :):) पहले आता था बुढ़ापा 40 साल की उम्र में , अब तो 40की उम्र किशोरावस्था है :) इस रचना को पढ़ कर लगा कि अभी अभी तो दस्तक सुनी है आपने जवानी की :):)

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    1. वा वाह... वा वाह...
      आभारी हूँ हिम्मत बंधाने के लिए आपका :)))

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  5. बड़ा इंतज़ार था आपकी तरफ से ऐसी पोस्ट का.....
    जवानी बरकरार रहे........
    शुभकामनाएं
    सादर
    अनु

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  6. बहुत रोचक मजेदार पंक्तियाँ ------सही है सिर्फ जिस्म ही गद्दारी करता है मन हमेशा वफादारी करता है

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  7. namaskaar satish ji

    भरी जवानी में, ये बाते, किस गुस्ताख ने छेड़ी हैं !
    हाथ मिलाएं,हमसे आकर,हो पहचान जवानी की ! waah kya khoob likha aapne .............rachna bahut acchi hai , vaise dil ki yaaden jo mahakti hai wah dil ko sada jawan hi rakhti hai aur yah jawani kabhi na jaye ..............:)) shubhkamnaye
    saadar shashi

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  8. ४० में शादी .......... उम्र का तकाजा बदल गया . सफेदी तो १६ साल में भी अब दिखते हैं , उम्र को तो रंगकर प्रायः सभी चल रहे हैं
    :)

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    1. सब नहीं रंगते :)

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    2. उम्र का तो पता नहीं पर बाल सर छोड़िये दाड़ी के भी सफेद हो गये । बहुत जोर किये लोग काला करो हमने कहा दिल काला है तो काहे बालों को काला करें :)

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  9. बढ़िया.
    शुभकामनायें,सतीश जी.

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  10. रश्मि जी, बिल्कुल सही! वैसे बुढ़ापा उम्र से कम इंसान की जिन्दादिली से अधिक दिखाई देता है. क्या फर्क पड़ता है कि लोग आंटी कहें या दादू कहें. फर्क इस बात से पड़ता है कि वे आपको अपने में कितना शामिल करते हें. कितना हमराज बनाकर आपसे अपने को बाँटते हें. यही आपके हमउम्र के बराबर जगह देने वाली बात है और फिर जब हम जिनके साथ हें तो उनके बराबर ही बन जाते हें. बुढ़ापा एक मानसिक स्थिति है न कि शारीरिक स्थिति. आप स्वस्थ रहे और सक्रिय रहें. सबके साथ अपने को मिलाकर चलें .

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  11. क्या बात है...:)

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  12. वाह क्या बात है...! जवानी जिन्दाबाद।

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  13. waah ..bahut sundar likha hai ...
    budhapa kabhi na aaye ...
    shubhkamnayen Satish ji ...

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  14. उम्र एक मकाम होती हैं
    एहसास होती हैं
    की
    जीवन जिया हैं हमने
    बुढ़ापा और जवानी
    इस बहस में जो पडते हैं
    मुझे लगता हैं
    मानसिक रूप से अपरिपक्व होते हैं

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    1. हाँ ... :)
      कभी कभी ऐसा ही लगता है !

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  15. जब तक कोई कान लगाये, आहट सुनता क़दमों की !
    दिल ये,सदा जवान रहेगा, कसम हमें इन प्यारों की !

    भरी जवानी में, ये बाते, किस गुस्ताख ने छेड़ी हैं !
    हाथ मिलाएं,हमसे आकर,हो पहचान जवानी की !

    कुछ तो बात है भैया जी , लेकिन मानना पड़ेगा ?

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    1. आभार रमाकांत जी आपका.....

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  16. रब से दुआ है यह हंसी-खुशी का मौसम सदा यूँ ही बना रहे...

    जहाँ तक आपके गीत की बात है...उसमें कुछ खास नहीं है... हमेशा की ही तरह अच्छा है... वही पुराना ज़बरदस्त अंदाज़... वही घिसा-पीटा बेहतरीन तरीके का गीत... पढकर वही पुरानी जलन... उन्ह्ह...

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  17. एक व्यक्ति ने अपना 79 वाँ जन्म दिया मनाया और कहा....

    हाय! अगले वर्ष मेरा टीन एज समाप्त हो जायेगा। साठ वर्ष की सेवा के बाद जब मैने सरकारी सेवा से से अवकाश ग्रहण किया था तब मेरा जन्म हुआ था।:)

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  18. बहुत सुन्दर भावप्रवण कविता |

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  19. जब तक कोई कान लगाये, आहट सुनता क़दमों की !
    दिल ये,सदा जवान रहेगा, कसम हमें इन प्यारों की !

    सार , जीवन का |

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  20. ताव दिला कर हाथ मिलाने के लिए उकसाना क्यों पड़ रहा है? :)

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    1. हाथ मिलाने पर दुबारा ध्यान दें :)

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  21. भरी जवानी में, ये बाते, किस गुस्ताख ने छेड़ी हैं !
    हाथ मिलाएं,हमसे आकर,हो पहचान जवानी की !

    अति सुंदर..

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  22. बेहतरीन, जीवंत पंक्तियाँ.....

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  23. भरी जवानी में,ये बाते,किस गुस्ताख ने छेड़ी हैं !
    हाथ मिलाएं,हमसे आकर,हो पहचान जवानी की !

    काफी दिनों बाद अलग मूड की रचना पढ़ने को मिली,,,,लाजबाब,,,,
    RECENT POST,परिकल्पना सम्मान समारोह की झलकियाँ,

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  24. कस्तूरी की वही मादक गंध तो इधर भी मदहोश किये हुए हैं .. :-)
    बरखुर्दार मेरी तरह तो बाल काले आपके भी हैं फिर ये चचा जान का संबोधन?
    गहरी सहारी सहानुभूति हुयी ..
    वो जोशे जवानी न रही तो क्या हुआ
    ये होशे तजुर्बा तो बरकरार है ग़ालिब :-)
    (गालिबन ये मेरा है ) और जिन्हें आपने ललकारा है उनको भी पेशे खिदमत है -
    गो हाथों में दम नहीं आँखों में तो जुम्बिश है
    रहने दो सागरों मीना अभी हमारे सामने >
    (सागरों मीना में बहुत कुछ सम्मिलित है )
    उफ़ ये क्या क्या कमबख्तयादें आपने दिला दीं :-)
    केशव केशन अस करी जस अरिहूं न कराहिं
    चन्द्र मुखी मृगलोचनी चाचा कहि कहि जायं :-)
    कलेजे को ठंडक मिल गयी या कुछ और सुनाऊँ ?

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  25. ज़िन्दगी ज़िन्दादिली का नाम है, बना रहे ये जज़्बा!

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  26. कौन कहता है बुढ़ापे में,
    इश्क का सिलसिला नहीं होता...
    आम तब तक मजा नहीं देता,
    जब तक पिलपिला नहीं होता...

    सतीश भाई, शुभकामनाएं...​
    ​​
    ​जय हिंद...

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    Replies
    1. :))
      यह पिलपिला कौन है ?? आखिरी लाइने पढ़े खुशदीप भाई !

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  27. आपने तो बड़ी गंभीरता से चैलेन्ज दे डाला

    भरी जवानी में, ये बाते, किस गुस्ताख ने छेड़ी हैं !
    हाथ मिलाएं,हमसे आकर,हो पहचान जवानी की !

    ये भी खूब रही.

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  28. जब तक बसी रहेगी कस्तूरी गंध , उम्र सिर्फ एक गिनती होगी !

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  29. जब तक बसी रहेगी कस्तूरी गंध , उम्र सिर्फ एक गिनती होगी !

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  30. भरी जवानी में, ये बाते, किस गुस्ताख ने छेड़ी हैं !
    हाथ मिलाएं,हमसे आकर,हो पहचान जवानी की !
    यही उत्साह बरक़रार रखे :)

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  31. चलो , आप आये तो सही मूड में !

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    1. आपकी चिंता के लिए बेहद आभारी हूँ ...कष्ट भुलाने का प्रयत्न जारी रहेगा !

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  32. जब तक कोई कान लगाये, आहट सुनता क़दमों की
    दिल ये,सदा जवान रहेगा, कसम हमें इन प्यारों की ...

    वाह जवान रहने का क्या नुस्खा खोजा है सतीश जी ... उनके क़दमों की आहट सुन्नी पड़ेगी अब ...

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  33. बहुत बढ़िया प्रस्तुति...

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  34. बढिया भी हैं और सच भी

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  35. बेहद ख़ूबसूरत रचना,हर पंक्ति दिल को छू गई ...

    सादर

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  36. बेहद ख़ूबसूरत रचना,हर पंक्ति दिल को छू गई ...

    सादर

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  37. रचना के भाव मन को भाए!

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  38. सुंदर रचना..आपने सही कहा है..

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  39. आहा ||||
    बहुत सही रचना है सर जी...
    बहुत बढ़िया..
    जवानी के मौज कीजिये...
    :-)

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  40. रचना आपकी बेहद सुन्दर है

    पर मुझे तकलीफ ऎसी है कि जीना बोझ लगता है.

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    Replies
    1. यह क्या हुआ ...
      ऐसा ना कहें ..

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  41. लेकिन बुढापा तो हम सब का अब आ ही गया सतीश जी, मान लीजिये न :)

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    Replies
    1. अरे आप कब से बूढी हो गयीं ??
      :)

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  42. बहुत खूब!
    अलग अलग पहर हैं
    अलग अलग कमाई है
    बुढा़पे में क्या बुराई है
    बुढा़पा भी जिंदादिल
    हुआ करता है
    पता नहीं फिर भी
    जवानी पर वो
    क्यों मरता है !

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  43. वाह! बेहद खुबसूरत..नजर न लग जाए..

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  44. Its yesterday once more.....बहुत खूब सतीश जी.

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  45. बहुत सुंदर। मेरे नए पोस्ट पर आप आमंत्रित हैं । धन्यवाद ।

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  46. rachna ka janm hone ke liye chhote chhote vakaye badi bhoomika nibhate hai..sundar rachna..

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  47. सुंदर रचना
    पर इसे लिखने जहां से प्रेरणा मिली वो भी कम नहीं है।
    बहुत बढिया

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  48. सुंदर रचना
    पर इसे लिखने जहां से प्रेरणा मिली वो भी कम नहीं है।
    बहुत बढिया

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  49. ईश्वर से यही दुआ है...
    ~ये शरारत, ये मुस्कान.. यूँ ही खिलती रहे...
    इस गुलशन में बहार.. सदा महकती रहे.......~ :-)
    ~सादर !

    ReplyDelete
  50. ईश्वर से यही दुआ है...
    ~ये शरारत, ये मुस्कान यूँ ही खिलती रहे...
    इस गुलशन में बहार सदा महकती रहे.......~ :-)
    ~सादर !

    ReplyDelete
  51. जीवन भी अजब पहेली है
    कभी खुशी कभी गम

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  52. जब तक मन में,किसी प्यार की,यादें हमको आती हैं !
    तब तक दिल में, बसी रहेगी, गंध उसी कस्तूरी की!

    आपकी उपर्युक्त पक्तियों पर सहस्त्रों महाकाव्य की रचना की जा सकती है। बहुत दिनों बाद आपके पोस्ट पर आना हुआ। मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा।

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  53. ये भी बहुत खूब रही ..

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  54. बहुत सुंदर ।आपकी इस जोरदार वापसी पर बहुत अच्छा लगा ।

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  55. अब आप भी कहेंगे ये कहाँ आ गये तुम :)
    अरे फोटो खींच लाई हम भी क्या करें ?

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  56. Shokhiyoon mainghloa jaye... Dev saahab ka gana yaad aa gaya :]

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एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

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