हरियाली बन्ने ! दुल्हन करे है इंतजार
चटक मटकती फिरें भाभियाँ
हुलस हुलस बारी जायें !
हरियाले बन्ने ....
हुलस हुलस बारी जायें !
हरियाले बन्ने ....
बुआ तुम्हारी लेयं बलाएँ
फिरें नाचती द्वार द्वार में
घुंघरू करें झंकार !
हरियाले बन्ने ....
बहना तुम्हारी हुई बाबरी
घर घर में वो फिरे हुलसती
बार बार बलिहार !
हरियाले बन्ने ....
मां के दिल से पूछे कोई
बारम्बार बलाएँ लेती
नज़र नहीं लग जाए !
हरियाले बन्ने ....
मौसी तुम्हारी रानी जैसी
घर में खुशियाँ लेकर आयी
करे प्रेम - बौछार !
हरियाले बन्ने ....
मामी तुम्हारी फिरें मटकती
सब लोगों को नाच नचाती
करती नयना - चार !
हरियाले बन्ने ....
चाची तुम्हारी खुशियाँ बांटे
रंग - बिरंगी बनी घूमती
गाएं गीत मल्हार !
हरियाले बन्ने ....
दादी तुम्हारी घूमें घर में
पैर जमीं पर नहीं पड़ रहे
खुशी कही ना जाए !
हरियाले बन्ने ....
बाबा तुम्हारे , घर के मुखिया
चार पीढियां देख के हरसें
शान कही ना जाय !
हरियाले बन्ने ....
पिता तुम्हारे फिरें घूमते
घर में सबका हाल पूंछते
खुशी छिपे न छिपाय !
हरियाले बन्ने ....
भइया तुम्हारे फिरें महकते
मेहमानों की खातिर करते
इत्र फुलेल लगाय !
हरियाले बन्ने ....
चाचा तुम्हारे आए दूर से
नए नवेले कपड़े पहने
मस्त फिरे बतियायं !
हरियाले बन्ने ....
जीजा तुम्हारे हुए बावरे
फिरें घूमते बन्ना लिखते
हाल कहा ना जाए !
हरियाले बन्ने ....
http://epaper.bhaskar.com/magazine/madhurima/213/02122015/mpcg/1/
एक अन्य खूबसूरत विवाह गीत के लिए यहाँ जाइये - कैसे जाओगे यहाँ से लेके प्यार सजना !
फिरें नाचती द्वार द्वार में
घुंघरू करें झंकार !
हरियाले बन्ने ....
बहना तुम्हारी हुई बाबरी
घर घर में वो फिरे हुलसती
बार बार बलिहार !
हरियाले बन्ने ....
मां के दिल से पूछे कोई
बारम्बार बलाएँ लेती
नज़र नहीं लग जाए !
हरियाले बन्ने ....
मौसी तुम्हारी रानी जैसी
घर में खुशियाँ लेकर आयी
करे प्रेम - बौछार !
हरियाले बन्ने ....
मामी तुम्हारी फिरें मटकती
सब लोगों को नाच नचाती
करती नयना - चार !
madhurima,bhasker-2-12-15 |
चाची तुम्हारी खुशियाँ बांटे
रंग - बिरंगी बनी घूमती
गाएं गीत मल्हार !
हरियाले बन्ने ....
दादी तुम्हारी घूमें घर में
पैर जमीं पर नहीं पड़ रहे
खुशी कही ना जाए !
हरियाले बन्ने ....
बाबा तुम्हारे , घर के मुखिया
चार पीढियां देख के हरसें
शान कही ना जाय !
हरियाले बन्ने ....
पिता तुम्हारे फिरें घूमते
घर में सबका हाल पूंछते
खुशी छिपे न छिपाय !
हरियाले बन्ने ....
भइया तुम्हारे फिरें महकते
मेहमानों की खातिर करते
इत्र फुलेल लगाय !
हरियाले बन्ने ....
चाचा तुम्हारे आए दूर से
नए नवेले कपड़े पहने
मस्त फिरे बतियायं !
हरियाले बन्ने ....
जीजा तुम्हारे हुए बावरे
फिरें घूमते बन्ना लिखते
हाल कहा ना जाए !
हरियाले बन्ने ....
http://epaper.bhaskar.com/magazine/madhurima/213/02122015/mpcg/1/
एक अन्य खूबसूरत विवाह गीत के लिए यहाँ जाइये - कैसे जाओगे यहाँ से लेके प्यार सजना !
बहुत सुन्दर गीत लिखा है। ...आभार।
ReplyDeleteआपका यह गीत पढ कर संबंधियों की हँसी-ठिठोली के बीच ढोलक पर गाए जाते गीत याद आगए.
ReplyDeleteअपना एक अधूरा लिखा 'बन्ना'ध्यान में आ रहा है -
ठाड़े रहियो ,बन्ने ,ओ गली के मुहाड़े पे
गौरी को पूजन मैं ओ ही गैल जाऊंगी ,
थाली में फूल-पात भोग फल लै जाऊँगी !
एक फूल आँचल में समेट धरि राखूँगी ,
चुपके चबूतरे पे धर के बढ़ जाऊंगी,
ठाड़े रहियो बन्ने चौराहे के किनारे पे
माँगन सुहाग भड़भूजिन के जाऊंगी,
अमर सिंदूर का असीस ले के आऊँगी ...
*
अधूरा ही रह गया था ,अब पूरा कर लूंगी -आपका आभार !
लोक गीत तो सुन्दर होते ही हैं और साथ ही साथ शिक्षा भी देते हैं,
ReplyDeleteअगर आप इस गीत की शैली भी बताते तो कुछ ज्ञानार्जन और भी हो जाता.
यहाँ भी पधारें :-
अकेला कलम...
वाह सतीश जी
ReplyDeleteबढ़िया गीत .. कभी शादी विवाहों में ऐसे गीत सुनने मिलते थे ... आधुनिकता के चलते अब बन्ना-बन्नी के गाने बहुत कम सुनने मिलते हैं ... मगर गांवों में खूब सुनने मिल जाते हैं ...
बढ़िया प्रस्तुति...
वाह सतीश जी
ReplyDeleteबढ़िया गीत .. कभी शादी विवाहों में ऐसे गीत सुनने मिलते थे ... आधुनिकता के चलते अब बन्ना-बन्नी के गाने बहुत कम सुनने मिलते हैं ... मगर गांवों में खूब सुनने मिल जाते हैं ...
बढ़िया प्रस्तुति...
पूरा शादी का घर ही आंखो के सामने नाच गया
ReplyDeleteजीवंत वर्णन्
सतीश जी क्या परिवार में विवाह समारोह है? बन्ने-बन्नी तो हमारे समाज जीवन की जान हैं। सारे ही रिश्ते इनमें गुथे होते हैं।
ReplyDeleteआनंद विभोर करता गीत !
ReplyDeletePad kar shadi ke mahaul sa ho gaya dimaag main.....par hay ri kismat yahan kahan shadi me jana milega wo bhi apani Hindustani shadi.
ReplyDeleteBhaisaab maza aagaya gheent me....aabhar
अरे वाह! बहुत ही सुन्दर गीत है, लगता है घर पर शादी का मौसम आने वाला है.......
ReplyDeleteबहुत अच्छा..........सालों बीत गए ऐसा गीत सुने ...
ReplyDeleteare waah
ReplyDeleteबढ़िया वैवाहिक गीत बन पड़ा है..
ReplyDeleteसतीश भाई,
ReplyDeleteबेटे राजा का रिश्ता तय कर दिया है क्या...गीत की मस्ती देखकर ऐसा ही लगता है...बेटे के सिर पर सेहरा जल्दी देखने की व्याकुलता समझ सकता हूं...वो लड़की भी धन्य होगी जिसे नए पिता के तौर पर आप जैसे इनसान का सिर पर साया और संस्कारवान परिवार मिलेगा...
जय हिंद...
सुन्दर उर्जावान गीत
ReplyDeleteअच्छा ..अच्छा.... अच्छा .... इसका मतलब तलाश पूरी हो गयी लगता है
सुन्दर उर्जावान गीत
ReplyDeleteअच्छा ..अच्छा... इसका मतलब तलाश पूरी हो गयी है .. ऐसा लगता है
वाह शादी की रौनकें याद दिला दीं । शादी में गाया जा सकता है यह गीत आराम से । बधाई ।
ReplyDeletesatish jee ,me english me type karna bhool gaya ab me hindi me kruti 10 font me type kartaa hoo -use kaise post karoon
ReplyDeleteसुंदर गीत है ... विवाह की ख़ास हँसी ठिठोली की याद आ रही है गीत पढ़ कर .....
ReplyDeleteबड़ा ही सुंदर गीत है..... कई बातें याद आ गयी....
ReplyDeleteभारतीय संस्कॄति में संस्कारों का बड़ा महत्व है। हमारी संस्कॄतिक धरोहर को
ReplyDeleteहजारों वर्षों से लोकगीत स्वयं में संरक्षित किए हुए हैं। कोमलता, निश्छलता और माटी की महक की व्याप्ति जितनी इनमें होती है उतनी अन्य किसी साहित्यिक विधा की रचनाओं मे नहीं मिलती है। नई पीढ़ी को अपने "स्व" से पहचान कराने वाला आपका यह प्रयास सराहनीय है।
सद्भावी--डॉ० डंडा लखनवी
bahut sunder git hai........
ReplyDeleteआदरणीय सतीष भाई
ReplyDeleteसादर वन्दे
ये गीत चुरा रही हूँ
अपने ब्लॉग मेरी धरोहर में
सहेजूँगी इसे
2,दिसम्बर की मधुरिमा मे छपी है ये रचना
पसंद आई...
सो ये गलत काम भी
करने पर मजबूर हो गई
सादर
यशोदा
स्वागत के साथ आपका आभार कि आपने इसे सम्मान दिया ! मंगलकामनाएं आपको
Deleteबहुत सुंदर गीत......
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