
आज अनु की जन्मदिन पर वह मनहूस दिन याद आ गया जब उसने अपने नन्हें अजन्में पुत्र के साथ अंतिम सांस ली थी ! वह अपने घर की सबसे प्यारी लड़की थी जिसका खोना हम कल्पना भी नहीं सकते मगर घर के सब बड़े बूढ़ों को छोड़ सबसे पहले, वही, यहाँ से चली गयी !
दूर देश जाना, था उसने ,
पंखों से, उड़ जाना उसने
प्यार बांटकर हँसते हँसते
परियों सा खो जाना उसने
कहाँ खो गयी, हंसी तुम्हारी ,किसने छीन लिया संगीत ?
ऐसा लगता , हँसते गाते
तुझको कोई छीन ले गया !
एक निशाचर,सोता पाकर
घर से तुमको उठा ले गया !
जबसे तूने छोड़ा हमको,
शोक मनाते मेरे गीत !
जबसे तूने छोड़ा हमको,
शोक मनाते मेरे गीत !
सोते जगते, अब तेरी, तस्वीर बनाएं मेरे गीत !
नाम बदलते,तुझे छिपाते
बुरी घडी भी कट जायेगी !
बुरी घडी भी कट जायेगी !
बड़े शक्तिशाली बनते थे ,बचा न पाए तुझको गीत !
रक्त भरे वे बाल तुम्हारे , कभी न भूलें मेरे गीत !
ऐसा पहली बार हुआ था
हंसकर उसने नहीं बुलाया
हम सब उसके पास खड़े थे
उसने हमको, नहीं बिठाया !
बिलख बिलख कर रोये हम सब,
टूट न पाई उसकी नींद !
उठ जा बेटा तुझे जगाते , सिसक सिसक कर रोये गीत !
कितनी सीधी कितनी भोली
हम सब की हर बात मानती
बच्चों जैसी, लिए सरलता,
स्वागत करने हंसती आती !
जब जब, तेरे घर पर जाते,
तुझको ढूंढें मेरे गीत !
हर मंगल उत्सव पर बच्चे, शोक मनाएं मेरे गीत !

जाकर भी वरदान दे गयी
श्री धर पुत्री, दुनिया को !
खुद केशव की रक्षा करके ,
दान दे गयी , दुनिया को !
रक्त भरे वे बाल तुम्हारे , कभी न भूलें मेरे गीत !
ऐसा पहली बार हुआ था
हंसकर उसने नहीं बुलाया
हम सब उसके पास खड़े थे
उसने हमको, नहीं बिठाया !
बिलख बिलख कर रोये हम सब,
टूट न पाई उसकी नींद !
उठ जा बेटा तुझे जगाते , सिसक सिसक कर रोये गीत !
कितनी सीधी कितनी भोली
हम सब की हर बात मानती
बच्चों जैसी, लिए सरलता,
स्वागत करने हंसती आती !
जब जब, तेरे घर पर जाते,
तुझको ढूंढें मेरे गीत !
हर मंगल उत्सव पर बच्चे, शोक मनाएं मेरे गीत !
जाकर भी वरदान दे गयी
श्री धर पुत्री, दुनिया को !
खुद केशव की रक्षा करके ,
दान दे गयी , दुनिया को !
बचपन अंतिम , साँसे लेता ,
सन्न रह गये सारे गीत !
देवकि पुत्री के जीवन को ,बचा न पाए मेरे गीत !
सन्न रह गये सारे गीत !
देवकि पुत्री के जीवन को ,बचा न पाए मेरे गीत !
अनु के असमय जाने को याद करते समय, आज सोंच रहा था कि पिछले ३७ साल की नौकरी में लगभग हर चार वर्ष बाद एक ट्रांसफर हुआ है , इस वर्ष ऑफिस वाला आखिरी ट्रांसफर (रिटायरमेंट) भी होना है , अगर इसी क्रम में गिनता जाऊं तो शायद दुनियां से, ट्रांसफर होने में अधिक समय बाकी नहीं है ! फोटोग्राफी का बचपन से शौक रहा है , शायद मैं अकेला लेखक हूँ जो कि अपनी हर रचना के साथ अपना चित्र अवश्य लगाता है ताकि सनद और मुहर लगती रहे इन कविताओं और विचारों पर कि ये किसके हैं ! जाने के बाद हम सिर्फ अपने निशान छोड़ सकते हैं , और अगर वे अच्छे और गहरे हों तो अनु की तरह ही, हमें भी लोग याद करेंगे और आंसुओं के साथ करेंगे !!
love you sweet girl !