Saturday, June 28, 2014

कौन जाने यह विधाता कौन है ? - सतीश सक्सेना

ऐसी दुनियां को बनाता कौन है ?
कौन जाने,यह विधाता कौन है ?

इस बुढ़ापे में, नज़र क़ाफ़िर हुई,
वरना ऐसे , गुनगुनाता कौन है ?

इश्क़ की पहचान होनी चाहिए
बे वजह यूँ, मुस्कराता कौन है ?

आपको तो, काफिरों से इश्क है !
वर्ना इनको मुंह लगाता कौन है ?

चलके वृन्दावन में ही पहचान हो 
काफिरों को घर बुलाता कौन है ?

7 comments:

  1. है भी पक्का है ना कोई है
    और बुढ़ापा अभी कहाँ
    अभी तो आपके खेलने
    कूदने के दिन है
    लिखते रहिये
    इसी तरह बहुत सुंदर
    सुंदर गजलें :)

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  2. खूबसूरत ग़ज़ल...हर शेर असरदार...

    ReplyDelete
  3. खूबसूरत ग़ज़ल...

    ReplyDelete
  4. Beautiful. This is only the inspiration which leads to such questions. Regards.

    ReplyDelete
  5. आपको तो, काफिरों से इश्क है !
    वर्ना इनको मुंह लगाता कौन है ?

    चाँद की दरियादिली तो देखिये
    रात से भी प्यार करता कौन है ?
    एकदम बढ़िया

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  6. gahre bhav ke sath sundar rachna....

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- सतीश सक्सेना

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