साधारण जनमानस में गुरु बेहद आवश्यक हैं, लोग अक्सर पूछते दिखते है, यह किसने कहा ? यह कहाँ लिखा है ? किसी सम्मानित से दिखने वाले व्यक्ति में उन्हें गुरु दिखने लगता है, और उनके व्यवहार में विनम्रता तुरंत नज़र आने लगती है !गुरुओं ने इसे अंगीकार कर लिया, गुरु सत्संग में पहुँचने पर सबसे पहले शिष्य को बिना बोले, सिर्फ़ सुनना अनिवार्य शर्त है , बोलना ही मना है, और पूछना अशिष्टता ! सो गुरु लोग सबसे पहले बेहतरीन सांस्कृतिक सा नाम पहले धारण करते हैं, दाढ़ी आवश्यक है और अगर आचार्य रवींद्र नाथ जैसी हो तो क्या कहने ! बिना कुर्ता , क्लीनशेव व्यक्तित्व को शिष्य कभी गुरु नहीं बनायेंगे ! सो जो साथी ज्ञान देने में माहिर हैं उन्हें चाहिये एक बढ़िया सा नाम, और सौम्य वेशभूषा, कुछ दिन मजमा लगाने के बाद, लच्छे दार लुभावनी भाषा, बढ़ती शिष्य मंडली देखकर अपने आप आ जाएगी !
राजकुमार सिद्धार्थ ने किसी को गुरु नहीं बनाया, उनमें बिना किसी जानवर के भय के बालसुलभ निडरता बचपन से ही थी, वे ख़ुद से ही प्रश्न करते ख़ुद में ही उत्तर की तलाश करते और उन्हें हर बार शरीर और अनुभव सिखाता रहा ! जानवर एक शांत चित्त व्यक्ति अपने पास पाकर खुश थे, उन्हें इस व्यक्ति से कभी ख़तरा महसूस नहीं हुआ सो उन्होंने सिद्धार्थ पर भी कभी आक्रमण नहीं किया बल्कि वे उनसे प्यार करते थे , शायद यही से अहिंसा का जन्म हुआ
उन्होंने महसूस किया कि इंसान को जीवित रहने के लिए शुद्ध हवा में साँस लेना सबसे आवश्यक है , उन्हें दिन में चार पाँच बार प्यास लगती और भूख सिर्फ़ एक बार, खाने में जो फल, मूल, पत्ता, जीभ को कड़वा लगता उसे थूकना पड़ता था उन्होंने उसे हमेशा त्याज्य माना और जो मीठा लगा उसे खाने योग्य !
बिना गुरु ही वे एकाग्रचित्त हो साँसों पर अधिकार कर पेट में कंपन पैदा करना सीख गए जिससे उनका शरीर स्वस्थ रहे , वे ही सर्वोच्च योगी थे जिनका कोई गुरु नहीं था ! सो मेरा ख़ुद का विश्वास है कि हम सब अपने अंदर निहित, आंतरिक गुरु को तलाश करें, जो कि शरीर को पूरे जीवन बेहद शक्ति देने में समर्थ है न कि धन की तलाश में जुटे आडंबरी गुरुओं की तलाश में समय व्यर्थ कर ख़ुद को मूर्ख साबित करें !
प्रणाम आप सबको
Thursday, January 19, 2023
बतलायें, तपोवन कहां लिखूं -सतीश सक्सेना
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Thursday, January 12, 2023
टीशर्ट राहुल गांधी की -सतीश सक्सेना
देखिए जब 69 वर्ष के सतीश सक्सेना टी शर्ट में 7 डिग्री में दौड़ रहे हैं तब राहुल तो नौजवान हैं , मार्शल आर्ट Akido में ब्लैक बेल्ट होल्डर हैं , ऐसे शानदार एथलीट का ठंड में टी शर्ट पहनना भी, ढीले ढाले लोगों के बीच चर्चा का विषय बन जाता है !
विश्वास करिए, ठंड में एक टी शर्ट में बाहर निकलना असंभव नहीं है , बल्कि आप सबको एक एक लेयर कम करते हुए कम कपड़ों में बाहर रहने का अभ्यास करना चाहिए ! १०००० साल पहले लोग गुफाओं में बिना कपड़े ही रहते थे , परिवार सहित !
शरीर बहुत शक्तिशाली है इस पर भरोसा रखें यह किसी भी परिस्थिति में ज़िंदा रह सकता है , इसको शक्तिशाली बनाने के लिए ढेरों हवा , पानी और भूख लगने पर थोड़ा भोजन चाहिये बस !
इसकी आदत न बिगाड़िये , प्रमाण आप सबको
विश्वास करिए, ठंड में एक टी शर्ट में बाहर निकलना असंभव नहीं है , बल्कि आप सबको एक एक लेयर कम करते हुए कम कपड़ों में बाहर रहने का अभ्यास करना चाहिए ! १०००० साल पहले लोग गुफाओं में बिना कपड़े ही रहते थे , परिवार सहित !
शरीर बहुत शक्तिशाली है इस पर भरोसा रखें यह किसी भी परिस्थिति में ज़िंदा रह सकता है , इसको शक्तिशाली बनाने के लिए ढेरों हवा , पानी और भूख लगने पर थोड़ा भोजन चाहिये बस !
इसकी आदत न बिगाड़िये , प्रमाण आप सबको
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Sunday, January 8, 2023
आदतें बदलनी होगी -सतीश सक्सेना
हम सम्मानित लोग अक्सर अपने ऊपर कोई कठोर फैसला लागू ही नहीं होने देते क्योंकि हम खुद ही नियम बनाने वाले हैं और अक्सर यह नियम दूसरों पर लागू करवाते हैं ! वजन घटाने का फैसला आसान नहीं है क्योंकि बरसों से मेहनत न करने , और जम के बढ़िया भोजन की आदत छोड़ना, भीष्म प्रतिज्ञा जैसा है जो खुद पर लागू ही नहीं करना क्योंकि हम किसी के प्रति जवाब देह नहीं है !
कड़ाके की ठंड में कम कपड़े पहनने की आदत डालें, शुरुआत में एक लेयर कम कर दें , कुछ दिनों में ठंड लगनी बंद हो जाएगी !
कड़ाके की ठंड में कम कपड़े पहनने की आदत डालें, शुरुआत में एक लेयर कम कर दें , कुछ दिनों में ठंड लगनी बंद हो जाएगी !
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Wednesday, January 4, 2023
अरे चीथड़ों कब जागोगे -सतीश सक्सेना
अरे चीथड़ों कब जागोगे ,
शपथ उठाए संविधान की
लूट मची है , पछताओगे !
और तुम बने जमूरे रहना !
सपने , रैली , भाषण मीठे
जीवन भर तुम पीते रहना
छोड़ देखना , स्वप्न सुनहरे
भाग सके तो भाग सभी संग
दुनिया फ़ायदा उठा रही है
सीख लगाना डुबकी, तू भी
लूट सके तो लूट देश को , नहीं तो पीछे रह जाओगे !
लूट मची है, पछताओगे !शपथ उठाए संविधान की
खद्दर पहने , नेता लूटें !
नियम और क़ानून दिखायें
दफ़्तर वाले, बाबू लूटें !
हाथ में झंडा ले छुटभैया,
धमकी देकर चौथ वसूले
सब्जी वाला तक डंडी के
बल पर, बहिन बनाके लूटे
उल्लू मत बन, बनो जुगाड़ू
आँख उठा ले, राष्ट्रभक्त बन
झूठ को सत्य बनाना सीखो , वरना बेटा क्या खाओगे !
देश लुट रहा पछताओगे !
आँखें खोलो नंगों तुम भी
बहती गंगा में मुँह धो लो
फेंक मजीरा, तबला, ढोलक
हर हर गंगे अलख जगा ले !
जय श्री राम बोल नेता को
जीत दिलाकर शोर मचा ले
हाथ में आएगा, घंटा ही ,
चाहे जितना ज़ोर लगा ले
त्याग पसीना, बनो हरामी
बुद्धि के बल नोट कमाओ
फेंक रज़ाई फटी, लूट ले , वरना पीछे रह जाओगे !
तुम वन्दे मातरम गाओगे !
तुमको धांसू न्यूज़ सुनाकर
प्रेस मीडिया नोट कमाये !'
तुमको भरमाने की खातिर
चोर को साहूकार बताये !
टेलिविज़न बनाए उल्लू ,
मीठे मीठे स्वप्न दिखाये !
जो घर को ही, चले लूटने
उनके जयजयकार लगाए
समय बचा है अब भी बकरे
मूर्ख़ बनाना सीखो भोंदू ,
वरना जीवन भर तुम लल्लू , क्या ओढ़ोगे क्या बिछाओगे !
हाथ में बस घंटा पाओगे !
#व्यंग्य
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