Tuesday, June 30, 2009

सरकारी नौकरियों में बेटियों का आरक्षण !

केंद्रीय गृहमंत्री श्री चिदम्बरम का यवक्तव्य (टाईम्स ऑफ़ इंडिया दिनांक ३० जून से साभार) कि आने वाले लोकसभा सत्र में सरकार लड़कियों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के लिए बिल लाएगी, हमारी बच्चियों के लिए एक उत्साह वर्धक खबर है ! इस अभूतपूर्व सरकारी कदम से हमारी मेहनती लड़कियों के लिए सरकारी क्षेत्र में अपने आपको स्थापित करने के लिए बेहतर मौका मिला है और मुझे उम्मीद है कि लड़कियां भविष्य में अपने आपको देश चलाने वालों की लाइन में पाएँगी, और वे देश में सरकारी तंत्र को मज़बूत बनाने में अपना बेहतर योगदान कर पाएंगी ! सरकार के इस कदम से, निस्संदेह भविष्य में, अशिक्षित माता पिता, घ्रणित कन्या भ्रूण हत्या जैसा पाप न करके, कन्या जन्म पर गौरवान्वित महसूस करेंगे ! अच्छे भविष्य के लिए बेटियों को शुभकामनायें !

Monday, June 29, 2009

हम लोग -सतीश सक्सेना

हम लोग, एक बड़े देश के निवासी "अनेकता में एकता " का नारा अक्सर सुनते आये हैं, और लगता है कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक सब लोग एक जुट हैं, मगर हाल में एक उत्तर पूर्वीय प्रान्त के मुख्यमंत्री का यह कथन कि मेरे देशवासी मुझे अक्सर नेपाली समझते हैं , और इस कारण अक्सर मुझे कहना पड़ता है कि मैं आपकी तरह भारतीय हूँ किसी अन्य देश का नहीं ! अपने ही देशवासियों के समक्ष एक देश भक्त का यह स्पष्टीकरण उन्हें खुद कितना कष्टदायक लगता होगा यह तो मैं नहीं जानता, मगर व्यक्तिगत तौर पर मुझे वेहद नागवार लगता है, एक आवेश सा आता है कि कितनी अज्ञानता है मेरे देश में, ऐसी धारणाओं के कारण हम अपनी समझ की, बाहर वालों से कितनी मजाक बनवाते हैं ?

हम लोग इस विशाल देश की सीमाओं तथा विविधिताओं से अनजान रहते हुए, खुद अपनी समझ पर इतराते हुए, बिहारी, पञ्जाबी, मद्रासी एवं पुरबियों की मज़ाक बनाते समय इसके दूरगामी परिणामों के बारे में नहीं सोचते !

कब विकसित होगी हम लोगों की समझ ??

Saturday, June 20, 2009

मांगलिक अवधारणा एवं ज्योतिष शास्त्र !

कुछ समय से अपने लिए पुत्रवधू की तलाश में हूँ, जो कि आने वाले समय में मेरी बेटी का रिक्त स्थान भर सके, इस जटिल मानसिक काम को करने में कुछ नए नए अनुभव हुए, कुछ सुखद तो कुछ कष्टदायक ! एक सादा तथा बेहद विनम्र पिता से बात हुई, उन्होंने अपनी पुत्री के स्वभाव के बारे में जो कुछ बताया उसे सुन कर लगा कि शायद खोज पूरी हो गयी, शायद ऐसी ही बेटी की तलाश थी मुझे !

वास्तव में उस विदुषी मगर सामान्य वस्त्र पहने लडकी के फोटो ने मुझे काफी प्रभावित किया ! मगर रात में उस बच्ची के पिता का फ़ोन आया कि साहब आपका बेटा जन्मपत्री के हिसाब से मांगलिक है, यह तो आपने बताया ही नही ?

मुझे लगा जैसे एक अपराध बोध से घिर गया मैं ! लगा कि जैसे मैंने " मेरा पुत्र मांगलिक या आंशिक मांगलिक है" यह बात मुझे शादी की चर्चा में सबसे पहले बतानी चाहिए, चाहे मुझे इस मिथक धारणा पर विश्वास हो या न हो !मैं यह समझ नहीं पा रहा हूँ की मैं इस घटना का दोष उन्हें दूं अथवा अपने आपको को !

पल भर को ऐसा लगने लगा कि एक बड़ी अंतर्राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर कंपनी में कार्यरत और विश्व की आधुनिकतम टेक्नालोजी में एक्सपर्ट मेरा बेटा हिन्दू धर्म के एक बड़े वर्ग के हिसाब से हर किसी लड़की से विवाह करने योग्य नहीं है, अब उसका विवाह सिर्फ मांगलिक लडकी से ही होगा ! जो पुत्र अपने परिवार तथा मित्रों में अपने सद्गुणों से हमेशा सम्मान पता रहा है, जिसके स्वभाव एवं चरित्र पर आजतक किसी ने ऊँगली नहीं उठाई, ज्योतिष के लिहाज़ से वह क्रूर तथा झगडालू हो सकता है ! मेरे लिए यह तथाकथित धार्मिक तथ्य बेहद कष्टदायक लायक लगा !

जन्मकुण्डली के 1,4,7,8, एंव 12वें भाव में मंगल के होने से जातक/जातिका मांगलिक कहलाते हैं ! बड़ी संख्या में (१२ में से ५ स्थानों पर) मंगल देख वर और वधु को तुंरत मंगली घोषित कर देना कहाँ तक ठीक है ? अगर यह सच है तो लगभग हर तीसरा इन्सान मांगलिक होगा एवं वह तामसी गुणों से युक्त होगा, इस धारणा को अगर बल दिया जाये तो हिन्दू समाज में शादी विवाह सामान्यतः हो पाएंगे इसमें संदेह है !
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