जाने कितने ही बार हमें, मौके पर शब्द नहीं मिलते !
अहसासों के आवेगों में जिह्वा को शब्द नहीं मिलते !
अहसासों के आवेगों में जिह्वा को शब्द नहीं मिलते !
सदियों बीतीं हैं यादों में , क्यों मौन डबडबाईं आँखें
अरसे के बाद मिले जाना, इतने निशब्द, नहीं मिलते !
उस दिन घंटों की बातें भी मिनटों में कैसे निपट गयीं
मिलने के क्षण जाने कैसे मनचाहे शब्द नहीं मिलते !
उस दिन घंटों की बातें भी मिनटों में कैसे निपट गयीं
मिलने के क्षण जाने कैसे मनचाहे शब्द नहीं मिलते !
कितना सब कहना सुनना था, पर वाणी कैसे मौन रहीं
दुनिया के व्यस्त बाज़ारों में, इतने अशब्द नहीं मिलते !
हर बार मिले तो आँखों की भाषा में ही प्रतिवाद किये
दुनिया के व्यस्त बाज़ारों में, इतने अशब्द नहीं मिलते !
हर बार मिले तो आँखों की भाषा में ही प्रतिवाद किये
कैसे भी अभागे हों जाना , इतने प्रतिबद्ध नहीं मिलते !
वाह बहुत सुन्दर निशब्द।
ReplyDeleteमन शांत हो और अपने अनुकूल हो तो शब्द सहज और यदि इसकी विपरीत हो तो शब्दों का अकाल पड़ना लाजमी है
ReplyDeleteबहुत सुन्दर मनोभाव
आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'सोमवार' २८ मई २०१८ को साप्ताहिक 'सोमवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
ReplyDeleteटीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।
वाह बहुत सुन्दर।
ReplyDeleteशब्द नही मिलते।
बहुत सुंदर छन्द हैं ... बहुत बधाई ...
ReplyDeleteThanks For Sharing The Amazing content. I Will also share with my
ReplyDeletefriends. Great Content thanks a lot.
visit my tamil site
आतंस के प्रचंड भावावेग की सुंदर, भावपूर्ण अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteसदियों बीतीं हैं यादों में ,
क्यों मौन डबडबाईं आँखें
अरसे के बाद मिले जाना,
इतने निशब्द,नहीं मिलते !////
हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🙏💐💐
कृपया अंतस पढ़ें 🙏🙏
Delete