कुछ दिन पूर्व, घर के बाहर, ४ नन्हें दुधमुहों ने जन्म लिया, माँ द्वारा एक झुरमुट में सुरक्षित छिपाए जाने के बावजूद, ये नन्हे भाग भाग कर सड़क पर आ जाते थे ! तेज जाती हुई कारों को सावधानी से चलाने के लिए कहतीं इनकी माँ द्वारा, कार के पीछे भौंकते हुए दौड़ने से, होते शोर से पडोसी परेशान थे !
गुडिया के बुलाने पर, मैं बाहर गया तो एक को छोड़ सारे बच्चे, भाग कर माँ के पास छुप गए ! केवल एक था जो निडरता के साथ खड़ा रहा और बढे हुए हाथ की उंगलियाँ अपने नन्हे दांतों से काटने का प्रयत्न करने लगा ! कुछ बिस्कुट इन बच्चों और उस वात्सल्यमयी को देकर हम दोनों बाप बेटी घर आ गए !
अगले दिन सुबह ,घर के बाहर अजीब सन्नाटा देख बाहर गया तो दिल धक् से रह गया , वही निडर बच्चा, किसी तेज और असंवेदनशील कार द्वारा सड़क पर कुचला पड़ा था .......
और उसकी माँ बिना भौंके, अपने ३ बच्चों के साथ उदास निगाहों से मुझसे पूंछ रही थी मेरे बच्चे का कसूर क्या था , क्यों मार दिया तुम लोगों ने ??