
माओवादियों के द्वारा निर्दोषों को मारे जाने पर , उन्होंने अपने आपको, मरने के लिए, आतंकवादियों और बरगलाई सशस्त्र भीड़ के हवाले कर दिया ! उसके बाद इस शेर को, धीरे धीरे मारने के लिए, उनको चाकुओं से ७५ बार गोदा गया और अंत में गोलियां मार कर लाश पर, विजय नृत्य किया गया !
यह विजय जुलूस था अपने आपको दलितों का मसीहा कहने वाले माओवादियों का , जिन्होंने अपने विरोध का, इस तरह दमन किया ...
धन्य है यह देश और हम बुजदिल, जो इन्हें दमन के रक्षक के रूप में, पाल रहे हैं ! इस मौत के बाद , इस देश में कोई शेर न जन्म ले, यही उनका मकसद है ! आइये देखिये इनका जिंदाबाद जुलूस !!
दमन और अन्याय पे बोलें
नाम कमायें , जिंदाबाद !
गद्दारों की ,जय जयकार !
सारे देश में, फ़ैल चुके हैं,
चीनी भाई, जिंदाबाद !
धन के भूखे,दमन पे रोयें,माओवादी जिंदाबाद !
नफ़रत के सौदागर खुश है
बट पे गोली , जिंदाबाद !
देशभक्त को देश में मारो
माओ भक्त हों जिंदाबाद !
सौम्य संस्कारों के कारण,
देश में नक्सल जिंदाबाद !
आज शराफत के चोले की, धज्जी उड़तीं सरे बाज़ार !
नेता, चोर, हैं भाई भाई
फिर भी देश तो ऊपर है
माओ देश को गोली मारे
चेले , उनसे ऊपर हैं !
थू है तेरी सोंच पर प्यारे,
छक कर खाओ जिंदाबाद !
देश में करके छेद , खूब आनंद, मनाओ जिंदाबाद !
बेशर्मों पर चर्बी चढ़ती ,
देश न दीखे, जिंदाबाद !
अपना"पेट"नज़र न आये
कहाँ देखते, भ्रष्टाचार !
दर्द बहुत होता,जब देखें,
गैर के घर में जयजयकार
अपने घर, कब बजे बधाई, कैसे होगी जिंदाबाद ?
हिजड़ों के इस देश में प्यारे
लाश पे नाचो, जिंदाबाद !
देश में खा कर फूल रहे हो
करो वसूली , जिंदाबाद !
करो वसूली , जिंदाबाद !
धोखे और कपट से घेरा,
बस्तर के रखवाले को !
बस्तर के रखवाले को !
शेर को,घेर के करी दुर्दशा , कुत्ते करते जिंदाबाद !