पहली बार मिलोगे तो शरमाओगे !
सब देखीं तस्वीरें , फीकी पाओगे !
जब जब तुमको याद हमारी आएगी
बिना बात ही घर बैठे , मुस्काओगे !
गीत हमारे खुद मुंह पर आ जाएंगे
जब भी नाम सुनोगे, गाना गाओगे !
आसमान की राहें, आसां कहाँ रहीं
सूर्यवंशियों की , ठकुराहट पाओगे !
बार बार समझाया, चाँद सितारों ने
मीठे गीत न गाओ तुम फंस जाओगे !
सब देखीं तस्वीरें , फीकी पाओगे !
जब जब तुमको याद हमारी आएगी
बिना बात ही घर बैठे , मुस्काओगे !
गीत हमारे खुद मुंह पर आ जाएंगे
जब भी नाम सुनोगे, गाना गाओगे !
आसमान की राहें, आसां कहाँ रहीं
सूर्यवंशियों की , ठकुराहट पाओगे !
बार बार समझाया, चाँद सितारों ने
मीठे गीत न गाओ तुम फंस जाओगे !
सदा दिल को छूकर नसों में उर्जा का संचार करनेवाली गीत
ReplyDeletewaah bahut sundar ... bahut khoob
Deleteबहुत सुन्दर ..._/\_ भैया
ReplyDeleteखिलखिलायेंगे भी :)
ReplyDeleteबहुत सुंदर ।
नहीं अकेले जाओ तुम फंस जाओगे।
ReplyDeleteसही कहाँ।- नहीं अकेले जाओ तुम फँस जाओगे।
वाह वाह।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर :))
ReplyDeleteअच्छा तो ,चूके नहीं यहाँ भी !
ReplyDeleteआपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (25.07.2014) को "भाई-भाई का भाईचारा " (चर्चा अंक-1685)" पर लिंक की गयी है, कृपया पधारें और अपने विचारों से अवगत करायें, चर्चा मंच पर आपका स्वागत है, धन्यबाद।
ReplyDeleteवाह... बहुत सुंदर !
ReplyDeleteगीत हमारे खुद मुंह पर आ जाएंगे
ReplyDeleteजब भी नाम सुनोगे,गाना गाओगे !
गीत में लय ,ताल,छंद हो तो अपने आप जबान पर आ जाते है और गुनगुनाने का मन करता है आप के गीत तो वैसे ही लय तालयुक्त मधुर होते है :) सटीक हमेशा की तरह !
सुंदर रचना व लेखन , आ. सतीश भाई धन्यवाद !
ReplyDeleteInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
जब तक सुन्दर गीत रचोगे यश प्रसिध्दियॉ तुम पाओगे ।
ReplyDeleteसब के मन को तुम भाओगे प्रेरक - सर्जक कहलाओगे ।
वाह ....बेहतरीन भावों का संगम
ReplyDeleteअलमस्त बिंदास रचना ! क्या बात है !
ReplyDeleteजब जब तुमको याद हमारी आएगी
ReplyDeleteबिना बात ही घर बैठे , मुस्काओगे ..
वाह बहुत ही लाजवाब ... याद आती है तो मुस्कराहट चली आती है ...
आसमान की राहें, आसां कहाँ रहीं
ReplyDeleteसूर्यवंशियों की , ठकुराहट पाओगे !
…ठकुराहट की शान निराली है
.......बहुत बढ़िया ...
निराली आसमान की राहें, आसां कहाँ रहीं
ReplyDeleteसूर्यवंशियों की , ठकुराहट पाओगे !
…ठकुराहट की अलग ही शान है.……………। बहुत बढ़िया
बार बार समझाया,चाँद सितारों ने
ReplyDeleteनहीं अकेले जाओ तुम फंस जाओगे !
...वाह...लाज़वाब प्रस्तुति...
उम्दा ग़ज़ल।
ReplyDeleteआपका स्वागत है आचार्य !
Deleteखुबसूरत अभिवयक्ति.....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ...
ReplyDeleteसुन्दर अभिवयक्ति
ReplyDeleteबेहतरीन ...
ReplyDeleteबहुत सुंदर सतीश जी।
ReplyDeleteBahut sunder ....
ReplyDeleteखुद पर अदम्य विश्वास ।।। सुन्दर गीत ।
ReplyDeleteबहुत खूब !
ReplyDeleteबहुत ख़ूबसूरत ग़ज़ल...
ReplyDeletehmmmm to fir milna pdega aap se...... hm wo nhi jo mil kr sharmaayenge, paanw chhuenge aur....gle lg jayenge :P
ReplyDeletehmesha ki tarah .........schmuch achchha geet.........aapka geet
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ReplyDeleteमीठी मीठी रचना ....
ReplyDeleteबहुत ख़ूबसूरत ग़ज़ल.....
वाह...
ReplyDeleteसुर सरगम लय ताल बह रही
शब्द-शब्द जग हाल कह रही
स्वागत व आभार आपका !!
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeletekhubsurat rachna,mithe bhav ke sath...bs aah-wah..
ReplyDeleteपुराना माल, नयी तारीख पर... ;)
ReplyDeleteBy d Way,
मुझे एक गजल याद आ गयी....
प्यार हमसे जो किया तुमने तो क्या पाओगे...
आपकी कविता दिल को छू गई। अच्छी रचना के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद।
ReplyDeleteजब जब तुमको याद हमारी आएगी
ReplyDeleteबिना बात ही घर बैठे , मुस्काओगे ..
बहुत खूब ... यही तो प्रेम की इन्तहा है ... हर शेर दिल में उतरता हुआ ...