Saturday, May 23, 2015
10 comments:
एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !
- सतीश सक्सेना
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वाह ! बहुत बढ़िया क्रन्तिकारी रचना। साधुवाद ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteमूर्खों के देश को, समझा दिया
ReplyDeleteकैसे मजमें को लगाना चाहिए --हर पंक्ति पे वाह-वाह। खूबसूरत आह्वान गीत।
भाई बहनों को
ReplyDeleteसब समझ में
आता है बहुत
ही अच्छी तरह
आपको भी
इस बात को
अब तो समझना
ही चाहिये :)
कितना भी कर लीजिए पर लोग है समझने को राजी नहीं है यही हश्र होना है
ReplyDeleteहम समझ भी लें तो क्या ?
जबरदस्त
धन के आगे दंडवत है मीडिया
ReplyDeleteजीतना है तो , लुटाना चाहिए !
सटीक रचना !
वाह .. बहुरत सटीक .. मजा आ गया सतीश जी ..
ReplyDeleteसच बयाँ कर दिया।
ReplyDeleteलाजवाब
ReplyDeleteलाजवाब बहुत सटीक
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