Saturday, May 23, 2015

असरदारों से, न लड़ना चाहिए -सतीश सक्सेना

समझदारों को समझना चाहिए,
समय जैसा हो बदलना चाहिए !

सारी दुनिया देख ले, सरदार को
असरदारों से, न लड़ना चाहिए !


जाहिलों के देश को समझा दिया,
धूर्त का सम्मान , करना चाहिए !

दम भी है आवाज में, वादे भी हैं
भाई बहनों को समझना चाहिए !

जेल जाओगे , अगर संभले नहीं 
मूर्खों को डर के , रहना चाहिए !

10 comments:

  1. वाह ! बहुत बढ़िया क्रन्तिकारी रचना। साधुवाद ...

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  2. बहुत सुन्दर

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  3. मूर्खों के देश को, समझा दिया
    कैसे मजमें को लगाना चाहिए --हर पंक्ति पे वाह-वाह। खूबसूरत आह्वान गीत।

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  4. भाई बहनों को
    सब समझ में
    आता है बहुत
    ही अच्छी तरह
    आपको भी
    इस बात को
    अब तो समझना
    ही चाहिये :)

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  5. कितना भी कर लीजिए पर लोग है समझने को राजी नहीं है यही हश्र होना है
    हम समझ भी लें तो क्या ?
    जबरदस्त

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  6. धन के आगे दंडवत है मीडिया
    जीतना है तो , लुटाना चाहिए !
    सटीक रचना !

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  7. वाह .. बहुरत सटीक .. मजा आ गया सतीश जी ..

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एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

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