ज्ञान सदा सम्मानित होगा खूब पुस्तकें पढ़ना सीख !
हंसकर करें हमेशा स्वागत, मित्रों का अपने दरवाजे
जब भी जीना लगे असंभव,ढृढ़ निश्चय ले आंसू पोंछ
बिना रुके,मंजिल पाओगे,कछुवे जैसा चलना सीख !
पुस्तक पढ़ने से पहले ही,बच्चे ध्यान लगाना सीख !
कड़ी धूप में, बहे पसीना, हार न माने, जीना सीख !
हंसकर करें हमेशा स्वागत, मित्रों का अपने दरवाजे
सारे धर्मों का,आदर कर,साथ बैठ कर,खाना सीख !
जब भी जीना लगे असंभव,ढृढ़ निश्चय ले आंसू पोंछ
बिना रुके,मंजिल पाओगे,कछुवे जैसा चलना सीख !
दुःख में कभी नहीं घबराना,अपने हाथ नहीं फैलाना
अगर याद ईश्वर की आये , माँ के पैर दबाना सीख !
बुरे समय में बिन घबराये,हँसते हँसते जीना सीख !
ReplyDeleteअगर याद ईश्वर की आये, माँ के पैर दबाना सीख ! bahut sunder
वाह !
ReplyDeleteवैसे समय गला दबाना सीख का भी चल रहा है ओने कोने :P
बहुत सुन्दर, सुन्दर सीख देती हुई शानदार रचना. बधाई आपको|
ReplyDeleteप्रेरक रचना है - बच्चों के लिए शिक्षाप्रद .
ReplyDeleteप्रेरणा दायक गीत .. अति सुन्दर !
ReplyDeletebachhe-bade sab ke liye sarthak rachna....
ReplyDeleteदुनिया में सम्मान मिलेगा,खूब किताबें पढ़ना सीख !
ReplyDeleteपुस्तक पढ़ने से पहले ही,भैया ध्यान लगाना सीख !
bilkul sahi bat kahi hai aapne .ye dhyan hi to bhatakta rahta hai .
उम्दा प्रस्तुति...
ReplyDeleteमिल जाएगी मञ्जिल अपनी पावन - मन से चलना सीख
ReplyDeleteघर - घर में अपनी आत्मा है इसी - भाव से बढना सीख ॥
कितनी भली सी सीख..आभार !
ReplyDeleteबुरे समय में बिन घबराये,हँसते हँसते जीना सीख !
ReplyDeletePrerak Rachana ... abhaar
प्रेरणा दायक गीत ..
ReplyDeleteजिन मातपिता की सेवा की ,उन धरती पर ही स्वर्ग पाय लियो
ReplyDeleteयह कहावत अनुचित नहीं
आपकी इस प्रस्तुति को आज कि बुलेटिन ब्लॉग बुलेटिन - थोड़ी हँसी, थोड़ी गुदगुदी में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
ReplyDeleteसुंदर भावपूर्ण रचना गीत व लेखन , सतीश भाई धन्यवाद !
ReplyDeleteI.A.S.I.H - ब्लॉग ( हिंदी में प्रकार की जानकारियाँ )
बुरे समय में बिन घबराये,हँसते हँसते जीना सीख !
ReplyDeleteअगर याद ईश्वर की आये, माँ के पैर दबाना सीख !
सुंदर सीख।
कड़ी धूप में, बहे पसीना, हार न माने, जीना सीख !
ReplyDeleteप्रतिद्वंदी फुर्तीला होगा,लेकिन पाँव बढ़ाना सीख !
बुरे समय में बिन घबराये,हँसते हँसते जीना सीख !
अगर याद ईश्वर की आये, माँ के पैर दबाना सीख !
अनुपम भाव सन्योजन .....
आभार
वाह, बहुत सुंदर
ReplyDeleteसीख देती सुन्दर रचना.
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