ओठों पर आ जाए जो उस गीत की बातें करते हैं !
जो मन को छू जाये उस संगीत की बातें करते हैं !
अम्मा दादी नानी बाबा से हम चलना सीखे हैं ,
स्नेही आँचल में कटे , अतीत की बातें करते हैं !
अम्मा दादी नानी बाबा से हम चलना सीखे हैं ,
स्नेही आँचल में कटे , अतीत की बातें करते हैं !
जीवन भर तस्वीर संजोये , लेकिन ढूंढ न पाए हैं,
अपने सपनों में आये उस मीत की बातें करते हैं !
हमको कौन शाबाशी देगा , सन्नाटों में रहते हैं !
कब्रों के संग बैठ जमीं से, प्रीत की बातें करते हैं !
कंगूरों से रही लड़ाई , इंसानों से प्यार किया !
ऐसे बुरे समय में भी हम, जीत की बातें करते हैं !
अपने सपनों में आये उस मीत की बातें करते हैं !
हमको कौन शाबाशी देगा , सन्नाटों में रहते हैं !
कब्रों के संग बैठ जमीं से, प्रीत की बातें करते हैं !
कंगूरों से रही लड़ाई , इंसानों से प्यार किया !
ऐसे बुरे समय में भी हम, जीत की बातें करते हैं !
खूबसूरत रचना...
ReplyDeleteबहुत सुंदर कविता।
ReplyDeleteकविता,ग़ज़ल,उमंग जगाते गीत की बातें करते हैं !
ReplyDeleteजो मन को छू जाये उसी संगीत की बातें करते हैं !
सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति
आपकी हर रचना लाजवाब होती है ।
ReplyDeleteअम्मा दादी नानी बाबा छुटकी गुड्डन समझ सकें !
ReplyDeleteअलंकार,श्रंगार बिना हम दिल की बातें करते हैं !
बहुत सुंदर सतीश जी । कविता वही जो सबके समझ में आये।
बहुत सुन्द्र भाव,भावपूर्ण प्रस्तुति
ReplyDeleteहमको कौन शाबाशी देगा सन्नाटों में चलते हैं !
ReplyDeleteकब्रों के संग बैठ जमीं पर उनसे बातें करते हैं !
बेहद सुंदर...
bahut sundar v bebak prastuti .aabhar
ReplyDeleteअंतर में ले सद्-विचार , व्यवहार की बातें करते हैं -
ReplyDeleteआदत है आपकी !
लक्ष्य भूल कर इधर उधर न जाने मन यह कहॉ गया ।
ReplyDeleteअपने लिए कहॉ फुरसत औरों की बातें करते करते हैं ।
सुन्दर रचना । बधाई ।
कविता,ग़ज़ल,उमंग जगाते गीत की बातें करते हैं !
ReplyDeleteजो मन को छू जाये उसी संगीत की बातें करते हैं !
...........भावपूर्ण प्रस्तुति सतीश जी
Very beautiful poem - great reflection with simple examples. Regards.
ReplyDeleteअलंकार,श्रृंगार के बगैर हैं आपके गीत तब ही तो दिल को छू जाते हैं---खूबसूरत रचना।
ReplyDeleteअनुपम सृजन
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