बचपन में सुनता था कि जवाहर लाल नेहरु के कपडे पेरिस धुलने जाते थे ! धनाड्य लोगों के किस्से सुनकर उनके आनंद को, हम निम्न मध्यम वर्ग , महसूस कर, खुश हो लेते थे ! उड़ते हवाई जहाज की एक झलक पाने को, खाना छोड़कर छत पर भागते थे कि वह जा रहा है एक चिड़िया जैसा जहाज और फिर अपने सपने समेट कर, चूल्हे के पास आकर, रोटी खाने लगते थे ! उन दिनों उड़ते हवाई जहाज में बैठने की, कल्पना से ही डर लगता था !
पेरिस रेलवे स्टेशन |
मुख्य कारण दो ही थे, पहला पता नहीं कितना खर्चा कितना होगा और दूसरा विदेशियों के परिवेश में घुलने, मिलने, बात करने में, आत्मविश्वास की कमी ....
और यह भय इतना था कि अगर यूरोप के टिकट अचानक बुक नहीं किये जाते तो शायद मैं अपने जीवन काल में कभी विदेश यात्रा का प्लान नहीं बना पाता !
यह प्रोग्राम अचानक ही बन गया जब नवीन ने वियना से अपने माता पिता के साथ मुझे भी वियना आने का
निमंत्रण दिया था ! उसके पत्र मिलने के साथ ही, अप्पाजी ने, अपने साथ साथ मेरा टिकट भी, मेरे द्वारा कभी हाँ कभी न के बावजूद , बुक करा लिए थे ! उस शाम आफिस से लौटने पर पहली बार लगा कि मैं वाकई यूरोप यात्रा पर जा रहा हूँ ! उसके बाद, सफर पर जाने के लिए आवश्यक, बीमा कराया गया ! 15 दिन के इस सफर के लिए, आई सी आई सी आई लोम्बार्ड ने लगभग ५५०० रुपया लिया था ! इस बीमा के फलस्वरूप हमें बीमारी अथवा किसी अन्य वजह से होने वाली क्षति का मुआवजा शामिल था !
और यह भय इतना था कि अगर यूरोप के टिकट अचानक बुक नहीं किये जाते तो शायद मैं अपने जीवन काल में कभी विदेश यात्रा का प्लान नहीं बना पाता !
यह प्रोग्राम अचानक ही बन गया जब नवीन ने वियना से अपने माता पिता के साथ मुझे भी वियना आने का
वेनिस की पानी से लबालब गलियां |
वियना ट्राम |
स्वारोस्की फैक्ट्री ऑस्ट्रिया |
इंटरलेकन, स्विट्ज़रलैंड |
अगर आपकी ट्रिप ४ दिन की है तो एक आदमी के आने जाने का खर्चा लगभग मय होटल ४५०००.०० तथा भोजन और पब्लिक ट्रांसपोर्ट मिलकर ५००००-६०००० रुपया
में ! अगर आप यही ट्रिप किसी अच्छे टूर आपरेटर के जरिये करते हैं तो आपका कुछ भी सिरदर्द नहीं, साल दो साल में ५० - ६० हज़ार रुपया बचाइए और ४ दिन के लिए पेरिस, मय गाइड घूम कर आइये !
जहाँ तक खर्चे की बात है , हर परिवार में पूरे साल घूमने फिरने और बाहर खाने पर जो खर्चा होता है ,उसमें हर महीने कटौती कर पैसा बचाना शुरू करें तो कुछ समय में ही आधा पैसा बच जायेगा, बाकी का इंतजाम करने में बाधा नहीं आएगी !एक बार विदेश जाने के बाद आपके और बच्चों के आत्मविश्वास में जो बढोतरी आप पायेगे, उसके मुकाबले यह खर्चा कुछ भी नहीं खलेगा !
यूनाइटेड नेशंस , जेनेवा |
" न जाने किस गली में जिन्दगी की शाम हो जाए ..."
विदेश जाकर अच्छी इंग्लिश न बोल पाने के लिए न बिलकुल न डरें , आप वहाँ पंहुच कर पायेंगे कि अधिकतर जगह पर, इंग्लिश जानने वाले बहुत कम हैं ! आपको लगेगा कि आप ही सबसे अच्छी इंग्लिश / अंगरेजी बोलते हैं :-))
जिंदगी जिंदादिली का नाम है !!
:-) बहुत बढ़िया पोस्ट!!
ReplyDeleteहम जैसों के लिए तो शानदार :-)
सादर
अनु
आपने लिख दी हमारी बात भी :) आभार ।
ReplyDeleteबहुत हीं आनन्दित करता अनुभव ज्यादातर लोग आप जैसे होते है शायद हम भी उनमें से एक है | पर आपका एक भुला सपना पूरा हुआ उसकी बधाइयाँ |
ReplyDeleteबहुत अच्छी और उपयोगी पोस्ट -हम भी लाईन में हैं भाई
ReplyDeleteवाह ।आप भाग्यशाली हैं मित्र।
ReplyDeleteहर जगह अपनी बात समझने समझाने के लिए राह निकल ही आती है ....
ReplyDeleteआप की आत्मविश्वास से लबरेज़ इस पोस्ट को पढ़ कर मुझ जैसे कई लोगों के दिल में विदेश यात्रा का स्वप्न तो ज़रूर जग गया होगा...पर कभी-कभी लगता है अपने देश को भी तो ठीक से देख नहीं पाये हैं...इन्हीं व्यस्तताओं के चलते...जिंदगी जिंदादिली का नाम है...घूमना ज़रूर चाहिए...जिसके बजट में जो आ जाए...विदेश यात्रा की बारीकियां सबसे साझा करने के लिए धन्यवाद...बहुत ही रोचक और ज्ञानवर्धक लेख...बधाईयाँ...
ReplyDeleteनया देश परिवेश और भाषा ,पहली बार जाने में ऐसा लगना स्वाभाविक है(देखो न, लड़कियाँ ससुराल जाने में कितना घबराती हैं).फिर तो आदत बन जाती है कि जैसे हम हैं वैसे ही ये लोग भी . जीवन जीने के कितने ढंग हैं दुनिया में, नए-नए अनुभव दृष्टिकोण को उदार और व्यापक बनाते हैं.कहीँ घूमने का मौका कभी मत छोड़ना !
ReplyDeleteअच्छी जानकारी..... दूर से कोई समस्या बड़ी लगती है जब कि उतनी बड़ी होती नहीं है....
ReplyDeleteबढ़िया बात रखी आपने , सतीश भाई धन्यवाद !
ReplyDeleteI.A.S.I.H - ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
सुना है पेरिस बहुत सुन्दर है और स्वित्ज़रलैंड तो पृथ्वी स्वर्ग!!
ReplyDeleteखूब घूम फिर लीजिये और तस्वीर सहित यात्रा का वृतांत पोस्ट कीजिये। . इसी बहाने हम भी देख-सुन कर मन को फ़िलहाल संतुष्ट दें। ।
देश दुनिया घूम -फिर आने का मन तो बहुत होता है लेकिन अभी तो बच्चों के साथ लगे है.. जाने कब मौका मिले। .
रोचक संस्मरण। आपने आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए अच्छा काम किया।
ReplyDeleteबहुत उपयोगी जानकारी
ReplyDeleteपहली विदेश-यात्रा की बधाई । इसी बहाने हमें भी सुन्दर दृश्य देखने व अनुभव करने का मौका मिला । वास्तव में पैसे का अपने लिये अच्छा सार्थक उपयोग है ।
ReplyDeleteयात्रा के सारे पहलुओं को अच्छे से छुआ है आपने.
ReplyDeleteप्रेरक संस्मरण सुन्दर चित्रों के साथ !
ReplyDeleteमेरी बहन अमेरिका में रहती है अक्सर वहां आने के लिए अनुरोध करती है किन्तु जिम्मेदारिया कुछ ऐसी थी कि कभी विदेश जाने के लिए सोचा ही नहीं, अब तो बच्चे भी अपने पैरों पर खड़े हुए है सो कुछ दिन पूर्व ही पासपोर्ट के लिए अप्लाई भी किया है देखते है कब विदेश जाने का योग बनता है :) अच्छे निर्देश दिए है, आभार !
विदेश भ्रमण की बहुत-बहुत बधाई .....बड़िया टिप्स दिए हैं आपने भाई जी ....मेरा भी जाने से पहले येही हाल था ...अब तो अपने बेटी के पास कैनाडा में दो दफा घूम आया और वहां उसने भी बहुत घुमाया ....
ReplyDeleteबहुत अच्छा किया आपने ...जिन्दगी के कुछ पल अपने लिए भी रखो | स्वस्थ रहें|
बढ़िया पोस्ट!! बधाइयाँ |
ReplyDeleteविदेश यात्रा पर बधाई..रोचक और काम की जानकारी
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया पोस्ट....कितने लोगों के लिए ये काम की जानकारी है !!!
ReplyDeleteसुन्दर जानकारी । मुझे विदेश जाने में डर इसलिए नहीं लगा कि मैं अपनी संस्था " अखिल भारतीय कवयित्री सम्मेलन " के साथ जाती हूँ , जिसमें सभी मेरे मित्र हैं पर मैं दायित्व - निर्वाह के बाद ही विदेश जाना चाहती थी , क्योंकि मेरे पास भी पैसे की कमी थी । अब मैं बच्चों की ओर से निश्चिन्त हूँ ,अब मैं वर्ष में एक बार विदेश जाती हूँ । 2012 में मैं " श्री लंका " गई , 2013 में " "थाईलैंड" और अब " मलेशिया " जा रही हूँ । विदेश में घूमते हुए , मुझे ऐसा लगता है जैसे मैं , भारत में ही घूम रही हूँ , पता नहीं क्यों ऐसा लगता है जैसे यह सब कुछ देखा हुआ है पर फिर भी मैं अपनी सहेलियों के साथ , बहुत एन्जॉय करती हूँ ।
ReplyDeleteसुंदर, रोचक और उपयोगी विवरण, जीवंत तस्वीरें. बहुत अच्छा लगा आपका ये अनुभव. पहली विलायत यात्रा पर हार्दिक बधाई. ब्लॉग पर प्रतिक्रिया के लिए आभार.
ReplyDeleteविदेश भ्रमण की बहुत-बहुत बधाई .....उपयोगी जानकारी...........
ReplyDeleteआपकी विदेश यात्रा , निश्चित रूप से आपने ही करी लेकिन आपने जो जानकारी दी है वो बहुतही लाभदायक है जो औरों को प्रोत्साहित भी करेगी और गाइड भी करेगी !
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