ताऊ के बारे में सोंचते ही, आम ब्लागर का ध्यान मस्ती में जीते, एक ऐसे किरदार पर जाता है जो हर समय इस तेज भागती जिंदगी में ,पैसे कमाने के जुगाड़ में लगा रहता है ! शुरू शुरू में ताऊ चरित्र मुझे आम से बढ़कर कुछ नहीं लगा मगर जब इनको ध्यान से पढना शुरू किया तो इस जबरदस्त प्रतिभाशाली लेख़क से इस कदर प्रभावित हुआ कि ब्लागजगत में इस श्रेणी का, कोई भी कद इनसे बड़ा नज़र ही नहीं आता !
पी सी रामपुरिया, जिस बेदर्दी से अपने चरित्र की मज़ाक उड़ाते हैं वह आज के समाज में अद्वितीय है ! आधुनिक समय की आपाधापी में, आदमी रिश्ते नाते प्यार सम्मान भूल कर सिर्फ रईस बनने की दौड़ में लगा रहता है ! ऐसे में जो भी मौका मिलता है उसमें शामिल होने में देर नहीं लगाता ! समाज में होते धंधो का पर्दाफाश ,देखना हो तो अपनी ही मज़ाक उडवाते ताऊ के धारदार लेखन से, बखूबी जाना जा सकता है !
कई बार ताऊ का लेख पढ़कर, शांत मन से सोंचता हूँ तो ताऊ के इन व्यंग्य लेखों से, अधिक गंभीर लेख कही नहीं नज़र आते ! आधुनिक समाज की कमजोरियों और लालच का, जो शब्द चित्र पी सी रामपुरिया ने खिंचा है वह अन्यंत्र दुर्लभ है !हिंदी ब्लाग जगत में अपना अपना रौब पेलते ब्लागरों के बीच ताऊ हमेशा अपनी मस्ती में ही बात कहता है सो "गंभीरता की देवी "की नाराजी देखिये !
कुछ उदाहरण देखिये ...
ताऊ को ब्लागर गुण सिखाती हुई इस देवी की शिक्षा देखिये ....
प्रोफाइल में मातम मनाती सी फ़ोटो लगा ले....बिखरे बाल वाली...जिससे दार्शनिक सा लुक आये.....
उसके बाद गूगल मे से कोई जर्मन, फ़्रेंच, रुसी या अंग्रेजी भाषा का कम प्रचलित शब्द खोज ले. और उसको कोट करते हुये लिख डाल मुर्ख.... तेरी धाक जम जायेगी और तू जिम्मेदार और धीर गंभीर लेखक कहलाने लगेगा. समाज मे मान सम्मान और सम्मानित ब्लागर कहलाने लगेगा...
और डर के मारे ताऊ ने गंभीर बनने की कसम खाली ...जैसे तैसे नींद आते ही मुस्कान देवी सपने में आ गयी
आते ही मुस्कान देवी बोली - हे ताऊ, तूने मेरी बडी सेवा की है. लोगों को हंसाया. अब तू एक ताऊ ठिल्लुआ क्लबबना ले और सब हंसोडो को इक्कट्ठा कर ले और इन गुरु गंभीर लोगों को भाड मे जाने दे.
ताऊ बोला - हे मुस्कान देवी, आपकी बात सही है. मैं ये काम बहुत आसानी से कर सकता हूं. पर मुझे धीर-गंभीर लोग ऐसा करने से मना करते हैं. और आज तो उन्होने गंभीरता की देवी को ही भेज दिया था मुझे डराने के लिये. आप तो जानती ही हैं कि मैं तो पैदायशी सियार हूं और लोग अब ये फ़तवा दे रहे हैं कि सियारों, कायरो और कुत्ते बिल्लियों को ब्लागिंग छोड देना चाहिये. तो अब ये बताओ कि मैं बिना शेर, सियार, गीदड, कुत्ते और बिल्लियों के कैसे ब्लागिंग करूं. मुझे तो बस इन जानवरों की भाषा ही समझ आती है... और ब्लागिंग नही करुं तो लोगों को हंसाऊं कैसे?
और वाकई ताऊ ने हा हा ठी ठी करते करते, वह रच दिया जो ब्लाग जगत में किसी ने सोचा भी न होगा , बड़े बड़े नामधारी, चमचे धारी लोग, जो अपने आप को सर्वेसर्वा समझते थे , को धूल चटाते ताऊ ब्लाग सिरमौर कब बन गया लोगों को पता भी न चला ! ऐसे ही दुःख से दुखी ,जलन और ईर्ष्या को दर्शाते हुए एक मेरी कविता पढ़ें ...
वाकई बेमिसाल हो ! ताऊ
बेईमानी तेरी रुकती तो नहीं
खोपड़ी, बेमिसाल है !ताऊ !
लोग पागल बनाये जाते है
लेखनी बेमिसाल है ! ताऊ
आग ऐसे गुरु की धोती में,
जिसके चेले का नाम है ताऊ
ताई कैसे गुज़ारा कर पाए
अगर तू बंद हो गया ताऊ !
हेरा फेरी , तुरंत बंद करो
सब बहुत तुझसे त्रस्त हैं ताऊ !
और सबसे अंत में , ब्लाग जगत में नंबर एक का स्थान पाए इस शानदार व्यक्तित्व ने आज तक अपने असली चेहरे को प्रकट नहीं किया है ! पूरे ब्लाग जगत में इनका असली चेहरा किसी को नहीं पता ..यह एक रहस्य है कि ताऊ रामपुरिया कौन हैं ?
आज जहाँ हर व्यक्ति अपने नाम और सम्मान के लिए लड़ रहा है , ऐसे समय ब्लाग जगत में कार्यरत यह मशहूर लेखनी , अपने चेहरे को बिना आगे लाये, जो कार्य कर रही है वह हम सबके लिए एक मिसाल है बशर्ते कि हम समझ सकें !
ताऊ को इस दीपावली पर, इस लेख के द्वारा ,सम्मान देते समय मैं गर्व महसूस कर रहा हूँ !