कल तिलयार झील पर ब्लोगर भोज का आयोजन राज भाटिया ने किया था ! कुछ याद रखने लायक झलकियाँ दे रहा हूँ ...
- बिना किसी अनुरोध के, हमेशा की तरह अजय कुमार झा अपने कैमरे के साथ व्यस्त रहे !शाहनवाज सहगल की मदद से खुशदीप मियां लैपटॉप पर लाइव रिपोर्टिंग का बोरिंग कार्य करते रहे ! अधिकतर ऐसे आयोजन में जब सबका ध्यान नए लोगों से परिचय और खूबसूरत माहौल में पेश हो रहे ड्रिंक्स,चाय, काफी और स्नैक्स पर हो ...तब जी टीवी में सीनियर प्रोडयूसर पोस्ट पर कार्यरत खुशदीप सहगल सब कुछ भूल कर पूरे मिलन काल में लगातार " बड़ी खबर " को सजाने में व्यस्त रहे ! जब भी मैं पनीर पकौड़ा हाथ में लेता खुशदीप भाई ,अजय जी और शाहनवाज इस काम को बखूबी निभाते रहे ! ब्लाग जगत प्रमोशन के प्रति इतना समर्पण भाव दुर्लभ है !
- विनम्र अंतर सोहिल आयोजक की तरफ से सारा कार्य जिस भावना से कर रहे थे ,अनुकरणीय था ! राज भाटिया खुशकिस्मत हैं कि उन्हें इतना निष्ठावान छोटा भाई मिला हुआ है !
- खुशदीप जी , डॉ दराल के पिता के स्वर्गवास होने के कारण , यह तय कर चुके थे कि इस आयोजन से निकलने के बाद हमें डॉ दराल से मिलने गुडगाँव पंहुचाना है ! मानवीय गुणों से सरावोर खुशदीप को नमन !
- आदरणीया निर्मला कपिला और ज्योतिषाचार्य संगीता पुरी ने वहाँ पंहुच कर, सबको आश्चर्यमिश्रित प्रसन्नता और महफ़िल को गरिमा प्रदान की !
- सदाबहार मस्तमौला दम्पति राजीव -संजू तनेजा महफ़िल के आकर्षण थे !
- योगेन्द्र मौदगिल के कारण महफ़िल में ठहाके गूंजते रहे !
- केवल राम , नीरज जाट , नरेश सिंह राठौर एवं संजय भास्कर अपनी प्रभावशाली प्रविष्टि हर क्षण दर्ज कराते रहे ...बधाई !
- इस खूबसूरत टूरिस्ट काम्प्लेक्स के बारकर्मी ललित शर्मा और योगेन्द्र मौदगिल के बीच मुझे फंसा देख बेहद खुश हुए थे ! वहाँ बैठकर कुछ ख़ास करने का फैसला किया गया !
बहुत ही बेहतरीन रिपोर्टिंग सतीश भाई.... पढ़कर मज़ा आगया!
ReplyDeleteऊपर का चित्र तो ब्लॉग में लगाने लायक है।
ReplyDelete..संक्षिप्त में सुंदर रिपोर्टिंग।
वाह क्या कम्बीनेशन बनाया है...
ReplyDelete"शाहनवाज सहगल और खुशदीप मियां"
:-)
जानकारी के लिए धन्यवाद्. दिल्ली वालों को यह अवसर अधिक मिला करते हैं.
ReplyDeleteऐसा भोज
ReplyDeleteहोता रहे
रोज रोज।
पर मुझे
भूल गए
क्यों ?
बहुत चिंतित है ब्लु लाइन बसे
धन्यवाद सतीश जी, घर बैठे पूरी रिपोर्टिंग पहुँचाने के लिए
ReplyDeleteझलकियों में ही आनंद आगया ..फिर वहाँ तो सच कितना आनन्द आया होगा ..
ReplyDeleteरिपोर्टिंग पढ़कर अच्छा लगा...शुभकामनाएं।
ReplyDeleteभाई सतीश जी ,आपकी ये पहली पोस्ट है वैसे खुशदीप जी द्वारा किया गया सीधा प्रसारण इस कैटेगरी में नहीं है |पिकासा पर आपके द्वारा अपलोड की गयी सभी तस्वीरों के लिये धन्यवाद | बिना एजेंडे की एक सार्थक बैठक |
ReplyDeletebahut badhiya saxena ji .
ReplyDeleteपूरे ब्लॉगर मिलन में २ ही चीज़े सब से ज्यादा मस्त लगी .... एक तो अजय कुमार झा जी का गज़नी लुक और दूसरा आपका सोलिड कैमरा !
ReplyDeleteमुबारक हो सतीश भाई। हमारा ध्यान तो अब आपकी रिपोर्ट की अंतिम पंक्ति पर है। इंतजार है।
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ReplyDeleteहा..हा...हा...हा...
ReplyDeleteबड़ी तेज नज़र है राजेश भाई !
मगर वहां क्या फैसला हुआ ...याद ही नहीं रहा :-))
SAtish sir, me bhi Delhi se hoon, aise mahan blogger se milna agar chahun to kya karna parega...:)
ReplyDeletebadiya reporting...........
ReplyDeletekuch khaas se tatpary..........?
आपकी टिप्पणियों ने चित्रों की कमी पूरी कर दी। पढ़कर आनन्द आ गया।
ReplyDelete@ प्रवीण भाई ,
ReplyDeleteधन्यवाद ...आप खुद प्रेरणाश्रोत हैं !
सादर
@ मुकेश कुमार सिन्हा ,
केवल खुशदीप जी अथवा आयोजन कर्ताओं के संपर्क में रहें ...हर आयोजन से पहले कई लेख लिख कर हर किसी को बुलाया जाता है ! आप क्यों नहीं आये ?? मैं भी आपसे मिलना चाहता था !
oopar panorama ka kamaal dikh raha hai shayad sir, niyat kharab ho rahi hai... camera par.. :)
ReplyDeleteबेहतरीन रिपोर्टिंग सतीश जी
ReplyDelete...........मज़ा आ गया!
खूबसूरत झलकियां……………मज़ा आ गया।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteआपकी रिपोर्टिंग के क्या कहने
सतीश जी,
ReplyDeleteआंखों देखे हाल के लिए तहेदिल से शुक्रिया।
मुझे तो आप लोगों पर हँसी आ रही है, अरे कोई भी सम्मेलन हमारे बिना कैसे सार्थक हो सकता है? आप लोग निश्चित रूप से बोर हुए होंगे। हा हा हाहा। शुभकामनाएं।
ReplyDeleteGreat sir ji!
ReplyDeleteसतीश भाई , आप लोगों के स्नेह और सम्मान से अभिभूत हूँ । जानता हूँ , शुक्रिया अदा करने की ज़रुरत नहीं है ।
ReplyDeleteशाहनवाज सहगल और खुशदीप मियां"
ReplyDeleteहा हा हा.
बहुत अच्छी झलकियाँ हैं ,आभार.
आप सब से मिल कर अच्छा लगा
ReplyDeleteसक्सेना जी,
ReplyDeleteसच कहूं तो मेरा ध्यान मीट में कम था, खाने में ज्यादा। अभी तक तारीफ कर रहा हूं और हां, अभी तक फुल हूं।
इस खूबसूरत टूरिस्ट काम्प्लेक्स के बारकर्मी ललित शर्मा और योगेन्द्र मौदगिल के बीच मुझे फंसा देख बेहद खुश हुए थे ! वहाँ बैठकर कुछ ख़ास करने का फैसला किया गया !
ReplyDeleteअच्छा अच्छा हम भी कहें कि खाली सब ओर आम आम बातें ही हो रही हैं अब पता चला कि खास करने का फ़ैसला आपने बीच में फ़ंसने के बाद लिया था अब एक ओर भाई ललित जी और दूसरी ओर योगेन्द्र मौदगिल जी ...समझा जा सकता है ..हा हा हा
सर जी आपकी फ़ोटोग्राफ़ी का तो पहले ही कायल था अब तो घायल भी हो गया ...
ReplyDeleteक्या कहें... ये वृत्तांत पढ़कर खुशी हुई...
ReplyDeleteया सच कह दें, की वहां उपस्थित लोगों से जलन हो रही है...
दोनों... मिला-जुला असर...
पर सच... पहुंचे नहीं तो क्या हुआ, आँखों देखा हाल बताने हेतु धन्यवाद...
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ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया रिपोर्टिंग
ReplyDeleteकभी यहाँ भी आइये
www.deepti09sharma.blogspot.com
सतीश भाई ,
ReplyDeleteयूं तो पूरी रपट बेहद खूबसूरत है , बस एक हिस्से पर एक सवाल :)
@ इस खूबसूरत टूरिस्ट काम्प्लेक्स के "बारकर्मी ललित शर्मा और योगेन्द्र मौदगिल"...
तो क्या ये दोनों ब्लागर नहीं हैं :)
बेहतरीन रिपोर्टिंग .....धन्यवाद सतीश जी
ReplyDeleteवाह रिपोर्टिंग पढ़कर आनंद आ गया।
ReplyDelete@ अली भाई ,
ReplyDeleteइस खूबसूरत टूरिस्ट काम्प्लेक्स के "बारकर्मी ललित शर्मा और योगेन्द्र मौदगिल"..
हा... हा...वाक्यों में एक कोमा की गलती क्या गज़ब ढा सकती है यह आपकी तेज निगाह से छिप न सका ! आभार आपका ...मैं इसे जल्दी से ठीक करता हूँ नहीं तो यह दोनों " वार कर्मी " एक असली हथियार धारक है ! यह दाढ़ी और मूंछ वाकई घातक हो सकती है !
:-)
सतीश भाई,
ReplyDeleteआपके साथ 21 नवंबर को पूरा दिन बताने के बाद आपको और नज़दीक से जाना...बस इतना कहूंगा कि नोएडा आने के बाद पिछले सात-आठ साल से शिद्दत के साथ जिस अपनेपन को ढूंढ रहा था, वो मुझे मिल गया...
जय हिंद...
सतीश भाई ... सब से मिलकर बहुत ख़ुशी हुई ...पर आप मेरे साथ फोटो खींचने का काम बखूबी करते रहे ..ललित भाई तो कमाल के है उनके बारे में क्या कहूँ ?..सच में आप सबके स्नेह ने अभिभूत कर दिया ...सुंदर रिपोर्ट ..शुक्रिया
ReplyDeletemeeting mae kin vishyo par charcha hui ??? agar bataa dae to abhar hogaa
ReplyDeleteरचना ,
ReplyDeleteवहां किसी विषय पर चर्चा नहीं की गयी, केवल सबने अपना परिचय और अपनी खुशदीप सहगल के अनुरोध पर अपनी कमजोरियों का जिक्र किया था ! यह एक पिकनिक मात्र थी
सतीश जी आज ही वापिस आयी हूँ और आते ही रोहतक की रिपोर्टिन्ग की पोस्ट पढ रही हूँ। बहुत अच्छा लगा सब से मिल कर। आपके दुआरा भेजी गयी तस्वीरें मैने भी पिकासा पर लगा ली हैं। धन्यवाद।
ReplyDeleteदेरी के लिए खेद है........
ReplyDeleteदारू तो २ घंटे में उतर गयी थी लेकिन उस मिलन का खुमार अब तक भी नहीं उतरा मज़ा आ गया आप सब से मिल कर......
भाई जी वो फोटो का लिंक भी भेज दो तो बात बन जाए...
एक रपट अलग सी ....
ReplyDeleteएक रपट अलग सी ....
ReplyDeleteआप आदरणीय हैं की आपने यह मुद्दा उठाया / वर्तमान मैं हिंदी ,हिंदी नहीं बल्कि हिंदी ओर ऊर्दू का मिश्रण हैं / आज की पीढ़ी ऊर्दू के बिना हिंदी नहीं जान सकती / हिंदी ओर ऊर्दू एक दुसरे के पूरक हैं / फिल्म जगत हो ,मीडिया हो या रोजमर्रा के क्रियाकलाप हों सभी वर्तमान मैं ऊर्दू के बिना नामुमकिन हैं / ऊर्दू के जानने वालों का तो यहाँ स्वागत होना ही चाहिए
ReplyDeleteसर गलती से ऊपर वाले के कमेंट्स यहाँ दे दिया
ReplyDeleteमुझे खुशी होती अगर आप अमित हुसैन या ऐसा ही कुछ मेरे लिये भी नाम रख देते।
ReplyDeleteआप सबसे मिलकर बहुत खुशी हुई
आशा है इसी प्रकार हम बार-बार मिल बैठेंगें।
प्रणाम
तिलयार झील पर ब्लोगर मीट मे कितने ब्लॉगर थे और क्या क्या खाया गया ये तो आपसब पढ़ और देख ही चुके हैं । अब देखिये इस पोस्ट मे आये कमेन्ट को जो मानसिक खालीपन और जहालत से लबालब हैं , ये सन्दर्भ जिस मे द्विअर्थी संवाद किसको लेकर किया जा रहा हैं ये साफ़ दिख रहा हैं। बड़े बड़े महान ब्लॉगर वहाँ कमेन्ट मे हजारी बजा रहे हैं ।
ReplyDeletesatish bhai, ham to abhi tak apni duty me lage hain,
ReplyDeletelalit sabse dil se milta hai aur dil bhi deta hai.
log milte hain tab janate hai.
shubhakamnayen........
अरे सतीश बचुआ हम त तुमका बहुते समझदार समझी रही पर तुम लोगन मे मिलन का पहले ना तो अमाजी को परणाम किया ना याद किया। कोई बात नाही का करे ई घोर कल्जुग आगवा लगत है। फ़िर भी हमरा आशीर्वाद है सब लोगन का लिये। जुग जुग जीवो।
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