विश्व में हमारे अलावा अन्य कितने ही जीव हैं ,जो हमारी तरह सांस लेते हैं,सोते हैं,जागते हैं,भोजन करते हैं, बात करते हैं, चलते हैं,उड़ते हैं मगर बहुत कम इंसान हैं जो अपने पूरे जीवन में कभी अन्य जीवों के बारे में सोंचते भी हैं और निश्चित ही यह कमी मानव जीवन को एक महत्वपूर्ण आनंद से वंचित रखती है ! मैं उन खुशकिस्मत इंसानों में से एक हूँ जो इन जीवों से बात करने का प्रयत्न करता रहा हूँ और इनसे दोस्ती बनाए रखने में सफल हूँ ! आप यकीन करें या न करें प्यार का प्रत्युत्तर देने में यह सब जीव मानवों से बेहद आगे हैं ! इंसानों को सबसे अधिक प्यार करने वाले कुत्तों ( जिन्हें हम जाहिलों ने गाली का दर्जा दिया ),स्मार्ट खरगोश , खूबसूरत गिनी पिग ,के बाद पिछले दिनों अचानक एक अजनबी तोता हमारे घर आ गया जिसकी समझदारी ने हमारी धारणाओं को उड़ाकर रख दिया !
हमने इसे पकड़ने की कोशिश न करके इसके लिए भोजन में अमरुद, हरी मिर्च, सेब , बिस्किट आदि रखे और इसने सब कुछ खाया , बेहतरीन बात यह कि अगर मैंने रस को चाय में डुबोकर खाया तो इसने भी दिए गए रस (rusk ) को पहले सामने रखे पानी या दूध में उठाकर डाला और बाद में पलट कर
डाला ताकि और नरम हो जाए और बाद में उसे निकाल कर खाया ( वीडियो देखें ) , इंसान की आवाज की नक़ल करना उसका जवाब देने का इनसे मुकाबला और कोई जीव नहीं कर पायेगा ! कुछ ही दिनों में इसे मुझपर इतना विश्वास हो गया है कि अब मेरे ही साथ मेरे कम्बल में घुसकर एक घंटे से अधिक समय तक सोता रहा है जो इसकी प्रकृति के विपरीत है !चाय पीते समय गरम कप में मुंह डाल कर अपनी जीभ जला चुका है ! मिट्ठू अच्छा बच्चा है जितनी बार मैं कहता हूँ यह हर बार जवाब देता है कि हाँ यह अच्छा बच्चा है !
काश हम अपने को श्रेष्ठ न मानकर प्रकृति के अन्य जीवों को ध्यान से समझने का प्रयत्न करें तो शायद अलौकिक आनंद का अनुभव हो !मुसीबत में सिर्फ भगवान याद आते हैं जो हमें मिलने कभी नहीं आते हम उनके बनाये अन्य स्वरूपों को देखने, समझने का प्रयत्न ही नहीं करते !
हमने इसे पकड़ने की कोशिश न करके इसके लिए भोजन में अमरुद, हरी मिर्च, सेब , बिस्किट आदि रखे और इसने सब कुछ खाया , बेहतरीन बात यह कि अगर मैंने रस को चाय में डुबोकर खाया तो इसने भी दिए गए रस (rusk ) को पहले सामने रखे पानी या दूध में उठाकर डाला और बाद में पलट कर
गुड़िया के साथ |
काश हम अपने को श्रेष्ठ न मानकर प्रकृति के अन्य जीवों को ध्यान से समझने का प्रयत्न करें तो शायद अलौकिक आनंद का अनुभव हो !मुसीबत में सिर्फ भगवान याद आते हैं जो हमें मिलने कभी नहीं आते हम उनके बनाये अन्य स्वरूपों को देखने, समझने का प्रयत्न ही नहीं करते !