भारत में पचास वर्ष से अधिक उम्र का हर तीसरा व्यक्ति, हार्ट आर्टरीज में रुकावट का ख़तरा लिए हुए है इस उम्र में हर व्यक्ति 60-80 प्रतिशत आर्टरिज़ ब्लॉक कर चुका होता है, आलस्य और खानपान के कारण घर घर में आई डायबिटीज सोने पर सुहागे का कार्य करता है और अचानक किसी दिन आपके जीवन भर की कमाई और हँसी, मेडिकल व्यवसायी ले जाते हैं !
अगर आपको यह जानना हो कि आप ह्रदय रोगी हैं या नहीं तो सिर्फ सौ मीटर दौड़ कर देखें अगर इतने में सांस फूल जाती है तब आप तमाम बढ़िया टेस्ट रिपोर्ट के बावजूद, निस्संदेह खतरे में हैं ! इससे निजात पाने का सबसे बेहतर तरीका अपने भारी शरीर को धीरे धीरे दौड़ना सिखाएं आप जल्द पायेंगे कि अब आप एक किलोमीटर बिना हांफे थके, दौड़ने में सक्षम हैं !
शुरू में बेहद परेशान होंगे, खराब लगेगा मगर कुछ समय बाद यही बहता पसीना आनंद देगा और इतना आनंद देगा कि आप अक्सर दौड़ के बाद नाचते हुए घर में घुसेंगे ! एक रनिंग आपके आत्मविश्वास को कई गुना बढाता है, तमाम उम्र्जनित बीमारियाँ, डिप्रेशन और झुंझलाहट नजदीक नहीं आयेंगे ! दौड़ते समय पूरे शरीर में बॉडी वेट इम्पैक्ट के कारण उत्पन्न कम्पन आपके आन्तरिक सुस्त पड़े अंगों में वह उथल पुथल करते हैं कि उन सोये हिस्सों में नयी जान पड़ जाती है !
दौड़ना आसान नहीं है , मैंने देखा है कि कोई नहीं पूंछता कि दौड़ना कैसे है , अधिकतर का माइंड प्रीसेट है कि दौड़ने में क्या है जबकि सच्चाई इसके विपरीत है आपका शरीर और मन आपको दौड़ने ही नहीं देगा और अगर जोश और हिम्मत के सहारे दौड़ते रहे तब कुछ दिनों में आन्तरिक मसल्स इंजरी के कारण इतने तरह के दर्द होंगे की आप भविष्य में दौड़ने के योग्य ही न रहें !
आराम पसंद मसल्स, अगर सामर्थ्य से अधिक कार्य करेंगे तब निस्संदेह आप कुछ समय में दौड़ना भूल जायेंगे हर रनर का पहला वर्ष बहुत महत्वपूर्ण होता है , जिसमें उसे अपनी मसल्स को मेहनत करना , आराम देना और उनकी शक्ति व tissues को regenerate करना होता है ! सो शुरुआत में कृपया ध्यान रखें
-सप्ताह में चार दिन से अधिक रन न करें !
- रविवार को लंबा दौड़ें(रन या वाक ) , सोम रेस्ट करें ताकि थकी मसल्स को आराम मिले और वे अधिक मजबूत हो सकें , मंगल बुध ब्रहस्पति तीनों दिन दौड़ें ( रन या वाक ), शुक्र को साइकिल चलायें शनिवार रेस्ट !
-पूरे सप्ताह पानी अधिक पीने की आदत डालें , रनिंग /वाकिंग में शरीर से पसीना बहता है पानी की कमी आपके मसल्स में क्रंप उत्पन्न करेगी, रनिंग में सबसे महत्वपूर्ण भाग आपके शरीर में जल का होना है इससे फ्लेक्सिबिलिटी रहेगी और दौड़ने में आनंद आएगा ! हाँ , दौड़ते समय जल नहीं पीना है पानी भरे पेट से आप दौड़ नहीं पायेंगे, प्यास होते समय गला तर करने को हाथ में ली हुई छोटी बोटल से सिप करें उतना काफी है !
-अगर GPS वाच नहीं है तब मोबाइल पर strava नामक app इंस्टाल करें और दौड़ या वाक के शुरू और अंत में स्टार्ट और बंद करना न भूलें ! खुद की मेहनत को देखना बेहद आनंद देता है !
-दौड़ते समय कपडे हलके पहने जो दौड़ने में रुकावट न करें , रनिंग शोर्ट और स्लीवलेस वेस्ट अच्छी रहती है ! रनिंग शोर्ट में जिप पॉकेट होती है जिसमें अपने मोबाइल को रखकर आप दौड़ सकते हैं ! हलके और आरामदेह जूते महत्वपूर्ण हैं !
- हर रनर को अपने साथ दौड़ते समय , पसीना से बचने के लिए हेडबैंड , मोबाइल , कुछ पैसे , ID कार्ड ,पानी की छोटी बोतल और कार की चावी
रखना होता है सो रनर शोर्ट में कम से कम दो ज़िप पॉकेट आवश्यक हैं !
अंत में फिर बता दूं कि मैंने रनिंग तमाम उम्र जनित बीमारियों के साथ, 61 वर्ष की अवस्था में सीखनी शुरू की तथा दो वर्ष में मोटा पेट और भारी भरकम चेहरे से निजात पा ली थी , लटकी हुई मांसपेशियां, झुर्रियां सब गायब हो चुकी हैं , पूरे जीवन पहले साठ बरसों में 100 मीटर न दौड़ पाने वाला मैं अबतक ४५०० km दौड़ चुका हूँ और बिना रुके ६५ वर्ष की उम्र में 21 किलोमीटर (2 घंटा 15 मिनट ) दौड़ने में समर्थ हूँ !
यकीन करें आप आराम से कर लेंगे और बीमारियों से मुक्त होंगे बस मेडिकल व्यवसाइयों की गोलियां पर भरोसा न करें बल्कि घर से निकल शरीर को फिट बनाएं और कुछ दिन बाडी आप ठठ्ठा मारकर हँसते हुए घर में दौड़ते हुए प्रवेश कर पायेंगे !
आप सबको मंगलकामनाएं !
बढ़ी उम्र में , कुछ समझना तो होगा !
तुम्हें जानेमन अब बदलना तो होगा !
उठो त्याग आलस , झुकाओ न नजरें
भले मन ही मन,पर सुधरना तो होगा !
अगर आपको यह जानना हो कि आप ह्रदय रोगी हैं या नहीं तो सिर्फ सौ मीटर दौड़ कर देखें अगर इतने में सांस फूल जाती है तब आप तमाम बढ़िया टेस्ट रिपोर्ट के बावजूद, निस्संदेह खतरे में हैं ! इससे निजात पाने का सबसे बेहतर तरीका अपने भारी शरीर को धीरे धीरे दौड़ना सिखाएं आप जल्द पायेंगे कि अब आप एक किलोमीटर बिना हांफे थके, दौड़ने में सक्षम हैं !
शुरू में बेहद परेशान होंगे, खराब लगेगा मगर कुछ समय बाद यही बहता पसीना आनंद देगा और इतना आनंद देगा कि आप अक्सर दौड़ के बाद नाचते हुए घर में घुसेंगे ! एक रनिंग आपके आत्मविश्वास को कई गुना बढाता है, तमाम उम्र्जनित बीमारियाँ, डिप्रेशन और झुंझलाहट नजदीक नहीं आयेंगे ! दौड़ते समय पूरे शरीर में बॉडी वेट इम्पैक्ट के कारण उत्पन्न कम्पन आपके आन्तरिक सुस्त पड़े अंगों में वह उथल पुथल करते हैं कि उन सोये हिस्सों में नयी जान पड़ जाती है !
दौड़ना आसान नहीं है , मैंने देखा है कि कोई नहीं पूंछता कि दौड़ना कैसे है , अधिकतर का माइंड प्रीसेट है कि दौड़ने में क्या है जबकि सच्चाई इसके विपरीत है आपका शरीर और मन आपको दौड़ने ही नहीं देगा और अगर जोश और हिम्मत के सहारे दौड़ते रहे तब कुछ दिनों में आन्तरिक मसल्स इंजरी के कारण इतने तरह के दर्द होंगे की आप भविष्य में दौड़ने के योग्य ही न रहें !
आराम पसंद मसल्स, अगर सामर्थ्य से अधिक कार्य करेंगे तब निस्संदेह आप कुछ समय में दौड़ना भूल जायेंगे हर रनर का पहला वर्ष बहुत महत्वपूर्ण होता है , जिसमें उसे अपनी मसल्स को मेहनत करना , आराम देना और उनकी शक्ति व tissues को regenerate करना होता है ! सो शुरुआत में कृपया ध्यान रखें
-सप्ताह में चार दिन से अधिक रन न करें !
- रविवार को लंबा दौड़ें(रन या वाक ) , सोम रेस्ट करें ताकि थकी मसल्स को आराम मिले और वे अधिक मजबूत हो सकें , मंगल बुध ब्रहस्पति तीनों दिन दौड़ें ( रन या वाक ), शुक्र को साइकिल चलायें शनिवार रेस्ट !
-पूरे सप्ताह पानी अधिक पीने की आदत डालें , रनिंग /वाकिंग में शरीर से पसीना बहता है पानी की कमी आपके मसल्स में क्रंप उत्पन्न करेगी, रनिंग में सबसे महत्वपूर्ण भाग आपके शरीर में जल का होना है इससे फ्लेक्सिबिलिटी रहेगी और दौड़ने में आनंद आएगा ! हाँ , दौड़ते समय जल नहीं पीना है पानी भरे पेट से आप दौड़ नहीं पायेंगे, प्यास होते समय गला तर करने को हाथ में ली हुई छोटी बोटल से सिप करें उतना काफी है !
-अगर GPS वाच नहीं है तब मोबाइल पर strava नामक app इंस्टाल करें और दौड़ या वाक के शुरू और अंत में स्टार्ट और बंद करना न भूलें ! खुद की मेहनत को देखना बेहद आनंद देता है !
-दौड़ते समय कपडे हलके पहने जो दौड़ने में रुकावट न करें , रनिंग शोर्ट और स्लीवलेस वेस्ट अच्छी रहती है ! रनिंग शोर्ट में जिप पॉकेट होती है जिसमें अपने मोबाइल को रखकर आप दौड़ सकते हैं ! हलके और आरामदेह जूते महत्वपूर्ण हैं !
- हर रनर को अपने साथ दौड़ते समय , पसीना से बचने के लिए हेडबैंड , मोबाइल , कुछ पैसे , ID कार्ड ,पानी की छोटी बोतल और कार की चावी
रखना होता है सो रनर शोर्ट में कम से कम दो ज़िप पॉकेट आवश्यक हैं !
अंत में फिर बता दूं कि मैंने रनिंग तमाम उम्र जनित बीमारियों के साथ, 61 वर्ष की अवस्था में सीखनी शुरू की तथा दो वर्ष में मोटा पेट और भारी भरकम चेहरे से निजात पा ली थी , लटकी हुई मांसपेशियां, झुर्रियां सब गायब हो चुकी हैं , पूरे जीवन पहले साठ बरसों में 100 मीटर न दौड़ पाने वाला मैं अबतक ४५०० km दौड़ चुका हूँ और बिना रुके ६५ वर्ष की उम्र में 21 किलोमीटर (2 घंटा 15 मिनट ) दौड़ने में समर्थ हूँ !
यकीन करें आप आराम से कर लेंगे और बीमारियों से मुक्त होंगे बस मेडिकल व्यवसाइयों की गोलियां पर भरोसा न करें बल्कि घर से निकल शरीर को फिट बनाएं और कुछ दिन बाडी आप ठठ्ठा मारकर हँसते हुए घर में दौड़ते हुए प्रवेश कर पायेंगे !
आप सबको मंगलकामनाएं !
बढ़ी उम्र में , कुछ समझना तो होगा !
तुम्हें जानेमन अब बदलना तो होगा !
उठो त्याग आलस , झुकाओ न नजरें
भले मन ही मन,पर सुधरना तो होगा !
दौड़ते हैं :)
ReplyDeleteप्रेरक व्यक्तित्व, उपयोगी सुझाव
ReplyDeleteबदलना होगा जनेमन ...
ReplyDeleteआप की प्रेरणा से कई बदल गए हैं कई बदलेंगे ...
उपयोगी पोस्ट है आपकी ...