हमारे यार, धनदौलत, जमीं, जायदाद रखते हैं !
नवाबी शौक़, सज़दे के लिए, सज्जाद रखते हैं !
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEguTqTAWhrqSgKZAj3ChGGo6bBQK9FhfGIxvr_E69HFhF_ZFIk0DAD0mvx40dDIu7fh3X35r08AkFKSsK9v-OGhjJQek3wH-BVlJGJETqPYTn_dFh6AJ2bPSa9Y8TKChektmIZwPrUeRYs6/s200/IMG_20170615_155715.jpg)
मदद लेकर हमारी वे हुए , गद्दी नशीं जब से !
सबक यारों को देने, साथ में जल्लाद रखते हैं !
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मदद लेकर हमारी वे हुए , गद्दी नशीं जब से !
सबक यारों को देने, साथ में जल्लाद रखते हैं !
वे अब सरदार हैं बस्ती के, हैरत में हूँ मैं तबसे,
हमारे संत धन्धों से , नगर आबाद रखते हैं !
ये चोटें याद रखने की, हमें आदत नहीं यारों !
वही कहलायेंगे शेरे जिगर, जंगल में रह के भी
वे अंतिम साँस में भी, हौसला फौलाद रखते हैं !
ये चोटें याद रखने की, हमें आदत नहीं यारों !
बड़े बेचैन हैं वे लोग , जो सब याद रखते हैं !