पहला मैराथन रनर यूनानी सैनिक फिडीपिडिस था जिसने मैराथन नामक जगह से एथेंस तक की लगभग 42 किलोमीटर की दूरी दौड़ते हुए तय की और राज दरबार में जाकर ईरान पर अपनी सेना की विजय की सूचना देने के बाद लड़खड़ा कर गिर गया और इतनी लम्बी दौड़ को शरीर सह न सका और उसकी मृत्यु हो गयी !
अक्सर लम्बी दौड़ में मसल्स फाइवर्स में सूजन हो जाती है और इसे ठीक होने में कम से कम 3 सप्ताह से 3 माह तक लगते हैं , रनिंग एक हाई इम्पैक्ट एक्सरसाइज है जिसमें दौड़ते समय हर कदम पर, शरीर का तीन गुना वजन के बराबर इम्पैक्ट होता है , और शरीर का हर अंग अवयव कम्पन महसूस करता है ! इस खतरनाक एक्सरसाइज के कारण शरीर तरह तरह से रियेक्ट करता है , अस्वस्थ शरीर, परिवार में हृदय रोग हिस्ट्री के रनर को लम्बी दूरी की इस हाई इम्पैक्ट एक्सरसाइज से बचना चाहिए अन्यथा हृदय आघात से मृत्यु की संभावना अधिक रहती है !
फिडीपीडीज़ अकेला रनर नहीं था जिसकी लम्बी दूरी दौड़ने के कारण मृत्यु हुई हो , अधिक समय तक जोश में लम्बी दूरी दौड़ने वाले अक्सर हृदय डैमेज के शिकार तो होते हैं साथ ही बरसाती गर्म मौसम, ठण्ड और बारिश की अक्सर बिना परवाह 3 से 6 घंटे दौडने वाले अक्सर मसल्स की अंदरूनी चोट , जॉइंट एंड बोन के अलावा घातक हृदय डैमेज, अचानक स्ट्रोक , डिहाइड्रेशन और बेइंतिहा थकान का शिकार होकर अचानक मृत्यु के शिकार होते हैं और इन सब कारणों में अक्सर कुछ और बड़ा करने की तमन्ना और जोश अक्सर घातक होते हैं ! पिछले ४ वर्षों में भारत में ही कम से कम आठ मौतें रनिंग के कारण हुई हैं , जिनमें आधी से अधिक दौड़ते हुए हुई हैं !
मुझे याद है लखनऊ मैराथन के दौरान , लगभग 16 km के बाद ही पैरों में क्रैम्प्स आने शुरू होने के कारण मैं दौड़ने के स्थान पर लड़खड़ा कर मुश्किल से चल रहा था , पानी कम पीने के कारण उस दिन डिहाइड्रेशन के असर साफ़ दिख रहा था उस पर बहता हुआ पसीना , जैसे तैसे लड़खड़ाते पैरों के साथ मैंने उस दिन 21 km की दूरी पूरी की थी , शायद वह दिन मेरे लिए हमेशा यादगार रहेगा !
जब से मैं अपने हर दोस्त को जोश में दौड़ने से रोकता रहता हूँ , और उन्हें कहता हूँ कि 5 km की दौड़ भी अक्सर काफी रहती है !
प्रौढ़ों को वाक् के अंत में थोड़ी दूर तक मस्ती में दौड़ना आना चाहिए और यह दौड़ना किसी भी हाल में , बिना हांफे और बीपी बढे बिना होना चाहिए अन्यथा वे अपने को खतरे में डालेंगे !
अतः हर रनर को अपने शरीर की सीमा क्षमता से अधिक नहीं दौड़ना चाहिए , हर लम्बी रनिंग के बाद 1 दिन से 7 दिन अथवा सप्ताह में दो दिन विश्राम आवश्यक है ताकि मसल्स में आयी सूजन ठीक हो सके और वे अधिक मजबूत हो ! पानी की मात्रा रनर के शरीर में बहुत अधिक होनी चाहिए , उसे हर वक्त यह याद रखना चाहिए कि 10 से 21 किलोमीटर में वह शरीर से लगभग 3 लीटर पानी पसीने के रूप में बह जाता है उसकी भरपाई न होने पर वह मुसीबत में आ सकता है !
याद रखें जहाँ सप्ताह में 4 - 5 दिन, 4 km की एवरेज रनिंग और एक दिन साइक्लिंग आपके लिए वजन मुक्ति, कब्ज , खून संचार, स्ट्रेस , डायबिटीज और हृदय रोगों से मुक्ति दिलाने के लिए काफी होगी वहीँ जोश और जवानी दिखाने के लिए 10 km रोज की दौड़ , जान लेने में भी समर्थ है !
हैप्पी रनिंग टू आल !!