हँसते और हंसाते , जग से जाना सीखो
स्वीकारो बदलाव वक्त का गाना सीखो !मरते दम तक साथ तुम्हारे कौन रहेगा ?
साथी सबके बीच अकेले रहना सीखो !
कोशिश करिये, बिना सहारे ही उठने की
पैरों को मज़बूत बना कर चलना सीखो !
शारीरिक, मानसिक दर्द से बचना हो तो
मेहनत करो, बहाना खूब पसीना सीखो !
आंसू छलकें नहीं , अनुभवी आँखों से
दोस्त इन्हें अब आँखों में ही पीना सीखो !
चिट्ठी एक दोस्त को :