हँसते और हंसाते , जग से जाना सीखो
स्वीकारो बदलाव वक्त का गाना सीखो !मरते दम तक साथ तुम्हारे कौन रहेगा ?
साथी सबके बीच अकेले रहना सीखो !
कोशिश करिये, बिना सहारे ही उठने की
पैरों को मज़बूत बना कर चलना सीखो !
शारीरिक, मानसिक दर्द से बचना हो तो
मेहनत करो, बहाना खूब पसीना सीखो !
आंसू छलकें नहीं , अनुभवी आँखों से
दोस्त इन्हें अब आँखों में ही पीना सीखो !
चिट्ठी एक दोस्त को :
वाह
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteवाह!! प्रेरणादायक और बहुत सुंदर संदेश
ReplyDeleteसदा की भांति मन को गहराई तक स्पर्श कर गई आपकी ये सादा अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना जी जीवन का सत्य है सर आपकी रचना में ।
ReplyDeleteWhat causes tears not to come out?
ReplyDeleteWhy are tears coming out of my eyes when I'm not crying?
How do you unclog a tear duct in adults?
What is insufficient production of tears with irritation?
Wah !!
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